CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 3

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CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 3

BoardCBSE
ClassIX
SubjectHindi A
Sample Paper SetPaper 3
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 9 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme, as prescribed by the CBSE, is given here. Paper 3 of Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A is given below with free PDF download solutions.

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

निर्देश

  • इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैंक, ख, ग और घ।
  • चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए।

खंड {क} अपठित बोध [ 15 अंक ]

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 20 शब्दों में लिखिए

मानव जीवन में आत्मसम्मान का अत्यधिक महत्त्व है। आत्मसम्मान में अपने व्यक्तित्व को अधिकाधिक सशक्त एवं प्रतिष्ठित बनाने की भावना निहित होती है। इससे शक्ति, उत्साह आदि गुणों का जन्म होता है जो जीवन की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। आत्मसम्मान की भावना से पूर्ण व्यक्ति संघर्षों की परवाह नहीं करता है और प्रत्येक विषम परिस्थिति से टक्कर लेता है। ऐसे व्यक्ति जीवन में पराजय का मुँह नहीं देखते तथा निरंतर यश की प्राप्ति करते हैं। आत्मसम्मानी व्यक्ति धर्म, सत्य, न्याय और नीति के पथ का अनुगमन करता है। उसके जीवन में ही सच्चे सुख और शांति का निवास होता है। परोपकार, जनसेवा जैसे कार्यों में उसकी रुचि होती है। लोकप्रियता और सामाजिक प्रतिष्ठा उसे सहज ही प्राप्त होती है। ऐसे व्यक्ति में अपने राष्ट्र के प्रति सच्ची निष्ठा होती है तथा मातृभूमि की उन्नति के लिए वह अपने प्राणों को उत्सर्ग करने में भी सुख की अनुभूति करता है।

(क) आत्मसम्मान के कारण मनुष्य में निहित भावना को स्पष्ट कीजिए।
(ख) आत्मसम्मान से मनुष्य में किस प्रकार के गुणों का विकास होता है?
(ग) कैसे व्यक्ति नीति के पथ का अनुगमन करते हैं तथा उनकी रुचि व निष्ठा को स्पष्ट कीजिए।
(घ) ‘प्रतिष्ठित’ शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय अलग कीजिए।
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 20 शब्दों में लिखिए

ओ नए साल कर कुछ कमाल, जाने वाले को जाने दे,
दिल से अभिनंदन करते हैं, कुछ नई उमंगें आने दे।
आने-जाने से क्या डरना, ये मौसम आते-जाते हैं,
तन झुलसे शिखर दुपहरी में, कभी बादल भी छा जाते हैं।
इक वह मौसम भी आता है, जब पत्ते भी गिर जाते हैं,
हर मौसम को मनमीत बना, नवगीत खुशी के गाने दे।
जो भूल हुई जा भूल उसे, अब आगे भूल सुधारा कर,
बदले में प्यार मिलेगा भी, पहले औरों से प्यार तो कर,

(क) कवि नए वर्ष से क्या कह रहा है? स्पष्ट कीजिए।
(ख) “भले जीत का जश्न मना, पर हार को भी स्वीकार तो कर”-पंक्ति से कवि क्या प्रेरणा दे रहा है?
(ग) मौसम के आने-जाने से क्या अभिप्राय है?
(घ) “जो शीश चढ़ाकर चले गए”-पंक्ति किनकी ओर संकेत कर रही है?
(ङ) ‘सुमन’ का पर्यायवाची शब्द क्या है?

खंड {ख} अपठित बोध [ 15 अंक ]

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार उत्तर दीजिए

(क) “निर्लिप्त’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग तथा मूल शब्द लिखिए।
(ख) “नि’ उपसर्ग से दो शब्द बनाइए।
(ग) “मरियल’ शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय तथा मूल शब्द लिखिए।
(घ) “इत’ प्रत्यय से दो शब्द बनाइए।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रह करके समास का भेद लिखिए

(क) त्रिभुज,
(ख) परशुधर,
(ग) नीलगाय

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए

(क) किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। (प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए)
(ख) क्या! मैं भूल कर रहा हूँ? (निषेधवाचक वाक्य में बदलिए)
(ग) लोग पक्षियों को आदमी की नज़र से नहीं देखते हैं। (विधानवाचक वाक्य में बदलिए)
(घ) एक अनुकरणीय उदाहरण है। (प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए)

प्रश्न 6.
निम्नलिखित काव्यांशों में निहित अलंकारों के नाम बताइए

(क) दीनबंधु दुःखियों का दुःख कब दूर करोगे?
(ख) यह जीवन क्या है? निर्झर है।
(ग) पीपर पात सरिस मन डोला।
(घ) बाँधा था विधु को किसने, इन काली जंजीरों से।
फणिवाले कवियों का मुख, क्यों भरा हुआ हीरों से।।

खंड {ग} पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक [ 30 अंक ]

प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में लिखिए

जानवरों में गधा सबसे बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को पहले दरजे का बेवकूफ़ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवकूफ़ होता है या उसके सीधेपन एवं उसकी निरापद सहिष्णुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता है। गायें सींग मारती हैं, ब्याही हुई गाय तो अनायास ही सिंहनी का रूप धारण कर लेती है। कुत्ता भी बहुत गरीब जानवर है, लेकिन कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है, किंतु गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना, न देखा। जितना चाहो गरीब को मारो, चाहे जैसी खराब सड़ी हुई घास सामने डाल दो, उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी न दिखाई देगी। वैशाख में चाहे एकाध बार कुलेल कर लेता हो; पर हमने तो उसे कभी खुश होते नहीं देखा। उसके चेहरे पर एक स्थायी विषाद स्थायी रूप से छाया रहता है। सुख-दु:ख, लाभ-हानि, किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा। ऋषि-मुनियों के जितने गुण हैं, वे सभी उसमें पराकाष्ठा पर पहुँच गए हैं पर आदमी उसे बेवकूफ़ कहता है।

(क) जानवरों में किसे सबसे अधिक बुद्धिहीन माना जाता है और क्यों? बुद्धिहीन मनुष्य को क्या कहा जाता है?
(ख) उपर्युक्त गद्यांश में गधे की तुलना किससे की गई है और क्यों?
(ग) किन जानवरों को कभी-कभी क्रोध आ ही जाता है और किस को नहीं?

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में लिखिए

(क) ल्हासा की ओर’ पाठ में लेखक को भिखमंगे के भेष में यात्रा क्यों करनी पड़ी?
(ख) “साँवले सपनों की याद’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि हमें प्रकृति और पक्षी को किस नज़र से देखना चाहिए?
(ग) लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है? मेरे बचपन के दिन पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
(घ) “जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।” ‘प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए कि इस पंक्ति में क्या व्यंग्य किया गया है?

प्रश्न 9.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में लिखिए

आई सीधी राह से, गई न सीधी राह।
सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह!
जेब टटोली, कौड़ी न पाई।
माझी को दें, क्या उतराई?

(क) मनुष्य इस संसार में आकर किन कार्यों में लिप्त हो जाता
(ख) माझी कौन है? कवयित्री उसके लिए क्यों परेशान है?
(ग) “बीत गया दिन’ से कवयित्री का क्या अभिप्राय है?

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में लिखिए

(क) गोपी श्रीकृष्ण द्वारा अपनाई गई वस्तुओं को क्यों धारण करना चाहती है? कवि रसखान के सवैये के आधार पर बताइए।
(ख) हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है? कैदी और कोकिला कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(ग) “बच्चे काम पर जा रहे हैं कविता के आधार पर बताइए कि यदि बच्चों के लिए भोजन और पढ़ने-लिखने की सुविधाएँ नहीं हैं, तो अन्य सुविधाओं का क्या औचित्य है?
(घ) मेघों के लिए बन-ठन के सँवर के आने की बात क्यों कही गई। है? ‘मेघ आए’ कविता के आधार पर बताइए।

प्रश्न 11.
इरा-धमकाकर क्या किसी को सही मार्ग पर लाया जा सकता है? ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ के आधार पर प्रकाश डालिए।
अथवा
‘माटी वाली’ पाठ में भारतीय संस्कृति के विभिन्न रूपों को उजागर किया गया है। यह रूप हमारे लिए किस प्रकार प्रेरणादायक है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

खंड {घ} लेखन [ 20 अंक ]

प्रश्न 12.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 200-250 शब्दों में एक निबंध लिखिए

(क) साहित्य और समाज

संकेत बिंदु

  • साहित्य का अर्थ
  • साहित्य की उपयोगिता
  • साहित्य का जीवन से संबंध
  • उपसंहार

प्रश्न 13.
अपने राज्य के परिवहन प्रबंधक को पत्र लिखकर अपने मोहल्ले तक नया बस मार्ग आरंभ कराने का अनुरोध कीजिए।
अथवा
अपनी छोटी बहन को पत्र लिखकर उसे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए कहें।

प्रश्न 14.
आप सुनील हैं और अपनी एक मित्र रश्मि से उसके जन्मदिन पर आने में असमर्थ होने के कारण क्षमा माँग रहे हैं। उससे होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
अथवा
‘बच्चों का शिक्षा के प्रति कम होता रुझान’ विषय पर दो अध्यापिकाओं में संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

जवाब

उत्तर 1.
(क) मनुष्य के जीवन में आत्मसम्मान का विशेष महत्त्व है। आत्मसम्मान के कारण मनुष्य अपने व्यक्तित्व को अधिकाधिक सशक्त एवं प्रतिष्ठित बनाता है, साथ ही परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता भी रखता है।

(ख) आत्मसम्मान का व्यक्ति के जीवन में अधिकाधिक महत्त्व है तथा इसके द्वारा मनुष्य में शक्ति, उत्साह, साहस आदि गुणों का जन्म होता है, जो जीवन को उन्नति के मार्ग में प्रशस्त करते हैं।

(ग) आत्मसम्मानी व्यक्ति धर्म, सत्य, न्याय और नीति के पथ का अनुगमन करते हैं। परोपकार, जनसेवा जैसे कार्यों में उनकी रुचि होती है। लोकप्रियता और सामाजिक प्रतिष्ठा उन्हें सहज ही प्राप्त होती है। ऐसे व्यक्ति में अपने राष्ट्र के प्रति सच्ची निष्ठा होती है।

(घ) ‘प्रतिष्ठित’ शब्द ‘इत’ प्रत्यय के संयोग से बना है।

(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक ‘मानव जीवन में आत्मसम्मान का महत्त्व’ होगा।

उत्तर 2.
(क) कवि नए वर्ष से कुछ चमत्कार करने के लिए कह रहा है। वह कहता है कि जाने वाले वर्ष को जाने दे। नया वर्ष अर्थात् नई उमंगों के आगमन का हृदय से अभिनंदन करो। कहने का

फूटेंगे प्यार के अंकुर भी, वह ज़मीं जरा तैयार तो कर,
भले जीत का जश्न मना, पर हार को भी स्वीकार तो कर,
मत नफ़रत के शोले भड़का, बस गीत प्यार के गाने दे।
इस दुनिया में लाखों आए और आकर चले गए,
कुछ मालिक बनकर बैठ गए, कुछ माल पचाकर चले गए,
कुछ किलों के अंदर बंद रहे, कुछ किले बनाकर चले गए,
लेकिन कुछ ऐसे भी आए, जो शीश चढ़ाकर चले गए,
उन वीरों के पद चिह्नों पर, अब साथी ‘सुमन चढ़ाने दे।

अभिप्राय यह है कि नया वर्ष हमारे जीवन में नई उमंगें लेकर आए।

(ख) ‘भले जीत का जश्न मना, पर हार को भी स्वीकार तो कर” पंक्ति से कवि यह प्रेरणा दे रहा है कि हमें सफलता-असफलता को समान भाव से स्वीकार करना चाहिए। जीत की खुशी या जश्न मनाने के साथ-साथ पराजय को भी पूर्ण रूप से स्वीकार करना चाहिए।

(ग) मौसम के आने-जाने से अभिप्राय मानव जीवन में सुखों और दुःखों के आवागमन से है।

(घ) “जो शीश चढ़ाकर चले गए’–पंक्ति शहीदों की ओर संकेत कर रही है।

(ङ) ‘सुमन’ का पर्यायवाची शब्द ‘प्रसून’ है।

उत्तर 3.

(क) निर्–उपसर्ग, लिप्त-मूल शब्द
(ख) निडर, निवास
(ग) मर-मूल शब्द, इयल-प्रत्यय
(घ) हर्षित, फलित

उत्तर 4.
(क) तीन भुजाओं का समाहार – द्विगु समास यहाँ पूर्वपद (तीन) संख्यावाचक है, इसलिए यहाँ द्विगु समास है |

(ख) परशु धारण करता है जो अर्थात् परशुराम – बहुव्रीहि समास

यहाँ दोनों पद मिलकर एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध हो रहा है, इसलिए यहाँ बहुव्रीहि समास है।

(ग) नीली है जो गाय – कर्मधारय समास

यहाँ पूर्वपद (नीली) विशेषण और उत्तरपद (गाय) विशेष्य है, इसलिए यहाँ कर्मधारय समास है।

उत्तर 5.

(क) क्या किसी पर भरोसा किया जा सकता है?
(ख) मैं भूल नहीं कर रहा हूँ।
(ग) लोग पक्षियों को आदमी की नज़र से देखें।
(घ) क्या यह एक अनुकरणीय उदाहरण है?

उत्तर 6.

(क) अनुप्रास अलंकार यहाँ ‘द’ वर्ण की निरंतर आवृत्ति हुई है, इस कारण इसमें अनुप्रास अलंकार है।

(ख) रूपक अलंकार यहाँ जीवन को निर्झर के समान न बताकर जीवन को ही निर्झर कहा गया है। अतः यहाँ रूपक अलंकार है।

(ग) पूर्णोपमा अलंकार यहाँ मन-उपमेय, पीपर पात- उपमान, सरिस- वाचक, डोला- साधारण धर्म। अतः उपमा के चारों अंग उपस्थित हैं, इसलिए यहाँ पूर्णोपमा अलंकार है।

(घ) अतिशयोक्ति अलंकार यहाँ कवि ने मोतियों से भरी हुई प्रिया की माँग का वर्णन किया है। विधु या चन्द्र से मुख का, काली जंजीरों से केश और मणिवाले कवियों से मोती भरी माँग का बोध होता है। इसलिए यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।

उत्तर 7.
(क) जानवरों में ‘गधा’ सबसे अधिक बुद्धिहीन माना जाता है। गधे के सरल स्वभाव, सीधेपन व सहिष्णुता के कारण ही उसे बुद्धिहीन माना जाता है। बुद्धिहीन मनुष्य को ‘गधा’ कहा जाता है।

(ख) उपर्युक्त गद्यांश में गधे की तुलना ऋषि-मुनियों से की गई है, क्योंकि गधा कभी क्रोध नहीं करता। सुख-दुःख, लाभ-हानि में वह एकसमान भाव से रहता है, जैसा भी दो, खा लेता है अर्थात् उसमें ऋषि-मुनियों के सभी गुण पराकाष्ठा पर पहुँच गए हैं।

(ग) गाय और कुत्ते को भी कभी-कभी क्रोध आ ही जाता है, किंतु गधे को कभी क्रोध नहीं आता।

उत्तर 8.
(क) ‘ल्हासा की ओर’ पाठ में लेखक को भिखमंगे के भेष में इसलिए यात्रा करनी पड़ी, क्योंकि तिब्बत के पहाड़ों में लूटपाट का भय बना रहता था। अधिकतर हत्याएँ लूटने के उद्देश्य से होती थीं। लेखक ने डाकुओं से सुरक्षित रहने के लिए तथा अपने जान-माल की रक्षा के उद्देश्य से ऐसा उपाय किया। इसके अतिरिक्त, उस समय (वर्ष 1929-30) भारतीयों का तिब्बत जाना वर्जित था, जिस कारण लेखक को अपनी पहचान छुपाने के लिए भिखमंगे के भेष में यात्री करनी पड़ी।

(ख) हमें प्रकृति को प्रकृति की नज़र से एवं पक्षी को पक्षी की ही नज़र से देखना चाहिए, क्योंकि ये दोनों स्वयं में महत्त्वपूर्ण हैं अर्थात् हमें प्रकृति और पक्षियों की सुरक्षा करनी चाहिए। पर्यावरण की शुद्धता बनाए रखने वाले प्रकृति एवं पक्षियों को अपने सुख के लिए हानि नहीं पहुँचानी चाहिए।

(ग) लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं का उल्लेख किया है।

  • शिक्षित महिला लेखिका की माँ एक शिक्षित महिला थीं। उन्होंने हिंदी और संस्कृत का अध्ययन किया था।
  • संस्कारों में विश्वास लेखिको की माँ एक संस्कारवान स्त्री थीं। उन्होंने अपनी पुत्री को आरंभ में ही ‘पंचतंत्र’ जैसी पुस्तक पढ़ाई, जिसकी कहानियाँ मनुष्य को जीवन में दैनिक व्यवहार की शिक्षा देती हैं।
  • लिखने की शौकीन लेखिका की माँ को लिखने का भी शौक था। वह मीरा के पद गाती थीं तथा कुछ लिखती भी थीं।

(घ) लेखक ने जूते को टोपी से महत्त्वपूर्ण बताते हुए समाज पर व्यंग्य किया है कि समाज में आदर्शों और अच्छाइयों की तुलना में दिखावा और बुराइयाँ अधिक मूल्यवान समझी जाती हैं। आज आदर्श के स्थान पर झूठ और बुराइयों को महत्त्व दिया जाता है। लोग अपने आपको श्रेष्ठ और अच्छा दिखाने के लिए बनावटी जीवन शैली अपनाते हैं, भले ही जेब में धन हो या न हो, परंतु दिखावा करने के लिए ऋण तक ले लेते हैं, जो सर्वथा अनुचित है।

उत्तर 9.
(क) मनुष्य इस संसार में आकर ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सहज मार्ग की अपेक्षा टेढ़े-मेढ़े मार्ग को अपनाने, छल-कपट तथा सांसारिक स्वार्थ आदि को सिद्ध करने में लिप्त हो जाता है।

(ख) कवयित्री ने ईश्वर को माझी कहा है, जो संसार रूपी भवसागर को पार कराने वाला है। कवयित्री माझी के लिए इसलिए परेशान है, क्योंकि उसके पास उसे उतराई में देने के लिए कुछ नहीं है अर्थात् उसने सही प्रकारे से ईश्वर की भक्ति नहीं की, वह ही उसकी उतराई थी।

(ग) ‘बीत गया दिन’ से अभिप्राय है कि कवयित्री ने अपना | दिन अर्थात् सारा जीवन हठयोग साधना करके व्यर्थ में आँवा दिया।

उत्तर 10.
(क) गोपी श्रीकृष्ण द्वारा अपनाई गई वस्तुओं को इसलिए धारण करना चाहती है, ताकि वह कृष्ण की निकटता अनुभव कर सके। वह कृष्ण से अनन्य प्रेम करती है। अतः वह कृष्णमय होना चाहती है।

(ख) हथकड़ियों को गहना इसलिए कहा गया है, क्योंकि इन हथकड़ियों को पहनकर कवि को गर्व है कि देश के लिए संघर्ष करते हुए वह स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने किसी गलत कार्य के फलस्वरूप हथकड़ी नहीं पहनी। मातृभूमि की सेवा के फलस्वरूप यदि अंग्रेजों ने उन्हें बंदी बनाकर हथकड़ी पहना दी है, तो यह किसी आभूषण से कम नहीं है।

(ग) यदि बच्चों के लिए भोजन और पढ़ने-लिखने की सुविधाएँ नहीं हैं, तो उनके लिए अन्य सुविधाओं का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि बच्चों के लिए सबसे पहली सुविधा उनके भोजन का प्रबंध, उनकी शिक्षा, उनके खेलकूद और मनोरंजन के साधन हैं। इन सबसे वंचित होने पर अन्य सुविधाएँ व्यर्थ हैं।

(घ) मेघों के लिए बन-ठन के सँवर के आने की बात इसलिए कही गई है, क्योंकि वर्षभर के बाद जब गाँव में दामाद अर्थात् मेहमान आता है, तो वह पूरी तरह सज-सँवरकर आता है इसी प्रकार एक वर्ष के पश्चात् बादल भी सज-सँवरकर आए हैं। पूरे आकाश में काले-काले बादल छा गए हैं।

उत्तर 11.
यह कथन सर्वथा उचित है कि मनुष्य को डरा-धमकाकर परिवर्तित करना कठिन है। प्यार और आत्मीयता द्वारा व्यक्ति को बदलना अधिक सहज और सरल है। प्रेम और अपनेपन की इच्छा प्रत्येक व्यक्ति के मन में होती है, इसलिए जहाँ व्यक्ति को प्रेम और आत्मीयता अनुभव होती है, वह उसी ओर मुड़ जाता है। यही प्रेम उसे बदल देता है। इसके विपरीत, मनुष्य को डरा-धमकाकर परिवर्तित करना कठिन है, क्योंकि डर और दंड से मनुष्य के मन में विद्रोह की भावना भी उत्पन्न हो सकती है, जो उसे बदलने से रोकती है। फिर वह बदलाव उसके अच्छे के लिए ही क्यों न हो।

मेरे संग की औरतें पाठ में लेखिका की परदादी ने भी चोर के साथ सहज व्यवहार ही किया, उसे बेटा कहकर पानी मँगवीकर पिलाया। चोर को न तो उन्होंने पकड़वाया, न डाँटा, न उपदेश दिया, बल्कि सेवा-भाव जाग्रत किया। चोरी छोड़ने के लिए दबाव भी नहीं डाला, बस इतना ही कहा कि तुम्हारी इच्छी चोरी करो या खेती। परदादी की इस सहज भावना ने चोर का हृदय परिवर्तित कर दिया। उसने चोरी छोड़ दी और खेती की कार्य आरंभ कर दिया। इससे स्पष्ट है कि डराने-धमकाने से किसी को सही मार्ग पर नहीं लाया जा सकता।

अथवा

‘माटी वाली’ पाठ में भारतीय संस्कृति के अनेक रूपों को उजागर किया गया है। माटी वाली एक गरीब, परंतु अत्यंत मेहनती स्त्री थी। साथ ही, वह अपने बूढे और बीमार पति की भी देखभाल करती थी। उसके नए ग्राहक भी शीघ्र ही बन जाते थे। अतः माटी वाली के माध्यम से इस पाठ में मेलजोल बढ़ाने, कर्म में अटूट विश्वास रखने, कर्तव्यशील, पति-परायण आदि सद्गुणों को उभारा गया है। ये सभी गुण भारतीय संस्कृति का अभिन्न भाग हैं।

इसके अतिरिक्त, भारतीय संस्कृति हमें हमारे पूर्वजों का आदर करने की भी सीख देती है। इस पाठ की मालकिन’ पात्र हमें इस गुण का पुनः स्मरण कराती है। अतः यह पाठ हमें भारतीय संस्कृति से परिचित कराते हुए इन गुणों को अपनाने की सीख देता है। हमें अपने अतीत पर गर्व करना चाहिए, उसे संभाल कर रखना चाहिए तथा अपने सभी कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

उत्तर 12.
साहित्य का अर्थ साहित्य का शाब्दिक अर्थ है- जिसमें हित की भावना सन्निहित हो। साहित्य समाज की चेतना से उपजी प्रवृत्ति है। समाज व्यक्तियों से बना है तथा साहित्य समाज की सृजनशीलता का नमूना है। साहित्य और समाज की संबंध कितना घनिष्ठ है, इसका परिचय साहित्य शब्द की व्युत्पत्ति, अर्थ एवं उसकी विभिन्न परिभाषाओं से प्राप्त होता है।

कवि और लेखक अपने समाज के मस्तिष्क हैं और मुख भी। कवि की पुकार समाज की पुकार है। वह समाज के भावों को प्रकट कर सजीव और शक्तिशाली बना देता है। उसकी भाषा में समाज के भावों की झलक मिलती है।

साहित्य की उपयोगिता साहित्य और समाज का घनिष्ठ संबंध है। साहित्य समाज का प्रतिबिंब है। जनजीवन के धरातल पर ही साहित्य का निर्माण होता है। समाज की समस्त शोभा, उसकी समृद्धि, मान-मर्यादा सब साहित्य पर अवलंबित है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के शब्दों में, “प्रत्येक देश का साहित्य वहाँ की जनता की चित्त-वृत्ति का संचित प्रतिबिंब है।” समाज की क्षमता और सजीवता यदि कहीं प्रत्यक्ष देखने को मिल सकती है, तो साहित्य रूपी दर्पण में। किसी भी देश, समाज अथवा जाति के उत्थान और पतन का पता उसके साहित्य से ही चलता है। प्राचीन ग्रीक संस्कृति की महत्ता तथा महानता का ज्ञान हमें उसके साहित्य से ही मिलता है। गुप्तकाल भारत का स्वर्णिम युग कहा जाता है, क्योंकि उस समय सर्वोत्कृष्ट साहित्य की रचना हुई थी। साहित्य गतिमान समाज की पहचान है। कालिदास, सूर एवं तुलसी पर हमें गर्व है, क्योंकि उनका साहित्य हमें एक संस्कृति और एक जातीयता के सूत्र में बाँधता है, इसलिए साहित्य केवल हमारे समाज का दर्पण मात्र न रहकर उसका नियामक और उन्नायक भी होता है।

साहित्य का जीवन से संबंध साहित्य द्वारा सामाजिक और राजनीतिक क्रांतियों के उल्लेखों से तो विश्व इतिहास भरा पड़ा है। संपूर्ण यूरोप को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली फ्रांस की क्रांति (1789 ई.), रूसो की ‘सामाजिक अनुबंध’ नामक पुस्तक के प्रकाशन का ही परिणाम थी। आधुनिक काल में चार्ल्स डिकेंस (Charles Dickens) के उपन्यासों ने इंग्लैंड की अनेक सामाजिक एवं नैतिक रूढ़ियों का उन्मूलन कर नूतन व स्वस्थ सामाजिक व्यवस्था का सूत्रपात कराया। यदि अपने देश का साहित्य देखें, तो बिहारी के ‘नहिं पराग नहिं मधुर मधु’ वाले दोहे ने राजा जयसिंह को नारी मोह से मुक्त कराकर कर्तव्य-पालन के लिए प्रेरित किया। कवियों की ऐसी व्यक्तिगत उपलब्धियों की कोई सीमा नहीं।

उपसंहार वास्तव में, समाज और साहित्य का परस्पर अन्योन्याश्रित संबंध है। इन्हें एक-दूसरे से दूर करना संभव नहीं है। अतः आवश्यकता इस बात की है कि साहित्यकार सामाजिक कल्याण हेतु ससाहित्य का सृजन करें। सुंदर समाज निर्माण के लिए साहित्य को माध्यम बनाया जा सकता है। यदि समाज स्वस्थ होगा, तो राष्ट्र शक्तिशाली बन सकता है।

(ख) छात्र असंतोष

संकेत बिंदु

  • भूमिका या प्रस्तावना
  • वर्तमान शिक्षा पद्धति
  • शिक्षा का निजीकरण
  • राजनीति का प्रभाव
  • अन्य कारण
  • छात्र असंतोष को कम करने के उपाय
  • उपसंहार

उत्तर

भूमिका या प्रस्तावना वर्तमान समय में हमारा देश एक शक्तिशाली राष्ट्र है। कहने को देश के युवा प्रसन्न हैं, परंतु वास्तविकता कुछ और ही है। आज सारे देश में छात्र असंतोष व्याप्त है। छात्र असंतोष को आशय है- छात्रों का वर्तमान शिक्षा एवं रोजगार प्रणाली से असंतुष्ट होना। छात्रों की यह असंतुष्टि किसी पाठ्यक्रम को लेकर हो सकती है, किसी रोज़गार प्रणाली को लेकर हो सकती है। इस स्थिति में उनके भीतर स्वाभाविक रूप से संपूर्ण प्रणाली के प्रति असंतोष की भावना जाग्रत हो जाती है।

वर्तमान शिक्षा पद्धति हमारी वर्तमान शिक्षा प्रणाली ऐसी है कि उच्च उपाधि धारण करने के पश्चात् भी अधिकतर छात्र किसी उपयुक्त रोज़गार योग्य नहीं रहते। इसके कारण शिक्षित बेरोज़गारी की विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती है। भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग पाँच लाख से अधिक छात्र अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी की शिक्षा प्राप्त करते हैं। इनमें से अधिकतर बहुत योग्य अभियंता नहीं होते। इसलिए उन्हें उनकी डिग्री के अनुरूप नौकरी नहीं मिल पाती। इस स्थिति में छात्रों का असंतुष्ट होना स्वाभाविक ही है।

शिक्षा जीवनभर चलने वाली एक प्रक्रिया है। इसलिए समाज एवं देश के हित के लिए इसके उद्देश्य का निर्धारण आवश्यक है। चूंकि समाज एवं देश में समय के अनुसार परिवर्तन होते रहते हैं, इसलिए शिक्षा के उद्देश्यों में भी समय की माँग के अनुसार परिवर्तन होने चाहिए।

शिक्षा का निजीकरण शिक्षा के निजीकरण के कारण उच्च शिक्षा प्रदान करने वाली शिक्षण संस्थाओं की संख्या तो अधिक हो गई है, किंतु इन संस्थाओं में छात्रों का अत्यधिक शोषण होता है। यहाँ शिक्षा के लिए पर्याप्त संसाधनों का भी अभाव होता है। छात्रों द्वारा विरोध किए जाने पर उन्हें संस्थान से निकाले जाने की धमकी दी जाती है।

राजनीति का प्रभाव कुछ स्वार्थी राजनीतिक दल छात्रों को अपने साथ मिलाकर अपना उद्देश्य पूरा करते हैं। इसलिए वे शिक्षण संस्थाओं में राजनीति को बढ़ावा देते हैं। जिस कारण देश के कुछ प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान राजनीति के अखाड़े का रूप लेते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में छात्रों की पढ़ाई बाधित तो होती ही है, साथ ही इस स्थिति के कारण छात्रों में असंतोष की भावना भी उत्पन्न होती है।

अन्य कारण इस प्रकार बेरोज़गारी का डर, पारंपरिक शिक्षा का वर्तमान समय के अनुरूप न होना, व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने वाली शिक्षा संस्थाओं का अभाव, शिक्षण संस्थाओं को राजनीति का केंद्र बनाया जाना, शिक्षकों एवं कर्मचारियों का अपने कर्तव्यों से विमुख होना, निजी शिक्षण संस्थाओं की मनमानी इत्यादि भारत में छात्र असंतोष के कारण

छात्र असंतोष को कम करने के उपाय छात्र असंतोष को दूर करने के लिए सबसे पहले देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर इसे वर्तमान समय के अनुरूप करना होगा। इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों की स्थापना पर्याप्त संख्या में करनी होगी। इसके अतिरिक्त राजनीति को शिक्षा से दूर ही रखना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि इन संस्थाओं में शिक्षक एवं कर्मचारी अपनी मनमानी कर छात्रों का भविष्य नष्ट न कर पाएँ।

ऐसी निजी शिक्षण संस्थाएँ, जहाँ छात्रों एवं अभिभावकों का अत्यधिक शोषण हो रहा है, वहाँ उचित कार्रवाई करते हुए इन्हें शोषण से बचाया जाए। इसके लिए शिक्षकों को उनके कर्तव्यों की ओर ध्यान कराना होगा। इन सबके अतिरिक्त, छात्रों का रचनात्मक कार्यों की ओर ध्यान आकृष्ट करके भी छात्र असंतोष को काफ़ी सीमा तक कम किया जा सकता है।

उपसंहार छात्र ही देश का भविष्य होते हैं। उन पर ही समाज और राष्ट्र का जीवन निर्भर होता है। यदि उनका भला नहीं हो पाए, यदि वे बेरोज़गारी का दंश झेल रहे हों, यदि उनके साथ अन्याय हो रहा हो, यदि उनके भविष्य से खिलवाड़ हो रहा हो, तो देश का भला कैसे हो सकता है? निःसंदेह इसके कारण देश की आर्थिक ही नहीं, सामाजिक एवं राजनीतिक प्रगति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए समय रहते इस समस्या का निदान करना आवश्यक है। हमारे देश के नीति-निर्माताओं को छात्र असंतोष दूर करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए, जिससे राष्ट्र निर्माण में उनकी समुचित भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

(ग) भारतीय समाज पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव

संकेत बिंदु

  • भारतीय संस्कृति से तात्पर्य
  • पाश्चात्य संस्कृति से तात्पर्य
  • भारतीय समाज पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रतिकूल प्रभाव
  • निष्कर्ष

उत्तर

भारतीय संस्कृति से तात्पर्य भारतीय संस्कृति अध्यात्म प्रधान है, जबकि पश्चिात्य संस्कृति को भौतिक प्रधान माना जाता है। अध्यात्म प्रधान संस्कृति से तात्पर्य अभौतिकतावादी दृष्टिकोण को अत्यधिक महत्त्व मिलने से है। प्राचीनकाल से ही ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ और ‘अतिथि देवो भवः’ के सिद्धांतों में रची-बसी भारतीय संस्कृति में विश्वास, भावना, आस्था, धर्म, रीति-रिवाज़ों, परंपराओं आदि का अत्यधिक महत्त्व रहा है। धर्म प्रधान संस्कृति होने के कारण ही लोगों ने इसे अध्यात्म प्रधान संस्कृति माना है।

पाश्चात्य संस्कृति से तात्पर्य पाश्चात्य संस्कृति भौतिकता प्रधान और वैज्ञानिक संस्कृति है। भौतिकता प्रधान संस्कृति से तात्पर्य ऐसी संस्कृति से है, जो यथार्थवादी दृष्टिकोण को अधिक महत्त्व देती है। भौतिक का सामान्य अर्थ देखने या इंद्रिय बोध से साक्षात् संबंध रखने वाली वस्तु से है अर्थात् जो यथार्थ एवं वास्तविक हो।

भारतीय समाज पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रतिकूल प्रभाव एक ओर भारतीय समाज पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, तो दूसरी ओर यह हमारे लिए हितकारी भी सिद्ध हो रही है। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के कारण हममें ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना कम होती जा रही है। संयुक्त परिवार प्रणाली का विघटन हो रहा है। पारिवारिक जीवन तनावपूर्ण एवं संघर्षपूर्ण हो गया है। पाश्चात्य संस्कृति की नकल के कारण लोग स्वतंत्र होकर जीवन-यापन करना पसंद करते हैं, परिणामस्वरूप वैवाहिक संबंधों में सुदृढ़ता एवं आत्मीयता का अभाव उत्पन्न हो गया है। संयुक्त परिवार में वैवाहिक संबंधों को टूटने से बचाने के लिए जो पारिवारिक पृष्ठभूमि होती है, वर्तमान के एकले या नाभिक परिवारों में उसका अभाव है।

पश्चिमीकरण के अंतर्गत मौजूद आधुनिक मूल्यों का अनुकरण करना तो तार्किक एवं उपयुक्त लगता है, लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के अन्य तत्त्वों का अंधानुकरण अनुचित है, किंतु पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण करने की होड़ में हम अपनी भाषा, संस्कृति, वेशभूषा, रहन-सहन, कला-विज्ञान, साहित्य आदि सभी कुछ भूल गए हैं। आज पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण करने वाले भारतवासियों को ‘मैथिलीशरण गुप्त’ की इन पंक्तियों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।

“यह ठीक है, पश्चिम बहुत ही कर रहा उत्कर्ष है, पर पूर्व-गुरु उसका यही पुरु वृद्ध भारतवर्ष है।”

निष्कर्ष इस प्रकार भारतीय और पाश्चात्य संस्कृति में परस्पर विरोध नहीं, बल्कि अन्योन्याश्रित संबंध है। अतः हमें बुद्ध के सम्यक् सिद्धान्त का अनुसरण कर, जिसको समझाते हुए उन्होंने कहा था-सितार की तार को इतना न कसो कि वह टूट जाए और उसे इतना भी ढीला न छोड़ो कि वह बज ही न सके, दोनों संस्कृतियों की अच्छाइयों को ग्रहण करना एवं उनकी कमियों का त्याग करना चाहिए।

उत्तर 13.

परीक्षा भवन,
लखनऊ।
दिनांक 10 फरवरी, 20××

सेवा में,
प्रबंधक,
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम,
लखनऊ।

विषय इलाहाबाद में अल्लापुर टैगोर टाउन तक बस सेवा आरंभ कराने हेतु।

महाशय,

हम इलाहाबाद के अल्लापुर टैगोर टाउन के निवासी आपसे अनुरोध करते हैं कि हमारी कॉलोनियाँ काफ़ी घनी एवं अत्यधिक जनसंख्या वाली हैं। यहाँ लगभग 5,000 परिवार रहते हैं, जिनमें हज़ारों लोग बस के दैनिक यात्री हैं। अभी तक उन्हें नगर सेवा की बस पकड़ने के लिए 2 किमी दूर तक जाना पड़ता है, जिससे धन एवं समय दोनों व्यर्थ होते हैं। आपसे निवेदन है कि इस मोहल्ले या कॉलोनी में भी एक बस-स्टॉप बनवाया जाए, ताकि हज़ारों लोगों को प्रतिदिन परेशानी का सामना न करना पड़े। इस मार्ग पर बसें चलने से उन्हें यात्री भी बहुत मिलेंगे और यहाँ के निवासियों को लाभ भी होगा।

धन्यवाद।
निवेदक
अल्लापुर टैगोर टाउन के निवासीगण
इलाहाबाद

अथवा

दिनांक 12 जनवरी, 20××
प्रिय बहन सुरभि,
शुभ प्यार!

कल माँ से फ़ोन पर बात करते हुए पता चला कि आजकल तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। हमेशा कुछ-न-कुछ समस्या रहती ही है। मुझे लग रहा है कि तुम अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक सतर्क नहीं हो।

प्यारी बहन, एक बात जान लो, यदि शरीर स्वस्थ और सक्षम नहीं रहेगा, तो दुनिया में कोई काम नहीं किया जा सकता है। इसलिए सबसे अधिक आवश्यक है, स्वयं को स्वस्थ रखना। इसके लिए दिनचर्या को नियमित करना, प्रतिदिन व्यायाम या योग करना, पौष्टिक एवं बिना तेल-मसाले का खाना खाने की आदत डालना, हमेशा प्रसन्न एवं चुस्त रहना आदि बहुत आवश्यक है।

आशा है, तुम मेरी बातों पर ध्यान अवश्य दोगी और स्वयं को स्वस्थ रखने के प्रति सतर्क रहोगी।

घरे में सभी बड़ों को मेरा चरण-स्पर्श तथा छोटों को प्यार।

तुम्हारा भाई
प्रसून
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रावास, जुबली हॉल
दिल्ली।

उत्तर 14.

सुनील रश्मि! मैं तुमसे एक महत्त्वपूर्ण बात कहना चाहता हूँ।

रश्मि हाँ, हाँ, कहो। क्या बात है?

सुनील रश्मि! मैं परसों तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हारे यहाँ नहीं आ पाऊँगा। कृपया क्षमा करना।

रश्मि तुम क्यों नहीं आ सकोगे? क्या कोई विशेष बात है?

सुनील हाँ, उसी दिन मुझे अपनी माँ को डॉक्टर को दिखाने के लिए शहर से बाहर जाना है, जहाँ से लौटने में देर रात हो जाएगी।

रश्मि अरे! यह तो सचमुच बहुत आवश्यक कार्य है।

सुनील हाँ, इसे टालना ठीक नहीं होगा और फिर डॉक्टर भी तो हमेशा उपलब्ध नहीं रहते।

रश्मि कोई बात नहीं, सुनील! हम दोनों इसे बाद में एक साथ सेलिब्रेट कर लेंगे।

सुनील तो ठीक है, रश्मि! मैं उसके अगले दिन तुमसे मिलूंगा। अब चलें। बाय। रश्मि बाय, बाय।

अथवा

मनीषा शिवानी मैडम! आजकल के बच्चों को पता नहीं क्या हो गया है?

शिवानी क्यों, मैडम क्या हुआ?

मनीषा हुआ तो कुछ नहीं, लेकिन मुझे आजकल के बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि सामान्य रूप से कम होती प्रतीत हो रही है।

शिवानी ये बात तो आप बिलकुल सही कह रही हो मैडम

मनीषा लेकिन मैं यह नहीं समझ पा रही हूँ, ऐसा क्यों हो रहा है?

शिवानी मनीषा मैडम, इसका सबसे बड़ा कारण बच्चों की टेलीविजन एवं कंप्यूटर में बढ़ती रुचि है।

मनीषा सही कह रही हो मैडम आप, इन साधनों का उपयोग बच्चों द्वारा केवल मनोरंजन के लिए ही किया जा रहा है। इन्हें ज्ञान प्राप्ति का साधन नहीं बनाया जा रहा है।

शिवानी हाँ मैडम, बच्चों को मनोरंजन की बुरी आदत लग रही है। इसी का परिणाम है कि उनका पढ़ने में मन नहीं लगता है।

मनीषा वास्तव में, बच्चों में शिक्षा के प्रति कम होती रुचि का यह सबसे प्रमुख कारण है।

शिवानी हमें इसका कोई-न-कोई हल निकालना होगा।

मनीषा बिलकुल, सही कहा आपने।

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NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.2

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BoardCBSE
TextbookNCERT
ClassClass 8
SubjectMaths
ChapterChapter 8
Chapter NameComparing Quantities
ExerciseEx 8.2
Number of Questions Solved10
CategoryNCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.2

Question 1.
A man got a 10% increase in his salary. If his new salary is f1,54,000, find his original salary.
Solution.
100 + 10 = 110
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.2 1

Question 2.
On Sunday 845 people went to the Zoo. On Monday only 169 people went. What is the percent decrease in the people visiting the Zoo on Monday?
Solution.
Number of people who went to Zoo on Sunday = 845
Number of people who went to Zoo on Monday = 169
∴ Decrease in the number of people who went to Zoo 845 – 169 = 676.
∴Per cent decrease in the number of people visiting the Zoo on Monday
= \(\frac { decrease }{ original\quad number } \times 100%\)
= \(\frac { 676 }{ 845 } \times 100%=80%\)

Question 3.
A shopkeeper buys 80 articles for ₹ 2,400 and sells them for a profit of 16%. Find the selling price of one article.
Solution.
CP of 80 articles = ₹ 2400
Profit = 16% of ₹ 2400
= ₹ \(\frac { 16 }{ 100 } \times 2400\) = ₹ 384
∴SP of 80 articles
= CP + Profit
= ₹ 2400 + ₹ 384
= ₹ 2784
∴ SP of 1 article = ₹ \(\frac { 2784 }{ 80 } \) = ₹ 34.80
Hence, the selling price of one article is ₹ 34.80.

Question 4.
The cost of an article was ₹ 15,500, ₹450 were spent on its repairs. If it is sold for a profit of 15%, find the selling price of the article.
Solution.
CP of the article = ₹ 15,500
Money spent on its rapair = ₹ 450
Total CP of the article = ₹ 15,500 + ₹ 450
(overhead expenses)
= ₹ 15,950
Profit = 15% of ₹ 15,950
= ₹ \(\frac { 15 }{ 100 } \times 15,950\) = ₹ 2392.50
.-. SP of the article
= CP + Profit
=₹ 15,950 + ₹ 2392.50
= ₹ 18342.50
Hence, the selling price of the article is ₹ 18342.50.

Question 5.
A VCR and TV mere bought for ₹ 8,000 each. The shopkeeper made a loss of 4% on the VCR and a profit of 8% on TV. Find the gain or loss percent on the whole transaction.
Solution.
Combined CP of VCR and TV
= ₹ 8,000 + ₹ 8,000 = ₹ 16,000
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.2 2
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.2 3

Question 6.
During a sale, a shop offered a discount of 10% on the marked prices of all the items. What would a customer have to pay for a pair of jeans marked at ₹ 1450 and two shirts marked at ₹ 850 each?
Solution.
For a pair of jeans
Marked price = ₹ 1450
Discount rate = 10%
Discount = 10% of ₹ 1450
= ₹ \(\frac { 10 }{ 100 } \times 1450\) = ₹ 145
∴ Sale price = Marked price – Discount
= ₹ 1450- ₹ 145 = ₹ 1305
For two shirts
Marked price = ₹ 850 x 2 = ₹ 1700
Discount rate = 10%
∴ Discount
= 10% of ₹ 1700
₹ \(\frac { 10 }{ 100 } \times 1700\) x 1700 = ₹ 170
∴ Sale price
= Marked price – Discount
= ₹ 1700 – ₹ 170 =₹ 1530
Total payment made by customer
= ₹ 1305 + ₹ 1530 = ₹ 2835
Hence, the customer will have to pay ₹ 2835 for a pair of jeans and two shirts.

Question 7.
A milkman sold two of his buffaloes for ₹ 20,000 each. On one he made a gain of 5% and on the other a loss of 10%. Find his overall gain or loss. (Hint: Find CP of each.)
Solution.
Combined SP
= ₹ 20,000 x 2 = ₹ 40,000
For first buffalo
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.2 4
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.2 5

Question 8.
The price of a TV is ₹ 13,000. The sales tax charged on it is at the rate of 12%. Find the amount that Vinod will have to pay if he buys it.
Solution.
Price of TV = ₹ 13,000
Sales tax charged on it
= 12% of ₹ 13,000
= ₹ \(\frac { 12 }{ 100 } \times 13,000\) = ₹ 1560
∴ Amount to be paid
= Price + Sales Tax
= ₹ 13,000 + ₹ 1,560
= ₹ 14,560.
Hence, the amount that Vinod will have to pay for the TV if he buys it is ₹ 14,560.

Question 9.
Arun bought a pair of skates at a sale where the discount is given was 20%. If the amount he pays is ₹ 1,600, find the marked price.
Solution.
Amount paid = ₹ 1600
Discount rate = 20%.
100 – 20 = 80
∵ If amount paid is ₹ 80, then the marked price = ₹ 100
∴ If amount paid is ₹ 1, then the marked price = ₹ \(\frac { 100 }{ 80 } \)
∴ If amount paid is ₹ 1600, then the marked price = \(\frac { 100 }{ 80 } \times 1600\) = ₹ 2000
Hence, the marked price of the pair of skates is ₹ 2000.
Aliter:
Let the market price of the pair of shoes be ₹ 100.
Rate of discount = 20%
∴ Discount = 20% of ₹ 100
= \(\frac { 20 }{ 100 } \times 100\) = ₹ 20
∴ Sale price = Marked price – Discount
= ₹ 100 – ₹ 20 = ₹ 80
∵ If the sale price is ₹ 80, then, the marked price = ₹ 100
∴ If the sale price is ₹ 1, then the marked price = ₹ \(\frac { 100 }{ 80 } \)
∴ If the sale price is ₹ 1600, then the marked price = ₹ \(\frac { 100 }{ 80 } \times 1600\) = ₹ 2000
Hence, the marked price of the pair of shoes is ₹ 2000.

Question 10.
I purchased a hair-dryer for ₹ 5,400 including 8% VAT. Find the price before VAT was added.
Solution.
Price of hair-dryer including VAT = ₹ 5400
VAT rate = 8%
100 + 8 = 108
∵ When price including VAT is ₹ 108,
original price = ₹ 100
∴ When price including VAT is ₹ 5,400,
original price = ₹ \(\frac { 100 }{ 108 } \times \left( 5,400 \right) \) = ₹ 5,000
Hence, the price before VAT was added is ₹ 5,000.

 

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NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3

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BoardCBSE
TextbookNCERT
ClassClass 8
SubjectMaths
ChapterChapter 8
Chapter NameComparing Quantities
ExerciseEx 8.3
Number of Questions Solved12
CategoryNCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3

Question 1.
Calculate the amount and compound interest on
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 1
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 1 2
Solution.
(a) By using year by year calculation
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 2
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 3

(b) By using year by year calculation
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 4
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NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 6
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 7

(c) By using half year by half year calculation
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 8
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 9

(d) By using half-year by half-year calculation
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 10
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 11
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 12

NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 13
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 14
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 38

Question 2.
Kamala borrowed ₹ 26,400 from a Bank to buy a scooter at a rate of 15% p.a. compounded yearly. What amount will she pay at the end of 2 years and 4 months to clear the loan?
(Hint: Find A for 2 years if interest is compounded yearly and then find SI on the 2nd year amount for \(\frac { 4 }{ 12 } \) year)
Solution.
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 15

Question 3.
Fabina borrows ₹ 12,500 at 12% per annum for 3 years at simple interest and Radha borrows the same amount for the same time period at 10% per annum, compounded annually. Who pays more interest and by how much ?
Solution.
For Fabina
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 16

Question 4.
I borrowed ₹ 12,000from Jamshed at 6% per annum simple interest for 2 years. Had I borrowed this sum at 6% per annum compound interest, what excess amount would I have to pay?
Solution.
At simple interest
P = ₹ 12000
R = 6% per annum
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 17

Question 5.
Vasudevan invested ₹ 60,000 on interest at the rate of 12% per annum compounded half yearly. What amount would he get
(i) after 6 months?
(ii) after 1 year?
Solution.
(i) after 6 months
P = ₹ 60,000
R = 12% per annum
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 18

(ii) after 1 year
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 19

Question 6.
Arif took a loan of ₹ 80,000 from a bank. If the rate of interest is 10% per annum, find the difference in amounts he would be paying after \(1\frac { 1 }{ 2 } \) years if the interest is
(i) compounded annually
(ii) compounded half yearly
Solution.
(i) compounded annually
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 20

(ii) compounded half yearly
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 21
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 22

Question 7.
Maria invested ₹ 8,000 in business. She would be paid interest at the rate of 5% per annum compounded annually. Find
(i) the amount credited against her name at the end of the second year.
(ii) the interest for the 3rd year.
Solution.
(i)
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 23

(ii)
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 24
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 25
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 26

Question 8.
Find the amount and the compound interest on ₹ 10,000 for \(1\frac { 1 }{ 2 } \) years at 10% per annum, compounded half yearly. Would this interest be more than the interest he would get if it was compounded annually?
Solution.
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 27
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 28
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 29

Question 9.
Find the amount which Ram will get on ₹ 4,096 if he gave it for 18 months at \(12\frac { 1 }{ 2 } % \) per annum, interest being compounded half yearly.
Solution.
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 30
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 31

Question 10.
The population of a place increased to 54,000 in 2003 at a rate of 5% per annum.
(i) find the population in 2001.
(ii) what would he its population in 2005?
Solution.
(i)
Let the population in 2001 be P.
R = 5% p.a.
n = 2 years
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 32

(ii)
initial population in 2003
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 33

Question 11.
In a Laboratory, the count of bacteria in a certain experiment was increasing at the rate of 2.5% per hour. Find the bacteria at the end of 2 hours, if the count was initially 5,06,000.
Solution.
Initial count of bacteria
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 34
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 35

Question 12.
A scooter was bought at ₹ 42,000. It’s value depreciated at the rate of 8% per annum. Find its value after one year.
Solution.
Initial value of the scooter
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 36
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 8 Comparing Quantities Ex 8.3 37

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CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 2

CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 2 are part of CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Here we have given CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 2.

CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 2

BoardCBSE
ClassIX
SubjectHindi A
Sample Paper SetPaper 2
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 9 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme, as prescribed by the CBSE, is given here. Paper 2 of Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A is given below with free PDF download solutions.

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

निर्देश

  • इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैंक, ख, ग और घ।
  • चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए।

खंड {क} अपठित बोध [15 अंक]

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 20 शब्दों में दीजिए

शिक्षा विविध जानकारियों का ढेर नहीं है, जो तुम्हारे मस्तिष्क में ढूंस दिया गया है और जो आत्मसात् (ग्रहण) हुए बिना वहाँ आजन्म पड़ा रहकर गड़बड़ मचाया करता है। हमें उन विचारों की अनुभूति कर लेने की आवश्यकता है जो जीवन-निर्माण, मनुष्य-निर्माण तथा चरित्र-निर्माण में सहायक हों। यदि आप उपरोक्त विचार आत्मसात् कर उनके अनुसार अपने जीवन एवं चरित्र का निर्माण कर लेते हैं, तो आप पूरे ग्रंथालय को कंठस्थ करने वाले की अपेक्षा अधिक शिक्षित हैं। शिक्षा और आचरण अन्योन्याश्रित हैं। बिना आचरण के शिक्षा अधूरी है और बिना शिक्षा के आचरण। अंततोगत्वा दोनों अनुशासन के ही भिन्न रूप हैं। शिक्षा ग्रहण करने के लिए कठोर अनुशासन की आवश्यकता है। अनुशासन भाषण से नहीं, आचरण से आता है। ‘लक्ष्य अनुशासन का सबसे बड़ा प्रेरक है। यदि शिक्षा प्राप्त करने के लिए किसी ऊँचे लक्ष्य को अपने मन में ठान लें, तो अनुशासन दास बनकर उसका अनुगमन करेगा।

(क) ‘शिक्षा’ शब्द से लेखक का क्या अभिप्राय है?
(ख) शिक्षा ग्रहण करने के लिए किसकी आवश्यकता पड़ती है?
(ग) शिक्षा किसके बिना अधूरी है तथा अनुशासन का सबसे बड़ा प्रेरक क्या है?
(घ) ‘आजन्म’ में कौन-सा समास है?
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में दीजिए

नहीं, ये मेरे देश की आँखें नहीं हैं।
पुते गालों के ऊपर नकली भवों के नीचे
छाया प्यार के छलावे बिछाती
मुख से उठाती हुई मुस्कान मुस्कुराती
ये आँखें नहीं, ये मेरे देश की नहीं हैं। …………
तनाव से झुर्रियों पड़ी कोरों की दरार से
शरारे छोड़ती घृणा से सिकुड़ी पुतलियाँ
नहीं, ये मेरे देश की आँखें नहीं हैं ………..
वन डालियों के बीच से चौंकी अनपहचानी
कभी झाँकती हैं वे आँखें, मेरे देश की आँखें,

(क) प्रस्तुत काव्यांश के केंद्रीय भाव को अपने शब्दों में लिखिए।
(ख) कवि किस प्रकार की आँखों को अपने देश की आँखें नहीं मानता?
(ग) पुते गालों एवं नकली भवों से कवि का क्या आशय है?
(घ) कवि किन आँखों को अपने देश की आँखें मानता है?
(ङ) ‘अमावस’ (अमावस्या) का विलोम शब्द लिखिए।

खंड {ख} व्याकरण [ 15 अंक ]

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के निर्देशानुसार उत्तर दीजिए

(क) प्रतिहिंसा’ शब्द में से उपसर्ग और मूल शब्द अलग कीजिए।
(ख) ‘अभि’ उपसर्ग लगाकर दो शब्द बनाइए।
(ग) ‘ढक्कन’ शब्द में से प्रत्यय और मूल शब्द अलग कीजिए।
(घ) “नी’ प्रत्यय लगाकर दो शब्द बनाइए।

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार समस्त पदों का विग्रह करके समास का नाम लिखिए

(क) विषधर
(ख) आमरण
(ग) पंचवटी

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के निर्देशानुसार उत्तर दीजिए

(क) तुम फोटो का महत्त्व समझते हो। (निषेधवाचक वाक्य में बदलिए)
(ख) महादेवी तुम कविता लिखती हो। (प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए)
(ग) यह नाना की पुत्री मैना है। (विस्मयवाचक वाक्य में बदलिए)
(घ) यह विधुर पति था। (संदेहवाचक वाक्य में बदलिए)

प्रश्न 6.
निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार का नाम बताइए।

(क) “जेते तुम तारे, तेते नभ में तारे हैं
(ख) क्षितिज-अटारी गहराई दामिनी दमकी
(ग) नदी ठिठकी, घूघट सरके।
(घ) मैं जिन रोदन में राग लिए फिरता हूँ, शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ

खंड {ग} पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक [ 30 अंक ]

प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में दीजिए

वहाँ छात्रावास के एक कमरे में हम चार छात्राएँ रहती थीं। उनमें पहली ही साथिन सुभद्रा कुमारी मिलीं। सातवें दर्जे में वे मुझसे दो साल सीनियर थीं। वे कविता लिखती थीं और मैं भी बचपन से तुक मिलाती आई थी। बचपन में माँ लिखती थीं, पद भी गाती थीं। मीरा के पद विशेष रूप से गाती थीं। सवेरे ‘जागिए कृपानिधान पंछी बन बोले’ यही सुना जाता था। प्रभाती गाती थीं। शाम को मीरा का कोई पद गाती थीं। सुन-सुनकर मैंने भी ब्रजभाषा में लिखना आरंभ किया। यहाँ आकर देखा कि सुभद्रा कुमारी जी खड़ी बोली में लिखती थीं। मैं भी वैसा ही लिखने लगी, लेकिन सुभद्रा जी बड़ी थीं, प्रतिष्ठित हो चुकी थीं। उनसे छिपा-छिपाकर लिखती थी मैं।

(क) लेखिका अपनी माता के कविता लेखन और गायन से विशेष रूप से प्रभावित हुईं।
(ख) महादेवी जी सुभद्रा कुमारी चौहान से प्रेरित होकर क्या करने लगीं?
(ग) महादेवी किससे छिपकर कविता लिखती थीं और क्यों?

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में दीजिए

(क) “साँवले सपनों की याद’ पाठ के आधार पर बताइए कि सालिम अली ने पर्यावरण संरक्षण के लिए किस रूप में अपनी भूमिका निभाई?
(ख) गया के घर से भाग आने पर हीरा और मोती का कैसा स्वागत हुआ और क्यों? पाठ ‘दो बैलों की कथा’ के आधार पर बताइए।
(ग) सर टामस ‘हे’ द्वारा मैना पर दया-भाव दिखाने के क्या कारण थे? ‘नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया’ पाठ के आधार पर अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
(घ) तिब्बत में पहाड़ का सर्वोच्च स्थान कौन-सा है तथा इसे किस प्रकार सजाया गया था? ल्हासा की ओर’ पाठ के आधार पर बताइए। |

प्रश्न 9.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में दीजिए

क्यों हुक पड़ी?
वेदना बोझ वाली-सी;
कोकिल बोलो तो!
क्या लूटा? मृदुल वैभव की
रखवाली-सी,
कोकिल बोलो तो!

क्या हुई बावली?
अर्द्धरात्रि को चीखी,
कोकिल बोलो तो!
किस दावानल की
ज्वालाएँ हैं दीखी?
कोकिल बोलो तो!

(क) कोयल कब नहीं कूकती तथा कवि को उसका कूकना पागलपन क्यों लग रहा है?
(ख) कोयल के कूकने पर कवि को क्या आभास हुआ?
(ग) कवि को किसको स्वर वेदना से भरा लग रही है?

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 20 शब्दों में दीजिए

(क) साखियाँ एवं सबद’ पाठ के आधार पर बताइए कि कबीर ने ईश्वर प्राप्ति के लिए किन प्रचलित विश्वासों का खंडन किया है?
(ख) कवयित्री (ललद्यद) की दृष्टि में परमात्मा प्राप्ति के मार्ग में कौन-कौन-सी बाधाएँ आती हैं। पाठ ‘वाख’ के आधार पर बताइए।
(ग) चंद्र गहना से लौटती बेर’ कविता में कवि द्वारा “प्रेम की प्रिय भूमि उपजाऊ अधिक है’- पंक्ति का प्रयोग किसके लिए किया गया है और क्यों?
(घ) कवि के अनुसार आज प्रत्येक दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 11.
रीढ़ की हड्डी पाठ में’ गोपाल प्रसाद किस प्रकार की विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है तथा कैसे? आप एक संवेदनशील नवयुवक होने के नाते उनके विचार का किस प्रकार विरोध करोगे? लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए।
अथवा
कार्य के प्रति सच्ची लगन एवं दृढ़ निश्चय किस प्रकार के गुण हैं? ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए।

खंड {घ} लेखन [ 20 अंक ]

प्रश्न 12.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 200-250 शब्दों में निबंध लिखिए

(क) लोकतंत्र और समाचार-पत्र

संकेत बिंदू

  • लोकतंत्र का अर्थ
  • लोकतंत्र में विभिन्न क्षेत्रों की भूमिका
  • समाचार-पत्र : लोकतंत्र का प्रमुख स्तंभ
  • उपसंहार

प्रश्न 13.
आपके क्षेत्र में सफाई कर्मचारी ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर रहा है। अपने क्षेत्र में गंदगी एवं बीमारी फैलने की सूचना देते हुए नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखिए।
अथवा
छात्रावास में रहने वाली अपनी छोटी बहन को फैशन की ओर अधिक रुझान न रख, ध्यानपूर्वक पढ़ाई करने की सीख देते हुए पत्र लिखिए।

प्रश्न 14.
एक फल विक्रेता के साथ राजेश बनकर उससे होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
अथवा
दो दोस्तों के मध्य अपनी पहली रेल यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए लगभग 50 शब्दों में संवाद लिखिए।

जवाब

उत्तर 1.
(क) ‘शिक्षा’ शब्द से लेखक का अभिप्राय अच्छे विचारों को आत्मसात् करना और उन्हें अपने आचरण में ढालने से है। मात्र विविध जानकारियों को मस्तिष्क में भरना शिक्षा नहीं है। जब हम उन विचारों को अपने आचरण में आत्मसात् करते हैं, तब वह शिक्षा कहलाती है।

(ख) शिक्षा ग्रहण करने के लिए हमें कठोर अनुशासन की आवश्यकता पड़ती है। अनुशासन भाषण से नहीं आता, बल्कि आचरण से आता है। कठोर अनुशासन ही शिक्षा ग्रहण करने में सहायक है।

(ग) शिक्षा और आचरण का अन्योन्याश्रित संबंध है। बिना आचरण के शिक्षा अधूरी है और बिना शिक्षा के आचरण। ‘लक्ष्य’ अनुशासन को सबसे बड़ा प्रेरक है। यदि शिक्षा प्राप्त करने के लिए किसी ऊँचे लक्ष्य को अपने मन में ठान लें, तो अनुशासन दास बनकर उसका अनुगमन करेगा।

(घ) आजन्म अर्थात् जन्म से लेकर, अव्ययीभाव समास। क्योंकि ‘आजन्म का पूर्वपद (आ) अव्यय है इसलिए यहाँ अव्ययीभाव समास है।

(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक ‘शिक्षा और आचरण’ होगा।

उत्तर 2.
(क) प्रस्तुत काव्यांश का केंद्रीय भाव यह है कि वर्तमान समय में शहरी लोगों की मानसिकता में परिवर्तन आ गया है। वे तनावग्रस्त रहते हुए, अन्य लोगों से घृणा करते हैं तथा

खेतों के पार मेड़ की लीक धरे,
क्षिति-रेखा खींचती सूनी कभी ताकती है।
वे आँखें डालिया हाथ से छोड़ा
और उड़ी धूल बादल के
बीच में से मलमलाते झलकते।
जाड़ों की अमावस में से
मैले चाँद चेहरे सकुचाते
में टकी थकी पलकें उठाईं।
और कितने काल-सागरों के
पार तैर आई मेरे देश की आँखें

छल आदि करते हैं। ये मेरे देश की आँखें नहीं हैं’ अर्थात् कवि ऐसे लोगों को अपने देश की आँखें नहीं मानता, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बसे लोगों को उनके सच्चे स्वभाव व देश की मिट्टी से जुड़े रहने के कारण अपने देश की आँखें मानता है।

(ख) कवि तनाव से झुर्रियाँ पड़ीं, दरारें पड़ीं एवं घृणा से भरी, प्यार का दिखावा करती, किंतु अंदर-ही-अंदर घृणा के भाव युक्त आँखों को अपने देश की आँखें नहीं मानता है।

(ग) पुते गालों एवं नकली भवों से कवि का आशय दिखावा एवं बनावटीपन से है।

(घ) कवि उन आँखों को अपने देश की आँखें मानता है, जिनमें ग्रामीण जन-जीवन की सहजता है।

(ङ) ‘अमावस’ (अमावस्या) का विलोम शब्द ‘पूर्णिमा’ है।

उत्तर 3.

(क) उपसर्ग-प्रति, मूल शब्द-हिंसा
(ख) अभिशाप, अभिमान
(ग) मूल शब्द-ढक प्रत्यय-अन
(घ) ओढ़नी, चाँदनी

उत्तर 4.
समास विग्रह। समास का नाम

(क) विष को धारण करने वाला अर्थात् शिव (शिव) बहुव्रीहि समास
यहाँ दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ (शिव) का बोध हो रहा है, इसलिए यहाँ बहुव्रीहि समास है।

(ख) मरने तक अव्ययीभाव समास
यहाँ पूर्वपद (आ) अव्यय है, इसलिए यहाँ अव्ययीभाव समास है।

(ग) पाँच वटों (बरगदों) का समूह द्विगु तत्पुरुष समास
यहाँ पूर्वपद संख्यावाचक (पाँच) है, इसलिए यहाँ द्विगु समास है।

उत्तर 5.

(क) तुम फोटो का महत्त्व नहीं समझते हो।
(ख) महादेवी, क्या तुम कविता लिखती हो?
(ग) ओह! यह नाना की पुत्री मैना है।
(घ) शायद यह विधुर पति था।

उत्तर 6.
(क) यमक अलंकार यहाँ ‘तारे’ शब्द दो बार आया है। प्रथम का अर्थ ‘तारण करना’ या ‘उद्धार करना है और द्वितीय ‘तारे’ का अर्थ ‘तारागण’ है, अत: यहाँ यमक अलंकार है।

(ख) रूपक अलंकार यहाँ क्षितिज’ को अटारी के रूपक तथा ‘दामिनी दमकी’ को बिजली के चमकने के रूपक द्वारा प्रस्तुत किया गया है। अतः यहाँ रूपक अलंकार है।

(ग) मानवीकरण अलंकार यहाँ ‘नदी’ को स्त्री के रूप में चित्रित किया गया है, अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।

(घ) विरोधाभास अलंकार यहाँ ‘रोदन में राग’ और ‘शीतल वाणी में आग विरुद्धों की स्थिति है। इसलिए यहाँ विरोधाभास अलंकार है।

उत्तर 7.
(क) लेखिका अपनी माता के कविता लेखन और गायन से विशेष रूप से प्रभावित हुईं। अपनी माता से प्रेरित होकर उन्होंने भी ब्रजभाषा में कविता लेखन करना आरंभ कर दिया था।

(ख) सुभद्रा कुमारी चौहान का महादेवी वर्मा पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा। महादेवी जी पहले ब्रजभाषा में कविता लिखती थीं, परंतु सुभद्रा कुमारी चौहान से प्रेरित होकर उन्होंने खड़ी बोली में कविता लिखना प्रारंभ कर दिया था।

(ग) महादेवी जी सुभद्रा कुमारी चौहान से छिपकर कविता लिखती थीं, क्योंकि सुभद्रा जी उनसे बड़ी थीं और प्रतिष्ठित हो चुकी थीं।

उत्तर 8.
(क) सालिम अली ने आजीवन पक्षियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अध्ययन और शोध कार्य किया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मिलकर केरल की ‘साइलेंट वैली’ के पर्यावरण को बचाने के लिए अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने हिमालय और लद्दाख की बर्फीली ज़मीनों पर रहने वाले पक्षियों की सुरक्षा के लिए भी कार्य किया।

(ख) हीरा-मोती गया के घर से भागकर सीधे अपने स्थान पर (झूरी के घर) आए। झूरी ने हीरा और मोती को अपने स्थान पर खड़ा देखकर दोनों को गले लगा लिया। गाँव के लड़के तालियाँ बजाकर उनका अभिनंदन करने लगे। कोई उनके लिए रोटियाँ, तो कोई गुड़ और कोई चोकर-भूसी लाया, क्योंकि झूरी एवं गाँव वाले हीरा और मोती की सीधी, सरल तथा सहनशील प्रकृति से प्रेम करते थे।

(ग) सर टामस ‘हे’ द्वारा मैना पर दया-भाव दिखाने के निम्न कारण थे
(i) सर टामस ‘हे’ को मैना एक अबोध और निर्दोष बालिका लगी।
(ii) मैना ने सर टामस ‘हे’ को बताया कि वह उनकी पुत्री ‘मेरी’ की सहचरी है और मेरी’ की मृत्यु से उसे बहुत दुःख हुआ था। उसके पास ‘मेरी’ का लिखा पत्र आज तक सुरक्षित रखा हुआ है। आप मुझे भी ‘मेरी’ की तरह प्यार करते थे। यह सुनकर सर टामस ‘हे’ को लगा कि उन्हें मैना की सहायता करनी चाहिए।

(घ) तिब्बत में पहाड़ का सर्वोच्च स्थान डाँड़े है तथा समुद्र तल से 17-18 हज़ार फीट ऊँचे डाँडे के दक्षिण की पूर्व से पश्चिम की ओर हिमालय के हजारों श्वेत शिखर थे। टीले के आकार-सा ऊँचा स्थान अर्थात् भीटे की ओर दिखने वाले पहाड़ वन विहीन थे। वहाँ सर्वोच्च स्थान पर डाँडे के देवता का स्थान था, जिसे पत्थरों के ढेर, जानवरों के सींगों और रंग-बिरंगे कपड़े की झंडियों से सजाया गया था। चूंकि यह देवता का स्थान था, इसलिए इसे अच्छी तरह सजाया जाता था।

उत्तर 9.
(क) सामान्यतया कोयल रात में नहीं कूकती असमय आधी रात को कूकना कवि को उसका पागलपन लग रहा है, क्योंकि इस समय सभी लोग गहरी निद्रा में सो रहे हैं।

(ख) कोयल के अर्द्ध-रात्रि में कूकने से कवि को यह आभास हुआ कि स्वतंत्रता सेनानियों के ऊपर हो रहे अत्याचार को देखकर कोयल का हृदय भी भर उठा होगा। इसलिए वह दुःख और वेदना के कारण अर्द्ध रात्रि में कूक रही है।

(ग) कवि को कोयले का स्वर वेदना से भरा लग रहा है।

उत्तर 10.
(क) कबीर ने ईश्वर प्राप्ति के लिए मंदिर, मस्जिद, काबा, कैलाश, तीर्थ, व्रत, कर्मकांड, योग-वैराग का खंडन किया है। कवि का विश्वास है कि इस प्रकार की प्रचलित मान्यताओं से ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं है।

(ख) कवयित्री की दृष्टि में परमात्मा प्राप्ति के मार्ग में मनुष्य का नश्वर शरीर, सांसारिक भोग एवं अहंकार सबसे बड़ी बाधाएँ हैं। ये तीनों इंसान को संसार में अशांति बढ़ाने वाले और परमात्मा के मार्ग से भटकाने वाले हैं।

(ग) चंद्र गहना से लौटती बेर कविता में प्रेम की प्रिय भूमि उपजाऊ अधिक है” पंक्ति का प्रयोग कवि ने प्रकृति के लिए किया है। नगरीय संस्कृति की अपेक्षा प्रकृति के प्रेम की भूमि अधिक उपजाऊ है, क्योंकि उसके हृदय में अमीर-गरीब, ऊँच-नीच प्रत्येक वर्ग और प्रत्येक व्यक्ति के लिए एकसमान स्थान है। वह किसी के बीच कोई अंतर नहीं करती।

(घ) कवि को बचपन में उसकी माँ ने दक्षिण दिशा की ओर पैर करके न सोने का परामर्श दिया था, क्योंकि दक्षिण दिशा मृत्यु की दिशा है और उस ओर पैर करके सोने से यमराज क्रुद्ध हो जाते हैं, परंतु आज कवि को समाज में चारों ओर मृत्यु, भय, अशांति, असुरक्षा का वातावरण प्रतीत हो रहा है। इसलिए कवि को लगता है कि केवल दक्षिण दिशा ही नहीं, बल्कि प्रत्येक दिशा दक्षिण दिशा हो गई है।

उत्तर 11.
प्रस्तुत पाठ में गोपाल प्रसाद रूढ़िवादी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है, जो पढ़ी-लिखी स्त्री को घृणा की नज़र से देखता है। उसे लगता है कि पढ़-लिखकर सफल होना पुरुषों का ही काम है। महिलाओं के पढ़ने-लिखने से गृहस्थी नष्ट हो जाती है और उनके स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है। वहीं उनके लिए लड़की का सुंदर होना अति आवश्यक है।

एक संवेदनशील नवयुवक होने के नाते मैं उनके इन विचारों का विरोध करता हूँ। मेरे विचार से शिक्षा पर सभी का समान अधिकार होता है, फिर वह चाहे स्त्री हो या पुरुष। शिक्षा किसी भी व्यक्ति के सर्वोत्तम विकासके लिए अति आवश्यक है। शिक्षा से पुरुषों का भला हो और स्त्रियों के चरित्र का हनन हो, यह किस प्रकार संभव है? मेरे विचार से शिक्षा स्त्रियों के लिए भी उतनी ही आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण है, जितनी पुरुषों के लिए। इसलिए मैं स्त्री-शिक्षा का दृढ़ता से समर्थन करता हूँ और उनके प्रति अपने नैतिक दायित्वों का निर्वाह करने का पूरा प्रयत्न करूंगा। मैं अपने आसपास के लोगों में भी स्त्री-शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास करूंगा।

अथवा

कार्य के प्रति सच्ची लगन एवं दृढ़ निश्चय असंभव को भी संभव बना देने वाले गुण हैं। कोई भी कार्य यदि पूरे मन अर्थात् लगन से किया जाए और व्यक्ति उसे पूर्ण करने के प्रति दृढ़ संकल्पित हो, तो वह न केवल उससे पूरा होता है, बल्कि वह कार्य विशिष्ट और ऐतिहासिक रूप से स्मरणीय भी हो जाता है। लगनशील, दृढ़निश्चयी एवं ईमानदार व्यक्ति अपने जीवन में अनेक अविस्मरणीय कार्य करके अपने समाज एवं राष्ट्र का नायक बन जाता है। हमारे अनेक महापुरुषों के जीवन इस बात के साक्षी हैं कि सच्ची लगन एवं दृढ़ निश्चय से ही उन्होंने असंभव कार्यों को संभव बनाया और जीवन में सम्मान प्राप्त किया। उनके मरने के बाद भी हम उन्हें श्रद्धा एवं आदर के साथ याद करते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विनोबा भावे, डॉ. अंबेडकर आदि इसके मुख्य उदाहरण हैं।

उत्तर 12.
लोकतंत्र का अर्थ लोकतंत्र का अर्थ है-‘लोक का तंत्र’ अर्थात् ‘जनता द्वारा शासन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के शब्दों में-‘लोकतंत्र जनता को, जनता के लिए, जनता द्वारा शासन है।” इस प्रकार लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि होती है, वह अपनी भाग्यविधाता स्वयं होती है; परन्तु सारा जनसमुदाय प्रत्यक्ष रूप से शासन नहीं कर सकता, इसलिए वह एक निश्चित संख्या में अपने प्रतिनिधि चुनकर भेजता है, जो पारस्परिक सहयोग से देश के लिए हितकारी कानून बनाते हैं।

अतः लोकतंत्र में यह नितांत वांछनीय है कि प्रतिनिधियों का चुनाव बहुत सोच-समझकर उनकी क्षमता के आधार पर किया। जाए। इसके लिए जनता का शिक्षित होना और सच्ची देशभक्ति से संपन्न होना नितांत अपेक्षित है।

लोकतंत्र में विभिन्न क्षेत्रों की भूमिका दुर्भाग्यवश हमारे देश की अधिकांश जनता अशिक्षित अथवा अर्धशिक्षित है, इसलिए उसे लोकतंत्र की आवश्यकताओं की दृष्टि से यथासंभव शिक्षित करना प्राथमिक आवश्यकता है। इसकी पूर्ति संबंधी दायित्व के गुरुतर भार को सर्वाधिक कुशलता से उठाने की क्षमता एकमात्र समाचार-पत्रों में ही है। इसका एक कारण यह भी है कि समाचार-पत्र प्रतिदिन धनी-निर्धन सभी तक पहुँचते हैं। लोकतंत्र में जनता को शिक्षित करने की सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका समाचार-पत्रों की है। इस भूमिका पर राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक, इन तीन दृष्टियों से विचार किया जा सकता है। लोकतंत्र में निर्वाचन का सर्वाधिक महत्त्व है, क्योंकि उसी पर अगले चुनाव तक देश का भविष्य निर्भर करता है। समाचार-पत्र विभिन्न राजनीतिक दलों की घोषित नीतियों, उनके द्वारा चुनाव में पार्टी-टिकट पर खड़े किए गए प्रत्याशियों या निर्दलीय रूप में। खड़े व्यक्तियों की योग्यता एवं पृष्ठभूमि का विस्तृत परिचय, चुनाव की प्रणाली एवं प्रक्रिया आदि का विवरण तथा विभिन्न नेताओं और प्रत्याशियों के भाषण आदि देकर जनता को शिक्षित करते हैं। इससे मतदाताओं को योग्य प्रत्याशी के चुनाव में सुविधा होती है। समाचार-पत्रों की सामाजिक भूमिका भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। समाज में व्याप्त कुरीतियों, कुप्रथाओं, अंधविश्वासों एवं पाखंडों का भंडाफोड़ कर समाचार-पत्र इन बुराइयों को समाप्त करने की प्रेरणा देकर समाज-सुधार का पथ प्रशस्त करते हैं।

इस प्रकार के विभिन्न प्रकार के अपराधों में संलग्न व्यक्तियों के कारनामे प्रकट कर एक ओर जनता को सावधान करते हैं, तो दूसरी ओर सरकार द्वारा उनकी रोकथाम में भी सहायक सिद्ध होते हैं। इसी प्रकार बाल-विवाह, दहेज-प्रथा, भ्रष्टाचार, शोषण, अनाचार, अत्याचार आदि के विरुद्ध प्रबल जनमत जगाने में समाचार-पत्रों की भूमिका उल्लेखनीय रही है।

समाचार-पत्र : लोकतंत्र का प्रमुख स्तंभ समाचार-पत्र देश के अर्थतंत्र को पुष्ट करने में पर्याप्त सहयोग देते हैं। इसके लिए दैनिक समाचार-पत्रों में एक पृष्ठ व्यापार से संबंधित होता है। इसमें सोना, चाँदी, गेहूं, चावल इत्यादि के भाव प्रतिदिन प्रकाशित होते हैं। शेयरों के भाव, कंपनी, वित्त संबंधी समाचार भी इसी पृष्ठ पर दिए रहते हैं। इसके साथ ही सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, वैज्ञानिक समाचार भी समाचार-पत्र में दिए जाते हैं। आयात-निर्यात के समाचार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की वृद्धि में सहायक होते हैं। अनेक जीवनोपयोगी वस्तुओं के विज्ञापन एवं पते भी समाचार-पत्रों में प्रकाशित होते हैं, जिनसे क्रेता-विक्रेता दोनों को लाभ प्राप्त होता है।

उपसंहार समाचार-पत्रों के प्रकाशन से साहित्यिक क्षेत्र में भी बहुत विकास हुआ है। आज समाचार-पत्रों में विशेष रूप से साप्ताहिक और मासिक पत्रिकाओं में कहानियाँ, निबंध और महापुरुषों की,जीवनी होती हैं, जिनसे साहित्य की उन्नति में पर्याप्त सहायता मिलती है। समाचार-पत्रों में अनेक निबंध और कहानियाँ पढ़कर हम अपना मनोरंजन करते हैं समाचार-पत्रों में बहुत-सी कविताएँ भी प्रकाशित होती हैं। व्यापारिक उन्नति में भी समाचार-पत्र बहुत सहायक होते हैं। समाचार-पत्रों में अनेक वस्तुओं के विज्ञापन छपते हैं, जिनसे उनका प्रचार होता है। बाज़ार में उनकी माँग बढ़ती है। समाचार-पत्र मनोरंजन का भी अच्छा साधन है।

(ख) महिला सशक्तीकरण

संकेत बिंदु

  • प्रस्तावना
  • महिलाओं का जीवन
  • महिला सशक्तीकरण
  • महिलाओं की बढ़ती भूमिका
  • उपसंहार

उत्तर

प्रस्तावना समाज में महिलाओं की प्रस्थिति एवं उनके अधिकारों में वृद्धि ही महिला सशक्तीकरण है। महिला आज पुरुषों के साथ प्रत्येक क्षेत्र में कंधे-से-कंधा मिलाकर खड़ी है। आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका बढ़ती जा रही है। प्रशासन, राजनीति, खेल, प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका से वैश्विक परिदृश्य प्रभावित हुआ है। समय बदल रहा है, आज महिलाएँ घर से बाहर निकलकर स्वयं को सिद्ध करने में सक्षम हैं और सफल भी, इसलिए कहा भी गया है।

“यत्र नार्यस्तु पूजयंते रमंते तत्र देवता”
अर्थात् जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं।

महिलाओं को जीवन आज की ‘स्त्री’ में आगे बढ़ने की भावना है। जीवन एवं समाज के प्रत्येक क्षेत्र में कुछ कर-गुजरने की, . अपने अविराम-अथक परिश्रम से पूरी दुनिया में एक नया सवेरा लाने की और एक ऐसी सशक्त कहानी लिखने की, जिसमें महिला को अबला के रूप में न देखा जाए। वास्तव में, भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में पुरुष प्रधान समाज ने एक ऐसी सामाजिक संरचना निर्मित की, जिसमें प्रत्येक निर्णय लेने संबंधी अधिकार पुरुषों के पास ही सीमित रहें। आदिम समाज से लेकर आधुनिक समाज तक ‘आधी दुनिया के प्रति ऐसा भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण रखा गया, जिसने कभी भी स्त्रियों को एक व्यक्ति के रूप में स्वीकार नहीं किया। उसे या तो ‘देवी’ बनाया गया या फिर ‘भोग्य वस्तु। उसके व्यक्तित्व को उभरने का अवसर तो प्रदान ही नहीं किया गया।

समाज में महिलाओं को शुरू से ही पुरुषों के समान न समझकर घरेलू कामकाज के लिए अधिक उपयोगी समझा गया। अनेक वर्षों तक पश्चिमी देशों में भी महिलाओं की स्थिति भारत से बेहतर नहीं थी। भारत में उन्हें श्रद्धा और भक्ति की प्रतिमूर्ति मानकर भी चहारदीवारी के अंदर ही रखने का प्रयास किया गया। लेखिका तसलीमा नसरीन के शब्दों में, “वास्तव में, स्त्रियाँ जन्म से अबला नहीं होतीं, बल्कि उन्हें अबला बनाया जाता है।”

महिला सशक्तीकरण ‘महिला सशक्तीकरण’ महिलाओं के स्वावलंबन की महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है। सशक्त महिला का अर्थ ऐसी महिलाओं से है, जिनकी निर्णय क्षमता और नेतृत्व को मान्यता दी जा सके। पिछले कुछ वर्षों से समय बदल रहा है। आज दुनिया के अनेक देशों में राष्ट्राध्यक्ष महिलाएँ ही हैं। हमारे देश में ऐसी महिलाओं की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘पेप्सिको’ ने अपना प्रबंध निदेशक एक भारतीय महिला इंदिरा नूयी को बनाया है। सानिया मिर्जा और सायना नेहवाल के नक्शे कदम पर भारत की लड़कियाँ आगे बढ़ रही हैं। सुनीता विलियम्स तथा कल्पना चावला ने उनकी आँखों में ‘सपना’ दिया है।

महिलाओं की बढ़ती भूमिका इक्कीसवीं शताब्दी में संकल्प और दायित्व की परिभाषा को नवीन स्वरूप प्रदान कर महिलाएँ आगे आई हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है। स्त्री-पुरुष विषमता, कन्या भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा जैसी अनेक समस्याएँ महिलाओं की प्रगति में बाधक हैं। जब तक इन विसंगतियों को दूर करने की नीतियाँ नहीं बनाई जातीं, तब तक महिला सशक्तीकरण’ का संपूर्ण लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता।

उपसंहार ‘महिला सशक्तीकरण’ एक जीवन दर्शन है, जिसके लिए संपूर्ण राष्ट्र को प्रयास करना चाहिए। बालिका शिक्षा तथा महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। आज राजनीति में महिलाओं को स्थान तो मिला है, किंतु इसे और विस्तार देने की आवश्यकता है। महिलाओं को अभी आत्मनिर्भरता की ओर लंबी दूरी तय करनी है। सुभाषचंद्र बोस ने कहा भी है, “ऐसा कौन-सा कार्य है, जिसे हमारी महिलाएँ कर नहीं सकतीं तथा ऐसा कौन-सा कष्ट है, जिसे वो उठा नहीं सकतीं”

महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार और सभी क्षेत्रों में सक्रिय भागीदारी के लिए नीति-निर्धारकों को विचार करना होगा। कानून लागू करने वालों को अपने दायित्व का उचित निर्वाह करे ‘महिला सशक्तीकरण’ को प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाना चाहिए।

(ग) वृक्षों का महत्त्व

संकेत बिंदु

  • दैनिक जीवन में वृक्षों की उपयोगिता
  • पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक
  • उपसंहारे

उत्तर

दैनिक जीवन में वृक्षों की उपयोगिता वन हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी हैं, किंतु सामान्य व्यक्ति इनके महत्त्व को समझ नहीं पाते। वे वनों को प्राकृतिक संपदा मात्र मानते हैं। दैनिक जीवन में वनों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। वन हमें मनमोहक स्थान प्रदान करते हैं। वृक्षों के अभाव में पर्यावरण शुष्क हो जाता है और सौंदर्य नष्ट हो जाता है। वृक्ष स्वयं सौंदर्य की सृष्टि करते हैं। गर्मी के दिनों में बहुत-से पर्यटक पहाड़ों पर जाकर वनों की शोभा देखते हैं।

वनों से हमें विभिन्न प्रकार की लकड़ियाँ; जैसे-इमारती लकड़ी, जलाने की लकड़ी, देवाई में प्रयोग होने वाली लकड़ी प्राप्त होती हैं। ये लकड़ियाँ व्यापारिक दृष्टि से भी उपयोगी होती हैं वे इनमें सागौन, देवदार, चीड़, शीशम, चंदन, आबनूस इत्यादि प्रमुख हैं। वनों से लकड़ी के अतिरिक्त अनेक उपयोगी सहायक वस्तुओं की प्राप्ति होती है, जिनका अनेक उद्योगों में कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है; जैसे-फर्नीचर उद्योग, औषधि उद्योग इत्यादि। वनों से हमें विभिन्न प्रकार के फल प्राप्त होते हैं, जो जीवों का पोषण करते हैं। ऋषि-मुनि वनों में रहकर कंदमूल और फलों पर अपना जीवन निर्वाह करते थे। वनों से हमें अनेक जड़ी-बूटियाँ प्राप्त होती हैं। वनों से प्राप्त जड़ी बूटियों से अनेक असाध्य रोगों की दवाई प्राप्त होती है।

वनों में अनेक पशु-पक्षी होते हैं, जैसे-हिरण, नीलगाय, भालू , शेर, चीता, बारहसिंगा आदि। वन इन पशुओं की क्रीड़ास्थली हैं। ये पशु वनों में स्वतंत्र विचरण करते हैं, भोजन और संरक्षण पाते हैं। गाय, मैंस, बकरी, भेड़ आदि पालतू पशुओं के लिए वन विशाल चरागाह प्रदान करते हैं। भारतीय कृषि वर्षा पर निर्भर करती है और वर्षा मानसून पर निर्भर है। वन मानसून को अपनी ओर आकृष्ट करते हैं। और वर्षा से वन बढ़ते हैं।

पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक वन वायु को शुद्ध करते हैं, क्योंकि वृक्ष कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करके ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे पर्यावरण शुद्ध होता है। वनों से वातावरण का तापक्रम, नमी और वायुप्रवाह नियमित होता है, जिससे जलवायु में संतुलन बना रहता है। वन जलवायु की भीषण उष्णता को सामान्य बनाए रखते हैं। ये आँधी-तूफ़ानों से हमारी रक्षा करते हैं तथा गर्मी और तेज़ हवाओं को रोक कर देश की जलवायु को समशीतोष्ण बनाए रखते हैं। वृक्ष वर्षा के जल को सोख लेते हैं और उसे भूमि के गर्भ में ले जाकर रोके रहते हैं, जिससे भूमि के नीचे का जलस्तर ऊँचा हो जाता है और दूर तक के क्षेत्र हरे-भरे रहते हैं। और भूमिगत जल का स्तर घट नहीं पाता। वनों के कारण वर्षा का जल मंद गति से बहता है, जिससे भूमि कटाव नहीं होता। साथ ही पौधों की जड़ें मिट्टी के कणों को संभाले रहती हैं, उससे भी भूमि कटाव नहीं होता और ऊँची-नीची नहीं हो पाती, साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहती है।

उपसंहार वन हमारे जीवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बहुत उपयोगी हैं, इसलिए वनों का संरक्षण और संवर्द्धन बहुत आवश्यक है। इसके लिए जनता और सरकार का सहयोग अपेक्षित है। कुछ स्वार्थी लोग केवल धन के लालच की आशा से अमूल्य वनों को नष्ट करते जा रहे हैं, इसलिए आवश्यक है कि सरकार वन संरक्षण संबंधी नियमों का कठोरता से पालन कराकर भावी प्राकृतिक विपदाओं से रक्षा करे।

वन हमारी प्राकृतिक धरोहर हैं। हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए। वन हमारे और जीव-जंतुओं के लिए भी बहुत उपयोगी हैं। वृक्षों के महत्व को समझना हमारा कर्तव्य है।

उत्तर 13.

परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 05 मई, 20××
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी, दिल्ली नगर निगम
स्वास्थ्य विभाग, दिल्ली।

विषय क्षेत्र की सफ़ाई के संदर्भ में।

महोदय,

मैं प्रशासन का ध्यान क्षेत्र में फैली गंदगी और उससे बढ़ते हुए मच्छरों के प्रकोप की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। पूरे पटपड़गंज में आजकल मच्छरों का प्रकोप है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे मोहल्लों की सफ़ाई हेतु नगर निगम का कोई सफाई कर्मचारी गत दस दिनों से काम पर नहीं आ रहा है। अगर सफ़ाई कर्मचारी आते भी हैं, तो अपना कार्य ठीक प्रकार से नहीं करते हैं। कहने पर भी उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। परिणाम यह हुआ है कि रोगों के कीटाणु प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। मच्छरों के प्रकोप से मलेरिया और टायफाइड के मरीज तो प्रत्येक घर में हो गए हैं। आज की स्थिति यह है कि संपूर्ण वातावरण ही दुर्गंधमय हो गया है। इस मार्ग से गुजरते हुए लोगों को नाक बंद करनी पड़ती है। चारों ओर मक्खियाँ भिन-भिना रही हैं। अतः आपसे पटपड़गंज निवासियों की ओर से प्रार्थना है कि आप यथाशीघ्र निरीक्षण करें तथा सफ़ाई का नियमित प्रबंध करें। अन्यथा यहाँ के निवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

धन्यवाद!
प्रार्थी
रूपेश

अथवा

102, कश्मीरी गेट,
दिल्ली।
दिनांक 15 अप्रैल, 20××
प्रिय लता,
सस्नेह आशीष!

हम सब यहाँ सकुशल हैं और सदैव परमात्मा से तुम्हारी कुशलता की कामना करते हैं। माताजी-पिताजी तुम्हें याद करके कभी-कभी अत्यंत भावुक हो जाते हैं। लता! तुम्हें ज्ञात है कि पिताजी ने कितनी कठिनाइयाँ सहकर हमारा पालन-पोषण किया है और उनका सपना है कि तुम आई.ए.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण करो, परंतु तुम्हारे अध्यापकों व छात्रावास प्रभारी से मुझे ज्ञात हुआ है कि आजकल तुम्हारा ध्यान फैशन की ओर अधिक है और इस कारण तुम्हारा लक्ष्य प्रभावित होने लगा है।

मैं यह सुझाव देना चाहूँगा कि तुम खुद को एकाग्रचित्त करो तथा केवल अपने अध्ययन और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करो। वार्षिक परीक्षा आने वाली है। यदि तुम समय रहते नहीं संभली तो अत्यंत गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। और साथ ही तुम्हारा भविष्य भी अंधकारमय हो जाएगा। इसलिए मेरा परामर्श है कि अध्ययन पर ध्यान दो तथा

माता-पिता का स्वप्न व अपना लक्ष्य साकार करो।
माता-पिता की ओर से तुम्हें स्नेहशील आशीर्वाद!

तुम्हारा बड़ा भाई
क.ख.ग

उत्तर 14.

राजेश अंकल जी, ये आम कैसे हैं?

फल विक्रेता ₹ 50 किलो।

राजेश आम मीठे हैं या नहीं?

फल विक्रेता बहुत मीठे हैं।

राजेश ये कौन-सा आम है?

फल विक्रेता यह दशहरी आम है। यह आम लखनऊ क्षेत्र में विशेष रूप से मिलता है। हालाँकि, अब तो यह अन्य स्थानों पर भी फलने लगा है।

राजेश लखनऊ को दशहरी क्या अधिक अच्छा माना जाता है? यह दशहरी लखनऊ का ही है या अन्य जगह का?

फल विक्रेता भैया, तुम्हें आम खरीदना है या मात्र इसका इतिहास जानना है?

राजेश खरीदना तो है, लेकिन पूरी जानकारी प्राप्त करके।

फल विक्रेता तो, अब तो जान लिया। राजेश हाँ, ठीक है, ठीक है। दो किलो आम दे दीजिए।

अथवा

कैलाश अरे अविनाश! क्या कर रहा है?

अविनाश कुछ खास नहीं, खाली बैठा था तो सोचा कोई कहानी पढ़ लँ। कहानी पढ़कर तो मुझे अपनी पहली रेल यात्रा का स्मरण हो आया।

कैलाश क्यों भाई, ऐसा क्या हुआ था तुम्हारी पहली रेल यात्रा में?

अविनाश हुआ ये था कि मैं पटना से अपने परिवार के सदस्यों के साथ प्रयाग में लगे कुंभ मेले में संगम-स्नान करने के लिए इलाहाबाद जा रहा था। हमारी सीटें आरक्षित थीं, किंतु इसके पश्चात् भी भीड़ इतनी अधिक थी कि हमारी आरक्षित सीटों पर अन्य लोग आकर बैठ गए।

कैलाश मतलब …….. तुम लोगों को बैठने की सीट ही नहीं मिली।

अविनाश अरे यार! सीट तो मिली, लेकिन जिस सीट पर हम दो लोगों को बैठना था, उसमें हम चार लोग बैठे। इसलिए यात्रा का आनंद हम नहीं ले पाए; किंतु जैसे-जैसे ट्रेन आगे बढ़ने लगी, कई लोग उतरने लगे और कुछ समय पश्चात् ट्रेन में केवल वही लोग रह गए जिनकी सीटें आरक्षित थीं।

कैलाश अच्छा! फिर तो तुम लोग मजे करते हुए गए होंगे?

अविनाश हाँ यार, फिर मैंने पापा से आग्रह कर खिड़की वाली सीट ले ली और पूरे रास्ते खिड़की के बाहर के दृश्यों का आनंद लेने लगा। मेरा यह अनुभव बिलकुल नया था।

कैलाश हाँ मित्र! यह तो सच में नया ही अनुभव था।

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NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2

NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 are part of NCERT Solutions for Class 8 Maths. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2.

BoardCBSE
TextbookNCERT
ClassClass 8
SubjectMaths
ChapterChapter 7
Chapter NameCubes and Cube Roots
ExerciseEx 7.2
Number of Questions Solved4
CategoryNCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2

Question 1.
Find the cube root of each of the following numbers by prime factorisation method:
(i) 64
(ii) 512
(iii) 10648
(iv) 27000
(v) 15625
(vi) 13824
(vii) 110592
(viii) 46656
(ix) 175616
(x) 91125
Solution.
(i) 64
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 1

(ii) 512
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 2
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 3

(iii) 10648
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 4

(iv) 27000
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 5
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 6

(v) 15625
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 7

(vi) 13824
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 8
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 9

(vii) 110592
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 10
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 11

(viii) 46656
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 12
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 13

(ix) 175616
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 14
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 15

(x) 91125
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 16
NCERT Solutions for Class 8 Maths Chapter 7 Cubes and Cube Roots Ex 7.2 17

Question 2.
State true or false:
(i) Cube of any odd number is even,
(ii) A perfect cube does not end with two zeros.
(iii) If square of a number ends with 5, then its cube ends with 25.
(iv) There is no perfect cube which ends with 8.
(v) The cube of a two digit number may be a three digit number.
(vi) The cube of a two digit number may have seven or more digits.
(vii) The cube of a single digit number may be a single digit number.
Solution.
(i) False
(ii) True
(iii) False ⇒ \({ 15 }^{ 2 }\) = 225, \({ 15 }^{ 3 }\) = 3375
(iv) False ⇒ \({ 12 }^{ 3 }\) = 1728
(v) False ⇒ \({ 10 }^{ 3 }\) = 1000, \({ 99 }^{ 3 }\) = 970299
(vi) False ⇒ \({ 10 }^{ 3 }\) = 1000, \({ 99 }^{ 3 }\) = 970299
(vii) True ⇒ \({ 1 }^{ 3 }\) = 1; \({ 2 }^{ 3 }\) = 8

Question 3.
You are told that 1,331 is a perfect cube. Can you guess without factorization what is its cube root? Similarly, guess the cube roots of 4913, 12167, 32768.
Solution.
By guess,
Cube root of 1331 =11
Similarly,
Cube root of 4913 = 17
Cube root of 12167 = 23
Cube root of 32768 = 32
EXPLANATIONS
(i)
Cube root of 1331
The given number is 1331.

Step 1. Form groups of three starting from the rightmost digit of 1331. 1 331
In this case, one group i.e., 331 has three digits whereas 1 has only 1 digit.
Step 2. Take 331.
The digit 1 is at one’s place. We take the one’s place of the required cube root as 1.
Step 3. Take the other group, i.e., 1. Cube of 1 is 1.
Take 1 as ten’s place of the cube root of 1331.
Thus, \(\sqrt [ 3 ]{ 1331 } =11\)

(ii)
Cube root of 4913
The given number is 4913.

Step 1. Form groups of three starting from the rightmost digit of 4913.
In this case one group, i.e., 913 has three digits whereas 4 has only one digit.
Step 2. Take 913.
The digit 3 is at its one’s place. We take the one’s place of the required cube root as 7.
Step 3. Take the other group, i.e., 4. Cube of 1 is 1 and cube of 2 is 8. 4 lies between 1 and 8.
The smaller number among 1 and 2 is 1.
The one’s place of 1 is 1 itself. Take 1 as ten’s place of the cube root of 4913.
Thus, \(\sqrt [ 3 ]{ 4913 } =17\)

(iii)
Cube root of 12167
The given number is 12167.

Step 1. Form groups of three starting from the rightmost digit of 12167.
12 167. In this case, one group, i. e., 167 has three digits whereas 12 has only two digits.
Step 2. Take 167.
The digit 7 is at its one’s place. We take the one’s place of the required cube root as 3.
Step 3. Take the other group, i.e., 12. Cube of 2 is 8 and cube of 3 is 27. 12 lies between 8 and 27. The smaller among 2 and 3 is 2.
The one’s place of 2 is 2 itself. Take 2 as ten’s place of the cube root of 12167.
Thus, A/12167 = 23.
Thus, \(\sqrt [ 3 ]{ 12167 } =23\).

(iv)
Cube root of 32768
The given number is 32768.

Step 1. Form groups of three starting from the rightmost digit of 32768.
32 768. In this case one group,
i. e., 768 has three digits whereas 32 has only two digits.
Step 2. Take 768.
The digit 8 is at its one’s place. We take the one’s place of the required cube root as 2.
Step 3. Take the other group, i.e., 32.
Cube of 3 is 27 and cube of 4 is 64.
32 lies between 27 and 64.
The smaller number between 3 and 4 is 3.
The ones place of 3 is 3 itself. Take 3 as ten’s place of the cube root of 32768.
Thus, \(\sqrt [ 3 ]{ 32768 } =32\).

 

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