CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 1

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CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 1

BoardCBSE
ClassIX
SubjectHindi B
Sample Paper SetPaper 1
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 9 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme, as prescribed by the CBSE, is given here. Paper 1 of Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A is given below with free PDF download solutions.

समय :3 घंटे
पूर्णांक : 80

निर्देश

1. इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं-क, ख, ग और घ।
2. चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
3. यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए।

खंड {क} अपठित बोध [15 अंक]

प्रश्न 1:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (9)

शिक्षा, शिक्षक और छात्र, तीनों का परस्पर संबंध एक-दूसरे के अस्तित्व के लिए उतना ही जरूरी है, जितना शरीर में विभिन्न अंगों का। किसी भी एक अंग में विकृति आने से संपूर्ण शैक्षणिक व्यवस्था संकटग्रस्त हो जाती है। प्राय: कई कारणों से वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर विद्वानों द्वारा प्रश्न उठाए जाते रहे हैं। पूर्व में भारत विद्या और शिक्षा का महत्त्वपूर्ण केंद्र था, जोकि गुरुकुल पद्धति पर आधारित था और जहाँ गुरु और शिष्य परंपरा स्वार्थ और लालच से ऊपर थी।
वर्तमान में देखें तो शिक्षा और गुरु का संबंध ग्राहक और विक्रेता की तरह बन गया है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि शिक्षा का मौद्रीकरण होना शुरू हुआ है और अंतत: इसका दुष्परिणाम शिक्षा की गुणवत्ता के दूषित होने के रूप में दिखा है। जहाँ एक तरफ़ शैक्षणिक केंद्रों में मोल-भाव होता है और डिग्री बाँटने वाली दुकानें हर गली-मोहल्ले में खुल गई हैं, वहीं दूसरी तरफ़ परीक्षा में सफल कराने के वादों के साथ नित नए-नए कोचिंग सेंटर भी इस खेल में अपनी दुकान लगातार बढ़ा रहे हैं।
इनका परिणाम न केवल शिक्षा के स्तर को बिगाड़ने के रूप में दिख रहा है, बल्कि ये शिक्षक और छात्र के संबंधों को भी दूषित कर रहे हैं। एक शिक्षा केंद्र में पहली जरूरत शिक्षक की योग्यता होती है, जबकि वर्तमान के शिक्षा बाज़ार में यह मुद्दा भी हाशिए पर है। वैश्विक स्तर पर शिक्षा का महत्त्व प्राचीन समय से विद्यमान है। और इसके वाहक गुरु होते थे, जिनका सम्मान और आदर आमजन से लेकर राजे-महाराजे तक करते थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि ये शिक्षक या गुरु योग्य होते थे।

(क) शिक्षा, शिक्षक और छात्र की तुलना किससे की गई है और क्यों? (2)
(ख) “शिक्षा का मौद्रीकरण होना शुरू हुआ है”-इस पंक्ति का क्या अभिप्राय है? (2)
(ग) शिक्षा का स्तर बिगाड़ने के लिए कौन जिम्मेदार हैं? (2)
(घ) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक बताते हुए उसकी तार्किक व्याख्या कीजिए। (2)
(ङ) ‘विकृति’ शब्द में से उपसर्ग व मूल शब्द अलग-अलग कीजिए।(1)

प्रश्न 2:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (6)
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 1 im2
(क) प्रस्तुत काव्यांश में किसकी बहादुरी का वर्णन किया गया है? उसकी किसी एक विशेषता पर प्रकाश डालिए।
(ख) राणा प्रताप के घोड़े चेतक को कोड़ा क्यों नहीं मारना पड़ता था?
(ग) निम्नलिखित शब्दों के समानार्थक शब्द लिखिए
(i) अरि , (ii) घोड़ा

खंड {ख} व्याकरण [15 अंक]

प्रश्न 3:
निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए   (2)
(i) संहार
(ii) दृग

प्रश्न 4:
(क) अनुनासिक संबंधी अशुद्धियों को दूर करके शब्दों को पुनः लिखिए (3)
(i) आंख
(ii) कांटा

(ख) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर लगे अनुस्वार वाले शब्द छाँटिए
सयंम, मंदाकिनी, संगति, हँसना

(ग) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थानों पर नुक्ते का प्रयोग करके उन्हें पुनः लिखिए
(i) जालिम
(ii) फैसला

प्रश्न 5:
(क) निर्विघ्न’ शब्द में से मूल शब्द व प्रयुक्त उपसर्ग को अलग-अलग करके लिखिए।  (3)
(ख) ‘लिखाई’ शब्द में से मूल शब्द व प्रयुक्त प्रत्यय को अलग-अलग करके लिखिए।
(ग) ‘पर’ उपसर्ग का प्रयोग करके नया शब्द बनाइए।

प्रश्न 6:
(क) निम्नलिखित शब्दों की संधि कीजिए (2)
(i) निः + यात
(ii) देवी + अर्पण

(ख) निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए
(i) स्वागतम्
(ii) सज्जन

प्रश्न 7:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए (3)
(क) विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग कहाँ किया जाता है?
(ख) हिंदू-मुसलमान’ में कौन-सा विराम चिह्न प्रयुक्त हुआ है?
(ग) “डॉ.’ शब्द में कौन-सा चिह्न प्रयुक्त हुआ है?

खंड {ग} पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक [25 अंक]

प्रश्न 8:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (5)
(क) ‘दुःख का अधिकार’ पाठ के आधार पर बताइए कि भगवाना की मृत्यु कैसे हुई? (2)
(ख) लेखक ने महादेव जी की सज्जनता व सहृदयता की तुलना किससे वे क्यों की है? ‘शुक्रतारे के समान’ पाठ के आधार पर बताइए। (2)
(ग) कीचड़ का काव्य पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि कीचड़ जैसा रंग कैसे लोग पसंद करते हैं? (1)

प्रश्न 9:
लेखिका के तंबू पर बर्फ गिरने का वर्णन कीजिए। ‘एवरेस्टः मेरी शिखर यात्रा’ कहानी के आधार पर लगभग 100 शब्दों में उत्तर दीजिए। (5)
अथवा
“तुम कब जाओगे, अतिथि’ पाठ का सारांश 100 शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 10:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (5)
(क) कवि रैदास ने स्वयं को किसका अंश माना है तथा उससे अपनी एकात्मकता किस रूप में व्यक्त की है? (2)
(ख) ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्त्व को ‘रहीम के दोहे के आधार पर बताइए। (2)
(ग) ‘नए इलाके में कविता में समय की कमी की ओर इशारा क्यों किया गया है? (1)

प्रश्न 11:
‘आदमीनामा’ कविता के आधार पर आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख लगभग 100 शब्दों में कीजिए। (5)
अथवा
सुखिया के पिता किससे आहत हुए तथा उन्होंने क्या सोचा? ‘एक फूल की चाह’ कविता के आधार पर 100 शब्दों में उत्तर दीजिए।

प्रश्न 12:
महिसागर नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य था? इससे लोगों की किन भावनाओं की झलक मिलती है? ‘दीये जल उठे’ पाठ के आधार पर 150 शब्दों में उत्तर दीजिए। (5)
अथवा
पाकिस्तान में हिंदू-मुसलमानों के मध्य संबंधों में क्या अंतर था? आपके अनुसार क्या यह उचित था? ‘हामिद खाँ’ कहानी के आधार पर 150 शब्दों में उत्तर दीजिए।

खंड {घ} लेखन [25 अंक]

प्रश्न 13:
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (5)

1. राष्ट्रीय एकता
संकेत बिंदु

  •  राष्ट्रीय एकता का अर्थ
  • राष्ट्रीय एकता का व्यापक महत्त्व
  • राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता

2. मेरे प्रिय कवि
संकेत बिंदु

  • प्रिय कवि का व्यक्तित्व
  • उनके प्रिय होने का कारण
  • उनकी विशेषता

3. खेल का महत्त्व
संकेत बिंदु

  • खेल संबंधी सामान्य धारणा
  • जीवन में उसका महत्त्व
  • व्यक्तित्व पर प्रभाव

प्रश्न 14:
अपने मित्र को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए, जिसमें उससे ‘स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ने का आग्रह किया गया हो। (5)
अथवा
आपके एक मित्र ने एक पुस्तक मात्र 15 दिन तक पढ़ने के लिए आपसे ली थी। एक माह से अधिक समय बीत गया। बार-बार माँगने पर भी उसने पुस्तक आज तक नहीं लौटाई। नाराज़गी प्रकट करते हुए अपने मित्र को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखकर तुरंत पुस्तक लौटाने का आग्रह कीजिए।

प्रश्न 15:
दिए गए चित्र को ध्यान से देखकर 20 से 30 शब्दों में चित्र का वर्णन अपनी भाषा में प्रस्तुत कीजिए। (5)
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 1 im15
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Paper 1 im15a

प्रश्न 16:
दो मित्रों के बीच अपने करियर से संबंधित होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।  (5)
अथवा
‘रक्तदान के विषय में दो युवाओं के मध्य होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 17:
किसी मोबाइल फ़ोन से संबंधित विज्ञापन 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।  (5)
अथवा
संगीत एवं नृत्य संस्थान की ओर से लगभग 25-50 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए।

जवाब

उत्तर 1:
(क) गद्यांश में शिक्षा, शिक्षक और छात्र की तुलना शरीर के विभिन्न अंगों से की गई है। जिस प्रकार शरीर के किसी एक अंग में विकृति आ जाने से पूरे शरीर को कष्ट होता है, उसी प्रकार शिक्षा, शिक्षक और छात्र में से किसी एक में भी विकृति आ जाने से पूरी शैक्षणिक व्यवस्था ही संकट से घिर जाती है। अतः इन तीनों का परस्पर संबंध एक-दूसरे के अस्तित्व के लिए बहुत आवश्यक है।
(ख) “शिक्षा का मौद्रीकरण होना शुरू हुआ है” – इस पंक्ति का अभिप्राय यह है कि वर्तमान युग में शिक्षा को धन से तौलकर देखा जा रहा है अर्थात् शिक्षा को व्यवसाय का माध्यम बनाकर उससे केवल धनार्जन करने का प्रयास किया जा रहा है।

(ग) शिक्षा का स्तर बिगाड़ने के लिए वे लोग जिम्मेदार हैं, जो मोल-भाव करके डिग्री बाँटने वाले दुकानदार बनकर बैठे हुए हैं और परीक्षा में सफल कराने का आश्वासन देकर धन कमाने का कार्य करते हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य केवल धन कमाना है, शिक्षा देना नहीं।

(घ) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक ‘शिक्षा का व्यवसायीकरण’ हो सकता है, क्योंकि संपूर्ण गद्यांश में शिक्षा के व्यावसायिक होने के कारण शिक्षक – छात्र संबंध और शिक्षा पद्धति में आए परिवर्तनों पर चर्चा की गई है।

(ङ) शब्द                 उपसर्ग             मूल शब्द
विकृति                    वि                   कृति

उत्तर 2:
(क) प्रस्तुत काव्यांश में महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की बहादुरी का वर्णन किया गया है। उसकी विशेषता यह है कि वह हवा से भी अधिक तीव्र गति से दौड़ता है।
(ख) राणा प्रताप के घोड़े चेतक को कोड़ा इसलिए नहीं मारना पड़ता था, क्योंकि वह अपने कार्य में कुशल था अर्थात् कोड़ा मारने से पहले ही वह तीव्र गति से दौड़ने लगता था।
(ग) शब्द                                 समानार्थक शब्द
(i) अरि                     –         शत्रु, दुश्मन, बैरी, रिपु
(ii) घोड़ा                   –        अश्व, तुरंग, घोटके, रविसुत

उत्तर 3:
(i) स् + अं + ह् + आ + र् + अ
(ii) दृ + ऋ + ग् + अ

उत्तर 4:
(क) (i) आँख             (ii) काँटा.
(ख) (i) मंदाकिनी       (ii) संगति
(ग) (i) ज़ालिम           (ii) फैसला

उत्तर 5:
(क) उपसर्ग       निर्र्             मूल शब्द             विघ्न
(ख) मूल शब्द    लिख             प्रत्यय                आई।
(ग) परोपकारे

उत्तर 6:
(क) (i) निर्यात (ii) देव्यर्पण
(ख) (i) सु + आगतम् (ii) सत् + जने

उत्तर 7:
(क) दुःख, आश्चर्य, हर्ष, घृणा आदि मनोभावों को प्रकट करने के लिए विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
(ख) ‘हिंदू-मुसलमान’ में योजक चिह्न (-) का प्रयोग हुआ है। योजक चिह्न का प्रयोग समस्त पद के खंडों को जोड़ने के लिए उनके मध्य में किया जाता है; जैसे-हिंदू-मुसलमान आदि।
(ग) किसी बड़े शब्द को छोटा लिखने के लिए उसके प्रथम अक्षर को लिखकर उसके आगे (०) शून्य लगा दिया जाता है, वहाँ लाघव चिह्न होता है; जैसे- ‘डॉ.’ शब्द में लाघव चिह्न है, इसका पूर्ण रूप डॉक्टर है।

उत्तर 8:
(क) भगवाना तेईस वर्ष का जवान युवक था। वह प्रतिदिन खरबूजों की डलिया बाज़ार में पहुँचाता था। एक दिन वह प्रातःकाल खेत से पके हुए खरबूजे तलाश कर रहा था। वह बेल में लगे खरबूजे चुनने के बाद कुछ देर विश्राम करने के लिए गीली मेड़ के पास पहुँचा, तो उसका पैर एक साँप पर पड़ गया और साँप ने उसे डस लिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
(ख) लेखक ने महादेव जी की सज्जनता व सहृदयता की तुलना | बिहार और उत्तर प्रदेश के हज़ारों मील लंबे समतल मैदानों से की है, क्योंकि वहाँ न तो खुरदरी मिट्टी है और न ही कंकरी।
(ग) कलाभिज्ञ लोग अर्थात् कलाकार, चित्रकार, मूर्तिकार, छायाकार (फोटोग्राफर) आदि कीचड़ जैसा रंग पसंद करते हैं।’

उत्तर 9:
रात में लगभग साढ़े बारह बजे थे तथा लेखिका गहरी नींद में थी। अचानक लेखिका के सिर के पीछे कोई भारी व कठोर वस्तु टकराई और ज़ोर से आवाज़ हुई।

लेखिका नींद से जाग गई, उसे साँस लेने में परेशानी होने लगी। उसने देखा कि एक विशाल बर्फ का हिमखंड टूटकर उसके तंबू पर गिर गया है। वह लंबा बर्फ़ का पिंड लेखिका के कैंप के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर नीचे गिरा था। उस विशाल बर्फ पुंज ने एक्सप्रेस रेलगाड़ी की गति से आते हुए तथा भीषण गर्जना करते हुए सारे कैंप को तहस-नहस कर दिया था। लगभग प्रत्येक व्यक्ति को चोट लगी थी और लेखिका हो। बर्फ में दब ही गई थी, परंतु अच्छी बात यह थी कि किसी की मृत्यु नहीं हुई थी।

अथवा

‘तुम कब जाओगे, अतिथि’ पाठ में लेखक और उसकी पत्नी भारतीय परंपरा के अनुसार, अतिथि का बढ़-चढ़कर स्वागत-सत्कार करते हैं। उन्हें लगता है कि अतिथि सम्मान-सत्कार की स्मृतियाँ लेकर अगले दिन लौट जाएगा, लेकिन अतिथि तो जाने के लिए तैयार ही नहीं था। आज की महँगाई के समय में सीमित आय वाले लोग अधिक दिनों तक अतिथि का स्वागत-सत्कार नहीं कर सकते। लेखक ने अनेक प्रकार के उदाहरणों, कार्यों द्वारा अतिथि को चले जाने का संकेत दिया था, फिर भी अतिथि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। लेखक के घर उपवास रखने की स्थिति उत्पन्न होने लगी थी। प्रेम संबंधों में मतभेद उत्पन्न होने लगे थे। अतिथि लेखक को मानव नहीं, राक्षस का प्रतिरूप दिखने लगा था। अब केवल एक ही उपाय बचा था कि लेखक भी सभ्यता का आवरण उतारकर अतिथि को सीधे जाने के लिए कह दे।।

उत्तर 10:
(क) कवि ने ईश्वर को सर्वगुण संपन्न बताते हुए स्वयं को ईश्वर का अंश माना है। ईश्वर के साथ अपनी एकात्मकता को अनेक रूपों में व्यक्त करते हुए रैदास कहते हैं कि प्रभु चंदन हैं, तो वह पानी, प्रभु बादल हैं, तो वह मोर, प्रभु दीपक हैं, तो वह । बाती, प्रभु मोती हैं, तो वह धागा, प्रभु चाँद हैं, तो वह चकोर। इस प्रकार दोनों का मिलन सोने एवं सुहागे के मिलन जैसा पवित्र एवं महत्त्वपूर्ण है। वास्तव में, दोनों में अभिन्न संबंध है।

(ख) ‘मोती’ के संदर्भ में ‘पानी’ का अर्थ है-चमक रहीम का कहना है कि चमक के बिना मोती का कोई मूल्य नहीं होता है।
‘मानुष’ के संदर्भ में ‘पानी’ का अर्थ है-आत्म-सम्मान। रहीम का कथन है कि आत्म-सम्मान के बिना मनुष्य का कोई मूल्य नहीं होता है।
‘चुन’ के संदर्भ में पानी का महत्त्व सर्वोपरि है। बिना पानी के आटे की रोटी नहीं बनाई जा सकती। इसलिए वहाँ पानी का । होना अनिवार्य है।

(ग) कविता में समय की कमी की ओर इशारा इसलिए किया गया है, क्योंकि लोगों की स्वयं में अत्यधिक व्यस्तता ने एक दूसरे के प्रति उनके भीतर की आत्मीयता को समाप्त कर दिया है।

उत्तर 11:
‘आदमीनामा’ कविता के रचयिता कवि नज़ीर अकबराबादी अपनी कविता के माध्यम से कहना चाहते हैं कि आदमी की प्रवृत्तियाँ भिन्न-भिन्न हैं। वह धन-संपदा का स्वामी बनना चाहता है। धनवान, भोगी एवं राजा बनना चाहता है। वह सद्गुरु बनकर लोगों को उपदेश देना चाहता है। वह दुनिया में अत्यधिक सम्मान प्राप्त करना चाहता है। वह करुणामय भी है तथा दूसरों की सहायता के लिए अपने प्राणों की बाज़ी भी लगा देता है।
वह दीन-दुःखियों की सहायता करना चाहता है। वह धार्मिक भी है और मानवता की सेवा करना चाहता है, लेकिन इन सबके साथ-साथ वह स्वार्थी भी होता है। वह अपने स्वार्थ के कारण दूसरों को कष्ट भी पहुँचाता है। वह चोरी भी करता है और हिंसा में भी लिप्त रहता है। अपने लाभ के लिए वह दूसरों की जान तक ले लेता है। वह दूसरों को अपमानित भी करता है। और उनसे लड़ता-झगड़ता भी है। इस प्रकार आदमी के अंदर दोनों प्रकार की विपरीत प्रवृत्तियाँ देखने को मिलती हैं।

अथवा
भक्तों के व्यवहार से आहत होकर सुखिया के पिता ने उन्हें दुष्ट कहकर संबोधित किया। सुखिया का पिता अपनी पुत्री की अंतिम इच्छानुसार देवी के मंदिर से पूजा का फूल लेने आया था। मंदिर में भक्तों द्वारा उसे पहचान लिया जाता है कि वह अछूत है। सभी ने मिलकर उसे बुरी तरह पीटा जिस पर वह कहता है कि मेरे मंदिर में प्रवेश करने से तुम्हारी देवी की । महानता कैसे कम हो गई? क्या मेरी कलुषता उनके गौरव की अपेक्षा अधिक है? दुष्ट भक्तों! तुम ऐसा तुच्छ विचार करके भी स्वयं को माँ का भक्त कहते हो। देवी माँ किसी को छूत-अछूत नहीं मानती। उनकी दृष्टि में सभी समान हैं।
अतः कहा जा सकता है कि समाज में व्याप्त सामाजिक अस्पृश्यता ने समाज में मानवीय संवेदनाओं को नष्ट कर दिया। है। इसी कुरीति के कारण पिता अपनी पुत्री सुखिया को खो बैठता है।

उत्तर 12:
महिसागर नदी के दोनों किनारों पर उत्साहपूर्ण वातावरण था। हज़ारों लोग सत्याग्रहियों के स्वागत में खड़े थे। उन लोगों के हाथों में जलते दीये जागृति के स्वतः प्रमाण थे। ऐसा लग रहा। था जैसे सभी गांधी और पटेल के नेतृत्व में देश के सपनों को पूरा करने के लिए पूर्णतः तत्पर हैं। नदी के दोनों तटों पर लोगों द्वारा लगाए जाने वाले ‘महात्मा गांधी की जय’, ‘सरदार पटेल की जय’ और ‘जवाहरलाल नेहरू की जय’ के नारे गूंज रहे थे। लोग स्वराज प्राप्ति के लिए सजग, उत्साहित और कटिबद्ध थे। महिसागर नदी के दोनों किनारों पर लगी लोगों की भारी भीड़ स्पष्ट रूप से यह दर्शा रही थी कि लोग पूर्ण समर्पण एवं निःस्वार्थ भावना से अपने देश को प्रेम करते हैं तथा उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। लोगों ने वहाँ व्याप्त अँधेरे को भेदने के लिए अपने हज़ारों हाथों में हज़ारों दीये जलाए, ताकि दोनों ओर के लोग नदी पार कर सकें।।
उन्होंने प्रत्येक कदम पर गांधीजी एवं उनके सत्याग्रही साथियों की सहायता करने का प्रयास किया। राष्ट्र एवं राष्ट्र के सेवकों के प्रति उनके निःस्वार्थ समर्पण की भावना उनकी प्रत्येक गतिविधि से झलक रही थी।

अथवा
हामिद खाँ के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू-मुसलमानों के मध्य अच्छे संबंध नहीं थे। वहाँ दोनों संप्रदायों के बीच धार्मिक विषमता बहुत अधिक थी। हिंदुओं द्वारा मुसलमानों को अत्याचार करने वालों की संतान समझा जाता था। पाकिस्तान में हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे के त्योहारों में सम्मिलित नहीं होते। वहाँ न कोई हिंदू, मुस्लिम होटल में खाना खाता है और न ही कोई मुस्लिम, हिंदू दुकान पर जाता है। इस दुनिया में उन्हें शैतानों की भाँति छुप-छुप कर चलना पड़ता था। अतः हामिद खाँ के अनुसार दोनों समुदायों में यह अंतर बहुत अधिक था। किसी भी जाति, धर्म, समुदाय या नस्ल के मनुष्यों के बीच भेदभाव करना, असमानता स्थापित करना  ईश्वरीय इच्छा के विपरीत है।
ईश्वर ने सभी मनुष्यों को एक समान बनाया है. हमने उनमें विभाजन उत्पन्न किया है। सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान हैं। अतः उनके बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव किया जाना, किसी भी प्रकार से उचित नहीं हो सकता है।

उत्तर 13.1:
देश के नागरिकों को बिना किसी जातीय, सांप्रदायिक वनस्लीय भेदभाव के एक साथ रहना ही राष्ट्रीय एकता है। यह किसी भी राष्ट्र की एक प्रबल शक्ति होती है। यह वीरता और बलिदान संबंधी कार्यों को भी प्रेरित करती है। यह जनता में आत्मविश्वास की भावना उत्पन्न करती है, जिससे देशवासी उन्नति के पथ पर आगे बढ़ते हैं।
विश्व स्तर पर देखें, तो स्पष्ट हो जाएगा कि राष्ट्रीय एकता के बिना किसी राष्ट्र का विकास के पथ पर अग्रसर होना अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो जाता है। राष्ट्रीय एकता में ही राष्ट्र की सारी शक्तियाँ केंद्रित होती हैं और एक शक्ति-स्रोत का जन्म होता है।
वर्तमान समय में अनेक नकारात्मक और उन्मादी सोच वाले व्यक्ति या समूह भारतवर्ष की एकता खंडित करने के लिए प्रयासरत हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि निजी हित और अलगाववादी तत्त्वों को पूरी दृढ़ता से नकार कर हम राष्ट्र को एकता की मज़बूती से बाँधकर रखें, क्योंकि राष्ट्रीय एकता पर ही राष्ट्र की अखंडता निर्भर करती है।

उत्तर 13.2:
मेरे प्रिय कवि हिंदी के भक्तिकालीन संत कवि कबीर हैं। कबीर का संतुलित एवं विशिष्ट व्यक्तित्व तथा उनके विचारों ने मुझे सदैव प्रभावित किया है। वे ईश्वर के सजग भक्त थे। गुरु, ज्ञान, कर्म, धर्म और अध्यात्म की उन्होंने सच्ची विवेचना की है। वे जो स्वयं करते थे, वही अपने अनुयायियों से भी अपेक्षा रखते थे। उनके व्यक्तित्व में मन, वचन और कर्म की एकता परिलक्षित होती है। कबीर के दोहे या पद स्वयं में सामाजिक परिवर्तन के सकारात्मक उद्देश्यों को समेटे हुए हैं। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों; जैसे-जात-पाँत, छुआछूत, ऊँच-नीच आदि पर तीक्ष्ण प्रहार किया है। कबीरदास पुस्तकीय ज्ञान को महत्त्व न देकर अनुभव आधारित ज्ञान को महत्त्व देते थे। उन्होंने सदा सत्य का साथ दिया है, इसलिए वह सभी के लिए लोकप्रिय कवि बन गए हैं। उनकी विशेषता यह है कि वे संत होकर भी क्रांतिदर्शी थे। उनकी भक्ति अंधभक्ति या पाखंडपूर्ण नहीं थी। कबीर के पदों में सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग देखने को मिलता है, जो जनमानस को सीधे इनसे जोड़ता है। वास्तव में, कबीर एक प्रकाश पुंज थे, जिन्होंने एक विशाल समाज का पथ आलोकित किया।

उत्तर 13.3:
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। खेल, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। यद्यपि खेल के प्रति लोगों की प्राचीन धारणा यह थी कि इससे समय और धन की बर्बादी होती है, परंतु वर्तमान समय में खेल के माध्यम से सफलता के शिखर पर पहुँचने वालों ने इस मिथक को ध्वस्त कर दिया है। खेल व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर स्वस्थ रखने का उत्तम साधन है, इसलिए खेल का जीवन में अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। यही कारण है कि विद्यालयों में खेल को एक विषय के रूप में स्थान दिया गया है। खेलने वाला व्यक्ति जीवन में विभिन्न स्पर्धाओं का सामना करने में अत्यंत सक्षम होता है। वह हारकर भी जीतने का साहस रखता है, साथ ही प्रतिद्वंद्वी की सफलता की सराहना भी करता है। खेल हमारे व्यक्तित्व को निखारता है। आज यह आर्थिक, सामाजिक, स्वास्थ्य, राष्ट्रीय आदि अनेक पक्षों से संबद्ध होकर अपनी सार्थक महत्ता सिद्ध कर रहा है।

उत्तर 14:
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 09 अगस्त, 20XX
प्रिय मित्र अंकिता,
आशा है कि तुम्हारी पढ़ाई ठीक प्रकार से चल रही होगी और तुम मन लगाकर परीक्षा की तैयारी में लगी होगी। तुम्हें यह जानकर खुशी होगी कि हमारे विद्यालय ने प्रधानमंत्री द्वारा चलाए गए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से जुड़ने का निश्चय किया है। विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएँ अपने-अपने क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान से जुड़ेंगे। वे प्रत्येक रविवार को विभिन्न स्थानों पर अपने अध्यापकों के मार्गदर्शन में समूह बनाकर स्वच्छता का कार्य करेंगे। मैं चाहती हूँ कि तुम भी अपने विद्यालय के सहपाठियों तथा अध्यापकों से इस संबंध में बातचीत करो और अपने अन्य मित्रों को भी इस कार्य में सहयोगी बनने के लिए प्रेरित करो। तुम जानती ही हो कि स्वच्छता के विषय में हमारा देश बहुत पीछे है, यदि हम अपने आस-पास के वातावरण को गंदगी से मुक्त रखेंगे तथा स्वच्छ बनाएँगे, तो यह बहुत महत्त्वपूर्ण कदम होगा।

मुझे पूरी आशा है कि तुम स्वच्छ भारत अभियान से जुड़कर भारत को स्वच्छ बनाने में अपना पूरा सहयोग दोगी।
अंकल-आंटी को मेरा नमस्कार कहना।
तुम्हारी अभिन्न मित्र
क. ख, ग,

अथवा

बी-ब्लॉक, उत्तम नगर,
दिल्ली।
दिनांक 09.04.20XX
प्रिय मित्र राज,
मैं यहाँ सपरिवार कुशलपूर्वक हूँ तथा कामना करता हूँ कि तुम भी सकुशल होंगे। शायद तुम्हें स्मरण होगा कि दो माह पूर्व तुमने मुझसे हिंदी की ‘गुनाहों का देवता’ नामक पुस्तक ली थी और 15 दिनों में पढ़कर लौटाने का वादा किया था, परंतु आज दो माह बाद भी, अनेक बार आग्रह करने के पश्चात् भी तुमने यह पुस्तक मुझे नहीं लौटाई है।
मित्र, इस प्रकार की बहानेबाज़ी सदैव नहीं चल सकती। अब मुझे शंका होने लगी है कि कहीं लापरवाही के कारण तुमने यह पुस्तक गुम तो नहीं कर दी है? इस प्रकार की लापरवाही व चुप्पी हमारी मित्रता में दरार का कारण भी बन सकती है। मेरा पुनः एवं अंतिम अनुरोध है कि तुम यह पुस्तक यथाशीघ्र मुझे वापस कर दो। मुझे आशा है कि तुम मुझे निराश नहीं करोगे। तुम्हारा मित्र राजन

उत्तर 15:
(i) दिए गए चित्र में एक उद्यान दिखाया गया है, जिसमें एक तालाब है और उसमें बत्तखें तैर रही हैं।
(ii) चित्र में एक महिला व दो बच्चे दिखाई दे रहे हैं।
(iii) बच्चे तालाब में कागज़ की नावे चला रहे हैं।
(iv) आकाश में बादल छाए हुए हैं और वर्षा हो रही है।
(v) वर्षा से बचने के लिए महिला छतरी लेकर खड़ी है।

अथवा

(i) प्रस्तुत चित्र में एक सपेरा, साँप का खेल दिखा रहा है।
(ii) वह बीन बजाकर साँप को नचा रहा है। उसके पास एक पोटली रखी हुई है।
(iii) जमीन पर दो साँप रेंग रहे हैं तथा एक साँप टोकरे में अपना फन उठाकर बैठा हुआ है।
(iv) पीछे की ओर कुछ झोंपड़ियाँ तथा पेड़ दिखाई दे रहे हैं।
(v) यह चित्र किसी ग्रामीण क्षेत्र का लग रहा है।

उत्तर 16:
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उत्तर 17:
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अथवा
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