NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 10 नीतिनवनीतम्

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NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Ruchira Chapter 10 नीतिनवनीतम्

Class 8 Sanskrit Chapter 8 Chapter 10 नीतिनवनीतम् Textbook Questions and Answers

1. अधोलिखितानि प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत –
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखो)

(क) नृणां संभवे कौ क्लेशं सहेते?
उत्तराणि:
मातापितरौ

(ख) कीदृशं जलं पिबेत्?
उत्तराणि:
वस्त्रपूतम्

(ग) नीतिनवनीतं पाठः कस्मात् ग्रन्थात् सङ्कलित?
उत्तराणि:
मनुस्मृतेः

(घ) कीदृशीं वाचं वदेत्?
उत्तराणि:
सत्यपूताम्

(ङ) उद्यानं कैः निनादैः रम्यम्?
उत्तराणि:
खगानाम्

(च) दु:खं किं भवति?
उत्तराणि:
परवशम्

(छ) आत्मवशं किं भवति?
उत्तराणि:
सुखम्

(ज) कीदृशं कर्म समाचरेत्?
उत्तराणि:
मनःपूताम्

2. अधोलिखितानि प्रश्नानाम् उत्तराणि पूर्णवाक्येन लिखत –
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखो)

(क) पाठेऽस्मिन् सुखदुःखयोः किं लक्षणम् उक्तम्?
उत्तराणि:
परवशं दु:खम्, आत्मवशं सुखम्।

(ख) वर्षशतैः अपि कस्य निष्कृतिः कर्तुं न शक्या?
उत्तराणि:
मातापितरौः यं क्लेशं सहेते, तस्य निष्कृतिः कर्तुं न शक्या।

(ग) “त्रिषु तुष्टेषु तपः समाप्यते”-वाक्येऽस्मिन् त्रयः के सन्ति?
उत्तराणि:
माता पिता आचार्यः एते त्रयः सन्ति।

(घ) अस्माभिः कीदृशं कर्म कर्तव्यम्?
उत्तराणि:
अस्माभिः मन:पूतं कर्म कर्त्तव्यम्।

(ङ) अभिवादनशीलस्य कानि वर्धन्ते?
उत्तराणि:
अभिवादनशीलस्य आयुर्विद्यायशोबलं वर्धन्ते।

(च) सर्वदा केषां प्रियं कुर्यात्?
उत्तराणि:
सर्वदा मातापित्रोः गुरोश्च प्रियं कुर्यात्।

(घ) सत्यपूताम्
उत्तराणि:

3. स्थूलपदान्यवलम्बय प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(मोटे छपे शब्दों के लिए प्रश्न निर्माण कीजिए)

(क) वृद्धोपसेविनः आयुर्विद्या यशो बलं न वर्धन्ते।
उत्तराणि:
कस्य आयुर्विद्या यशो बलं न वर्धन्ते?

(ख) मनुष्यः सत्यपूतां वाचं वदेत्।
उत्तराणि:
मनुष्यः सत्यपूतां किम् वदेत्?

(ग) त्रिषु तुष्टेषु सर्वं तपः समाप्यते?
उत्तराणि:
त्रिषु तुष्टेषु सर्वं किम् समाप्यते?

(घ) मातापितरौ नृणां सम्भवे भाषया क्लेशं सहेते।
उत्तराणि:
कौ नृणां सम्भवे भाषया क्लेशं सहेते?

(ङ) तयोः नित्यं प्रियं कुर्यात्।
उत्तराणि:
तयोः नित्यं किं कुर्यात्?

4. संस्कृतभाषायां वाक्यप्रयोगं कुरुत
(संस्कृत भाषा में वाक्य प्रयोग कीजिए)

(क) विद्या
(ख) तपः
(ग) समाचरेत्
(घ) परितोषः
(ङ) नित्यम्
उत्तराणि:
(क) विद्या- विद्या मनुष्यस्य बलम् अस्ति।
(ख) तपः- पित्रोः सेवा एव तपः अस्ति।
(ग) समाचरेत्- सर्वथा प्रियं समाचरेत्।
(घ) परितोष:- परितोषः मनुष्यस्य धनम् अस्ति।
(ङ) नित्यम्- नित्यं सत्यं वदेत्।

5. शुद्धवाक्यानां समक्षम् ‘आम्’ अशुद्धवाक्यानां समक्षं च ‘नैव’ इति लिखत
(शुद्ध वाक्य के सामने ‘हाँ’ तथा अशुद्ध वाक्य के सामने ‘ना’ लिखो)

(क) अभिवादनशीलस्य किमपि न वर्धते।
उत्तराणि:

(ख) मातापितरौ नृणां सम्भवे कष्टं सहेते।
उत्तराणि:
आम्

(ग) आत्मवशं तु सर्वमेव दु:खमस्ति।
उत्तराणि:

(घ) येन पितरौ आचार्यः च सन्तुष्टाः तस्य सर्वं तपः समाप्यते।
उत्तराणि:
आम्

(ङ) मनुष्यः सदैव मनः पूतं समाचरेत्।
उत्तराणि:
आम्

(च) मनुष्यः सदैव तदेव कर्म कुर्यात् येनान्तरात्मा तुष्यते।
उत्तराणि:
आम्

6. समुचितपदेन रिक्तस्थानानि पूरयत
(कोष्ठक से सही शब्द चुनकर रिक्तस्थान पूरा कीजिए)

(क) मातापित्रोः तपसः निष्कृतिः ………………. कर्तुमशक्या। (दशवर्षैपि/षष्टिः वर्षैरपि वर्षशतैरपि)
उत्तराणि:
वर्षशतैरपि

(ख) नित्यं वृद्धोपसेविनः ……………….. वर्धन्ते। (चत्वारि/पञ्च/षट्)
उत्तराणि:
चत्वारि

(ग) त्रिषु तुष्टेषु . … सर्वं समाप्यते। (जपः/तप:/कर्म)।
उत्तराणि:
तपः

(घ) एतत् विद्यात् ……….. लक्षणं सुखदु:खयोः। (शरीरेण! समासेन/विस्तारेण)
उत्तराणि:
समासेन

(ङ) दृष्टिपूतम् न्यसेत् .. । (हस्तम्/पादम्/मुखम्)
उत्तराणि:
पादम्

(च) मनुष्यः मातापित्रोः आचार्यस्य च सर्वदा …… कुर्यात्। (प्रियम्/अप्रियम्/अकार्यम)
उत्तराणि:
प्रियम्।

7. मञ्जूषातः चित्वा उचिताव्ययेन वाक्यपूर्ति कुरुत
(मञ्जूषा से उचित शब्द चुनकर वाक्य पूर्ति कीजिए)

तावत्, अपि, एव, यथा, नित्यं, यादृशम्

(क) तयोः .. .. प्रियं कुर्यात्।।
उत्तराणि:
तयोः नित्यं प्रियं कुर्यात्।

(ख) …. … कर्म करिष्यसि। तादृशं फलं प्राप्स्यसि।
उत्तराणि:
यादृशम् कर्म करिष्यसि। तादृशं फलं प्राप्स्यसि।

(ग) वर्षशतैः ………. निष्कृतिः न कर्तुं शक्या।
उत्तराणि:
वर्षशतैः अपि निष्कृतिः न कर्तुं शक्या।

(घ) तेषु …………. त्रिषु तुष्टेषु तपः समाप्यते।
उत्तराणि:
तेषु एव त्रिषु तुष्टेषु तपः समाप्यते।

(ङ) ………………. राजा तथा प्रजाः।
उत्तराणि:
यथा राजा तथा प्रजाः।।

(च) यावत् सफलः न भवति ……………… परिश्रमं कुरु।
उत्तराणि:
यावत् सफलः न भवति, तावत् परिश्रमं कुरु।

Class 8 Sanskrit Chapter 10 नीतिनवनीतम् Additional Important Questions and Answers

अधोलिखितं श्लोकं पठित्वा निर्देशानुसारं प्रश्नान् उत्तरत लिखत –

(क) यं मातापितरौ क्लेशं सहेते सम्भवे नृणाम्।
न तस्य निष्कृतिः शक्या कर्तुं वर्षशतैरपि॥

I. एकपदेन उत्तरत

(i) केषां सम्भवे मातापितरौ क्लेशं सहेते?
उत्तराणि:
नृणाम्

(ii) क्लेशस्य निष्कृतिः कैरपि कर्तुं न शक्या?
उत्तराणि:
वर्षशतैः

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत

(i) कस्य निष्कृतिः कर्तुं न शक्या?
उत्तराणि:
क्लेशस्य निष्कृतिः कर्तुं न शक्या।

(ii) नृणां सम्भवे कौ क्लेशं सहेते?
उत्तराणि:
नृणां सम्भवे मातापितरौ क्लेशं सहेते।

III. यथानिर्देशम् उत्तरत

(i) ‘नृणाम्’ इत्यत्र का विभक्तिः ?
उत्तराणि:
षष्ठी

(ii) ‘कर्तुम्’ इत्यत्र कः प्रत्ययः?
उत्तराणि:
तुमुन्

(iii) ‘शतैरपि’ इत्यत्र कः सन्धिः ?
उत्तराणि:
विसर्ग

(iv) ‘सहेते’ इत्यत्र कः लकारः?
उत्तराणि:
लट्।

भावबोधनम्

प्रकारः ‘क’-रिक्तस्थानपूर्तिद्वारा
अभिवादनशीलस्य चत्वारि वर्धन्ते।

भाव:-………… चत्वारि …………।
उत्तराणि:
अभिवादनशीलस्य चत्वारि वर्धन्ते।

अधोलिखितेषु भावार्थेषु समुचितभावार्थं लिखत –

(क) सर्वं परवशं दुःखम्।
भावार्थाः
(i) परवशं दुःखं न कथ्यते।
(ii) परवशं सर्वं दुःखं भवति।
उत्तराणि:
(ii) परवशं सर्वं दुःखं भवति।

अधोलिखितस्य श्लोकस्य रिक्तस्थानपूर्ति द्वारा अन्वयं लिखत –

(क) यं मातापितरौ क्लेशं सहेते सम्भवे नृणाम्।
न तस्य निष्कृतिः शक्या कर्तुं वर्षशतैरपि।।
अन्वयः- नृणां सम्भवे ……………………. क्लेशं सहेते। तस्य ………………….. कर्तुं ………….न शक्या ।
उत्तराणि:
नृणां सम्भवे मातापितरौ यं क्लेशं सहेते। तस्य निष्कृतिः कर्तुं वर्षशतैरपि न शक्या।

अधोलिखितानां शब्दानां समक्षं दतैरथैः सह मेलनं कुरुत –

शब्दाः – अर्थाः
क्लेशम् – कष्टम्
सर्वदा – वाणीम्
वर्जयेत् – पवित्रम्
पूतम् – त्यजेत्
वाचम् – सदा
उत्तराणि:
शब्दाः – अर्थाः
क्लेशम् – कष्टम्
सर्वदा – सदा
वर्जयेत् – त्यजेत्
पूतम् – पवित्रम्
वाचम् – वाणीम्

बहुविकल्पीयप्रश्नाः

(i) अभिवादनशीलस्य ………………. वर्धन्ते।
(क) षट्
(ख) चत्वारि
(ग) त्रीणि
(घ) शतम्।
उत्तराणि:
(ख) चत्वारि

(ii) मातापितरौ ……………… सम्भवे क्ले शं सहेते।
(क) पुत्रस्य
(ख) पुत्र्याः
(ग) वानरस्य
(घ) नृणाम्
उत्तराणि:
(घ) नृणाम्

(iii) सर्वं परवशं .. ।
(क) सुखम्
(ख) दु:खम्
(ग) त्यागः
(घ) हितकरम्।
उत्तराणि:
(ख) दु:खम्

(iv) ‘सुखदुःखयोः’ इत्यत्र कः समासः?
(क) द्विगु
(ख) द्वंद्व
(ग) कर्मधारय
(घ) तत्पुरुष।
उत्तराणि:
(ख) द्वंद्व।

Class 8 Sanskrit Grammar Book Solutions वर्णविचारः

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Sanskrit Vyakaran Class 8 Solutions वर्णविचारः

1. संस्कृत भाषा
‘सम्’ उपसर्ग पूर्वक कृ धातु से क्त प्रत्यय होने पर संस्कृत शब्द बनता है जिसका अर्थ है वह भाषा जो पूर्णतया नियमबद्ध हो, यही कारण है कि आज के युग में संगणक पर जो भाषा खरी उतरती है वह एकमात्र संस्कृत भाषा है। महर्षि पाणिनि ने अष्टाध्यायी के सूत्रों के माध्यम से इसके समस्त नियमों को दर्शाया है बाद में महर्षि कात्यायन (वररुचि) तथा महर्षि पतञ्जलि ने क्रमशः वार्तिक और भाष्य के माध्यम से उसे सुसमृद्ध किया है। संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा है। संसार का प्राचीनतम साहित्य ऋग्वेद वैदिक संस्कृत में ही रचा गया है। रामायण तथा महाभारत आदि ग्रन्थ लौकिक संस्कृत में रचे गए हैं। महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि माना जाता है और उनकी रामायण को आदिकाव्य माना जाता है। संस्कृत भाषा के व्याकरण को जानने के लिए सबसे पहले उसके वर्णों/अक्षरों को जानना आवश्यक है। इसीलिए हम संस्कृत व्याकरण का . आरम्भ संस्कृत के वर्णों से कर रहे हैं।

2. वर्णमाला
देववाणी संस्कृत भाषा के मूल में भगवान् शिव के डमरू की ध्वनि से उत्पन्न अइउण् इत्यादि चौदह शिवसूत्र हैं जो संस्कृत के विशेष उद्देश्य के लिए व्यवस्थित वर्णमाला के स्वरूप का बोध कराते हैं। वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। रोमन भाषा में Alpha और Beta पहले वर्ण होने के कारण वर्णमाला के लिए Alphabets शब्द का प्रयोग होता है।

वर्ण / अक्षर
मुख से उच्चरित उस छोटी से छोटी ध्वनि को वर्ण कहते हैं, जिसके फिर से टुकड़े न किए जा सकें। इसीलिए इन्हें अक्षर भी कहते हैं। इन्हें लिखने में जो चिह्न प्रयोग किए जाते हैं वे अक्षर कहलाते हैं।
उदाहरण – अ, इ, उ, क्, त्, प् आदि वर्ण हैं।

वर्ण भेद
वर्णों के निम्नलिखित भेद हैं-

  1. स्वर
  2. व्यञ्जन
  3. अयोगवाह

स्वर / अच्
जिन वर्णों का उच्चारण किसी दूसरे वर्ण की सहायता के बिना ही होता है, उन वर्णों को स्वर या अच् कहते हैं। शिवसूत्रों के अनुसार अच् निम्नलिखित हैं-

  1. अ, इ, उ (अइउण्)
  2. ऋ, ल (ऋलुक्)
  3. ए, ओ (एओङ्)
  4. ऐ, औ (ऐऔच्)

इन वर्गों के ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत तीन-तीन प्रकार हैं वे भी वर्गों में गिने जाते हैं। सामान्यतः ह्रस्व तथा दीर्घ स्वर तेरह हैं। यथा-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ऋ, लु, ए, ऐ, ओ, औ = 13

इनमें 9 प्लुत वर्णों को (अ ३, इ ३, उ ३, ऋ ३, लु ३, ए ३, ऐ ३, ओ ३, औ ३) सम्मिलित कर लिया जाए तो स्वरों की कुल संख्या 22 हो जाती है।

स्वरों के भेद-हस्व, दीर्घ, प्लुत
उच्चारण की दृष्टि से अ, इ, उ, ऋ, लु इन पांच वर्षों के उच्चारण में जो समय लगता है उसे एक मात्रा माना जाता है। इन्हें ह्रस्व स्वर कहा जाता है। लु को छोड़कर शेष चार (अ, इ, उ, ऋ) को बोलते समय दुगुना समय लगाया जाए तो यही ह्रस्व स्वर दीर्घ हो जाते हैं। आ, ई, ऊ, ऋ दीर्घ स्वर हैं। ए, ओ, ऐ, औ भी दीर्घ स्वर हैं क्योंकि इनके उच्चारण में भी दो मात्राओं का समय लगता है। ये मूल स्वरों (अ, इ, उ) के मेल से बने हैं अतः इन्हें संयुक्त स्वर कहा जाता है। इनमें भी ए, ओ को गुण स्वर तथा ऐ, औ को वृद्धि स्वर कहा जाता है।

प्लुत स्वरों के उच्चारण में तीन मात्राओं का समय लगता है। संक्षेप में स्वरों का विभाजन निम्न प्रकार से है-

  • ह्रस्व (मूल) स्वर – अ, इ, उ, ऋ, लु।
  • संयुक्त स्वर – ए, ऐ, ओ, औ। अ + इ = ए, अ + ए = ऐ, अ + उ = ओ, अ + ओ = औ।
  • गुण स्वर – अ, ए, ओ।
  • वृद्धि स्वर – आ, ऐ, औ।
  • दीर्घ स्वर – आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ (लु वर्ण का दीर्घ नहीं होता है।)
  • प्लुत स्वर – अ ३, इ ३, उ ३, ऋ३, लु ३, ए ३, ऐ ३, ओ ३, औ ३।

व्यञ्जन / हल्
जिनका उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है तथा स्वरों के बिना जिनका उच्चारण संभव नहीं, वे वर्ण व्यञ्जन कहलाते हैं। इन्हें हल भी कहते हैं।

हम ‘क’ का उच्चारण नहीं कर सकते हैं। ‘क’ एक व्यञ्जन है। यदि ‘क’ का उच्चारण करना हो तो उससे पहले या उसके बाद स्वर का होना आवश्यक है। इस आधार पर हम ‘अक्’ अथवा ‘क’ (= क् + अ) का उच्चारण कर सकते हैं।
संस्कृत में ‘लृ’ अक्षर का प्रयोग न के बराबर होता है।

सामान्यतः छात्र समझते हैं कि ‘क’ एक व्यञ्जन है। यह उनकी भूल है। उच्चारण की सुविधा के लिए हम ‘क’ को व्यञ्जन मानते हैं पर उसमें अ स्वर मिला हुआ है। व्यञ्जन के अनुसार इसका सही रूप ‘क्’ है जिसे हम हल का चिह्न (्) लगाकर व्यक्त करते हैं।

व्यञ्जन के भेद-स्पर्श, अन्तःस्थ व ऊष्म
(i) स्पर्श-
क् ख् ग् घ् ङ् (क वर्ग) (कु) = 5
च् छ् ज् झ् ञ् (च वर्ग) (चु) = 5
ट् ठ् ड् ढ् ण् (ट वर्ग) (टु) = 5
त् थ् द् ध् न् (त वर्ग) (तु) = 5
प् फ् ब् भ् म् (प वर्ग) (पु) = 5
ये सभी 25 व्यञ्जन स्पर्श कहलाते हैं। इनके उच्चारण में जिह्वा मुख के किसी न किसी भाग (कण्ठ, तालु, मूर्धा, दन्त, ओष्ठ) का स्पर्श करती है।

(ii) अन्तःस्थ – य् र् ल् व् = 4
ये चार अन्तःस्थ कहलाते हैं। इनमें जिह्वा पूरा स्पर्श नहीं करती है, स्पर्श करते समय थोड़ा सा स्थान शेष रह जाता है, अतः ये स्वर तथा व्यञ्जन दोनों के बीच के वर्ण हैं पर इनकी गणना हम व्यञ्जन में ही करते हैं और इन्हें अन्तःस्थ की संज्ञा देते हैं।

(iii) ऊष्म – श् ष् स् ह् = 4
ये चार ऊष्म वर्ण हैं, इनके उच्चारण में जिह्वा मुख के किसी भाग के साथ रगड़ खाती है तथा ऊष्मा (गर्मी) पैदा होती है। अतः इन्हें ऊष्म नाम दिया गया है।

अयोगवाह
जिन वर्णों का उच्चारण स्वरों की सहायता के बिना नहीं हो सकता तथा जो स्वरों के साथ मिलकर स्वरों के बाद ही बोले जाते हैं वे अयोगवाह कहलाते हैं। वे स्वरों के पहले नहीं बोले जा सकते। अयोगवाह तीन हैं। यथा-
(i) अनुस्वार – किसी स्वर के बाद न् या म् के स्थान पर अनुस्वार आता है। जैसे- सः फलम् खादति – सः फलं खादति। हंसः, कंसः।
(ii) अनुनासिक – इसका प्रयोग स्वर के बाद होता है जैसे- हँसना, पुंल्लिङ्गम्।
(iii) विसर्ग (:) – विसर्ग का प्रयोग किसी स्वर के बाद होता है। इसके उच्चारण में ‘ह्’ की ध्वनि पैदा होती है। जैसे- रामः, हरिः इत्यादि।

बहुविकल्पीय प्रश्नाः

प्रश्न 1.
वर्णानाम् समूहः किं कथ्यते?
(क) वर्ण
(ख) वर्णमाला
(ग) स्वर
(घ) व्यञ्जन
उत्तराणि:
(ख) वर्णमाला

प्रश्न 2.
___________ वर्णानाम् भेदः न अस्ति?
(क) स्वरः
(ख) व्यञ्जन
(ग) अयोगवाह
(घ) पदं
उत्तराणि:
(घ) पदं

प्रश्न 3.
येषाम् वर्णानाम् उच्चारणं स्वतन्त्ररूपेण भवति ते स्वराः ___________ च कथ्यन्ते।
(क) अण्
(ख) अट्
(ग) अल्
(घ) अच्
उत्तराणि:
(घ) अच्

प्रश्न 4.
ह्रस्वस्वराः के सन्ति?
(क) आ, इ, उ, ऋ, लृ
(ख) अ, इ, उ, ऋ, लृ
(ग) अ ई उ ऋ लृ
(घ) आ ई ए ऋ
उत्तराणि:
(ख) अ, इ, उ, ऋ, लृ

प्रश्न 5.
दीर्घस्वराः ___________ सन्ति।
(क) सप्त
(ख) अष्ट
(ग) षट्
(घ) पञ्च
उत्तराणि:
(ख) अष्ट

प्रश्न 6.
येषाम् वर्णानाम् उच्चारणं स्वरैः सहायतया भवति ते हल् ___________ च कथ्यन्ते।
(क) व्यञ्जनानि
(ख) प्लुत्
(ग) अनुनासिक
(घ) अनुस्वार
उत्तराणि:
(क) व्यञ्जनानि

प्रश्न 7.
___________ इति अन्तःस्थाः वर्णाः भवन्ति।
(क) य् ह् र् व्
(ख) य्, र्, ह्, व
(ग) य्, र्, ल्, व्
(घ) य्, र्, व्, ह्
उत्तराणि:
(ग) य्, र्, ल्, व्

प्रश्न 8.
उष्मवर्णाः केचन सन्ति।
(क) श्, ष्, स्, व्
(ख) श्, ष्, स्, ह्
(ग) श्, ष्, ह्, र्
(घ) श्, ष्, र्, ह्
उत्तराणि:
(ख) श्, ष्, स्, ह्

प्रश्न 9.
अनुस्वार, विसर्ग, जिह्वामूलीय ___________ च अयोगवाह कथ्यन्ते।
(क) उपध्मानीय
(ख) स्पर्श
(ग) मानीय
(घ) उष्म
उत्तराणि:
(क) उपध्मानीय

प्रश्न 10.
निम्नलिखितवर्णेषु भिन्नवर्गीय किं वर्ण अस्ति?
क, ख, च, घ, ङ
उत्तराणि:

प्रश्न 11.
स्पर्शव्यञ्जनानाम् संख्या कति सन्ति?
(क) 20
(ख) 35
(ग) 25
(घ) 15
उत्तराणि:
(ग) 25

प्रश्न 12.
अशुद्धकथनं (✗) निड्नेन अङ्कितं कुरुत-
(क) ल् अन्तस्थः वर्णः अस्ति।
(ख) ह् उष्मवर्णः अस्ति।
(ग) आ हृस्वस्वरः अस्ति।
(घ) न अनुनासिकवर्णः अस्ति।
उत्तराणि:
(ग) आ हृस्वस्वरः अस्ति।

NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 9 सप्तभगिन्यः

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NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Ruchira Chapter 9 सप्तभगिन्यः

Class 8 Sanskrit Chapter 8 Chapter 9 सप्तभगिन्यः Textbook Questions and Answers

1. उच्चारणं कुरुत
(उच्चारण करो)

उत्तराणि:
सुप्रभातम्
चतुर्विंशतिः
सप्तभगिन्यः
गुणगौरवदृष्ट्या

महत्त्वाधायिनी
द्विसप्ततितमे
प्राकृतिकसम्पद्भिः
पुष्पस्तबकसदृशानि

पर्वपरम्पराभिः
वंशवृक्षनिर्मितानाम्
वंशोद्योगोऽयम्
अन्ताराष्ट्रियख्यातिम्

2. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत –
(प्रश्नों के उत्तर एकपद में लिखो)

(क) अस्माकं देशे कति राज्यानि सन्ति?
उत्तराणि:
अष्टाविंशतिः

(ख) प्राचीनेतिहासे काः स्वाधीनाः आसन्?
उत्तराणि:
सप्तभगिन्यः

(ग) केषां समवायः ‘सप्तभगिन्यः’ इति कथ्यते?
उत्तराणि:
सप्तराज्यानाम्

(घ) अस्माकं देशे कति केन्द्रशासितप्रदेशाः सन्ति?
उत्तराणि:
सप्त

(ङ) सप्तभगिनी-प्रदेशे कः उद्योगः सर्वप्रमुखः?
उत्तराणि:
वंशोद्योगः।

3. पूर्णवाक्येन उत्तराणि लिखत –
(पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखिए)

(क) भगिनीसप्तके कानि राज्यानि सन्ति?
(ख) इमानि राज्यानि सप्तभगिन्यः इति किमर्थं कथ्यन्ते?
(ग) सप्तभगिनी-प्रदेशे के निवसन्ति?
(घ) एतत्प्रादेशिकाः कैः निष्णाताः सन्ति?
(ङ) वंशवृक्षवस्तूनाम् उपयोगः कुत्र क्रियते?
उत्तराणि:
(क) भगिनीसप्तके सप्त राज्यानि सन्ति।
(ख) अयं प्रयोगः प्रतीकात्मकः अस्ति।
(ग) सप्तभगिनी-प्रदेशे जनाः निवसन्ति।
(घ) एतत्प्रादेशिकाः कलाभिः निष्णाताः सन्ति।
(ङ) वंशवृक्षवस्तूनाम् उपयोगः सप्तभगिनी-प्रदेशे क्रियते।

4. रेखाङ्कितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –
(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न निर्माण कीजिए)

(क) वयं स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामि।
उत्तराणि:
वयं कस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामि?

(ख) सप्तभगिन्यः प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः।
उत्तराणि:
काः प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः?

(ग) प्रदेशेऽस्मिन् हस्तशिल्पानां बाहुल्यं वर्तते।
उत्तराणि:
प्रदेशेऽस्मिन् केषां बाहुल्यं वर्तते?

(घ) एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थं स्वर्गसदृशानि
उत्तराणि:
एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थं कीदृशानि?

5. यथानिर्देशमुत्तरत
(निर्देशानुसार प्रश्नों के उत्तर लिखिए)

(क) ‘महोदये! मे भगिनी कथयति’-अत्र ‘मे’ इति सर्वनामपदं कस्यै प्रयुक्तम्?
उत्तराणि:
स्वरायै

(ख) सामाजिक-सांस्कृतिकपरिदृश्यानां साम्याद् इमानि उक्तोपाधिना प्रथितानि-अस्मिन् वाक्ये प्रथितानि इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम्?
उत्तराणि:
इमानि

(ग) एतेषां राज्यानां पुनः सङ्घटनम् विहितम्-अत्र ‘सङ्घटनम्’ इति कर्तृपदस्य क्रियापदं किम्?
उत्तराणि:
विहितम्

(घ) अत्र वंशवृक्षाणां प्राचुर्यम् विद्यते-अस्मात् वाक्यात् ‘अल्पता’ इति पदस्य विपरीतार्थकं पदं चित्वा लिखत?
उत्तराणि:
प्राचुर्यम्

(ङ) ‘क्षेत्रपरिमाणैः इमानि लघूनि वर्तन्ते’ वाक्यात् ‘सन्ति’ इति क्रियापदस्य समानार्थकपदं चित्वा लिखत?
उत्तराणि:
वर्तन्ते।

6. (अ) पाठात् चित्वा तद्भवपदानां कृते संस्कतपदानि लिखत –
(पाठ से चयन करके तद्भव पदों के लिए संस्कृत पद लिखो)

तद्भव-पदानि – संस्कृत-पदानि
यथा – सात – सप्त
बहिन – …………
संगठन – …………
बाँस – …………
आज – …………
खेत – …………
उत्तराणि:
तद्भव-पदानि – संस्कृत-पदानि
बहिन – भगिनी।
संगठन – सङ्घटनम्।
बाँस – वंशम्।
आज – अद्य।
खेत – क्षेत्रम्।

(आ) भिन्नप्रकृतिकं पदं चिनुत –
(भिन्न प्रकृति वाले पद को चुनो)

(क) गच्छति, पठति, धावति, अहसत्, क्रीडति।
(ख) छात्रः, सेवकः, शिक्षकः, लेखिका, क्रीडकः।
(ग) पत्रम्, मित्रम्, पुष्पम्, आम्रः, फलम्।
(घ) व्याघ्रः, भल्लूकः, गजः, कपोतः, वृषभः, सिंहः।
(ङ) पृथिवी, वसुन्धरा, धरित्री, यानम्, वसुधा।
उत्तराणि:
(क) अहसत्
(ख) लेखिका
(ग) आम्रः
(घ) कपोतः
(ङ) यानम्।

7. विशेष्य-विशेषणानाम् उचितं मेलनम् कुरुत –
(विशेष्य और विशेषणों का उचित मेल करो)

विशेष्य-पदानि – विशेषण-पदानि
अयम् – संस्कृतिः
संस्कृतिविशिष्टायाम् – इतिहासे
महत्त्वाधायिनी – प्रदेशः
प्राचीने – समवायः
एक: – भारतभूमौ
उत्तराणि:
विशेष्य-पदानि – विशेषण-पदानि
अयम् – प्रदेशः।
संस्कृतिविशिष्टायाम् – भारतभूमौ।
महत्त्वाधायिनी – संस्कृतिः।
प्राचीने – इतिहासे।
एकः – समवायः।

Class 8 Sanskrit Chapter 9 सप्तभगिन्यः Additional Important Questions and Answers

अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा निर्देशानुसारं प्रश्नान् उत्तरत –

मनस्यागता ते इयं भावना परमकल्याणमयी परं सर्वे न तथा अवगच्छन्ति। अस्तु, अस्ति तावदेतेषां विषये किञ्चिद् वैशिष्ट्यमपि कथनीयम्। सावहितमनसा शृणुतजनजातिबहुलप्रदेशोऽयम्। गारो-खासी-नगा-मिजो- प्रभृतयः बहवः जनजातीयाः अत्र निवसन्ति।

I. एकपदेन उत्तरत

(i) मनसि किम् आगतम्?
उत्तराणि:
कल्याणमयी भावना।

(ii) अत्र के निवसन्ति?
उत्तराणि:
बहवः जनजातीयाः।

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत

(i) एतेषां विषये किं कथनीयम्?
उत्तराणि:
(i) एतेषां विषये किञ्चित् वैशिष्ट्यमपि कथनीयम् ।

III. निर्देशानुसारम् प्रदत्तविकल्पेभ्यः उचितं उत्तरं चित्वा लिखत
(i) ‘मनसि’ इत्यत्र का विभक्तिः ?
(क) सप्तमी
(ख) षष्ठी
(ग) पंचमी
(घ) चतुर्थी
उत्तराणि:
(क) सप्तमी

(ii) ‘कथनीयम्’ इति पदे कः प्रत्ययः अस्ति?
(क) तव्यत्
(ख) अनीयर्
(ग) तव्य उत्तराणि
(घ) यत्
उत्तराणि:
(ख) अनीयर।

समुचितपदेन रिक्तस्थानानि पूरयत येन कथनानां भावो स्पष्टो भवेत् –

(क) अद्वयं मत्रयं चैव न त्रियुक्तं तथा द्वयम्।
भावः-अकारेण …………. मकारेण ………… सन्ति। नकारेण तथा …………….. द्वयम् स्तः।
उत्तराणि:
अकारेण द्वौ मकारेण त्रयः सन्ति। नकारेण तथा त्रिअक्षरेण युक्तम् द्वयम् स्तः।

अधोलिखितेषु भावार्थेषु समुचितभावार्थं लिखत –

(क) सप्तराज्यसमूहोऽयं भगिनीसप्तकं मतम्।
भावार्थाः
(i) सप्तानां राज्यानां समूहः भगिनीसप्तकेन ज्ञायते।
(ii) सप्तराज्यानां सप्त भगिन्यः सन्ति।
(iii) सप्त राज्यानि, सप्त भगिन्यः भवन्ति।
उत्तराणि:
(i) सप्तानां राज्यानां समूहः भगिनीसप्तकेन ज्ञायते।

अधोलिखितेषु शुद्धकथनं ( ✓ ) चिह्नेन अशुद्धकथनं ( ✗ ) चिह्नन अङ्कयत –

इत्थं भगिनी सप्तके इमानि राज्यानि सन्ति –
(i) एवं भगिनी सप्तके सप्त इमानि राज्यानि।
(ii) भगिनीनां सप्त राज्यानि सन्ति।
उत्तराणि:
(i) एवं भगिनी सप्तके सप्त इमानि राज्यानि। (✓)
(ii) भगिनीनां सप्त राज्यानि सन्ति। (✗)

अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –

(i) सप्तभगिन्यः प्राचीनेतिहासे स्वाधीनाः आसन्।
(क) का:
(ख) का
(ग) के
(घ) किम्
उत्तराणि:
काः प्राचीनेतिहासे स्वाधीनाः आसन्?

(ii) भगिनीनां संस्कृतिः महत्त्वाधायिनी अस्ति।
(क) काः
(ख) के
(ग) काम्
(घ) का
उत्तराणि:
भगिनीनां का महत्त्वाधायिनी अस्ति?

(iii) सप्त केन्द्रशासितप्रदेशाः अपि सन्ति।
(क) कियत्
(ख) कति
(ग) कया
(घ) कीदृशम्
उत्तराणि:
कति केन्द्रशासितप्रदेशाः अपि सन्ति?

अधोलिखिते सन्दर्भे रिक्तस्थानानि मंजूषातः उचितपदैः पूरयत –

सम्यग् जानाति ते ……………..। भवतु, अपि ……………. यूयं यदेतेषु …….. सप्तराज्यानाम् एकः …………………… अस्ति, यः …………… इति …………….. प्रथितोऽस्ति ।
नाम्ना, सप्तभगिन्यः, समवायः, जानीथ, राज्येषु, भगिनी।
उत्तराणि:
सम्यग् जानाति ते भगिनी। भवतु, अपि जानीथ यूयं यदेतेषु राज्येषु सप्तराज्यानाम् एकः समवायः अस्ति, यः सप्तभगिन्यः इति नाम्ना प्रथितोऽस्ति।

अधोलिखितानां शब्दानां वाक्येषु प्रयोगं कुरुत –

भगिनी, पुरा, सप्त।
उत्तराणि:
(i) भगिनी = ‘बहन’ इति भाषायाम्।
एषा मम भगिनी अस्ति।

(ii) पुरा = प्राचीनकाले।
पुरा भारतवर्षं समृद्धम् आसीत्।

(iii) सप्त = ‘सात’ इति भाषायाम्
सप्त लोकाः सन्ति।

अधोलिखितानां शब्दानां समक्षं दत्तैरथैः सह मेलनं कुरुत –

शब्दाः अर्थाः
(i) भगिनी – समूहः
(ii) इत्थम् – सुन्दरम्
(iii) शोभनम् – स्वसा
(iv) प्रथितः – जिज्ञासा
(v) कौतूहलम् – एवम्
(vi) समवायः – प्रसिद्धः
उत्तराणि:
शब्दाः – अर्थाः
(i) भगिनी – स्वसा
(ii) इत्थम् – एवम्
(iii) शोभनम् – सुन्दरम्
(iv) प्रथितः – प्रसिद्धः
(v) कौतूहलम् – जिज्ञासा
(vi) समवायः – समूहः।

1. अधोलिखिते द्वे नाट्यांशे पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत –

(क) अध्यापिका-नूनम् अस्ति एव। पर्वत-वृक्ष-पुष्प-प्रभृतिभिः प्राकृतिकसम्पद्भिः सुसमृद्धानि सन्ति इमानि राज्यानि।
भारतवृक्षे च पुष्प-स्तबकसदृशानि विराजन्ते एतानि।
राजीवः-भवति! गृहे यथा सर्वाधिका रम्या मनोरमा च भगिनी भवति तथैव भारतगृहेऽपि सर्वाधिकाः रम्याः इमाः सप्तभगिन्यः सन्ति।

(i) एकपदेन उत्तरत?

पुष्प-स्तबकसदृशानि सप्तभगिन्यः कुत्र विराजन्ते?
(क) भारतवृक्षे
(ख) आम्रवृक्षे
(ग) उपवने
(घ) वाटिकायाम्
उत्तराणि:
(क) भारतवृक्षे

(ii) पूर्णवाक्येन उत्तरत
भारतगृहे सप्तभगिन्यः कीदृश्यः सन्ति?
उत्तराणि:
भारतगृहे सप्तभगिन्यः सर्वाधिकाः रम्याः सन्ति।

(iii) ‘भगिनी’ इति पदं कस्य क्रियापदस्य कर्तृपदं अस्ति?
(क) भवति
(ख) गृहे
(ग) यथा
(घ) रम्या
उत्तराणि:
(क) भवति

(iv) ‘इत्यादिभिः’ इत्यर्थे किं पदं प्रयुक्तं?
(क) प्रभृतिभिः
(ख) सम्पद्भिः
(ग) सुसमृद्धानि
(घ) प्राकृतिक
उत्तराणि:
(क) प्रभृतिभिः

(ख) अध्यापिका-आम्। प्रदेशेऽस्मिन् हस्तशिल्पानां बाहुल्यं वर्तते। आ वस्त्राभूषणेभ्यः गृहनिर्माणपर्यन्तं प्रायः वंशवृक्षनिर्मितानां
वस्तूनाम् उपयोगः क्रियते। यतो हि अत्र वंशवृक्षाणाम् प्राचुर्यं विद्यते। साम्प्रतं वंशोद्योगोऽयं अन्ताराष्ट्रियख्यातिम् अवाप्तोऽस्ति।

(i) एकपदेन
अत्र केषाम् प्राचुर्यं विद्यते?
(क) हस्तशिल्प
(ख) वंशवृक्षाणाम्
(ग) वस्त्राभूषणं
(घ) गृहनिर्माणं
उत्तराणि:
(ख) वंशवृक्षाणाम्

(ii) पूर्णवाक्येन
अन्ताराष्ट्रियख्यातिप्राप्तः कः उद्योगः?
उत्तराणि:
अन्ताराष्ट्रियख्यातिप्राप्तः वंशोद्योगः अस्ति।

(iii) ‘बाहुल्यम्’ इति पदस्य गद्यांशे पर्यायपदं किं?
(क) पर्यन्तं
(ख) प्राचुर्यम्
(ग) प्रायः
(घ) साम्प्रतं
उत्तराणि:
(ख) प्राचुर्यम्

(iv) निम्नलिखितं किं पदं बहुवचनान्ते न विद्यते।
(क) हस्तशिल्पानां
(ख) वस्तूनाम्
(ग) भूषणाभ्याम्
(घ) वंशवृक्षाणाम्
उत्तराणि:
(ग) भूषणाभ्याम्

2. निम्नलिखितं रेखांकितपदानि आधारीकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत.

(i) तत्र तु वंशवृक्षाः अपि प्राप्यन्ते।
(क) का
(ख) के
(ग) काः
(घ) कानि
उत्तराणि:
(ख) के

(ii) अष्टविंशतिः राज्यानि सन्ति।
(क) कः
(ख) काः
(ग) कति
(घ) कुत्र
उत्तराणि:
(ग) कति

(iii) सप्तराज्य समूहः अयं भगिनीसप्तकं मत।
(क) कति
(ख) कस्य
(ग) कस्मात्
(घ) केषाम्
उत्तराणि:
(घ) केषाम्

NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 8 संसारसागरस्य नायकाः

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NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Ruchira Chapter 8 संसारसागरस्य नायकाः

Class 8 Sanskrit Chapter 8 संसारसागरस्य नायकाः Textbook Questions and Answers

1. एकपदेन उत्तरत
(एकपद में उत्तर दो)

(क) कस्य राज्यस्य भागेषु गजधरः शब्दः प्रयुज्यते?
उत्तराणि:
राजस्थानस्य

(ख) गजपरिमाणं कः धारयति?
उत्तराणि:
गजधरः

(ग) कार्यसमाप्तौ वेतनानि अतिरिच्य गजधरेभ्यः किं प्रदीयते स्म?
उत्तराणि:
सम्मानम्

(घ) के शिल्पिरूपेण न समादृताः भवन्ति?
उत्तराणि:
गजधराः।

2. अधोलिखितानां प्रश्नानामुत्तराणि लिखत
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो)

(क) तडागाः कुत्र निर्मीयन्ते स्म?
उत्तराणि:
तडागाः अशेषे देशे निर्मीयन्ते स्म।

(ख) गजधराः कस्मिन् रूपे परिचिताः?
उत्तराणि:
गजधराः ‘समाजस्य गाम्भीर्यस्य मापकाः’ इत्यस्मिन् रूपे परिचिताः।

(ग) गजधराः किं कुर्वन्ति स्म?
उत्तराणि:
गजधराः वास्तुकाराः रूपेण नवनिर्माणस्य योजनां प्रस्तुवन्ति स्म, भाविव्ययम् आकलयन्ति स्म। उपकरणभारान् संग्रहणन्ति स्म।

(घ) के सम्माननीयाः?
उत्तराणि:
गजधराः सम्माननीयाः।

3. रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्न निर्माणं कुरुत –
(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्ननिर्माण करो)

(क) सुरक्षाप्रबन्धनस्य दायित्वं गजधराः निभालयन्ति स्म।
उत्तराणि:
कस्य दायित्वं गजधराः निभालयन्ति स्म?

(ख) तेषां स्वामिनः असमर्थाः सन्ति।
उत्तराणि:
केषां स्वामिनः असमर्थाः सन्ति?

(ग) कार्यसमाप्तौ वेतनानि अतिरिच्य सम्मानमपि प्राप्नुवन्ति ।
उत्तराणि:
कार्यसमाप्तौ कानि अतिरिच्य सम्मानमपि प्राप्नुवन्ति?

(घ) गजधरः सुन्दरः शब्दः अस्ति।
उत्तराणि:
कः सुन्दरः शब्दः अस्ति?

(ङ) तडागाः संसारसागराः कथ्यन्ते?
उत्तराणि:
के संसारसागराः कथ्यन्ते?

4. अधोलिखितेषु यथापेक्षितं सन्धिं/विच्छेदं कुरुत –
(निम्नलिखित में यथापेक्षित सन्धि या सन्धिविच्छेद करो)

(क) अद्य + अपि = ………….
(ख) ………. + ………. = स्मरणार्थम्।
(ग) इति + अस्मिन् = ………….
(घ) ………. + ……….. = एतेष्वेव।
(ङ) सहसा + एव = ………………….
उत्तराणि:
(क) अद्य + अपि = अद्यापि।
(ख) स्मरण + अर्थम् = स्मरणार्थम्।
(ग) इति + अस्मिन् = इत्यस्मिन्।
(घ) एतेषु + एव = एतेष्वेव।
(ङ) सहसा + एव = सहसैव।

5. मञ्जूषातः समुचितानि पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
(मञ्जूषा से उचित पदों को चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करो)

मञ्जूषा – रचयन्ति गृहीत्वा सहसा जिज्ञासा सह ।

(क) छात्राः पुस्तकानि …………… विद्यालयं गच्छन्ति।
(ख) मालाकाराः पुष्पैः मालाः ………. ।
(ग) मम मनसि एका ………………. वर्तते।
(घ) रमेशः मित्रैः …………… विद्यालयं गच्छति।
(ङ) ……………….. बालिका तत्र अहसत।
उत्तराणि:
(क) छात्राः पुस्तकानि गृहीत्वा विद्यालयं गच्छन्ति।
(ख) मालाकाराः पुष्पैः मालाः रचयन्ति।
(ग) मम मनसि एका जिज्ञासा वर्तते।
(घ) रमेशः मित्रैः सह विद्यालयं गच्छति।
(ङ) सहसा बालिका तत्र अहसत।

6. पदनिर्माणं कुरुत
(पदों का निर्माण करो)

धातुः – प्रत्ययः – पदम्
यथा- कृ + तुमुन् = कर्तुम्
ह्यु + तुमुन् = ……………
तु + तुमुन् = ……………
उत्तराणि:
धातुः – प्रत्ययः – पदम्
यथा- कृ + तुमुन् = कर्तुम्
ह्यु + तुमुन् = तर्तुम
तु + तुमुन् = हर्तुम

यथा – नम् + क्त्वा = नत्वा
गम् + क्त्वा = ……………
त्यज् + क्त्वा = ……………
भुज् + क्त्वा = ……………
उत्तराणि:
यथा – नम् + क्त्वा = नत्वा
गम् + क्त्वा = गत्वा
त्यज् + क्त्वा = त्यक्त्वा
भुज् + क्त्वा = भुक्तवा

NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 8 संसारसागरस्य नायकाः 1
उत्तराणि:
NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 8 संसारसागरस्य नायकाः 2

7. कोष्ठकेषु दत्तेषु शब्देषु समुचितां विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
(कोष्ठकों में दिए गए शब्दों में समुचित विभक्ति का योग करके रिक्तस्थानों को पूरा करो)

यथा-विद्यालयं परितः वृक्षाः सन्ति। (विद्यालय)

(क) ………………. उभयतः ग्रामाः सन्ति। (ग्राम)
(ख) ………………. सर्वतः अट्टालिकाः सन्ति। (नगर)
(ग) धिक् ……………… । (कापुरुष)
उत्तराणि:
(क) ग्रामम् उभयतः ग्रामाः सन्ति ।
(ख) नगरं सर्वतः अट्टालिकाः सन्ति ।
(ग) धिक् कापुरुषम्।

यथा-मृगाः मृगैः सह धावन्ति। (मृग)

(क) बालकाः ………………. सह पठन्ति। (बालिका)
(ख) पुत्रः ………….. सह आपणं गच्छति। (पितृ)
(ग) शिशुः ………………. सह क्रीडति। (मातृ)
उत्तराणि:
(क) बालकाः बालिकाभिः सह पठन्तिः।
(ख) पुत्रः पित्रा सह आपणं गच्छति।
(ग) शिशुः मात्रा सह क्रीडति।

Class 8 Sanskrit Chapter 8 संसारसागरस्य नायकाः Additional Important Questions and Answers

अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा निर्देशानुसारं प्रश्नान् उत्तरत –

(क) गजधराः वास्तुकाराः आसन्। कामं ग्रामीणसमाजो भवतु नागरसमाजो वा तस्य नव-निर्माणस्य सुरक्षा प्रबन्धनस्य च दायित्वं गजधराः निभालयन्ति स्म। नगरनियोजनात् लघुनिर्माणपर्यन्तं सर्वाणि कार्याणि एतेष्वेव आधृतानि आसन्।

I. एकपदेन उत्तरत

(i) गजधराः के आसन्?
उत्तराणि:
वास्तुकाराः।।

(ii) सर्वाणि कार्याणि केषु एव आधृतानि?
उत्तराणि:
गजधरेषु।

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत

(i) सुरक्षाप्रबन्धनस्य दायित्वं के निभालयन्ति स्म?
उत्तराणि:
गजधराः सुरक्षाप्रबन्धनस्य दायित्वं निभालयन्ति स्म।

III. निर्देशानुसारम् प्रदत्तविकल्पेभ्यः उचितं उत्तरं चित्वा लिखत –

(i) ‘तस्य’ इत्यत्र का विभक्तिः ?
(क) षष्ठी
(ख) सप्तमी
(ग) पंचमी
(घ) चतुर्थी
उत्तराणि:
(क) षष्ठी ।

(ii) ‘आसन्’ इत्यस्य एकवचनान्त रूपं किम् अस्ति?
(क) आस्म
(ख) आसीत्
(ग) आस्व.
(घ) आस्ते
उत्तराणि:
(ख) आसीत्।

समुचितपदेन रिक्तस्थानानि पूरयत येन कथनानां भावः स्पष्टो भवेत् –

पुरा ते बहुप्रथिताः आसन्।
भावः-प्राचीनकाले ते …………. आसन्।
उत्तराणि:
प्राचीनकाले ते बहुप्रसिद्धाः आसन्।

अधोलिखितेषु भावार्थेषु समुचितभावार्थं लिखत –

(क) इमे तडागाः अत्र संसारसागराः इति।
भावार्थाः
(i) तडागाः एव संसारसागराः कथ्यन्ते।
(ii) तडागाः संसारे सागराः इव सन्ति।
(iii) तडागाः सागरे मिलन्ति।
उत्तराणि:
(i) तडागाः एव संसारसागरा: कथ्यन्ते।

अधोलिखितेषु शुद्धकथनं ( ✓ ) चिह्नन अशुद्धकथनं ( ✗ ) चिह्नन अङ्कयत –

(क) वेतनानि अतिरिच्य गजधरेभ्यः सम्मानोऽपि प्रदीयते स्म

(i) गजधरेभ्यः वेतनं विहाय सम्मानो दीयते स्म।
(ii) वेतनस्य अतिरिक्तं सम्मानोऽपि तेभ्यः दीयते स्म।
उत्तराणि:
(i) (✗)
(ii) ✓)

अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –

(i) गजधरा; वास्तुकाराः आसन्।
(क) काः
(ख) कौ
(ग) के
(घ) कः
उत्तराणि:
गजधराः के आसन्?

(ii) गजधरेभ्यः सम्मानोऽपि प्रदीयते स्म।
(क) कैः
(ख) केभ्यः
(ग) कस्मै
(घ) कस्मात्
उत्तराणि:
केभ्यः सम्मानोऽपि दीयते स्म?

(iii) गजधरः गजपरिमाणं धारयति स्म।
(क) किम्
(ख) कम्
(ग) कानि
(घ) के
उत्तराणि:
गजधरः किम् धारयति स्म?

घटनाक्रमानुसारम् अधोलिखितानि वाक्यानि पुनः लेखनीयानि –

(i) गजधराः वास्तुकाराः आसन्।
उत्तराणि:
के आसन् ते अज्ञातनामानः।

(ii) के आसन् ते अज्ञातनामानः।
उत्तराणि:
पुरा ते बहुप्रथिताः आसन्।

(iii) यः गजपरिमाणं धारयति स गजधरः।
उत्तराणि:
राजस्थानस्य केषुचित् भागेषु शब्दोऽयम् प्रचलति।

(iv) नमः एतादृशेभ्यः शिल्पिभ्यः।
उत्तराणि:
यः गजपरिमाणं धारयति स गजधरः।

(v) राजस्थानस्य केषुचित् भागेषु शब्दोऽयम् प्रचलति।
उत्तराणि:
गजधराः वास्तुकाराः आसन्।

(vi) पुरा ते बहुप्रथिताः आसन्।
उत्तराणि:
नमः एतादृशेभ्यः शिल्पिभ्यः।

अधोलिखिते सन्दर्भे रिक्तस्थानानि मंजूषातः उचितपदैः पूरयत –

…………… वास्तुकाराः आसन्। कामं ग्रामीणसमाजो वा …….. गजधराः ……….. स्म। नवनिर्माणस्य …………….
निभालयन्ति, दायित्वम्, सुरक्षाप्रबन्धनस्य, तस्य, गजधराः।
उत्तराणि:
गजधरा: वास्तुकाराः आसन् । कामं ग्रामीणसमाजो वा तस्य नवनिर्माणस्य सुरक्षाप्रबन्धनस्य च दायित्वं गजधराः निभालयन्ति स्म।

अधोलिखितानां शब्दानां वाक्येषु प्रयोगं कुरुत –

पुरा, नूतनः, प्रथिताः।
उत्तराणि:
(i) पुरा = प्राचीनकाले
पुरा गजधराः कार्याणि सम्पादयन्ति स्म।

(ii) नूतनः = नवीनः
देवः नूतनवत्सरे उत्सवं सभाजयति।

(iii) प्रथिताः = प्रसिद्धाः
गजधराः प्रथिताः आसन्।

अधोलिखितानां शब्दानां समक्षं दत्तैरथैः सह मेलनं कुरुत –

शब्दाः – अर्थाः
(i) सम्मानः – नवीनः
(ii) प्रथितः – प्राचीनकाले
(iii) पुरा – सम्प्रति
(iv) उद्भूताः – आदरः
(v) इदानीम् – उत्पन्नाः
(vi) नूतनः – प्रसिद्धः
शब्दाः – अर्थाः
(i) सम्मानः – आदरः
(ii) प्रथितः – प्रसिद्धः
(iii) पुरा – प्राचीनकाले
(iv) उद्भूताः – उत्पन्नाः
(v) इदानीम् – सम्प्रति
(vi) नूतनः – नवीनः।

1. अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत –

शतशः सहस्रशः तडागाः सहसैव शून्यात् न प्रकटीभूताः। इमे एव तडागाः अत्र संसारसागराः इति। एतेषाम् आयोजनस्य नेपथ्ये निर्मापयितृणाम् एककम्, निर्मातॄणां च दशकम् आसीत्।

(i) एकपदेन उत्तरत

शून्यात् सहसैव के न प्रकटीभूता?
(क) सहसैव
(ख) तडागाः
(ग) सहस्रशः
(घ) शतशः
उत्तराणि:
(ख) तडागाः

(ii) पूर्णवाक्येन उत्तरत-
इमे तडागाः के सन्ति?
उत्तराणि:
इमे तडागाः संसारसागराः सन्ति।

(iii) ‘एतेषाम्’ इति सर्वनामपदं केभ्यः प्रयुक्तं?
(क) तडागेभ्यः
(ख) संसारसागरेभ्यः
(ग) तडागाः
(घ) तडागाय
उत्तराणि:
(क) तडागेभ्यः

(iv) ‘निर्मातॄणाम्’ इत्यत्र का विभक्तिः ?
(क) द्वितीया
(ख) तृतीया
(ग) सप्तमी
(घ) षष्ठी
उत्तराणि:
(घ) षष्ठी

2. ‘पुरा ते बहुप्रथिताः आसन्।’ अत्र अव्ययपदं किं?
(क) पुरा
(ख) ते
(ग) आसन्
(घ) बहुप्रथिताः
उत्तराणि:
(क) पुरा

3. “अशेषे हि देशे तडागाः निर्मीयन्ते स्म”। इत्यत्र कर्मपदं किं?
(क) हि
(ख) देशे
(ग) तडागाः
(घ) अशेषे
उत्तराणि:
(ग) तडागाः

4. ‘इत्येतानि’ इत्यत्र कः सन्धिः?
(क) गुण
(ख) दीर्घ
(ग) यण्
(घ) वृद्धि
उत्तराणि:
(ग) यण्

5. ‘नमः एतादृशेभ्यः शिल्पिभ्यः’ अस्मिन् वाक्ये ‘नमः’ योगे का विभक्तिः?
(क) तृतीया
(ख) चतुर्थी
(ग) पञ्चमी
(घ) षष्ठी
उत्तराणि:
(ख) चतुर्थी

6. ‘भवेयुः’ इति पदे कः लकारः?
(क) लट
(ख) लोट
(ग) लङ्
(घ) विधिलिङ्
उत्तराणि:
(घ) विधिलिङ्

7. ‘चलन्तः’ इत्यत्र कः प्रत्ययः?
(क) शतृ
(ख) ता
(ग) क्त
(घ) तल्
उत्तराणि:
(क) शतृ

8. यः गजपरिणामं धारयति सः ………. कथ्यते। रिक्तस्थानं पूरयत –
(क) कुम्भकारः
(ख) गजधरः
(ग) गजधराः
(घ) अयस्कारः
उत्तराणि:
(ख) गजधरः

9. रेखांकितपदानि आधारीकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –

(i) गजधरेभ्यः सम्मानः अपि दीयते स्म।
(क) काभिः
(ख) काभ्यः
(ग) केभ्यः
(घ) केभयः
उत्तराणि:
(ग) केभ्यः

(ii) नूतनसमाजस्य मनसि जिज्ञासा न उद्भूता।
(क) कस्मिन्
(ख) का
(ग) कः
(घ) किम्
उत्तराणि:
(क) कस्मिन्

(iii) यः नूतनः प्रविधिः विकसितः।
(क) कीदृशी
(ख) कीदृशं
(ग) कीदृशः
(घ) कीदृशाः
उत्तराणि:
(ग) कीदृशः

NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 7 भारतजनताऽहम्

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NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Ruchira Chapter 7 भारतजनताऽहम्

Class 8 Sanskrit Chapter 7 भारतजनताऽहम् Textbook Questions and Answers

1. पाठे दत्तानां पद्यानां सस्वरवाचनं कुरुत-
उत्तराणि:
(पाठ में दिए गए पद्य को स्वर में पढ़िए)

2. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एकपद में लिखो)

(क) अहं वसुन्धरां किं मन्ये?
उत्तराणि:
(क) कुटुम्बम्

(ख) मम सहजा प्रकृति का अस्ति?
उत्तराणि:
(ख) मैत्री

(ग) अहं कस्मात् कठिना भारतजनताऽस्मि?
उत्तराणि:
(ग) वज्रात्

(घ) अहं मित्रस्य चक्षुषां किं पश्यन्ती भारतजनताऽस्मि?
उत्तराणि:
(घ) संसारम्

3. प्रश्नानाम् उत्तराणि पूर्णवाक्येन लिखत –
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में लिखिए)

(क) भारतजनताऽहम् कैः परिपूता अस्ति?
उत्तराणि:
भारतजनताऽहम् अध्यात्मसुधातटिनीस्नानैः परिपूता अस्ति।

(ख) समं जगत् कथं मुग्धमस्ति?
उत्तराणि:
समं जगत् गीतैः मुग्धमस्ति।

(ग) अहं किं किं चिनोमि?
उत्तराणि:
अहं श्रेयः प्रेयश्च चिनोमि।

(घ) अहं कुत्र सदा दृश्ये?
उत्तराणि:
अहं विश्वस्मिन् जगति सदा दृश्ये।

(ङ) समं जगत् कैः कैः मुग्धम् अस्ति?
उत्तराणि:
समं जगत् काव्यैः नृत्यैः मुग्धम् अस्ति।

4. सन्धिविच्छेदं पूरयत
(संधि विच्छेद करके रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए)

(क) विनयोपेता = विनय + उपेता
(ख) कुसुमादपि = ……….. + …………..
(ग) चिनोम्युभयम् = चिनोमि + …………….
(घ) नृत्यैर्मुग्धम् =………….. + मुग्धम्
(ङ) प्रकृतिरस्ति = प्रकृतिः + ……………..
(च) लोकक्रीडासक्ता = लोकक्रीडा + ……….
उत्तराणि:
(क) विनयोपेता = विनय + उपेता
(ख) कुसुमादपि = कुसुमात् + अपि
(ग) चिनोम्युभयम् = चिनोमि + उभयम्
(घ) नृत्यैर्मुग्धम् = नृत्यैः + मुग्धम्
(ङ) प्रकृतिरस्ति = प्रकृतिः + अस्ति
(च) लोकक्रीडासक्ता = लोकक्रीडा + आसक्ता

5. विशेषण विशेष्य पदानि मेलयत
(विशेषण और विशेष्य पदों का मेल कीजिए)

विशेषण-पदानि – विशेष्य-पदानि
सुकुमारा – जगत्
सहजा – संसारे
विश्वस्मिन् – भारतजनता
समम् – प्रकृति
समस्ते – जगति
उत्तराणि:
विशेषण-पदानि – विशेष्य-पदानि
सुकुमारा – भारतजनता
सहजा – प्रकृति
विश्वस्मिन् – जगति
समम् – जगत्
समस्ते – संसारे

6. समानार्थकानि पदानि मेलयत –
(समानार्थक शब्दों को मिलाइए)

जगति – नदी
कुलिशात् – पृथ्वीम्
प्रकृति – संसारे
चक्षुषा – स्वभावः
तटिनी – वज्रात्
वसुन्धराम् – नेत्रेण
उत्तराणि:
जगति – संसारे
कुलिशात् – वज्रात्
प्रकृति – स्वभावः
चक्षुषा – नेत्रेण
तटिनी – नदी
वसुन्धराम् – पृथ्वीम्

7. उचितकथानां समक्षम् (आम्) अनुचितकथनानां समक्षं च (न) इति लिखत –
(उचित कथन के सामने आम् तथा अनुचित कथन के सामने न लिखिए)

(क) अहं परिवारस्य चक्षुषा संसारं पश्यामि।
(ख) समं जगत् मम काव्यैः मुग्धमस्ति।
(ग) अहम् अविवेका भारतजनता अस्मि।
(घ) अहं वसुन्धराम् कुटुम्बं न मन्ये।
(ङ) अहं विज्ञानधना ज्ञानधना चास्मि।
उत्तराणि:
NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 7 भारतजनताऽहम् 1

Class 8 Sanskrit Chapter 7 भारतजनताऽहम् Additional Important Questions and Answers

अधोलिखितं श्लोकं पठित्वा निर्देशानुसारं प्रश्नान् उत्तरत –

(क) निवसामि समस्ते संसारे। मन्ये च कुटुम्बं वसुन्धराम्॥
प्रेयः श्रेयः च चिनोम्युभयं। सुविवेका भारतजनताऽहम्॥

I. एकपदेन उत्तरत –

(क) भारतजनता कुत्र निवसति?
उत्तराणि:
समस्ते संसारे

(ख) भारतजनता वसुन्धरां किं मन्यते?
उत्तराणि:
कुटुम्बम्

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत

(क) भारतजनता कीदृशी अस्ति?
उत्तराणि:
भारतजनता सुविवेका अस्ति।

(ख) भारतजनता किं चिनोति?
उत्तराणि:
भारतजनता श्रेयः प्रेयश्च चिनोति।

III. यथानिर्देशम् उत्तरत

(क) ‘निवसामि समस्ते संसारे’ इत्यत्र क्रियापदं किम्?
उत्तराणि:
चित्रसामि

(ख) ‘मन्ये कुटुम्बं वसुन्धराम्’ इत्यत्र कर्तृपदं किम्?
उत्तराणि:
अहम्

(ग) ‘चिनोमि’ इत्यत्रं कः लकार:?
उत्तराणि:
लट

(घ) ‘सुविवेका’ इत्यस्य विलोमपदं लिखत।
उत्तराणि:
अविवेका

अधोलिखितस्य अन्वयं लिखित्वा स्थानपूर्तिं कुरुत –

मम गीतैर्मुग्धं समं जगत्।
मम नृत्यैर्मुग्धं सममं जगत्।

भावः-मम ……….. समं जगत् मुग्धम्। ………… नृत्यैः ………… जगत् …….
उत्तराणि:
मम गीतैः समं जगत् मुग्धम्। मम नृत्यैः समं जगत् मुग्धम्।

रेखांकित पदम् आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –

प्रश्नाः

(क) अहं वसुन्धरां कुटुम्ब मन्ये।
उत्तराणि:
अहं वसुन्धरां किं मन्ये?

(ख) भारतजनता सविवेका अस्ति।
उत्तराणि:
भारतजनता कीदृशी अस्ति?

(ग) मम गीतैः जगत् मुग्धम्।
उत्तराणि:
मम गीतैः किं मुग्धम्?

1. उचितविकल्पं श्लोकं चित्वा प्रश्नान् उत्तरत –

मैत्री मे सहजा प्रकृतिरस्ति। नो दुर्बलतायाः पर्यायः॥
मित्रस्य चक्षुषा संसारं। पश्यन्ती भारतजनताऽहम्॥

I. एकपदेन उत्तरत

(क) सहजा प्रकृतिः किम् अस्ति?
(i) शत्रुता
(ii) मैत्री
(iii) संगतिः
(iv) भक्तिः
उत्तराणि:
(ii) मैत्री

(ख) कस्य चक्षुषा संसारं पश्यति?
(i) शत्रोः
(ii) मित्रस्य
(iii) गुरोः
(iv) बान्धवस्य
उत्तराणि:
(ii) मित्रस्य

II. यथानिर्देशम् उत्तरत

(क) ‘सहजा प्रकृतिः’ इत्यत्र विशेषणपदं लिखत
(i) प्रकृतिः
(ii) मैत्री
(iii) सहजा
(iv) मम।
उत्तराणि:
(iii) सहजा

(ख) ‘मैत्री’ इत्यस्य कोऽर्थः?
(i) भक्तिः
(ii) शत्रुता
(iii) मित्रता
(iv) संगतिः।
उत्तराणि:
(iii) मित्रता

(ग) ‘चक्षुषा’ इत्यत्र का विभक्तिः ?
(i) प्रथमा
(ii) तृतीया
(iii) षष्ठी
(iv) चतुर्थी।
उत्तराणि:
(ii) तृतीया

(घ) ‘पश्यन्ती’ इत्यत्र कः प्रत्ययः?
(i) न्ती
(ii) यन्ती
(iii) अन्ती
(iv) शतृ।
उत्तराणि:
(iv) शतृ।