Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 1 देवव्रत

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 1 देवव्रत are prepared by our highly skilled subject experts.

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 1 देवव्रत

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 1

पाठाधारित प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नदी के किनारे पर खडी कन्या कौन थी?
उत्तर:
नदी के किनारे खड़ी कन्या गंगा थी।

प्रश्न 2.
शांतनु के सामने पत्नी बनने के लिए गंगा ने क्या शर्त रखी थी?
उत्तर:
गंगा ने पत्नी बनने के लिए राजा शांतनु से शर्त रखी थी कि मैं कुछ भी करूँ, आप मुझसे कुछ नहीं कहेंगे।

प्रश्न 3.
शांतनु के द्वारा गंगा की शर्त मान लेने पर क्या परिणाम हआ?
उत्तर:
शांतनु के द्वारा सारी शर्त मान लेने के बाद गंगा उसकी पत्नी बन गई। बीते समय के साथ-साथ गंगा ने कई तेजस्वी पुत्रों को जन्म दिया और उन्हें गंगा की धारा में बहाती रही।

प्रश्न 4.
अपने पुत्रों को नदी की धारा में बहाने के बाद गंगा कहाँ जाती थी?
उत्तर:
अपने पुत्रों को नदी की धारा में बहाने के बाद गंगा हँसती-मुसकराती हुई शांतनु के महल में आ जाती थी।

प्रश्न 5.
राजा शांतनु गंगा के द्वारा अपनी संतान को नदी के धारा में बहाते हुए देखकर भी कुछ क्यों नहीं बोल पाते थे?
उत्तर:
राजा शांतनु गंगा को संतान को नदी की धारा में बहाते हुए देखकर भी कुछ इसलिए नहीं कह पाते थे, क्योंकि वे वचनबद्ध थे।

प्रश्न 6.
गंगा जब आठवें बच्चे को लेकर नदी की ओर चली तब शांतनु ने उससे क्या कहा?
उत्तर:
जब गंगा आठवें पुत्र को गंगा की धारा में बहाने के लिए चली तब शांतनु ने उससे कहा-
“माँ होकर अपने नादान बच्चे को अकारण ही क्यों बलि दिया करती हो? यह घृणित व्यवहार तुम्हें शोभा नहीं देता।”

प्रश्न 7.
आठवें बच्चे का क्या हुआ? यह आठवाँ बच्चा आगे चलकर किस नाम से प्रसिद्ध हुआ?
उत्तर:
आठवें बच्चे को गंगा अपने साथ ले गई। इस आठवें बच्चे का नाम था देवव्रत। आगे चलकर यह भीष्म के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

प्रश्न 8.
शांतनु की बात सुनकर गंगा ने क्या कहा?
उत्तर:
शांतनु की बात सुनकर गंगा ने राजा शांतनु से कहा- राजन आपने दिया हुआ वचन तोड़ दिया है। अतः अब मैं ठहर नहीं सकती। अतः अब मैं आपके इस पुत्र को नदी में न डालकर कुछ दिन इन्हें पालूँगी और फिर आपको इसे दे दूंगी।

प्रश्न 9.
अचानक एक दिन गंगा नदी की धारा क्यों रुकी थी?
उत्तर:
एक दिन सुंदर और गठीला युवक (देवव्रत) गंगा नदी की बहती हुई धारा में बाण चला रहा था। उसी से गंगा की धारा रुकी हुई थी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
राजा को गंगा ने अपना और देवव्रत का परिचय किस प्रकार से दिया?
उत्तर:
राजा शांतनु के पास आकर गंगा ने उस युवक को अपने पास बुलाया और राजा से बोली- ‘राजन यह मेरा और आपका आठवाँ पुत्र देवव्रत है। यह शास्त्र ज्ञान में शुक्राचार्य व रण-कौशल में परशुराम के समान है। यह कुशल योद्धा और चतुर राजनीतिज्ञ है। अब आप अपने साथ ले जाइए।

प्रश्न 2.
देवव्रत कौन थे?
उत्तर:
देवव्रत गंगा और शांतनु के पुत्र थे जो आगे चलकर भीष्म पितामह के नाम से विख्यात हुए।

प्रश्न 3.
गंगा ने शांतनु को देवव्रत की किन-किन विशेषताओं का परिचय कराया?
उत्तर:
गंगा ने देवव्रत की विशेषताओं का परिचय कराया कि इसे महर्षि वशिष्ठ द्वारा शिक्षा दिया गया है। इसके सामने शास्त्र ज्ञान में शुक्राचार्य और युद्धकला में परशुराम ही इसका मुकाबला कर सकते हैं।

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 1

एक बार गंगा एक सुंदर कन्या का रूप धारण किए हुए खड़ी थीं कि राजा शांतनु उस पर आकर्षित हो गया था। राजा ने गंगा की बातें मानकर उससे विवाह कर लिया। समय पाकर गंगा से शांतनु के कई तेजस्वी पुत्र हुए। गंगा अपने पुत्र को पैदा होते ही नदी की धरा में बहाकर राजा शांतनु के महल में वापस आ जाती थी। राजा शांतनु उसके इस व्यवहार पर आश्चर्य चकित रह जाते थे। राजा को क्रोध आता था, पर वचन से बंधे रहने के कारण मन मसोस कर रह जाते थे। इस तरह गंगा ने सात बच्चों को नदी की धारा में बहा दिया।

गंगा ने तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया और आठवें बच्चे की बारी आई तब राजा शांतनु से नहीं रहा गया। उन्होंने इस घृणित कार्य को करने से गंगा को मना कर दिया। गंगा बोली- राजन क्या आप अपना वचन भूल गए। शर्त के अनुसार, मैं अब यहाँ नहीं ठहर सकती। अब मैं इस आठवें पुत्र को नदी में नहीं फेकूगी लेकिन आपके आठवें पुत्र को मैं कुछ समय पालूँगी और फिर आपको सौंप दूंगी। इसके बाद गंगा अपने पुत्र को लेकर चली गई। बड़ा होकर यही बच्चा आगे चलकर भीष्म पितामह के नाम से विख्यात हुआ। गंगा के चले जाने के बाद राजा शांतनु का मन भोग विलास से विरक्त हो गया और वे राज-काज में लगे। एक दिन राजा शांतनु शिकार खेलते-खेलते गंगा तट पर गए। वहाँ एक सुंदर गठीले युवक को देखा जो नदी की बहती धारा में तीर चलाकर, उसकी प्रचंड धारा को रोक रहा था। राजा आश्चर्यचकित थे। इतने में वहाँ स्वयं गंगा आ गईं। उन्होंने राजा से कहा-

राजन पहचाना मुझे और इस युवक को यही आपका और मेरा आठवाँ पुत्र देवव्रत है। महर्षि वशिष्ठ ने इसे शिक्षा दी है। शास्त्र ज्ञान में शुक्राचार्य और रण-कुशल में परशुराम ही इसका मुकाबला कर सकते हैं। यह जितना, कुशल योद्धा है उतना ही कुशल राजनीतिज्ञ भी है अब मैं आपका पुत्र आपको सौंप रही हूँ। अब इसे आप अपने साथ ले जाइए। गंगा ने देवव्रत का माथा चूमा और आशीर्वाद देकर राजा के साथ विदा कर दिया।

शब्दार्थ:

पृष्ठ संख्या-3
युवती – कन्या, आकर्षित – मोह लेना, अपने तरफ़ आकर्षित कर लेना, अज्ञात – जिसके बारे में पता न हो, नादान – ना समझ, अकारण – बिना किसी कारण के।

पृष्ठ संख्या-4
विख्यात – प्रसिद्ध, क्रोध – गुस्सा, मुकाबला – बराबरी, राजनीतिज्ञ – राजनीति की जानकारी रखने वाला, कुशल – चतुर।