CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5

 

BoardCBSE
Class10
SubjectSocial Science
Sample Paper SetPaper 5
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 5 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
“इनलैंड इमिग्रेशन एक्ट” क्या था? 1

प्र० 2.
ईंधन के रूप में उपलों के उपयोग को क्यों हतोत्साहित करना चाहिए? 1

प्र० 3.
लोकतांत्रिक सुधार किसे कहते है तथा इसे किस प्रकार लागू किया जा सकता है? 1

प्र० 4.
विवाह, तलाक, उत्तराधिकार से संबंधित कानून क्या कहलाता है? (\(\frac { 1 }{ 2 }\) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) = 1)

प्र० 5.
किसी अर्थव्यवस्था में विकास को धारणीय कैसे बनाया जा सकता है, संसाधनों के उपयोग के संदर्भ में एक उदाहरण दीजिए। 1

प्र० 6.
यदि व्यापारी द्वारा उपभोक्ता को कोई क्षति पहुँचाई गई है, तो किस उपभोक्ता अधिकार के अन्तर्गत वह नुकसान की भरपाई के लिए उपभोक्ता न्यायालय जा सकता है? 1

प्र० 7.
ऋणों के औपचारिक स्रोतों की कार्य प्रणाली पर नज़र क्यों अनिवार्य है? 1

प्र० 8.
‘व्यापार अधिशेष’ शब्द की परिभाषा दीजिए। भारत के साथ व्यापार अधिशेष से प्राप्त आय का ब्रिटेन किस प्रकार उपयोग करता था? 3
अथवा
अठारहवीं सदी में नए आविष्कारों की श्रृंखला ने सूती वस्त्र उद्योग की उत्पादन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में कुशलता को किस प्रकार बढ़ाया? स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
“लंदन सीज़न” की परंपरा क्या थी? लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंग्लैंड में 19वीं शताब्दी में अपनाए गए मनोरंजन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 9.
बंगाल में स्वदेशी आंदोलन के दौरान किस प्रकार का झण्डो तैयार किया गया था? इसकी मुख्य विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 10.
अठारहवीं सदी के यूरोप में कुछ लोगों को क्यों ऐसा लगता था कि मुद्रण संस्कृति से निरंकुशवाद का अंत और ज्ञानोदय होगा? 3
अथवा
उपन्यास परीक्षा-गुरु में दर्शायी गई नए मध्यवर्ग की तस्वीर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 3

प्र० 11.
“असम में बागानी मजदूरों की महात्मा गांधी के विचारों और स्वराज के बारे में अपनी अलग-अलग अवधारणा थी।” तर्क देकर कथन की पुष्टि कीजिए। 3

प्र० 12.
“हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्नों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है।” कथन की पुष्टि कीजिए। 3

प्र० 13.
“पूरे देश में ऊर्जा के सभी प्रकारों का उपयोग बढ़ रहा है। ऊर्जा की बचत और ऊर्जा के विकास के सतत् पोषणीय मार्ग को विकसित करने की तुरन्त आवश्यकता है।” इस ज्वलंत समस्या के निवारण के लिए कोई तीन उपाय सुझाइए और उन्हें स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 14.
क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी से क्या अभिप्राय है? क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी’ को मान्यता प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तों का उल्लेख कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 15.
विकेन्द्रीकरण की दिशा में 1992 में क्या कदम लिया गया था? 3

प्र० 16.
“टकराव सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा करता है और सामंजस्य सँभालना अपेक्षाकृत आसान होता है।” स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 17.
“बाज़ार में उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम और विनियमों की आवश्यकता होती है।” इस कथन को न्यायोचित ठहराइए। 3

प्र० 18.
“बैंकों में जमा की गई धनराशियाँ जमाकर्ता के साथ-साथ राष्ट्र के लिए हितकर हैं।” कथन की परख कीजिए। 3

प्र० 19.
“फ्रांस में नेपोलियन ने प्रजातंत्र को नष्ट किया था परन्तु प्रशासनिक क्षेत्र में उसने क्रांतिकारी सिद्धान्तों का समावेश किया, जिससे पूरी व्यवस्था अधिक तर्कसंगत और कुशल बन सके।” तर्को सहित इस कथन का विश्लेषण कीजिए। 5
अथवा
“जिनेवा में चली शान्ति वार्ताओं ने वियतनाम का विभाजन किया, जिसके परिणामस्वरूप घटी घटनाओं की श्रृंखला ने वियतनाम को युद्ध क्षेत्र में बदल दिया।” तर्को सहित इस कथन का विश्लेषण कीजिए। 5

प्र० 20.
जलोढ़ मृदा का निर्माण कैसे होता है? जलोढ़ मृदा की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 5

प्र० 21.
“भारत में सड़क परिवहन अभी भी रेल परिवहन की अपेक्षा अधिक सुविधाजनक है।” तर्को सहित इस कथन का समर्थन कीजिए। 5

प्र० 22.
“साम्प्रदायिकता राजनीति में अनेक रूप धारण कर सकती है” कथने की व्याख्या कीजिए। 5

प्र० 23.
लोकतंत्र तथा आर्थिक संवृद्धि और विकास के मध्य संबंधों की व्याख्या कीजिए। 5

प्र० 24.
तृतीयक क्षेत्र किस प्रकार प्राथमिक और द्वितीय क्षेत्रों के विकास में सहायता करता है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 25.
सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए किन्हीं पाँच संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाइए। 5

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ से सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ हुआ। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ 1927 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। 1
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(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए :
(c) से अंकित किया गया एक प्रमुख कपास उत्पादक राज्य 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) सूती वस्त्र उद्योग : मुरादाबाद
(ii) आणविक ऊर्जा संयंत्र : रावतभाटी (1 + 1 = 2)
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नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जो असहयोग आंदोलन के वापिस लेने से संबंधित है।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ दिसम्बर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।
(c) डिगबोई तेल क्षेत्र किसे प्रदेश में स्थित है?
(d) बोकारो लोहा और इस्पात संयंत्र किस राज्य में स्थित है?
(e) भारत के पश्चिमी तट के दक्षिणतम समुद्री पत्तन का नाम लिखिए।

Answers

उत्तर 1.
1859 के इनलैंड इमिग्रेशन एक्ट के अंतर्गत बागानों में काम करने वाले मजदूरों को बिना इजाजत बागान से बाहर जाने की छूट नहीं होती थी।

उत्तर 2.
उपलों के उपयोग से वायु प्रदूषित होती है इसलिए इनके उपयोग को हतोत्साहित करना चाहिए।

उत्तर 3.
लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों के बारे में सभी सुझाव अथवा प्रस्ताव लोकतांत्रिक सुधार कहलाते हैं। लोकतांत्रिक सुधार को कानूनों, लोगों के सहयोग, लोकतांत्रिक आंदोलनों तथा समाचार पत्रों व टेलीविजन आदि द्वारा लागू किया जा सकता है।

उत्तर 4.
विवाह, तलाक, उत्तराधिकार से संबंधित कानून पारिवारिक कानून कहलाते हैं।

उत्तर 5.
विकास की धारणीयता नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग द्वारा बनाई जा सकती है, जैसे पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा इत्यादि के उपयोग द्वारा विकास धारणीय बना रह सकता है।

उत्तर 6.
उपभोक्ता का ‘सुरक्षित रहने का अधिकार’।

उत्तर 7.
ऋणों के समान वितरण तथा ब्याज दरों को निम्न रखने के लिए।

उत्तर 8.
‘व्यापार अधिशेष’ का अर्थ है दो देशों के बीच आपसी व्यापार में एक राष्ट्र को मिलने वाला लाभ। 19वीं शताब्दी में भारतीय बाजारों में ब्रिटिश औद्यागिक उत्पादों की बिक्री में काफी वृद्धि हुई। ब्रिटेन से जो माल भारत भेजा जाता था उसकी कीमत भारत से ब्रिटेन भेजे जाने वाले माल की कीमत से बहुत ज्यादा होती थी। भारत के साथ ब्रिटेन हमेशा व्यापार अधिशेष की स्थिति में ही रहता था।

ब्रिटेन भारत के साथ व्यापार अधिशेष के सहारे दूसरे देशों के साथ होने वाले घाटे की भरपाई कर लेता था। ब्रिटेन को व्यापार से जो अधिशेष प्राप्त होता था, उससे देशी खर्चे का निपटारा होता था। इसके तहत ब्रिटिश अफ़सरों और व्यापारियों द्वारा अपने घर में भेजी गई निजी रकम, भारतीय बाहरी कर्जे पर ब्याज और भारत में काम कर चुके ब्रिटिश अफसरों की पेंशन शामिल थी।

अथवा

अठारहवीं सदी में कई ऐसे आविष्कार हुए जिन्होंने सूती वस्त्र उद्योग की उत्पादन प्रक्रिया के हर चरण की कुशलता को बढ़ा दिया। रिचर्ड आर्कराइट ने सूती कपड़ा मिल की रूपरेखा को ही बदल डाला। अभी तक कपड़ा उत्पादन केवल पूरे देहात में फैला हुआ था। यह काम लोग अपने-अपने घर पर ही करते थे। लेकिन अब महँगी नयी मशीनें खरीदकर उन्हें कारखानों में लगाया जा सकता था। कारखाने में सारी प्रक्रियाएँ एक छत के नीचे और एक मालिक के हाथों में आ गई थीं। इसके चलते उत्पादन प्रक्रिया पर निगरानी, गुणवत्ता को ध्यान रखना और मजदूरों पर नज़र रखना संभव हो गया था। इस प्रकार नए आविष्कारों की श्रृंखला ने सूती वस्त्र उद्योग की उत्पादन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में कुशलता को बढ़ाया।

अथवा

अमीर ब्रिटेनवासियों में ‘लंदन सीज़न’ की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही थी। 18वीं शताब्दी के आखिरी दशकों में 300-400 संभ्रात परिवारों के समूह के लिए ऑपेरा, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत जैसे कई प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे। 19वीं शताब्दी में अपनाए गए मनोरंजन के नए-नए साधन निम्नलिखित हैं :

  • मेहनत और मजदूरी करने वाले अपना खाली समय ‘पब’ और शराबखानों में बिताते थे। ये लोग कभी-कभी राजनीतिक कार्रवाइयों के लिए मोलबंदी भी करते थे।
  • आम लोग भी मन बहलाने के साधन तलाशने लगे। कुछ मनोरंजन के साधन सरकारी पैसे से शुरू किए मए।
  • 19वीं शताब्दी में ब्रिटेन में बहुत सारे पुस्तकालय, कलादीर्घाएँ और संग्रहालय खोले जाने लगे। इससे लोगों को मनोरंजन होने के साथ-साथ अपने गौरवशाली इतिहास को जानने को मौका भी मिला।

उत्तर 9.
बंगाल में ‘स्वदेशी आंदोलन के दौरान एक तिरंगा झण्डा (हरा, पीला, लाल) तैयार किया गया।
तिरंगे झण्डे की मुख्य विशेषताएँ निम्न थीं :

  • इसमें ब्रिटिश भारत के आठ प्रांतों का प्रतिनिधित्व करते कमल के आठ फूल दर्शाए गए थे।
  • हिन्दुओं वे मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता एक अर्धचंद्र भी दर्शाया गया था।

उत्तर 10.

  1. अठारहवीं सदी के यूरोप में यह विश्वास बन गया था कि किताबों के द्वारा प्रगति और ज्ञानोदय होता है। बहुत सारे लोगों का यह मानना था कि किताबें दुनिया बदल सकती है। मुद्रण निरंकुशवाद और आतंकी राजसत्ता से समाज को मुक्ति दिलाकर ऐसा दौर लाएँगी जब विवेक और बुद्धि का राज होगा।
  2. अठारहवीं सदी में फ्रांस के एक उपन्यासकार लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए ने घोषणा की, “छापाखाना प्रगति का सबसे बड़ा ताकतवर औज़ार है और इससे बन रही जनमत की आँधी में निरंकुशवाद उड़ जाएगा।” मर्सिए के उपन्यासों में नायक अक्सर किताबें पढ़ने से बदल जाते हैं। वे किताबों की दुनिया में जीते हैं और इसी क्रम में ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं।
  3. ज्ञानोदय को लाने और निरंकुशवाद के आधार को नष्ट करने में छापेखाने की भूमिका के बारे में आश्वस्त मर्सिए का कहना था कि निरंकुशवादी शासक सावधान हो जाएँ क्योंकि अब उनके काँपने का वक्त आ गया है। आभासी लेखक के कलम के ज़ोर के आगे वे टिक नहीं पाएँगे।

अथवा

श्रीनिवास दास द्वारा रचित ‘परीक्षा-गुरु’ हिंदी भाषा का पहला उपन्यास है। इसका प्रकाशन 1882 में हुआ था। परीक्षा-गुरु में खुशहाल परिवारों के युवाओं को बुरी संग-सोहबत के नैतिक खतरों से आगाह किया गया था। परीक्षा-गुरु से नव-निर्मित मध्यवर्ग की अंदरूनी और बाहरी दुनिया का पता चलता है। उपन्यास के चरित्रों को औपनिवेशिक शासन से कदम मिलाने में कैसी मुश्किलें आती हैं और अपनी सांस्कृतिक अस्मिता को लेकर वे क्या सोचते हैं, यह इस उपन्यास का तथ्य है। यह उपन्यास पाठकों को जीने का सही तरीका बताता है और हर विवेकवान इंसान से यह आशा करता है कि वे चतुर और व्यावहारिक बनें। साथ ही अपनी संस्कृति और परंपरा में रहकर सम्मान का जीवन व्यतीत करें। अपने तमाम अच्छे प्रयासों के बावजूद परीक्षा-गुरु बहुत ज्यादा पाठक नहीं जुटा पाया, शायद इसलिए कि इसकी शैली कुछ अधिक उपदेशात्मक थी।

उत्तर 11.
आसाम के बागान मजदूरों के लिए स्वराज की अवधारणा के विषय में आजादी का अर्थ यह था कि वे बागान की चारदीवारियों से जब चाहें आ-जा सकें और वे अपने गाँवों से संपर्क रख सकें।
आंतरिक उत्प्रवास अधिनियम (Inland Emigration Act), 1859 के अंतर्गत बागान मज़दूर चाय बागानों से बिना अनुमति प्राप्त किए बाहर नहीं जा सकते थे जो कि उन्हें बहुत मुश्किल से मिलती थी।
जब उन्होंने असहयोग आंदोलन के विषय में सुना तो हज़ारों मज़दूर अपने अधिकारियों की आज्ञा की अवहेलना करने लगे और बागान छोड़ कर अपने-अपने घरों को चल दिए।

उत्तर 12.
हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्नों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है अर्थात् हरित क्रांति के परिणामस्वरूप भारत में खाद्यान्नों का उत्पादन बहुत बढ़ गया है जिससे भारत खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है।
भारत में खाद्यान्नों का उत्पादन निम्नलिखित कारणों से बढ़ा है :

  • हरित क्रांति के अंतर्गत गेहूँ, चावल, दालों आदि की बहुत-सी ऐसी किस्मों का विकास किया गया है। जो प्रति हैक्टेयर उत्पादन बहुत अधिक देती है। सिंचाई के साधनों को विकसित कर लिया गया है।
  • किसानों को नई-नई तकनीकों के प्रयोग करने के प्रशिक्षण दिए गए हैं।
  • कृषि में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग तेज़ी से करके भूमि की उत्पादकता को बढ़ाया गया है। 1950-51 में गेहूँ तथा चावल का उत्पादन प्रति हैक्टेयर क्रमश: 608 तथा 660 किलोग्राम थी जो 2005-2006 में बढ़कर क्रमश: 2607 तथा 2093 किलोग्राम हो गया है। इसी प्रकार 1960-61 में कुल खाद्यान्नों का उत्पादन प्रति हैक्टेयर 710 किलोग्राम था जो बढ़कर 2005-2006 में 1708 किलोग्राम हो गया है।

उत्तर 13.
वर्तमान में भारत विश्व के अल्पतम ऊर्जादक्ष देशों में गिना जाता है। हमें ऊर्जा के सीमित संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग के लिए सावधानीपूर्ण उपागम अपनाना होगा।
इस समस्या के निवारण के लिए उपाय :

  • एक जागरूक नागरिक के रूप में हमें आवागमन के लिए निजी वाहनों की अपेक्षा सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करना चाहिए।
  • प्रयोग न होने पर बिजली के स्विस बंद कर देने चाहिएं तथा विद्युत बचत करने वाले उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए।
  • गैर-पारंपरिक ऊर्जा साधनों के प्रयोग से हम अपना-अपना छोटा योगदान दे सकते हैं अर्थात् ‘ऊर्जा की बचते ही ऊर्जा उत्पादन है।’

उत्तर 14.
वह दल, जो केवल किसी क्षेत्र विशेष में प्रभाव रखते हैं, क्षेत्रीय राजनीतिक दल कहलाते हैं। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में नैशनल कान्फ्रेंस, अकाली दल, इण्डियन नैशनल लोकदल, तेलुगुदेशर्म आदि प्रमुख हैं।
‘क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी को मान्यता प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्ते-

  • जब कोई पार्टी राज्य विधानसभा के चुनाव में पड़े कुल मतों का 6 फीसदी या उससे अधिक हासिल करती है; और
  • कम से कम दो सीटों पर जीत दर्ज करती है तो उसे अपने राज्य के राजनीतिक दल के रूप में मान्यता मिल जाती है।

उत्तर 15.
जब केंद्र और राज्य सरकार से शक्तियाँ लेकर स्थानीय सरकारों को दी जाती हैं तो इसे सत्ता का विकेंद्रीकरण कहते हैं।
विकेंद्रीकरण की दिशा में 1992 में उठाए गए कदम :

  • केंद्रीय सरकार ने स्थानीय निकायों के लिए नियमित चुनाव अनिवार्य कर दिए हैं।
  • चुनावों में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए सीटों का आरक्षण है।
  • कम-से-कम 1/3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित है।
  • हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है।
  • राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ भाग स्थानीय प्रशासन को देना पड़ेगा।

उत्तर 16.
सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। अमेरिका में श्वेत और अश्वेत का अंतर एक सामाजिक विभाजन भी बन जाता है क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर गरीब हैं, बेघर हैं तथा भेदभाव का शिकार हैं। इसी प्रकार हमारे देश में भी दलित आमतौर पर गरीब और भूमिहीन है। उन्हें भी अक्सर भेदभाव और अन्याय का शिकार होना पड़ता है। इससे सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा होती है। सामाजिक विभिन्नताएँ एक-दूसरे से गुँथ जाती है तो एक गहरे सामाजिक विभाजन की ज़मीन तैयार होने लगती है।

उत्तर 17.
बाज़ार में नियमों एवं विनियमों की आवश्यकता निम्न कारणों से होती है :

  • बाजार में उपभोक्ता का कई प्रकार से शोषण होता है, जैसे-उपभोक्ताओं को उचित माप से कम वस्तु देना तथा वस्तु के नियत मूल्य में उन शुल्कों को जोड़ देना जिनका उपभोक्ता को पहले पता न हो।
  • क्रय की गई वस्तु अथवा सेवा के विषय में जब भी कोई शिकायत होती है तो विनियमों के अभाव मे विक्रेता सारा उत्तरदायित्व क्रेता पर ही डालने का प्रयास करता है।
  • जब उत्पादक अधिक शक्तिशाली होते हैं तो उपभोक्ता कम मात्रा में खरीददारी करते हैं। उपभोक्ता बिखरे हुए होते हैं तो बाजार उचित तरीके से कार्य नहीं कर पाता। कई बार बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए भ्रामक विज्ञापनों अथवा अन्य स्रोतों द्वारा गलत सूचना प्रदान करती हैं।
    उदाहरण : एक नामी शिशु आहार बनाने वाली कम्पनी ने स्वयं के द्वारा निर्मित दूध पाउडर को शिशुओं के लिए माता के दूध से बेहतर बताकर कई वर्षों तक खूब लाभ कमाया। परंतु वर्षों बाद जब कम्पनी के दावों की जाँच की गई तो कम्पनी ने माना कि वह इतने समय से झूठे दावे करती आ रही है।
  • कई बेईमान व्यापारी खाद्य-पदार्थों में मिलावट कर जन-साधारण के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं।
    उदाहरण के तौर पर सन् 1999 में मिलावटी सरसों के तेल के सेवन से दिल्ली में कई लोगों की जान चली गई थी। (कोई तीन)

ऐसी विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए बाजार में नियमों एवं विनियमों का होना अत्यंत आवश्यक है।

उत्तर 18.
बैंक जमा राशि का उपयोग लोगों की ऋण-आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करते हैं। इस प्रकार बैंक, जिनके पास अतिरिक्त राशि है (जमाकर्ता) एवं जिन्हें राशि की ज़रूरत है (कर्जदार) के बीच मध्यस्थता का काम करते हैं। बैंक जमा पर जो ब्याज देते हैं उससे अधिक ब्याज दिये गए ऋण पर लेते हैं। कर्जदारों से लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को दिये गये ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत है। बैंकों में जमा राशि जमाकर्ता के साथ-साथ राष्ट्र के लिए भी लाभदायक है क्योंकि बैंक अपने यहाँ जमा धन को सस्ती दर पर अधिक से अधिक लोगों को ऋण प्रदान कर सकता है। सस्ती दर पर आसान ऋण मिलने पर औद्योगिक विकास में वृद्धि होती है। जमाकर्ता द्वारा जमा किए गए धन से प्राप्त ब्याज परिवारों की आय में जुड़ता है जिसके फलस्वरूप राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि होती है।

उत्तर 19.
नैपोलियन ने अपने शासन वाले क्षेत्रों में प्रशासनिक क्षेत्र को अधिक तर्कसंगत एवं कुशल बनाने हेतु निम्नलिखित क्रांतिकारी परिवर्तन किए :

  • 1804 की नागरिक संहिता, जिसे आमतौर पर नेपोलियन की संहिता के नाम से जाना जाता है, ने जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त कर दिए।
  • उसने कानून के समक्ष समानता और संपत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया।
  • डच गणतंत्र, स्विट्जरलैंड, इटली और जर्मनी में नेपोलियन ने प्रशासनिक विभाजनों को सरल बनाया।
  • नेपोलियन ने सामंती व्यवस्था को समाप्त किया तथा किसानों को भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति दिलाई।
  • शहरों में भी कारीगरों के श्रेणी-संघों पर लगे नियंत्रणों को हटा दिया गया। साथ ही साथ यातायात और संचार-व्यवस्थाओं को भी सुधारा गया।

अथवा

बंटवारे से पूरा वियतनाम युद्ध के मोर्चे में तब्दील होकर रह गया। देश की आम जनता आपस में ही गुटों में बंटकर एक-दूसरे के विरुद्ध खड़ी हो गई थी। आपसी संघर्ष से सार्वजनिक संपत्ति तथा पर्यावरण का बहुत अधिक नुकसान हो रहा था। कुछ समय पश्चात् न्गो दिन्ह दिएम के नेतृत्व में हुए तख्तापलट में बाओ डाई को गद्दी से हटा दिया गया तथा दिएम की अगुवाई में एक और दमनकारी व निरंकुश शासन की स्थापना हुई। दिएम का विरोध करने वालों को कम्युनिस्ट कहकर जेलों में डाल दिया जाता था अथवा मार दिया जाता था। दिएम ने अध्यादेश 10 को लागू रहने दिया जिसके अनुसार ईसाई धर्म को मान्य करार दिया गया तथा बौद्ध धर्म को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया। फलस्वरूप दिएम के तानाशाही शासन के विरोध में नैशनल लिबरेशन फ्रंट (एन०एल०एफ०) के नाम से एक व्यापक मोर्चा बनाया गया।

उत्तर 20.
जलोढ़ मृदा का निर्माण – जलोढ़ मृदा का निर्माण हिमालय के तीन महत्त्वपूर्ण नदी तंत्रों-सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा अपने साथ बहा कर लाई गई मृदा के मैदानी क्षेत्र में जमा होने से होता है। यह मृदा बहुत उपजाऊ होती है क्योंकि प्रति वर्ष नदियाँ नई मृदा की एक परत जमा कर देती हैं। अधिक उपजाऊ होने के कारण जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है।
उदाहरण-
(i) उत्तरी-पूर्वी भारत-ब्रह्मपुत्र घाटी; एवं
(ii) दक्षिणी भारत-कावेरी नदी का डेल्टा।
जलोढ़ मृदा की प्रमुख विशेषताएँ :

  • यह सबसे अधिक उपजाऊ और अधिक विस्तार वाली है।
  • यह मृदा देश के उत्तरी मैदानों तथा तटीय प्रदेशों में पाई जाती है।
  • इस मृदा में पेड़-पौधों का गला-सड़ा अंश (ह्यूमस) काफी मात्रा में मिलता है।
  • चूना अंश भी जलोढ़ मृदा में काफी मिलता है।
  • पुरानी जलोढ़ मृदा से बने क्षेत्र को ‘बांगर’ तथा नई जलोढ़ मृदा से बने क्षेत्र को ‘खादर’ कहते हैं।

उत्तर 21.
रेल परिवहन की अपेक्षा सड़क परिवहन की बढ़ती महत्ता निम्न कारणों से है :

  • रेलवे लाईन की अपेक्षा सड़कों की निर्माण लागत बहुत कम है।
  • अपेक्षाकृत ऊबड़-खाबड़ व विच्छिन्न भू-भागों पर सड़कें बनाई जा सकती हैं।
  • अधिक ढाल प्रवणता वाले तथा पहाड़ी क्षेत्रों में भी सड़कें निर्मित की जा सकती हैं।
  • अपेक्षाकृत कम व्यक्तियों, कम दूरी व कम वस्तुओं के परिवहन में सड़क मितव्ययी है।
  • सड़कों द्वारा घर-घर सेवाएँ उपलब्ध होती हैं तथा सामान चढ़ाने व उतारने की लागत भी अपेक्षाकृत कम है। सड़कों की सुविधा भी सुगम है।
  • सड़क परिवहन अन्य सभी परिवहन साधनों के प्रयोग में एक कड़ी के रूप में भी कार्य करता है।

उत्तर 22.
साम्प्रदायिकता राजनीति में निम्नलिखित रूप धारण कर सकती है।

  • साम्प्रदायिकता की सबसे आम अभिव्यक्ति दैनिक जीवन में ही दिखाई पड़ती है। इनमें धार्मिक पूर्वाग्रह, धार्मिक समुदायों के बारे में बनी-बनाई धारणाएँ और एक धर्म को दूसरे धर्म से श्रेष्ठ मानने जैसी मान्यताएँ शामिल हैं।
  • साम्प्रदायिक सोच अक्सर अपने समुदाय को राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करने की फ़िराक में रहती है। जो लोग बहुसंख्यक समुदाय से संबंधित होते हैं उनका यह प्रयास बहुसंख्यकवाद का रूप ले लेता है तथा जो अल्पसंख्यक समुदाय के होते हैं उनमें एक अलग राजनीतिक इकाई बनाने की इच्छा होती है।
  • सांप्रदायिक आधार पर राजनीतिक गुटबंदी सांप्रदायिकता का दूसरा रूप है। चुनावी राजनीति में एक धर्म के मतदाताओं की भावनाओं या हितों की बात उठाने जैसे तरीके अक्सर अपनाए जाते हैं।
  • कई बार साम्प्रदायिकता सबसे गंदा रूप लेकर संप्रदाय के आधार पर हिंसा, दंगा और नरसंहार कराती है। विभाजन के समय भारत और पाकिस्तान में भयानक सांप्रदायिक दंगे हुए थे।

उत्तर 23.
उच्चतर आर्थिक संवृद्धि हासिल करने में लोकतांत्रिक शासन अक्षम प्रतीत होता है। लोकतांत्रिक शासन में भी भारी आर्थिक असमानता हो सकती है। दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील जैसे देशों में ऊपरी 20% लोगों का कुल राष्ट्रीय आय के लगभग 60% भाग पर कब्ज़ा है जबकि सबसे नीचे के 20% लोग राष्ट्रीय आय के मात्र 3% हिस्से पर जीवन बसर करते हैं। डेनमार्क और हंगरी जैसे देश इस मामले में कहीं अधिक बेहतर कहे जाएँगे। वास्तविक जीवन में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकारें गरीबी के मुद्दे पर उतना ध्यान देने को तत्पर नहीं जान पड़तीं जितनी कि उनसे आशा की जाती है। कुछ अन्य देशों में हालत और अधिक खराब हैं। बांग्लादेश में आधी से अधिक आबादी गरीबी में जीवन व्यतीत करती है। अनेक गरीब देशों के लोग अपनी खाद्य-आपूर्ति के लिए भी अब अमीर देशों पर निर्भर हो गए हैं।

उत्तर 24.
तृतीयक क्षेत्र प्राथमिक और द्वितीय क्षेत्रों के विकास में निम्नलिखित रूप से सहायता करता है :

  • प्राथमिक एवं द्वितीय क्षेत्रों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बाजार तक ले जाने में परिवहन के रूप में सहायता प्रदान करती है।
  • प्राथमिक एवं द्वितीय क्षेत्रों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के गोदामों में भंडारण करने की आवश्यकता होती है। गोदामों तक वस्तुएँ ले जाकर सहायता प्रदान करती है।
  • उत्पादन और व्यापार में वार्तालाप के लिए टेलिफोन एवं पत्राचार के रूप में सहायता प्रदान करती है।
  • इन क्षेत्रों को पूँजी की आवश्यकता की पूर्ति के लिए बैंक के रूप में सहायता प्रदान करना।
    परिवहन, भंडारण, संचार, बैंक सेवाएँ और व्यापार तृतीय क्षेत्रों के उदाहरण हैं।

उत्तर 25.
सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधार कार्यक्रम निम्नलिखित हैं :

  • जोतों की चकबंदी, सहकारिता तथा जमींदारी को समाप्त करने को प्राथमिकता दी गई।
  • 1960 तथा 1970 के दशक में पैकेज तकनीक पर आधारित हरित क्रांति और श्वेत क्रांति (ऑपरेशन फ्लड) प्रारंभ किए गए।
  • 1980 तथा 1990 के दशकों में व्यापक भूमि विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। इसमें सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग तथा बीमारी के लिए फसल बीमा के प्रावधान और किसानों को कम दर पर ऋण सुविधाएँ प्रदान करने के लिए सहकारी समितियों और बैंकों की स्थापना जैसे कार्य शामिल थे।
  • किसान क्रेडिट कार्ड’ और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना भी शुरू की गई।
  • आकाशवाणी और दूरदर्शन पर किसानों के लिए मौसम की जानकारी के लिए बुलेटिन और कृषि कार्यक्रम प्रसारित करने की व्यवस्था की गई।
  • फसलों के न्यूनतम सहायता मूल्य और लाभदायक खरीद मूल्यों की घोषणा की गई। (कोई पाँच)

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5 4
(a) चौरी चौरा (उत्तर प्रदेश)
(b) नागपुर
(c) असम
(d) झारखंड
(e) कोच्चि

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4.

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4

BoardCBSE
Class10
SubjectSocial Science
Sample Paper SetPaper 4
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 4 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
मार्टिन लूथर कौन था? उसने किन कुरीतियों की आलोचना की? 1
अथवा
पत्रात्मक तथा धारावाहिक उपन्यासों के मध्य एक अंतर को स्पष्ट कीजिए। 1

प्र० 2.
खनिजों में विविध रंग, कठोरता, विविध क्रिस्टल, चमक और घनत्व क्यों पाये जाते हैं? 1

प्र० 3.
किसी खास मुद्दे पर केन्द्रित आंदोलन किस प्रकार सार्वभौम प्रकृति के आंदोलनों से भिन्न हैं? 1

प्र० 4.
किसी एक राजनीतिक दल का नाम लिखिए जिसका राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक संगठन है, परन्तु उसे राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता नहीं मिली है। 1

प्र० 5.
निवेश और विदेशी निवेश में अन्तर कीजिए। 1

प्र० 6.
कल्पना कीजिए कि आपको अपनी यात्रा के दौरान पीने के लिए पानी की पैक बोतल खरीदनी पड़ी। इसकी गुणवत्ता के प्रति आश्वस्त होने के लिए आप कौन सा शब्द चिह्न (logo) देखना चाहोगे? 1

प्र० 7.
बैंकों में जमा राशियाँ किस प्रकार बैंकों की आय का स्रोत बनती हैं? 1

प्र० 8.
ब्रेटन-वुड्स समझौते का क्या अर्थ है? 3
अथवा
अठारहवीं शताब्दी में शहर में मर्द, औरत और परिवार के सामाजिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए। 3
अथवा
लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए 19वीं सदी में कौन-कौन से साधन प्रयोग में लाए गए? 3

प्र० 9.
“‘सविनय अवज्ञा आन्दोलन’ ‘असहयोग आंदोलन’ से भिन्न था।” कथन की पुष्टि उदाहरणों सहित कीजिए। (3 x 1 = 3)

प्र० 10.
संसार में पहला भूमिगत रेलमार्ग कहाँ और कब प्रारंभ हुआ? इसकी किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 3
अथवा
मुंशी प्रेमचंद के हिंदी साहित्य में योगदान पर प्रकाश डालिए। 3

प्र० 11.
1921 तक किसने ‘स्वराज का झण्डा’ तैयार कर लिया था? स्वराज के इस झण्डे की मुख्य विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 12.
उद्योगों को पूँजी निवेश के आधार पर वर्गीकृत कीजिए। वे किस प्रकार एक-दूसरे से भिन्न हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 13.
राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है? व्याख्या कीजिए। 3

प्र० 14.
‘राष्ट्रीय राजनीतिक दल’ से क्या अभिप्राय है? राष्ट्रीय राजनीतिक दल बनने के लिए आवश्यक शर्ते का उल्लेख कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 15.
केंद्र तथा राज्य के बीच सत्ता के बंटवारे में कैसे परिवर्तन लाया जा सकता है? 3

प्र० 16.
किन्हीं दो प्रावधानों का जिक्र कीजिए जो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाते हैं। 3

प्र० 17.
आपके विचार से एन०आर०ई०जी०ए० को काम का अधिकार’ क्यों कहा गया है? 3

प्र० 18.
भारत में 1991 से विदेश व्यापार और विदेशी निवेश पर से अवरोधों को काफी हद तक हटा दिया गया था। इस कथन को न्यायसंगत ठहराइए। 3

प्र० 19.
बाल्कन क्षेत्र में गंभीर राष्ट्रवादी तनाव क्यों उभरा? स्पष्ट कीजिए। 5
अथवा
“वियतनाम में अमेरिका के युद्ध में कूद पड़ने से एक नया दौर प्रारम्भ हुआ जो वियतनामियों के साथ-साथ अमरीकियों के लिए बहुत महँगा साबित हुआ।” इस कथन का विश्लेषण कीजिए। 5

प्र० 20.
चीनी मिलें गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में क्यों केन्द्रित हैं? भारत में चीनी उद्योग के समक्ष उपस्थित किन्हीं तीन प्रमुख समस्याओं की व्याख्या कीजिए। (2 + 3 = 5)

प्र० 21.
“किसी देश की आर्थिक उन्नति विनिर्माण उद्योगों के विकास से मापी जाती है।” तर्को सहित इस कथन की पुष्टि कीजिए। 5

प्र० 22.
“पूरी दुनिया में लोग अपना असंतोष व्यक्त करते हैं कि राजनीतिक दल अपना काम ठीक ढंग से नहीं करते।” तर्को सहित इस कथन का विश्लेषण कीजिए। 5

प्र० 23.
“लगभग प्रत्येक प्रांतीय दल एक या दूसरे राष्ट्रीय स्तर के गठबंधन का हिस्सा बनने का अवसर चाहता है।” तर्को सहित कथन की पुष्टि कीजिए। 5

प्र० 24.
“भारतीय बाजारों में वस्तुओं के बहुव्यापी विकल्प उपलब्ध हैं।” उदाहरणों सहित इस कथन की पुष्टि वैश्वीकरण के सन्दर्भ में कीजिए। (3 x 1 = 3)

प्र० 25.
“सस्ता और सामर्थ्य के अनुकूल कर्ज देश के विकास के लिए अति आवश्यक है।” इस कथन का आकलन कीजिए। 5

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ 22 पुलिसवालों को हिंसक भीड़ द्वारा जला दिया था और इस कारण गाँधीजी ने असहयोग आंदालन को वापिस ले लिया था। 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi MediCBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4 1um Paper 4 1
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : .
(c) से अंकित की गई एक प्रकार की मृदा 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) दुर्गापुर : लोहा और इस्पात संयंत्र
(ii) कोच्चि : प्रमुख समुद्री पत्तन (1 + 1 = 2)
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4 2
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 27 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ 22 पुलिसवालों को हिंसक भीड़ द्वारा जला दिया था और इस कारण गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापिस ले लिया था।
(c) अंकलेश्वर तेल क्षेत्र किस प्रदेश में स्थित है?
(d) भिलाई लोहा और इस्पात संयंत्र किस राज्य में स्थित है?
(e) भारत के पूर्वी तट के दक्षिणतम प्रमुख समुद्री पत्तन कौन-सा है?

Answers

उत्तर 1.
मार्टिन लूथर एक धर्म सुधारक था। उसने रोमन कैथोलिक चर्च की कुरीतियों की आलोचना करते हुए 95 स्थापनाएँ लिखीं। तत्पश्चात् प्रोटेस्टेंट धर्मसुधार की शुरूआत की।
अथवा
पत्रात्मक उपन्यास का अर्थ है पत्रों की श्रृंखला के रूप में लिखा हुआ उपन्यास। पत्रात्मक उपन्यास निजी पत्रों के समूह के रूप में पाए जाने वाले उपन्यासों के नाम से भी जाने जाते हैं।
धारावाहिक उपन्यास में कहानी किस्तों में छापी जाती है। इसकी प्रत्येक किस्त पत्रिका या अख़बार के अगले अंक में छपती है।

उत्तर 2.
एक खनिज विशेष जो निश्चित तत्त्वों का योग है, उन तत्त्वों का निर्माण उस समय के भौतिक व रासायनिक परिस्थितियों का परिणाम है। इस प्रक्रिया के फलस्वरूप ही खनिजों में विविध रंग, कठोरता, चमक, घनत्व तथा विविध क्रिस्टल पाए जाते हैं।

उत्तर 3.
किसी खास मुद्दे पर केन्द्रित आंदोलन विशेषकर समाज के किसी खास हिस्से अथवा समूह के हितों को बढ़ावा देना चाहते हैं।

उत्तर 4.
समाजवादी पार्टी।

उत्तर 5.
भूमि, भवन, मशीन और अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा (विदेशियों द्वारा) किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं।

उत्तर 6.
आई०एस०आई० (ISI)।

उत्तर 7.
बैंकों द्वारा कर्जदारों से लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को दिये गये ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय को प्रमुख स्रोत है।

उत्तर 8.
दो विश्व युद्धों के बीच अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह था कि औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार को बनाए रखा जाए। इस फ्रेमवर्क पर जुलाई 1944 में अमेरिका में स्थित न्यू हैम्पशर के ब्रेटन वुड्स नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन में सहमति बनी थी।

सदस्य देशों के विदेश व्यापार में लाभ और घाटे से निपटने के लिए ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई०एम०एफ०) की स्थापना की गई। युद्धोत्तर पुननिर्माण के लिए पैसे का इंतजाम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुननिर्माण एवं विकास बैंक अर्थात् विश्व बैंक का गठन किया गया। इसीलिए विश्व बैंक और आई०एम०एफ० को ब्रेटन-वुड्स संस्थान या ब्रेटन-वुड्स ट्विन भी कहा जाता है। इसी युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को ब्रेटन-वुड्स व्यवस्था कहा गया है। यह व्यवस्था निश्चित विनिमय दरों पर आधारित होती थी।

अथवा

अठारहवीं शताब्दी में शहर में मर्द, औरत और परिवार पर भी प्रभाव पड़ा :

  • शहर में पुरुष और महिलाओं में व्यक्तिवाद की एक नई भावना उत्पन्न हुई थी।
  • ये लोग सामूहिक मूल्य-मान्याताओं से दूर जाने लगे थे जो छोटे ग्रामीण समुदायों की विशेषता थी।
  • इस नई शहरी परिधि में पुरुषों और महिलाओं की पहुँच एक समान नहीं थी।
  • जैसे-जैसे औरतों के रोजगार औद्योगिक क्षेत्र में खत्म होने लगे और रुढिवादी तत्व सार्वजनिक स्थानों पर उनकी उपस्थिति के बारे में असंतोष व्यक्त करने लगे तब औरतों के पास वापस अपने घरों में लौटने के अलावा कोई चारा नहीं रहा।

अथवा

19 वीं सदी में इंग्लैंड में लोगों के मनोरंजन के लिए पुस्तकालय, कला दीर्घाएँ तथा संग्रहालय खोले जाने लगे। संभ्रांत परिवारों के समूह के लिए ऑपेरा, रंगमंच तथा शास्त्रीय संगीत आदि के सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे। मजदूर तथा फैक्टरियों में काम करने वाले अपना खाली समय पब या शराबघरों में बिताते थे। निचले वर्ग के लोगों में संगीत सभा काफ़ी लोकप्रिय थी तथा 20 वीं सदी के आते-आते सिनेमा भी विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के लिए मनोरंजन का साधन बन गया।

उत्तर 9.
‘सविनय अवज्ञा आन्दोलन’ ‘असहयोग आंदोलन’ से भिन्न था-

  • सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान लोगों को न केवल अंग्रेज़ों का सहयोग न करने के लिए बल्कि औपनिवेशिक कानूनों का शांतिपूर्वक उल्लंघन करने के लिए प्रेरित किया गया।
  • देश के विभिन्न भागों में हजारों लोगों ने नमक कानून तोड़ा और सरकारी नमक कारखानों के सामने प्रदर्शन किए।
  • शराब की दुकानों की पिकेटिंग होने लगी। किसानों ने लगान और चौकीदारी कर चुकाने से मना कर दिया।

उत्तर 10.
संसार में पहली भूमिगत रेलमार्ग लंदन में 10 जनवरी, 1863 को प्रारंभ हुआ।
इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ थीं :

  • यह लंदन की उपनगरीय बस्तियों को शहर से जोड़ता था। इसके द्वारा भारी संख्या में लोग शहर के भीतर-बाहर आ-जा सकते थे।
  • यह रेलमार्ग लंदन की पैडिंग्टन और फैरिंग्टन स्ट्रीट के बीच स्थित था। पहले ही दिन 10,000 यात्रियों ने इस रेल में यात्रा की थी।

अथवा

मुंशी प्रेमचंद के लेखन के साथ हिंदी उपन्यास में उत्कृष्टता आई। उर्दू से लिखना शुरू कर बाद में वह हिंदी में लिखने लगे। दोनों ही भाषाओं में उनका प्रभाव ज़बरदस्त रहा। प्रेमचंद ने पारंपरिक किस्सागोई से अपनी शैली के लिए प्रेरणा ली। 1916 में प्रकाशित उनके उपन्यास सेवासदन ने हिंदी उपन्यास को फैंटसी, उपदेश और सरल मनोरंजन के दायरे से उठाकर आम लोगों की जिंदगी और सामाजिक तथ्यों पर विचारने वाली विधा बना दिया। इस उपन्यास में मूलतः महिलाओं की दुरावस्था पर ध्यान दिया गया है। परंतु इसमें बाल-विवाह और दहेज जैसे सामाजिक मसले भी उठाए गए। इससे पता चलता है कि उच्च वर्ग ने औपनिवेशिक शासकों से स्वशासन के जो भी थोड़े-बहुत अवसर प्राप्त हुए उनका किस तरह इस्तेमाल किया।

उत्तर 11.
गांधी जी ने 1921 में ‘स्वराज के झण्डे’ का डिज़ाइन तैयार कर लिया था।
झण्डे की मुख्य विशेषताएँ – यह तीन रंगों-सफेद, हरा और लाल रंग का था। इसके मध्य में गांधीवादी प्रतीक ‘चरखे’ को स्थान दिया गया था जो स्वावलंबन का प्रतीक था। जुलूसों में यह झंडा थामकर चलना शासन के प्रति अवज्ञा का स्पष्ट संकेत था।

उत्तर 12.
उद्योगों को पूँजी निवेश के आधार पर दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है- (i) लघु उद्योग और (ii) बृहत् उद्योग।

  • जिन उद्योगों में परिसंपत्ति की एक इकाई पर अधिकतम निवेश एक करोड़ रुपए तक होता है उन्हें लघु उद्योग कहा जाता है। उदाहरणतया, प्लास्टिक उद्योग तथा खिलौना उद्योग।
  • बृहत् उद्योग एक बड़े पैमाने की उद्योग इकाई होती है जिस पर एक करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होता है। उदाहरणतया, लोहा और इस्पात उद्योग तथा सीमेंट उद्योग। यह निवेश सीमा, समय के साथ बदलती रहती है। वर्तमान में अधिकतम निवेश एक करोड़ रुपए है।

उत्तर 13.
राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों, विशेषकर बीकानेर, फलोदी और बाड़मेर आदि में वर्षा जल संग्रहण भूमिगत टैंक अथवा.’टाँका’ द्वारा किया जाता है। इनका आकार एक बड़े कमरे के बराबर हो सकता है। टाँका यहाँ सुविकसित छत वर्षाजल संग्रहण तंत्र का अभिन्न हिस्सा होता है जिसे मुख्य घर या आँगन में बनाया जाता है। ये घरों की ढलवाँ छतों से पाइप द्वारा जुड़े हुए हैं, जिनके द्वारा जल भूमिगत टाँका तक पहुँचता है। टाँका में वर्षा जल अगली वर्षा ऋतु तक संग्रहित किया जा सकता है। यह इसे जल की कमी वाली ग्रीष्म ऋतु तक पीने का जल उपलब्ध करवाने वाला जल स्रोत बनता है।

उत्तर 14.
संघीय व्यवस्था की सभी इकाइयों में अस्तित्व रखने वाले दल राष्ट्रीय राजनीतिक दल कहलाते हैं।
राष्ट्रीय राजनीतिक दल बनने के लिए आवश्यक शर्ते :
ऐसा दल|-

  • जो लोकसभा चुनाव में अथवा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6 प्रतिशत हासिल | करता है; तथा
  • जो लोकसभा चुनाव में कम-से-कम चार सीटों पर जीत दर्ज करता है।

तो उसे राष्ट्रीय दल की मान्यता मिलती है।

उत्तर 15.
केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बीच सत्ता का यह बंटवारा संविधान की बुनियादी बात है। सत्ता विभाजन में किसी प्रकार का परिवर्तन करना सरल नहीं होता। अकेली संसद इसमें कोई परिवर्तन नहीं कर सकती। यदि किसी भी स्थिति में परिवर्तन करना पड़ भी जाए तो पहले संसद के दोनों सदनों में 2/3 बहुमत से मंजूरी लेनी पड़ती है। तत्पश्चात् इस परिवर्तन को कम-से-कम आधे राज्यों की विधानसभाओं से भी पास करवाना पड़ता है।

उत्तर 16.

  1. भारतीय संविधान की प्रस्तावनी में भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है। भारतीय संविधान में किसी एक धर्म को नहीं अपनाया गया है। जैसे श्रीलंका में बौद्ध धर्म, पाकिस्तान में इस्लाम धर्म और इंग्लैंड में इसाई धर्म को अपनाया गया है परंतु भारत में ऐसा कुछ नहीं है।
  2. भारत के प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को मानने तथा उसका प्रचार करने का अधिकार दिया गया है। राज्यों का अपना कोई धर्म नहीं है इसलिए धर्म के आधार पर राज्य द्वारा नागरिकों के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव संविधान द्वारा अवैधानिक माना जाता है।

उत्तर 17.
भारत सरकार ने हाल ही में 200 जिलों में कार्य करने के अधिकार से संबंधित कानून बनाया है। इस कानून को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (National Rural Employment Guarantee Act, 2005-NAREGA) के नाम से जाना जाता है। इस अधिनियम के अंतर्गत उन सभी ग्रामीणों, जो कार्य करने योग्य हैं तथा जिन्हें काम की आवश्यकता है, को सरकार द्वारा एक वर्ष में 100 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। यदि सरकार रोजगार उपलब्ध कराने में असफल रहती है तो वह लोगों को बेरोजगारी भत्ता देगी। इसी कारण NAREGA को काम करने का अधिकार’ कहा जाता है।

उत्तर 18.
भारत में करीब सन् 1991 के प्रारंभ से नीतियों में कुछ दूरगामी परिवर्तन किए गए। सरकार ने यह निश्चय किया कि भारतीय उत्पादकों के लिए विश्व के उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करने का समय आ गया है। यह महसूस किया गया कि प्रतिस्पर्धा से देश में उत्पादकों के प्रदर्शन में सुधार होगा, क्योंकि उन्हें अपनी गुणवत्ता में सुधार करना होगा। अतः विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर से अवरोधों को काफी हद तक हटा दिया गया। इसका अर्थ है कि वस्तुओं का आयात-निर्यात सुगमतापूर्वक किया जा सकता था और विदेशी कम्पनियाँ यहाँ अपने कार्यालय और कारखाने स्थापित कर सकती थीं। सरकार द्वारा अवरोधों और प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण के नाम से जाना जाता है।

उत्तर 19.
बाल्कन क्षेत्र में भौगोलिक और जातीय भिन्नता थी। इसमें आधुनिक रोमानिया, बुल्गेरिया, अल्बेनिया, यूनान, मेसिडॉनिया, क्रोएशिया, बोस्निया-हर्जेगोविना, स्लोवेनिया, सर्बिया और मॉन्टिनिग्रो शामिल थे। बाल्कन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा ऑटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में था। बाल्कन क्षेत्र में रूमानी राष्ट्रवाद के विचारों के फैलने और ऑटोमन साम्राज्य के विघटन से स्थिति काफी विस्फोटक हो गई। उसके अधीन यूरोपीय राष्ट्रीयताएँ एक के बाद एक उसके चंगुल से निकल कर स्वतंत्रता की घोषण करने लगीं। बाल्कन लोगों ने आज़ादी या राजनीतिक अधिकारो के अपने दावों को राष्ट्रीयता का आधार दिया। जैसे-जैसे विभिन्न स्लाव राष्ट्रीय समूहों ने अपनी पहचान और स्वतंत्रता की परिभाषा तय करने की कोशिश की, बाल्कन क्षेत्र गहरे टकराव का क्षेत्र बन गया। इससे इस इलाके में कई युद्ध हुए और अंततः प्रथम विश्व युद्ध हुआ।
अथवा
वियतनाम युद्ध में अमेरिकी हिस्सेदारी के निम्न कारण थे :

  • उत्तरी वियतनाम में हो ची मिन्ह के नेतृत्व वाली सरकार की सहायता से एन०एल०एफ० ने देश के एकीकरण हेतु आवाज उठाई। अमेरिका इस गठबंधन की बढ़ती ताकत और उसके प्रस्तावों से भयभीत था।
  • वियतनाम में साम्यवादी सरकार के निर्माण से अमेरिका भयभीत था। इस भय से अमेरिका ने अपनी सेनाएँ और गोला-बारूद वियतनाम में तैनात करना शुरू कर दिया क्योंकि वह इस खतरे से निपटना चाहता था।

अमेरिका के इस कृत्य से अमेरिकी जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। बहुत सारे लोग इस बात के लिए सरकार का विरोध कर रहे थे कि उनके देश की सेना को एक ऐसे युद्ध में झोंक दिया गया है जिसे किसी भी हालत में जीता नहीं जा सकता। परंतु जब युवाओं को जबरन सेना में भर्ती किया जाने लगा तो लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। युद्धमोर्चे पर भेजे जाने वालों में अधिकतर अल्पसंख्यक और गरीब मजदूरों के बच्चे थे। इस युद्ध के प्रति समर्थन और विरोध के स्तरों को बुलंद करने में अमेरिकी मीडिया और फिल्मों ने भी विशेष भूमिका निभाई।।

उत्तर 20.
चीनी उद्योग में प्रयुक्त कच्चा माल (गन्ना) भारी मात्रा में उपयोग होता है तथा ढुलाई के दौरान इसमें मौजूद सूक्रोस की मात्रा घट जाती है। इसी कारण चीनी मिलें गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में केन्द्रित हैं। भारत को चीनी उत्पादन में विश्व में दूसरा स्थान प्राप्त है।
भारत में चीनी उद्योग के समक्ष चुनौतियाँ :

  • चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग है। अतः अल्पकालिक उद्योग होने से इसका संपूर्ण विकास नहीं हो पाया।
  • इस उद्योग में पुरानी व असक्षम तकनीक का प्रयोग हो रहा है जिसके परिणामस्वरूप चीनी उत्पादन अधिक नहीं हो पाता है।
  • परिवहन असक्षमता से गन्ने का समय पर कारखानों में न पहुँचना तथा खोई का अधिकतम इस्तेमाल न कर पाना भी इस उद्योग की बड़ी समस्याएँ हैं।

उत्तर 21.
विनिर्माण उद्योग – जो उद्योग कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन करते हैं, विनिर्माण उद्योग अथवा वस्तु निर्माण उद्योग कहलाते हैं।
उदाहरण – कागज़ लकड़ी से, चीनी गन्ने से, लोहा-इस्पाते लौह अयस्क से तथा एल्युमिनियम बॉक्साइट से बनाया जाता है।
विनिर्माण उद्योग को विशेषतः आर्थिक विकास की रीढ़ निम्नलिखित कारणों से समझा जाता है :

  • विनिर्माण उद्योग न केवल कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक हैं, बल्कि ये द्वितीयक व तृतीयक सेवाओं में रोजगार उपलब्ध कराकर कृषि पर हमारी निर्भरता को कम करते हैं।
  • विनिर्माण उद्योग देश में औद्योगिक विकास, बेरोजगारी में कमी लाने तथा गरीबी उन्मूलन में सहायक सिद्ध हुआ है।
  • निर्मित वस्तुओं का निर्यात विदेशी व्यापार को बढ़ाता है जिससे अपेक्षित विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
  • आदिवासी तथा पिछड़े हुए क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना करने से धार्मिक असमानताओं को कम किया जा सकता है।
  • औद्योगिक विकास देश में आर्थिक समृद्धि लेकर आता है क्योंकि यह कच्चे माल को बहुमूल्य उत्पाद में परिवर्तित कर देता है।

उत्तर 22.
राजनीतिक दल ही लोकतंत्र का सबसे ज्यादा प्रकट रूप हैं, इसलिए यह स्वाभाविक है कि लोकतंत्र की कार्यप्रणालियों की गड़बड़ियों के लिए राजनीतिक दलों को ही दोषी ठहराया जाए। पूरी दुनिया में लोग इस बात से नाराज़ रहते हैं कि राजनीतिक दल अपना काम ठीक ढंग से नहीं करते। हमारे लोकतंत्र के साथ भी यही बात लागू होती है।
आम जनता की नाराजगी, असंतोष और आलोचना राजनीतिक दलों के कामकाज के चार मुख्य पहलुओं पर केन्द्रित रही है। जैसे–

  • पार्टी के भीतर आंतरिक लोकतंत्र का न होना;
  • वंशवाद की चुनौती;
  • पैसा और आपराधिक तत्त्वों की बढ़ती घुसपैठ तथा
  • पार्टियों के बीच विकल्पहीनता। लोकतंत्र का प्रभावी उपकरण बने रहने के लिए राजनीतिक दलों को इन चुनौतियों का सामना करना चाहिए और इन पर जीत हासिल करनी चाहिए।

उत्तर 23.

  1. प्रांतीय दलों का जनाधार प्रांत विशेष होता है और अपने प्रांत विशेष का प्रतिनिधित्व केन्द्रीय स्तर पर लाने के लिए प्रांतीय दल गठबंधन करते हैं।
  2. प्रांतीय दलों के प्रमुख अपने राजनीतिक कद को भी बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय गठबंधनों का हिस्सा बनते हैं।
  3. अपने दल को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए भी प्रांतीय दल सदैव कार्यरत रहते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन से उनके प्रांतीय दल को राष्ट्रीय पहचान मिल जाती है।

उत्तर 24.

  1. वैश्वीकरण और उत्पादकों (स्थानीय एवं विदेशी दोनों) के बीच प्रतिस्पर्धा से अब उपभोक्ताओं, विशेषकर शहरी क्षेत्र के धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को अधिक लाभ हुआ है।
  2. प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनियों ने नई उत्पादन तकनीकों में निवेश किया है, जिससे उनका उत्पादन स्तर बढ़ गया है।
  3. अब उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से कई अधिक विकल्प उपलब्ध है और वे अब अनेक उत्पादों की उत्कृष्ट गुणवत्ता और कम कीमत के लाभ उठा रहे हैं।
  4. उपभोक्ता पहले की तुलना में आज अपेक्षाकृत उच्चतर जीवन स्तर का आनंद ले रहे हैं।
  5. उद्योगों और सेवाओं में नए रोजगार उत्पन्न हुए हैं। साथ ही इन उद्योगों में कच्चे माल इत्यादि की आपूर्ति कराने वाली स्थानीय कम्पनियाँ समृद्ध हुई हैं। अनेक शीर्ष भारतीय कम्पनियाँ बढी हुई प्रतिस्पर्धा से लाभान्वित हुई हैं।
  6. वैश्वीकरण ने भारतीय कम्पनियों को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के रूप में उभरने का अवसर प्रदान किया है।
  7. वैश्वीकरण ने सेवाप्रदाता कंपनियों, विशेषकर सूचना और संचार प्रौद्यागिकी वाली कपनियों के लिए नए अवसरों का सृजन किया है।

उत्तर 25.
ऋण से अभिप्राय उधार लेने से है। यह ऋण देने वाले (ऋणदाता) और ऋण लेने वाले के बीच एक सहमति है जिसमें ऋणदाता अदायगी की शर्तों के अनुसार धन, वस्तु अथवा सेवाओं को ऋणस्वरूप देकर ऋण लेने वाले से भविष्य में ऋण अदायगी का वादा लेता है।
सस्ता और सामर्थ्य के अनुकूल कर्ज देश के विकास के लिए निम्न कारणों से महत्त्वपूर्ण है :

  • सस्ते और सामर्थ्य के अनुकूल कर्ज (ऋण) द्वारा लोगों की आय बढ़ सकेगी जिसके परिणामस्वरूप बहुत से लोग अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सस्ता कर्ज ले सकेंगे।
  • सस्ते कर्ज द्वारा किसान उत्तम किस्म के बीजों तथा आधुनिक कृषि उपकरणों को खरीद सकते हैं तथा इनके उपयोग से अच्छी फसल उगा सकते हैं।
  • कर्ज सस्ता होने से छोटे व्यवसायी अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ा सकते हैं तथा नवीन उद्योगों में भी धन निवेश कर सकते हैं। इसके साथ-साथ सस्ते तथा सामर्थ्य अनुकूल कर्ज कुटीर तथा अन्य गृह उद्योगों के लिए वरदान सिद्ध हो सकते हैं।
  • कुछ लोग बीमारियों अथवा शादी-ब्याह के लिए भी कर्ज लेते हैं।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4 4
(a) लाहौर
(b) चौरी-चौरा (उत्तर प्रदेश)
(c) असम
(d) छत्तीसगढ़
(e) तूतीकोरिन

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3.

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3

BoardCBSE
Class10
SubjectSocial Science
Sample Paper SetPaper 3
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 3 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
भारतीयों ने किस विधेयक (Bill) को ‘काला कानून’ कहा और उसका विरोध किया? 1

प्र० 2.
भारत में सिंचाई के तीन प्रमुख साधन बताइए। दक्षिणी राज्यों में सिंचाई का कौन-सा साधन अधिक लोकप्रिय है? 1

प्र० 3.
राजनीतिक दलों में पक्षपात क्यों विकसित होता है? 1

प्र० 4.
अमेरिकी समाज के दो सामाजिक विभाजन कौन-से हैं? 1

प्र० 5.
मान लीजिए कि आपके माता-पिता आपके साथ सोने के आभूषण खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आप आभूषणों पर कौन-सा शब्द-चिह्न (logo) देखना चाहोगे? 1

प्र० 6.
ऋणदाता उधार देते समय समर्थक ऋणाधार की मांग क्यों करता है? 1

प्र० 7.
आर्थिक विकास में शिक्षा की क्या भूमिका है? 1

प्र० 8.
बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानांतरित करने का फैसला क्यों लिया गया? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
19वीं सदी में ब्रिटेन में भूमि को साफ करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? कोई तीन कारण देकर स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
19वीं सदी में ब्रिटेन के बाजार में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी किस प्रकार प्रभावित हुई? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 9.
पूना समझौते की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। 3

प्र० 10.
“19वीं शताब्दी के अन्त तक एक नई तरह की दृश्य संस्कृति अपना आकार ले रही थी।” इस नई दृश्य संस्कृति की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए। 3
अथवा
18वीं सदी में महिलाओं का उपन्यासों के साथ जुड़ाव किस प्रकार सबसे महत्त्वपूर्ण घटना सिद्ध हुई थी? 3

प्र० 11.
उपनिवेशवाद के विरूद्ध ‘नमक यात्रा’ किस प्रकार एक प्रभावी हथियार बनी? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 12.
भारत में वस्तुओं और यात्रियों के लिए परिवहन के मुख्य साधन के रूप में रेल परिवहन का महत्त्व स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 13.
‘भारत गाँवों का देश है’ ऊर्जा संकट को कम करने के लिए आप किस प्रकार के ऊर्जा स्रोत का सुझाव देंगे? 3

प्र० 14.
सन् 1968 में ‘मैक्सिको नगर’ में होने वाले ओलंपिक में टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस ने किस प्रकार अमेरिका में होने वाले रंग-भेद के प्रति अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान खींचने की कोशिश की? 3

प्र० 15.
“राजनीतिक दलों के समक्ष वंशवाद सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है।” इस कथन को विश्लेषण कीजिए। 3

प्र० 16.
लोकतंत्र में दलीय व्यवस्था की विवेचना उदाहरण सहित कीजिए। 3

प्र० 17.
विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्याआप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए? 3

प्र० 18.
आधुनिक मुद्रा को, जिसका अपना कोई उपयोग नहीं है, विनिमय का माध्यम क्यों स्वीकार किया जाता है? कारण ज्ञात कीजिए। 5

प्र० 19.
फ्रांस परे नेपोलियन के आधिपत्य के बाद फ्रांस के लोगों का प्रांरभिक उत्साह किस प्रकार शीघ्र ही दुश्मनी में बदल गया? कोई चार कारण स्पष्ट कीजिए। 5
अथवा
वियतनाम के लोगों ने फ्रांसीसियों द्वारा प्रांरभ की गई नई शिक्षा पद्धति का विरोध क्यों किया? विरोध के दो कारण स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 20.
“संसाधन प्रकृति की देन हैं, इसलिए मानव ने इनका अंधाधुंध उपयोग किया है, जिससे अनेक समस्याएँ पैदा हो गई हैं।” 5
(i) इन समस्याओं के बारे में बताईए।
(ii) इन समस्याओं के समाधान के लिए क्या किया जा सकता है?

प्र० 21.
विनिर्माण उद्योग किसे कहते हैं? इसे विकास की रीढ़ की हड्डी क्यों समझा जाता है? कारण सहित विवेचना कीजिए। 5

प्र० 22.
पंचायती राज व्यवस्था की व्याख्या कीजिए। शहरों की स्थानीय शासन व्यवस्था का भी संक्षिप्त परिचय दीजिए। 5

प्र० 23.
ग़रीबी किस प्रकार भारतीय लोकतंत्र के लिए एक चुनौती है? इसके प्रभाव को कम करने के लिये कुछ सुझाव दीजिए। 5

प्र० 24.
“असगंठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण किया जाता है। क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए। 5

प्र० 25.
स्वयं सहायता समूह क्या हैं? ये किस प्रकार कार्य करते हैं? स्पष्ट कीजिए। (1 + 4 = 5)

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जो किसानों के सत्याग्रह से संबंधित है। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ दिसम्बर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3 1
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए :
(c) से अंकित किया गया एक लौह अयस्क खान
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) विशाखापत्तनम : सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क
(ii) कोरबा : तापीय ऊर्जा संयंत्र (1 + 1 = 2)
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3 2
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ सितंबर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापिस लिया था।
(c) बैलाडिला लौह अयस्क खान किस राज्य में स्थित है?
(d) पूर्व-पश्चिमी गलियारे के पश्चिमी टर्मिनल स्टेशन का नाम बताइए।
(e) कर्नाटक में स्थित प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क का नाम लिखिए।

Answers

उत्तर 1.
भारतीयों ने रॉलट बिल्से को काला कानून कह कर उसकी आलोचना की और विरोध प्रदर्शन किया।

उत्तर 2.
कुएँ तथा नलकूप, नहरें और तालाब। दक्षिणी राज्यों में तालाब अधिक लोकप्रिय हैं।

उत्तर 3.
राजनीतिक दलों में पक्षपात आंतरिक लोकतंत्र के अभाव के कारण विकसित होता है।

उत्तर 4.
अमेरिकी समाज के दो सामाजिक विभाजन हैं-अश्वेत अमेरिकी समाज एवं श्वेत अमेरिकी समाज।

उत्तर 5.
हॉलमार्क, सोने के आभूषणों की गुणवत्ता को दर्शाने का प्रमाण है।

उत्तर 6.
ऋणदाता द्वारा समर्थक ऋणाधार (security) की मांग प्राय: जमानत देने के लिए की जाती है, ताकि भविष्यमें ऋण की वापसी समय पर न देने पर वह इस ऋणाधार को बेचकर दिए गए ऋण की वसूली कर सके।

उत्तर 7.
शिक्षा एक देश के आर्थिक विकास में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा लोगों को विकास करती है। लोगों की इस गुणवत्ता से आर्थिक विकास में वृद्धि होती है। इसलिए यह आवश्यक है कि लोग शिक्षित हों।

उत्तर 8.

  1. प्रारंभ में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की स्थापना 1920 के दशक में की गई थी। 1970 के दशक के मध्य से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में भी काफी परिवर्तन आया। विकासशील देश कर्ज और विकास संबंधी सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से सहायता ले सकते थे।
  2. बहुराष्ट्रीय कंपनियों का विश्वव्यापी प्रसार मुख्य रूप से पचास और साठ के दशक की एक विशेषता थी। इसका मुख्य कारण यह था कि अधिकतर सरकारें बाहर से आने वाली चीजों पर भारी आयात शुल्क वसूल करती थीं। अत: बड़ी कंपनियों को अपने संयंत्र उन्हीं देशों में लगाने पड़ते थे जहाँ वे अपने उत्पाद बेचना चाहती थीं और उन्हें घरेलू उत्पादकों के रूप में काम करना पड़ता था।
  3. सत्तर के दशक के बीच में बेरोजगारी बढ़ने लगी। इस समय बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने एशिया के ऐसे देशों में उत्पादन केद्रित किया जहाँ वेतन कम दिया जाता था। चीन में वेतन अन्य देशों की तुलना में कम था। अत: विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने चीन में बहुत निवेश किया। इसका प्रभाव चीनी अर्थव्यवस्था पर देखा जा सकता है जहाँ अल्प लागत अर्थव्यवस्था तथा वहाँ के कम वेतन के द्वारा अर्थव्यवस्था में भारी बदलाव लाया गया और दुनिया का आर्थिक भूगोल पूरी तरह से बदल गया।

अथवा

19वीं सदी में ब्रिटेन में भूमि को साफ करने की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से पड़ी :

  • तीव्र औद्योगीकरण के कारण कल-कारखानों को स्थापित करने के लिए भूमि की आवश्यकता पड़ी जिसे जंगलों को काट कर पूरा किया गया।
  • खाद्य-पदार्थों की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए भी खेती के लिए भूमि को साफ किया गया।
  • लोगों के लिए नए घर बनाने और नयी बस्तियाँ बसाने के लिए भी भूमि को साफ करना आवश्यक था।

अथवा

19वीं सदी में ब्रिटेन में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी निम्न प्रकार से बदली :

  • बाजार में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी भी प्रभावित हुई। गाँवों से सैंकड़ों की संख्या में लोग शहरों में रोजगार प्राप्त करने के लिए आने लगे। रोज़गार चाहने वाले बहुत सारे लोगों को काम के लिये हफ़्तों इंतजार करना पड़ता था।
  • मज़दूर पुलों के नीचे या रैनबसेरों में रात काटते थे। कुछ बेरोजगार शहर में बने निजी रैनबसेरों में रहते थे।
  • बहुत सारे उद्योगों में मौसमी काम की वजह से कामगारों को बीच-बीच में बहुत समय तक खाली बैठना पड़ता था। काम का सीज़न गुजर जाने के बाद गरीब दोबारा सड़क पर आ जाते थे।

उत्तर 9.
डॉ० भीमराव आंबेडकर ने 1930 में दलितों को दलित वर्ग एसोसिएशन में संगठित किया। दलितों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों के सवाल पर द्वितीय गोलमेज़ सम्मलेन में महात्मा गांधी के साथ उनका बहुत विवाद हुआ। जब ब्रिटिश सरकार ने डॉ० आंबेडकर की माँग मान ली तो इसके विरोध में गांधी जी आमरण अनशन पर बैठ गए। उनका मत था कि दलितों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्रों की व्यवस्था से समाज में अन्य वर्गों के साथ उनके एकीकरण की प्रक्रिया धीमी पड़ जाएगी। आखिरकार डॉ० आंबेडकर ने गांधीजी की बात मान ली और सितंबर 1932 में पूना समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। इससे समझौते के अनुसार दलितों को प्रांतीय एवं केंद्रीय विधायी परिषद में आरक्षित सीटें मिल गईं हालांकि उनके लिए मतदान सामान्य निर्वाचन क्षेत्रों में ही होता था।

उत्तर 10.
19वीं सदी के अन्त तक एक नई तरह की दृश्य संस्कृति अपना आकार ले रही थी, जिसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :

  • छापेखानों की बढ़ती तादाद के साथ छवियों की कई नकलें या प्रतियाँ अब बड़ी आसानी से बनाई जा सकती थीं।
  • राजा रवि वर्मा जैसे चित्रकारों ने आम खपत के लिए तस्वीरें बनाई। बाज़ार से सुलभ सस्ती तस्वीरें और कैलेंडर खरीदकर गरीब भी अपने घरों एवं दफ्तरों में सजाने लगे।
  • इन छपी तस्वीरें ने आहिस्ता-आहिस्ता आधुनिकता और पंरपरा, धर्म और राजनीति तथा समाज और संस्कृति के लोकप्रिय विचार जनता में उजागर किये।

अथवा

18वीं सदी में महिलाओं को उपन्यासों के साथ जुड़ाव एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। 18वीं सदी में मध्यवर्ग और सम्पन्न हो गया। परिणामस्वरूप महिलाओं को उपन्यास पढ़ने और लिखने का अवकाश मिल सका। अतः उपन्यासों में महिला जगत को, उसकी भावनाओं, उसके तजुर्बो, मसलों और उसकी पहचान से जुड़े मुद्दों को समझा-सराहा जाने लगा। कई सारे उपन्यास घरेलू जिंदगी पर केंद्रित थे। इनमें महिलाओं को अधिकार के साथ बोलने का अवसर मिला। अपने अनुभवों को आधार बनाकर उन्होंने पारिवारिक जीवन की कहानियाँ रचते हुए अपनी सार्वजनिक पहचान बनाई।

उत्तर 11.
नमक एक ऐसी वस्तु है जिसे अमीर-गरीब सभी इस्तेमाल करते हैं। यह भोजन का एक अभिन्न अंग है। इसीलिए नमक पर कर और उसके उत्पादन पर सरकारी कर प्रणाली को महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन का सबसे दमनकारी पहलू बताया।

महात्मा गाँधी ने अपने 78 विश्वस्त साथियों के साथ नमक यात्रा शुरू की। यह यात्रा साबरमती से प्रारंभ होकर 240 किलोमीटर दूर डांडी नामक गुजरात के तटीय कस्बे में जाकर खत्म होनी थी। गाँधीजी की टोली ने 24 दिन तक प्रतिदिन लगभग 10 मील का सफर तय किया। 6 अप्रैल को वह डांडी पहुँचे और उन्होंने समुद्र का पानी उबालकर नमक बनाना शुरू कर दिया जो कानून का उल्लंघन था और यह उपनिवेशवाद के खिलाफ़ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक बना।

उत्तर 12.
भारतीय रेल परिवहन देश का सर्वाधिक बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। भारत में रेल परिवहन वस्तुओं तथा यात्रियों के परिवहन का प्रमुख साधन है। रेल परिवहन अनेक कार्यों में सहायक है जैसे-व्यापार, भ्रमण, तीर्थयात्राएँ व लंबी दूरी तक सामान का परिवहन आदि। एक प्रमुख परिवहन के साधन के अतिरिक्त, पिछले 150 वर्षों से भी अधिक समय से भारतीय रेल एक महत्त्वपूर्ण समन्वयक के रूप में जानी जाती है। भारतीय रेलवे देश की अर्थव्यवस्था, उद्योग व कृषि के तीव्र गति से विकास के लिए भी उत्तरदायी है।

उत्तर 13.
ऊर्जा संकट को कम करने के लिए निम्नलिखित ऊर्जा स्रोत काम में लाए जा सकते हैं :

  • झाड़ियों, कृषि अपशिष्ट, पशुओं और मानव जनित अपशिष्ट से उत्पन्न बायोगैस।
  • जैविक पदार्थों के अपघटन से उत्पन्न गैस।
  • गोबर गैस प्लांट किसानों को एक ऊर्जा के रूप में और उन्नत प्रकार के उर्वरक के रूप में लाभान्वित करते हैं।

उत्तर 14.
टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस ने ओलंपिक में क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीता था। उन्होंने अमेरिका में अश्वेतों की गरीबी की ओर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान निम्न प्रकार से आकर्षित किया :

  • पदक लेते समय उन्होंने जूते नहीं पहने थे। उन दोनों ने केवल जुराबें पहन कर पुरस्कार लेकर यह जताने की कोशिश की कि अमेरिकी अश्वेत गरीब हैं।
  • टॉमी स्मिथ ने अपने गले में एक काला मफ़लर जैसा परिधान भी पहना था जो अश्वेत लोगों के गौरव का प्रतीक है।
  • जॉन कार्लोस ने मारे गए अश्वेत लोगों की स्मृति में काले मनकों की एक माला पहनी थी। यद्यपि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने दोनों अमेरिकन खिलाड़ियों के व्यवहार को ओलंपिक भावना के विरुद्ध बताते हुए उन्हें दोषी करार दिया और उनके पदक वापिस ले लिए परंतु उनके कार्य ने अमेरिका में बढ़ते नागरिक अधिकार आंदोलन के प्रति विश्व का ध्यान आकर्षित किया।

उत्तर 15.
अधिकांश राजनीतिक पार्टियाँ अपना कामकाज पारदर्शी तरीके से नहीं करतीं, इसलिए सामान्य कार्यकर्ता के नेता बनने और ऊँचा पद पाने की गुंजाइश काफी कम होती है। नेता लोग अनुचित लाभ लेते हुए अपने निकटतम लोगों और यहाँ तक कि अपने ही परिवार के लोगों को आगे बढ़ाते हैं। अनेक दलों में शीर्ष पदों पर सदैव एक ही परिवार के लोगों का अधिकार होता है। यह बात लोकतंत्र के लिए अत्यंत घातक है, क्योंकि इससे अनुभवहीन और बिना जनाधार वाले लोग ताकत अथवा लाभ वाले पदों पर आसीन हो जाते हैं। जन-साधारण में से इच्छुक, निष्ठावान, योग्य तथा समझदार व्यक्तियों को आगे आने और नेतृत्व करने के अवसर नहीं मिलते।

उत्तर 16.
लोकतंत्र में दलीय व्यवस्था निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा स्पष्ट की जा सकती है :

एकदलीय शासन-व्यवस्था – कई देशों में सिर्फ एक ही दल को सरकार बनाने और चलाने की अनुमति है। इस कारण उन्हें एकदलीय शासन-व्यवस्था कहा जाता है। जैसे-चीन की शासन व्यवस्था। ऐसे देशों की सत्ता लोकतंत्रीय नहीं हो सकती क्योंकि लोकतन्त्र के लिये कम से कम दो राजनीतिक दलों का होना आवश्यक है।

दो-दलीय व्यवस्था – कुछ देशों में सत्ता आमतौर पर दो मुख्य दलों के बीच ही बदलती रहती है। वहाँ अनेक दूसरी पार्टियाँ हो सकती हैं, वे भी चुनाव लड़कर कुछ सीटें जीत सकती हैं पर सिर्फ दो ही दल बहुमत पाने और सरकार बनाने के प्रबल दावेदार होते हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में ऐसी ही दो-दलीय व्यवस्था है।

बहुदलीय व्यवस्था – जब अनेक दल सत्ता के लिए होड़ में हों और सरकार का गठन करने के लिए दो से अधिक दलों को गठबंधन करना पड़े तो इसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं। भारत में आजकल ऐसी ही बहुदलीय व्यवस्था पाई जाती है।

उत्तर 17.
विकसित देश विकासशील देशों से उनके बाजार का उदारीकरण चाहते हैं ताकि वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें। विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ प्रायः उन स्थानों पर उत्पादन कार्य करती हैं जो बाज़ार के निकट हों, जहाँ कम लागत पर कुशल तथा अकुशल श्रमिक उपलब्ध हों और उन देशों की सरकारी नीतियाँ उनके हितों के अनुकूल हों। जिससे वह अपने व्यापार एवं निवेश को बढ़ाकर अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सके। विकासशील देशों द्वारा भी विकसित देशों से अधिक आर्थिक सहायता तथा विभिन्न प्रकार के व्यापार अवरोधों को खत्म करने की मांग की जानी चाहिए। विकासशील देशों का व्यापार भी इतना उन्नत हो चुका है कि वह विश्व बाज़ार में प्रतिस्पर्धा कर सकने में सक्षम हैं अत: विकासशील देशों को भी अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में बराबरी का अवसर मिलना चाहिए।

उत्तर 18.
मुद्रा के आधुनिक रूपों में करेंसी-कागज़ के नोट और सिक्के शामिल हैं।
‘रुपये’ को व्यापक रूप में विनिमय का माध्यम निम्न कारणों से स्वीकार किया गया है।

  • भारतीय कानून के अनुसार, किसी व्यदित या संस्था को मुद्रा जारी करने की अनुमति नहीं है। इसका विशेषाधिकार केंद्रीय सरकार ने केवल भारतीय रिज़र्व बैंक को ही दिया है।
  • ‘रुपये’ को भारत सरकार विनिमय के माध्यम के रूप में प्राधिकृत करती है।
  • कानून विनिमय के माध्यम के रूप में रुपये का प्रयोग करने की वैधता प्रदान करता है, जिसे भारत में सौदों में अदायगी के लिए मना नहीं किया जा सकता।
  • भारत में कोई व्यक्ति कानूनी तौर पर रुपयों में अदायगी के लिए मना नहीं कर सकता, इसलिए रुपया व्यापक स्तर पर विनिमय के रूप में स्वीकार किया गया है।

उत्तर 19.
फ्रांस पर नेपोलियन के आधिपत्य के बाद फ्रांस के लोगों का प्रारंभिक उत्साह निम्नलिखित कारणों से दुश्मनी में बदल गया :

  1. प्रशासनिक दुविधाएँ – नेपोलियन ने एक बड़े भू-भाग को फ्रांस में सम्मिलित कर लिया था परंतु प्रशासनिक सुधार ठीक ढंग से लागू न होने के कारण लोगों का जीवन प्रशासनिक दुष्चक्र में फंसकर रह गया।
  2. बढ़े हुए कर – नेपोलियन ने सत्ता संभालते ही करों की दरों में बढ़ोत्तरी कर दी जिससे जनता बेहाल हो गई।
  3. सेंसरशिप – स्वतंत्र विचारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नेपोलियन ने सेंसरशिप लागू कर दी जिसके द्वारा सरकार के विरूद्ध आवाज उठाने पर कड़े दण्ड का प्रावधान था।
  4. फ्रेंच सेना में जबरन भर्ती – नेपोलियन द्वारा शेष यूरोप को जीतने के लिए फ्रेंच सेना में जबरन भर्ती से लोगों में नेपोलियन के प्रति रोष भरने लगा और प्रांरभिक उत्साह शीघ्र ही दुश्मनी में बदल गया।

अथवा

वियतनाम के लोगों ने फ्रांसीसियों द्वारा प्रारंभ की गई नई शिक्षा पद्धति का विरोध निम्नलिखित कारणों से किया :

  • वियतनाम के लोगों द्वारा फ्रांसीसियों का गुणगान किया जाता और औपनिवेशिक शासन को सही ठहराया जाता था। शिक्षकों और विद्यार्थियों ने इन पुस्तकों और पाठ्यक्रमों का आँख मूंद कर अनुसरण नहीं किया। बहुत सारे वियतनामी शिक्षक किताबों में लिखी बातों को चुपचाप बदल कर पढ़ाने लगे थे और जो उनमें छपा था उसमें कमियाँ निकालने लगे थे।
  • छात्र-छात्राओं ने सरकार की इस चाल का जमकर विरोध किया जिसके द्वारा वियतनामी बच्चों को सफ़ेदपोश नौकरियों के लायक योग्यता न मिले। ये विद्यार्थी देशभक्ति की भावनाओं से प्रेरित थे। उनको विश्वास था कि शिक्षितों को समाज के भले के लिए काम करना चाहिए।

उत्तर 20.
प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग ने मानव को आज विनाश के कगार पर ला खड़ा कर दिया है।

  1. संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से उत्पन्न समस्याएँ :
    • वैज्ञानिक तथा तकनीकी विकास द्वारा मनुष्य जीविकोपार्जी संसाधनों के अतिरिक्त, अन्य संसाधनों का भी दोहन करने लगा है।
    • आधुनिक तकनीक की सहायता से संसाधनों का दोहन और भी बड़े पैमाने पर होने लगा है।
    • जनसंख्या की निरंतर वृद्धि के कारण संसाधनों की मांग बढ़ रही है साथ ही प्रौद्यागिकी के विकास द्वारा इन्हें उपभोग करने की मनुष्य की क्षमता भी बढ़ गई है।
    • संसाधनों का समाज के कुछ लोगों के हाथों में आने से, समाज में संसाधनों को अनियमित बंटवारा होता है।
    • संसाधनों के अंधाधुंध शोषण से वैश्विक पारिस्थितिकी संकट जैसे भूमंडलीय तापन, ओजोन परत अवक्षय इत्यादि का खतरा बढ़ने लगा है।
  2. समस्याओं के समाधान के उपाय :
    • वस्तुओं का पुन: उपयोग करके भी संसाधनों को संरक्षित किया जा सकता है।
    • विद्युत का प्रयोग तब करना चाहिए जब उनका प्रयोग करना अति आवश्यक है अर्थात् बिजली का व्यर्थ अपव्यय न करके हम संसाधनों की रक्षा कर सकते हैं।
    • जल संरक्षण करके अर्थात् यदि पानी का नल खुला हो तो उसे बंद कर दिया जाना चाहिए। वर्षा के पानी को इकट्ठा करके भी जल संरक्षण किया जा सकता है।
    • मानव जीवन की गुणवत्ता और विश्व शांति बनाए रखने के लिए संसाधनों का समाज में न्यायसंगत बँटवारा किया जा सकता है।
    • हर तरह के जीवन का अस्तित्त्व बनाए रखने के लिए संसाधनों के उपयोग की योजना बनानी चाहिए।

उत्तर 21.
विनिर्माण उद्योग – जो उद्योग कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन करते हैं, विनिर्माण उद्योग अथवा वस्तु निर्माण उद्योग कहलाते हैं।
उदाहरण – कागज़ लकड़ी से, चीनी गन्ने से, लोहा-इस्पाते लौह अयस्क से तथा एल्युमिनियम बॉक्साइट से बनाया जाता है।
विनिर्माण उद्योग को विशेषतः आर्थिक विकास की रीढ़ निम्नलिखित कारणों से समझा जाता है :

  • विनिर्माण उद्योग न केवल कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक हैं, बल्कि ये द्वितीयक व तृतीयक सेवाओं में रोजगार उपलब्ध कराकर कृषि पर हमारी निर्भरता को कम करते हैं।
  • विनिर्माण उद्योग देश में औद्योगिक विकास, बेरोजगारी में कमी लाने तथा गरीबी उन्मूलन में सहायक सिद्ध हुआ है।
  • निर्मित वस्तुओं का निर्यात विदेशी व्यापार को बढ़ाता है जिससे अपेक्षित विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
  • आदिवासी तथा पिछड़े हुए क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना करने से धार्मिक असमानताओं को कम किया जा सकता है।
  • औद्योगिक विकास देश में आर्थिक समृद्धि लेकर आता है क्योंकि यह कच्चे माल को बहुमूल्य उत्पाद में परिवर्तित कर देता है।

उत्तर 22.
गाँवों के स्तर पर मौजूद स्थानीय शासन व्यवस्था को पंचायती राज के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक गाँव में एक ग्राम पंचायत होती है। यह एक प्रकार की परिषद् है जिसमें कई सदस्य और एक अध्यक्ष होता है। सदस्य वार्डों से चुने जाते हैं जिन्हें पंच कहा जाता है। अध्यक्ष को प्रधान या सरपंच कहा जाता है। इनका चुनाव व्यस्क लोग मतदान द्वारा करते हैं। पंचायतों का काम ग्राम-सभा की देखरेख में चलता है। गाँव के सभी मतदाता इसके सदस्य होते हैं। स्थानीय शासन का ढाँचा जिला स्तर तक का है। कई ग्राम पंचायतों को मिलाकर पंचायत समिति का गठन होता है इसे मंडल या प्रखंड स्तरीय पंचायत भी कह सकते हैं। किसी जिले की सभी पंचायत समितियों को मिलाकर जिला परिषद् का गठन होता है। शहरों में नगरपालिका होती है। बड़े शहरों में नगर निगम का गठन होता है। इनको कामकाज निर्वाचित प्रतिनिधि करते हैं। नगर पालिका प्रमुख नगर पालिका के राजनीतिक प्रधान होते हैं। नगर-निगम के ऐसे पदाधिकारी को मेयर (Mayor) कहते हैं।

उत्तर 23.
ग़रीबी भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। यह अग्रलिखित प्रकार से भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करती है :

  • ग़रीबी के कारण आम आदमी राजनीतिक कार्यों में भाग नहीं ले पाता है, क्योकि उसके लिए सबसे पहले रोटी कमाना आवश्यक है न कि अन्य कार्य।
  • गरीबी के कारण आम जनता में आक्रोश तथा विद्रोह पनपता है जिसके कारण उनमें लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति अनास्था उत्पन्न होती है।
  • गरीबी के कारण सांप्रदायिक दंगों व हिंसा को बढ़ावा मिलता है।

भारत में गरीबी की समस्या के समाधान हेतु निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं :

  • भारत की लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर नियंत्रण लगाना चाहिए।
  • देश में अधिक-से-अधिक उद्योग लगाए जाएँ। जिससे देश में रोजगार के अवसर सृजित हो सकें।
  • बड़े उद्योगों के साथ-साथ लघु उद्योगों को भी बढ़ावा देना चाहिए। इसके लिए सरकार द्वारा कम ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था करनी चाहिए।

उत्तर 24.
हाँ, हम इस विचार से सर्वथा सहमत हैं। असंगठित क्षेत्रक छोटी-छोटी और बिखरी इकाइयों, जो अधिकांशतः सरकार नियंत्रण से बाहर होती हैं, से निर्मित होता है। इस क्षेत्रक के नियम और विनियम तो होते हैं परंतु उनका पालन पूरी तरह से नहीं किया जाता। इस कर्मचारियों को संगठित क्षेत्रक वाली सुविधाएँ नहीं मिलती हैं जिसके कारण यह कहा जा सकता है असंगठित क्षेत्रकों में श्रमिकों का शोषण किया जाता है।
असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण निम्न प्रकार से किया जाता है :

  • असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों के लिए नौकरी सुरक्षा नहीं होती है, क्योंकि उन्हें बिना किसी कारण नौकरी से निकाला जा सकता है।
  • उन्हें कम छुट्टियाँ दी जाती है तथा बीमारी आदि की छुट्टियों के लिए भुगतान नहीं किया जाता है।
  • उन्हें अतिरिक्त समय (Over time) लगाना पड़ता है जिसके लिए उन्हें कोई भुगतान नहीं किया जाता है।
  • असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों को वेतन के अतिरिक्त अन्य सुविधाएँ, जैसे-सवेतन अवकाश, भविष्य निधि जमा तथा कई प्रकार के अन्य भत्तों का लाभ भी नहीं मिलता।
  • सामान्यतया असगंठित क्षेत्रक में लोगों को अनियमित कार्य प्राप्त होता है। जैसे, जब कार्य अधिक नहीं होता है, तो नियोक्ता (Employer) श्रमिकों को नौकरी से निकाल देता है।
  • असगंठित क्षेत्रक प्रायः पंजीकृत नहीं होते इसलिए नियुक्ति के समय श्रमिकों को औपचारिक पत्रादि नहीं दिए जाते।

उत्तर 25.
स्वयं सहायता समूह ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों के वह समूह हैं जो स्वयं सहायता हेतु संगठित होते हैं और अपनी बचत पूँजी से एक-दूसरे की सहायता करते हैं।

स्वयं सहायता समूह कर्जदारों को ऋणाधार की कमी की समस्या से उबारने में सहायता करते हैं। ये संगठन समयानुसार विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं के लिए निर्धनों को एक उचित ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाते हैं। इसके अतिरिक्त यह समूह ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों को संगठित करने में सहायता करते हैं। इससे न केवल महिलाएँ आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो सकती हैं, बल्कि समूह की नियमित बैठकों द्वारा लोगों को एक आम मंच मिलता है, जहाँ वह तरह-तरह के सामाजिक विषयों, जैसे-स्वास्थ्य, पोषण और घरेलू हिंसा इत्यादि पर आपस में चर्चा कर पाते हैं।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3 4
(a) कलकत्ता
(b) चौरी-चौरा (उत्तर प्रदेश)
(c) छत्तीसगढ़
(d) पोरबंदर (गुजरात)
(e) बैंगलोर अथवा मैसूर

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2.

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2

BoardCBSE
Class10
SubjectSocial Science
Sample Paper SetPaper 2
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 2 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
रॉलट एक्ट क्यों लागू किया गया था? 1

प्र० 2.
कौन-सी चट्टानें केवल एक ही खनिज से बनी है? 1

प्र० 3.
यदि किसी राजनीतिक दल के सभी निर्णय एक परिवार के लोगों द्वारा किए जाते हैं तथा अन्य सदस्यों की अवहेलना की जाती है तो उस दल के सामने कौन-सी चुनौती होती है? 1

प्र० 4.
एशिया के उन दो देशों के नाम बताइए जिनमें दो भाषाई और जातीय समूहों में संघर्ष था। 1

प्र० 5.
‘वस्तु विनिमय प्रणाली’ का क्या अर्थ है? 1

प्र० 6.
बिजली का सामान खरीदते समय आप कौन-सा शब्द-चिह्न (logo) देखना चाहेंगे? 1

प्र० 7.
विकास की धारणीयता का क्या अर्थ है? 1

प्र० 8.
विश्व युद्ध के कारण यूरोप में कामकाजी उम्र के पुरुषों की मौत की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 3
अथवा
18वीं सदी के प्रांरभ में भारतीय बुनकरों की क्या-क्या समस्याएँ थीं? 3
अथवा
प्रेसीडेंसी शहर किन शहरों को कहते हैं? कब और कैसे बंबई को बंबई प्रेसीडेंसी की राजधानी बनाया गया? 3

प्र० 9.
राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचिका के सवाल पर क्यों बँटे हुए थे? 3

प्र० 10.
मुद्रण युग से पहले भारत में सूचना और विचार कैसे लिखे जाते थे? भारत में मुद्रण तकनीक का चलन किस प्रकार प्रारम्भ हुआ? स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
औपनिवेशक प्रशासकों को देशी उपन्यासों में देशी जीवन और रीतिरिवाजों से जुड़ी जानकारी का बहुमूल्य स्त्रोत किस प्रकार नज़र आया? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 11.
“कांग्रेस अपने कार्यक्रम में औद्योगिक श्रमिकों की माँगों को समाहित करने में हिचकिचा रही थी।” कारणों का विश्लेषण कीजिए। 3

प्र० 12.
पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? 3

प्र० 13.
बाँध किस प्रकार बाढ़ एवं अन्य पर्यावरणीय समस्याओं के जनक बनते जा रहे हैं? व्याख्या कीजिए। 3

प्र० 14.
लैंगिक विभाजन को अर्थ स्पष्ट कीजिए। यह किस प्रकार राजनीति को प्रभावित करता है? 3

प्र० 15.
“सारी दुनिया में पार्टियों के भीतर आन्तरिक लोकतंत्र का न होना एक बड़ी चुनौती है।” इस कथन का विश्लेषण कीजिए। 3

प्र० 16.
बहुदलीय व्यवस्था क्या है? भारत ने बहुदलीय व्यवस्था को क्यों अपनाया है? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 17.
प्राथमिक क्षेत्रक और द्वितीयक क्षेत्रक में चार बिन्दु देते हुए अन्तर स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 18.
बैंकों और सहकारी समितियों को अपनी गतिविधियों को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाने की आवश्यकता क्यों है? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 19.
जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए। 5
अथवा
वियतनाम में 1926 में साइगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल में हुए एक बड़े आंदोलन का वर्णन कीजिए। 5

प्र० 20.
मृदा का महत्त्व बताइए। मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारकों को स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 21.
कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय सुझाइए। 5

प्र० 22.
“सिर्फ राजनीति ही जातिग्रस्त नहीं होती, जाति भी राजनीति ग्रस्त हो जाती है।” कथन को स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 23.
“लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाएँ शान्ति और सद्भाव का जीवन जीने में नागरिकों के लिए मददगार साबित होती हैं।” इस कथन की उपयुक्त उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए। 5

प्र० 24.
“जब हम वस्तुएँ खरीदते हैं तो पाते हैं कि कभी-कभी पैकेट पर छपे मूल्य से अधिक या कम मूल्य पर वस्तुएँ बेची जाती हैं।” इसके संभावित कारणों पर बात करें। क्या उपभोक्ता समूह इस मामले में कुछ कर सकते हैं? चर्चा करें। 5

प्र० 25.
“वैश्वीकरण और उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है।” इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए। (1 + 4 = 5)

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ दिसम्बर, 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को अधिवेशन हुआ। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ नील उगाने वाले किसानों का आंदोलन हुआ था। 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 1
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए : (c) से अंकित किया गया उत्तर-दक्षिण गलियारे का एक टर्मिनल स्टेशन 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) गांधीनगर : सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क
(ii) बोकारो : लोहा और इस्पात संयंत्र (1 + 1 = 2)
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 2
नोट: निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ कर विरोधी आंदोलन का आरंभ हुआ था।
(c) कुद्रेमुख लौह अयस्क खान किस राज्य में स्थित है?
(d) पूर्व-पश्चिमी गलियारे के पूर्वी टर्मिनल स्टेशन का नाम बताइए।
(e) गाँधीनगर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क किस राज्य में स्थित है?

Answers

उत्तर 1.
रॉलट एक्ट राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने और राजनैतिक कैदियों को दो साल बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने के लिए लागू किया गया था।

उत्तर 2.
अवसादी चट्टानें।

उत्तर 3.
आंतरिक लोकतंत्र की चुनौती।

उत्तर 4.
श्रीलंका तथा भारत।

उत्तर 5.
‘वस्तु विनिमय प्रणाली’ में मुद्रा का उपयोग किये बिना वस्तुओं का विनिमय (आदान-प्रदान) होता है।

उत्तर 6.
आई०एस०आई० (ISI).

उत्तर 7.
विकास की धारणीयता का तात्पर्य ज्ञान के उस नए क्षेत्र से है जिसमें वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, दार्शनिक सब मिल-जुल कर प्रकृति और मानव विकास में संतुलन बनाए रखने का प्रयास करते हैं।

उत्तर 8.
अगस्त, 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ। उस समय अधिकांश सरकारें यह सोच रही थीं कि युद्ध दो-चार महीने में समाप्त हो जाएगा। लेकिन इस युद्ध को समाप्त होने में चार वर्ष से ज्यादा समय लग गया। इस युद्ध के कई विनाशकारी परिणाम हुए। मानव सभ्यता के इतिहास में ऐसा भीषण युद्ध पहले कभी नहीं हुआ था। यह पहला औद्योगिक युद्ध था। इस युद्ध के लिए पूरी दुनिया से असंख्य सैनिकों को भर्ती किया गया था। उन सैनिकों को जलपातों और रेलगाड़ियों में भरकर युद्ध के मोर्चे पर लाया गया था। युद्ध में 90 लाख से ज्यादा लोग मारे गए और 2 करोड़ लोग घायल हुए। मृतकों और घायलों में ज्यादा कामकाजी उम्र के लोग थे। इस महाविनाश के कारण यूरोप में कामकाज के लायके लोगों की संख्या कम हो गई। परिवार के सदस्य घट जाने से युद्ध के बाद परिवारों की आय भी गिर गई। इस युद्ध ने पूरे समाज पर गहरा प्रभाव डाला। इसके परिणामस्वरूप घर की औरतों को काम के लिए बाहर निकलना पड़ा।
अथवा

  1. कच्चे माल की कमी – भारत से कच्चे कपास का निर्यात बढ़ने से कच्चे कपास की कीमतें बढ़ गईं। भारतीय बुनकरों को मंहगी कीमतों पर कच्चा माल खरीदने के लिए बाध्य किया गया।
  2. गुमाश्तों के साथ कलह – गुमाश्ते अन्यायपूर्ण तरीके से काम करते थे और बुनकरों को आपूर्ति में देरी करने पर दंडित करते थे। इसलिए उनका बुनकरों के साथ कलह होता रहता था।
  3. अग्रिम की व्यवस्था – अंग्रेजों ने आपूर्ति की सुनिश्चितता के लिए बुनकरों को अग्रिम देने की व्यवस्था शुरू की। बुनकरों ने अधिक कमाने के लिए उत्सुकतापूर्वक अग्रिम लिया परन्तु वे तैयार माल समय से देने में असमर्थ रहे। वे अब छोटे खेतो को भी खाने लगे जिनको अब तक जोतते आ रहे थे।

अथवा
बहुउपयोगी किस्म के शहरों को प्रेसीडेंसी शहर कहा जाता था। उनमें बड़े-बड़े बंदरगाह थे, वेयरहाउस थे, घरे तथा दफ्तर थे, सेना की छावनियाँ थीं और शैक्षणिक संस्थान, संग्रहालय व पुस्तकालय थे। बंबई पश्चिमी भारत का एक महत्वपूर्ण प्रशासकीय केंद्र बन गया था। इस सदी की समाप्ती तक आते-आते बंबई देश का एक बड़ा औद्योगिक केंद्र बन चुका था। अंग्रेज़-मराठा युद्ध में मराठों की हार के बाद 1819 में बंबई को बंबई प्रेसीडेंसी की राजधानी घोषित कर दिया गया।

उत्तर 9.
राजनीतिक नेता भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों और समुदायों का प्रतिनिधित्व करते थे। जैसे-डॉ० अंबेडकर ‘दलित वर्गों का नेतृत्व करते थे। इसी प्रकार मोहम्मद अली जिन्ना भारत के मुस्लिम समाज का प्रतिनिधित्व करते थे। ये नेतागण विशेष राजनीतिक अधिकारों और पृथक निर्वाचन क्षेत्र की माँग उठाकर अपने समाज का जीवन-स्तर ऊँचा उठाना चाहते थे। परन्तु कांग्रेस, विशेषकर गाँधी जी का मानना था कि पृथक निर्वाचन क्षेत्र भारत की एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। यही कारण था कि राजनीतिक नेता पृथक चुनाव क्षेत्रों के सवाल पर बँटे हुए थे।

उत्तर 10.
मुद्रण युग से पहले भारत में सूचना और विचार विभिन्न भाषाओं में हस्तलिखित पांडुलिपियों पर लिखे जाते थे। पांडुलिपियाँ ताड़ के पत्तों या हाथ से बने कागज़ पर नकल कर बनाई जाती थीं। कभी-कभी तो पन्नों पर बेहतरीन तस्वीरें भी बनाई जाती थीं। पांडुलिपियों को तख्तियों की ज़िल्द में या सिलकर सुरक्षित रखा जाता था। प्रिंटिंग प्रेस पहले-पहल सोलहवीं सदी में भारत के गोवा में पुर्तगाली धर्म-प्रचारकों के साथ आया। जेसुइट पुजारियों ने कोंकणी सीखी और कई सारी पुस्तिकाएँ छापीं। 1674 ई० तक कोंकणी और कन्नड़ भाषाओं में लगभग 50 किताबें छप चुकीं थीं। कैथोलिक पुजारियों ने 1579 में कोचीन में पहली तमिल किताब छापी और 1713 में पहली मलयालयम किताब छापने वाले भी वही थे। डच प्रोटेस्टेंट धर्म-प्रचारकों ने 32 तमिल किताबें छापीं, जिनमें से कई पुरानी किताबों का अनुवाद थीं।

अथवा

औपनिवेशिक प्रशासकों को उपन्यासों में देसी जीवन रीति-रिवाज से जुड़ी जानकारी को बहुमूल्य स्रोत नज़र आया। विभिन्न समुदायों व जातियों वाले भारतीय समाज पर शासन करने के लिए इस तरह की जानकारी उपयोगी थी। भारतीय घरों के भीतर की जानकारी भारतीय भाषाओं के इन नए उपन्यासों में विपुल थी। उन्हें पढ़कर लोगों के पहनावे-ओढावे, पूजा-पाठ, उनके विश्वास और आचार आदि के बारे में सहज पता चल सकता था। इनमें से कुछ किताबों का अंग्रेजी अनुवाद ब्रितानी प्रशासकों व ईसाई मिशनरियों ने भारतीय समाज की जानकारी प्राप्त करने के लिए करवाया।

उत्तर 11.
औद्योगिक श्रमिक वर्ग ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में नागपुर के अलावा और कहीं भी बहुत बड़ी संख्या में भाग नहीं लिया। जैसे-जैसे उद्योगपति कांग्रेस के नजदीक आ रहे थे, मजदूर कांग्रेस से छिटकने लगे थे। फिर भी कुछ मज़दूरों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया। परंतु अभी भी कांग्रेस अपने कार्यक्रमों में मजूदरों की मांगों को समाहित करने में हिचकिचा रही थी। कांग्रेस को लगता था कि ऐसा करने से उद्योगपति इस आंदोलन से दूर हो जाएँगे और साम्राज्यवाद विरोधी ताकतों में फूट पड़ेगी।

उत्तर 12.
पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है।
जलोढ़ मृदा की विशेषताएँ :

  • यह सबसे अधिक उपजाऊ और अधिक विस्तार वाली मृदा है।
  • यह मृदा देश के उत्तरी मैदानों तथा तटीय प्रदेशों में पाई जाती है।
  • इस मृदा में पेड़-पौधों का गला-सड़ा अंश (ह्यूमस) काफी मात्रा में मिलता है।
  • चूना अंश भी जलोढ़ मृदा में काफी मिलता है।
  • पुरानी जलोढ़ मृदा से बने क्षेत्र को ‘बांगर’ तथा नई जलोढ़ मृदा से बने क्षेत्र को ‘खादर’ कहते हैं।

उत्तर 13.
यह एक विडंबना ही है कि जो बाँध बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाए जाते हैं, उनके जलाशयों में तलछट जमा होने से वे बाढ़ आने का कारण बन जाते हैं। अत्यधिक वर्षा होने की दशा में तो कई बार बड़े बाँध भी बाढ़ नियंत्रण में असफल रहते हैं। जिस प्रकार सन् 2008 में कोसी (बिहार) नदी में आई बाढ़ इसका उदाहरण है। कि बाँध भी बाढ़ नियंत्रण में असफल हो जाते हैं। इन बाढों से न केवल जान-माल का नुकसान होता है। बल्कि बड़े स्तर पर मृदा का अपरदन भी होता है। बाँध के जलाशय पर तलछट जमा होने का अर्थ यह भी है कि यह तलछट, जो एक प्राकृतिक उर्वरक है, बाढ़ के मैदानों तक नहीं पहुँचती जिसके फलस्वरूप भूमि निम्नीकरण की समस्याएँ बढ़ती हैं। यह भी माना जाता है कि बहुउद्देशीय योजनाओं के कारण भूकंप आने की संभावना भी बढ़ जाती है और अत्यधिक जल के उपयोग से जल-जनित बीमारियाँ, फसलों में कीटाणु-जनित बीमारियाँ और प्रदूषण फैलता है।

उत्तर 14.
लैंगिक विभाजन से अर्थ समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाओं से हैं। लैंगिक असमानता को प्राकृतिक और अपरिवर्तनीय मान लिया जाता है। परंतु लैंगिक असमानता का आधार स्त्री और पुरुष की जैविक बनावट नहीं बल्कि इन दोनों के विषय में प्रचलित रूढ़ छवियाँ और निश्चित सामाजिक भूमिकाएँ हैं। यह बात अधिकतर परिवारों के श्रम के लैंगिक विभाजन से झलकती है जहाँ महिलाएँ घर के अंदर का सारा काम-काज करती हैं जबकि पुरुष घर के बाहर का काम करते हैं। धीरे-धीरे राजनीति में लैंगिक मुद्दे उभरे। जिसके बाद दुनिया के अलग-अलग भागों में महिलाओं ने अपने संगठन बनाए और बराबरी के अधिकार हासिल करने के लिए आंदोलन किए। विभिन्न देशों में महिलाओं को वोट का अधिकार प्रदान करने के लिए आंदोलन हुए। इन आंदोलनों में महिलाओं के राजनीतिक और वैधानिक दर्जे को ऊँचा उठाने के लिए संघर्ष किया गया। आज विभिन्न देशों में सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी का स्तर काफ़ी ऊँचा हुआ है।

उत्तर 15.
सम्पूर्ण विश्व में यह प्रवृत्ति बन गई है कि सम्पूर्ण शक्ति एक या कुछ नेताओं के हाथों में सिमट जाती है। राजनीतिक पार्टियों के पास न तो सदस्यों की खुली सूची होती है और न ही इनकी नियमित रूप से सांगठनिक बैठकें होती हैं। इन पार्टियों के आंतरिक चुनाव भी नहीं होते। परिणामस्वरूप दलों की कार्यप्रणाली पारदर्शी नहीं रह पाती तथा पार्टी के नाम पर सारे फैसले लेने का अधिकार उस पार्टी के शक्तिशाली नेता हथिया लेते हैं। चूँकि कुछ नेताओं के पास ही असली शक्ति होती है इसलिए जो सदस्य उनसे असहमत होते हैं, उनका पार्टी में टिके रह पाना अत्यंत जटिल हो जाता है। इस कारण कोई भी सदस्य उनके समक्ष अपना विरोध प्रदर्शित नहीं कर पाता। अतः इस प्रकार पार्टी के सिद्धांतों और नीतियों से निष्ठा के स्थान पर व्यक्ति विशेष से निष्ठा ही अधिक महत्त्वपूर्ण बन जाती है।

उत्तर 16.
जब अनेक दल सत्ता प्राप्त करने हेतु प्रतिस्पर्धा में हों और स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में दो या दो से अधिक दल आपस में गठबंधन करके सत्ता में आने का अवसर प्राप्त कर लें तो इसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं।

भारत में बहुदलीय व्यवस्था को अपनाए जाने के कारण : प्रत्येक राष्ट्र अपनी विशेष परिस्थितियों के अनुसार दल प्रणाली विकसित करता है। भारत ने अपने यहाँ बहुदलीय प्रणाली विकसित की है क्योंकि यहाँ की भौगोलिक एवं सामाजिक व्यवस्था को दो या तीन दलों द्वारा अवशोषित नहीं किया जा सकता। इस तरह की व्यवस्था लोकतंत्र को शक्तिशाली बनाती है। बहुदलीय व्यवस्था में क्षेत्रीय एवं भौगोलिक व्यवस्थाओं को भी पूर्ण प्रतिनिधित्व की सुविधा प्रदान की जा सकती है। इसके अतिरिक्त बहुदलीय व्यवस्था बहुत तालमेल वाली लगती है और देश को राजनीतिक अस्थिरता की ओर ले जा सकती है। इसके साथ ही इस प्रणाली में विभिन्न हितों और विचारों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल जाता है।

उत्तर 17.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 4

उत्तर 18.
बैंक और सहकारी समितियाँ सस्ते एवं किफायती ऋण प्राप्त करने में आम लोगों की सहायता कर सकते हैं। इस प्रकार के उपायों द्वारा लोगों की आय बढ़ सकेगी तथा बहुत से लोग अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सस्ती दरों पर ऋण ले सकेंगे। इससे छोटे व्यवसायी लघु उद्योग एवं व्यापार की स्थापना कर सकेंगे तथा किसान फसलें उगा सकेंगे। निर्धन लोगों तथा छोटे किसानों को भी ऋण के लिए अनौपचारिक स्रोतों (साहुकार तथा जमींदार) पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सस्ते और सामर्थ्य के अनुकूल ऋणों द्वारा देश के विकास में परोक्ष रूप से सहायता मिलती है।

उत्तर 19.
18वीं शताब्दी में जर्मनी कई राज्यों में विभाजित हो गया था। इनमें से कुछ राज्यों का अस्तित्व नेपोलियन द्वारा किए गए युद्धों के कारण समाप्त हो गया था। युद्ध की समाप्ति पर जर्मनी में 39 स्वतंत्र राज्य थे। इनमें से प्रशिया सबसे शक्तिशाली था जिसके प्रमुख बड़े जमीदार थे जिन्हें ‘जंकर’ कहा जाता था।

  1. मध्यमवर्गीय जर्मन लोगों में राष्ट्रवादी भावनाएँ ज़ोर पकड़ चुकी थीं। वे लोग जर्मन को एकीकृत करने के लिए जर्मन महासंघ के विभिन्न क्षेत्रों को एक राष्ट्र बनाने तथा एक निर्वाचित संसद के अंतर्गत लाने का प्रयास करने लगे।
  2. मई, 1848 में कई राजनैतिक संघ ऑल जर्मन नैशनल असेंबली को वोट करने के लिए एकत्र हुए। उनके प्रतिनिधि फ्रेंकफर्ट में मिले तथा फ्रेंकफर्ट संसद में जर्मन के एकीकरण का प्रस्ताव संवैधानिक राजतंत्र के अंतर्गत प्रशिया के सम्राट के समक्ष पेश किया।
  3. प्रशिया के सम्राट ने यह प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया तथा इस प्रकार राष्ट्र निर्माण की इस पहल को राजशाही और सेना की ताकत ने मिलकर दबा दिया।
  4. उसके पश्चात् प्रशिया ने राष्ट्रीय एकीकरण के आंदोलन का नेतृत्व सँभाल लिया। उसको प्रमुख मंत्री ऑटो वॉन बिस्मार्क इस प्रक्रिया का जनक था जिसने प्रशियों की सेना और नौकरशाही की सहायता ली। सात वर्ष के दौरान ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से तीन युद्धों में प्रशिया की जीत हुई और एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई।
  5. इन सबके फलस्वरूप, जनवरी 1871 में, जर्मन राज्यों के प्रमुख, सेना के प्रतिनिधी, महत्त्वपूर्ण प्रशियन मंत्री तथा बिस्मार्क वर्साय में हुए एक समारोह में एकत्र हुए तथा प्रशिया के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित कर दिया गया।

अथवा
1926 ई० में साइगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल में एक बड़ा आंदोलन हुआ। विवाद तब शुरू हुआ जब एक कक्षा में अगली सीट पर बैठी वियतनामी लड़की को उठकर पिछली कतार में जाकर बैठने तथा एक फ्रेंच विद्यार्थी को वह सीट देने के लिए कहा गया तो वियतनामी लड़की ने सीट छोड़ने से इन्कार कर दिया। स्कूल के फ्रेंच प्रिंसिपल ने उस वियतनामी लड़की को स्कूल से निकाल दिया। जब दूसरे विद्यार्थियों ने प्रिंसिपल के इस फैसले का विरोध किया तो उन्हें भी स्कूल से निकाल दिया गया। इसके बाद तो यह विवाद और भी फैल गया। लोग खुलेआम जुलूस निकालने लगे। हालात बेकाबू होते देख कर सरकार ने आदेश दिया कि लड़की को दोबारा स्कूल में वापस ले लिया जाए। प्रिंसीपल ने लड़की को वापस दाखिला तो दे दिया लेकिन साथ ही यह ऐलान भी कर दिया कि वह सारे वियतनामियों को पाँव तले कुचल कर रख देंगी।

उत्तर 20.
मिट्टी अथवा मृदा सबसे महत्त्वपूर्ण नवीकरण योग्य प्राकृति संसाधन है। यह पौधों के विकास का माध्यम है। जो पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवों का पोषण करती है। मृदा एक जीवंत तंत्र है। कुछ सेंटीमीटर गहरी मृदा बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं।
मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं :

  • मृदा बनने की प्रक्रिया में उच्चावच, जनक शैल अथवा संस्तर शैल, जलवायु, वनस्पति और अन्य जैव पदार्थ और समय मुख्य कारक हैं।
  • प्रकृति के अनेकों तत्त्व, जैसे-तापमान परिवर्तन, बहते जल की क्रिया, पवन, हिमनदी तथा अपघटन क्रियाएँ आदि मृदा बनने की प्रक्रिया में योगदान देते हैं।
  • मृदा में होने वाले रासायनिक और जैविक परिवर्तन भी महत्त्वपूर्ण हैं। मृदा जैव और अजैव दोनों प्रकार के पदार्थों से बनती है।

उत्तर 21.
सरकार ने कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इनमें से निम्नलिखित प्रमुख हैं :

  1. जमींदार प्रथा को उन्मूलन – जमींदारी प्रथा में किसान की स्थिति लगभग मजदूर की भाँति थी। कृषि भूमि का वितरण बहुत असमान था। अतः सरकार ने जमींदारी प्रथा को समाप्त कर, खेती करने वाले किसानों को जमीन के मालिकाना अधिकार दे दिए।
  2. रासायनिक उर्वरकों के उत्पादन में वृद्धि – रासायनिक खाद उपलब्ध कराने के लिए कई उर्वरक कारखाने देश के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए हैं। परंतु अभी भी हमारी माँग की पूर्ति नहीं हो। पा रही है फलतः उर्वरकों का आयात भी किया जाता है। निकट भविष्य में नए-कारखानों की प्रस्तावित योजना के पूरा होने पर हम आत्मनिर्भर हो सकेंगे।
  3. फसलों को बर्बादी से रोकना – कीड़ों, नाशक जीवों, फंफूदी तथा खरपतवार से फसलों को बचाने के लिए अब कीटनाशक, नाशकमार, फफूदनाशी तथा खरपतवार नाशक दवाइयों को उपलब्ध कराकर फसलों को बचाया जाने लगा है। जिससे रख-रखाव में होने वाली बरबादी से बचा जा सका है।
  4. कृषि उपकरणों का विकास – खेती की पैदावार बढ़ाने में कृषि उपकरणों का भी बड़ा भारी योगदान है। इनसे न केवल उपज बढ़ती है, अपितु जुताई, बुआई, निराई, कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव, सिंचाई, जल फुहार सिंचाई, कटाई, गहाई, परिवहन तथा भंडारण में लगने वाले समय में भी काफी बचत । होती है। भारतीय किसान ट्रैक्टरों, हारवेस्टरों, कंबाइनों, ट्रैक्ट-ट्रॉलियों, जलपंपो तथा स्पिलरों का खूब प्रयोग करने लगे हैं।
  5. कृषि शिक्षा का प्रचार व प्रसार – स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय स्तर की कृषि संबंधी शिक्षा का देश के विभिन्न भागों में विस्तार किया गया है। कृषि प्रदर्शनियों, रेडियो, दूरदर्शन के द्वारा किसानों को उन्नत बीजों, कीटनाशक दवाओं, नवीन कृषि यंत्रों, मृदा आदि की जानकारी दी जाती है।

उत्तर 22.
“सिर्फ राजनीति ही जातिग्रस्त नहीं होती, जाति भी राजनीति ग्रस्त हो जाती है। इसे निम्न प्रकार से समझा जा सकता है :

  • हर जाति स्वयं को बड़ा बनाना चाहती है। पहले वह अपने समूह की जिस उपजातियों को छोटा या नीचा बताकर अपने से बाहर रखना चाहती थी, अब उन्हें अपने साथ लाने का प्रयास करती है।
  • चूंकि एक जाति अपने दम पर सत्ता पर कब्ज़ा नहीं कर सकती इसलिए वह ज्यादा राजनीतिक ताकत पाने के लिए दूसरी जातियों या समुदायों को अपने साथ लाने की कोशिश करती है।
  • राजनीति में नए किस्म की जातिगत गोलबंदी भी हुई है, जैसे ‘अगड़ा’ और ‘पिछड़ा’।
  • दुनिया भर में राजनीतिक पार्टियाँ वोट पाने के लिए सामाजिक मुद्दों और समुदायों को गोलबंद करने का प्रयास करती हैं।

उत्तर 23.
लोकतंत्र द्वारा विभिन्न सामाजिक विविधताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए कई स्थितियों का होना अनिवार्य है। लोकतंत्र का सीधे-सीधे अर्थ केवल बहुमत की राय से शासन करना नहीं है। बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है। तभी, सरकार जन-सामान्य की इच्छा का प्रतिनिधित्व कर पाती है। बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, नस्ल अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता। बहुमत के शासन का अर्थ होता है कि इसके प्रत्येक फैसले या चुनाव में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं या बहुमत में हो सकते हैं। लोकतंत्र तभी तक लोकतंत्र रहता है जब तक प्रत्येक नागरिक को किसी न किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं।

उत्तर 24.
जब हम वस्तुएँ खरीदते हैं, तो पाते हैं कि कभी-कभी पैकेट पर छपे मूल्य से अधिक या कम मूल्य पर वस्तुएँ बेची जाती हैं। इसके संभावित कारण निम्नलिखित हैं :

  • अधिक मूल्य लेने वाला विक्रेता लालची होता है। वह माँग की अधिकता को देखकर फायदा उठाता है। अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि वह कालाबाजारी करता है।
  • निर्धारित कीमत से कम कीमत पर वस्तुएँ बेचने वाला विक्रेता हो सकता कि वह हमें नकली माल बेच रहा हो या वह चाहता हो कि हम उसके पास बार-बार आएँ।
  • कभी-कभी इसका कारण उपभोक्ता की अशिक्षा, अज्ञानता या उदासीनता भी हो सकती है।

इस सभी स्थितियों में उपभोक्ता निर्धारित कीमत से अधिक कीमत पर वस्तुएँ बेचने वाले विक्रेता के विरुद्ध पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा सकता है। इसके अतिरिक्त वह उपभोक्ता संरक्षक न्यायालय का सहारा भी ले सकता है।

उत्तर 25.

  1. वैश्वीकरण और उत्पादकों (स्थानीय एवं विदेशी दोनों) के बीच प्रतिस्पर्धा से अब उपभोक्ताओं, विशेषकर शहरी क्षेत्र के धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को अधिक लाभ हुआ है।
  2. प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनियों ने नई उत्पादन तकनीकों में निवेश किया है, जिससे उनका उत्पादन स्तर . बढ़ गया है।
  3. अब उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से कई अधिक विकल्प उपलब्ध है और वे अब अनेक उत्पादों की उत्कृष्ट गुणवत्ता और कम कीमत के लाभ उठा रहे हैं।
  4. उपभोक्ता पहले की तुलना में आज अपेक्षाकृत उच्चतर जीवन स्तर का आनंद ले रहे हैं।
  5. उद्योगों और सेवाओं में नए रोजगार उत्पन्न हुए हैं। साथ ही इन उद्योगों में कच्चे माल इत्यादि की आपूर्ति कराने वाली स्थानीय कम्पनियाँ समृद्ध हुई हैं। अनेक शीर्ष भारतीय कम्पनियाँ बढी हुई प्रतिस्पर्धा से लाभान्वित हुई हैं।
  6. वैश्वीकरण ने भारतीय कम्पनियों को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के रूप में उभरने का अवसर प्रदान किया है।
  7. वैश्वीकरण ने सेवाप्रदाता कंपनियों, विशेषकर सूचना और संचार प्रौद्यागिकी वाली कपनियों के लिए नए अवसरों का सृजन किया है।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 5
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 6
(a) लाहौर
(b) बारदोली
(c) कर्नाटक
(d) सिलचर
(e) गुजरात

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1.

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1

BoardCBSE
Class10
SubjectSocial Science
Sample Paper SetPaper 1
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 1 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
सन् 1868 ई० में छपी जापान की सबसे पुरानी पुस्तक का नाम बताइए? 1
अथवा
पेन्नी पत्रिकाएँ किसे कहते है? 1

प्र० 2.
रबी फसल कब बोई जाती है? इसकी प्रमुख फसलों के नाम बताइए। 1

प्र० 3.
साहू महाराज, महात्मा फुले, नायकर और बाबा साहेब अम्बेडकर को कौन-सी पार्टी अपना आदर्श मानती है? 1

प्र० 4.
संघीय व्यवस्था के गठन और कामकाज के लिए दो महत्त्वपूर्ण चीजें क्या हैं? 1

प्र० 5.
भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है? 1

प्र० 6.
UNDP किस मापदंडों पर विभिन्न देशों के विकास को मापती है? 1

प्र० 7. निवेश किसे कहते हैं? 1

प्र० 8.
आर्थिक महामंदी की शुरुआत कब हुई और यह कब तक चली? महामंदी की दो विशेषताएँ और दो कारण बताइये। 3
अथवा
सन् 1772 में ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी ने कहा था कि, “ भारतीय कपड़े की माँग कभी कम नहीं हो सकती है क्योंकि किसी दूसरे देश में इतना बढ़िया कपड़ा नहीं बनता। तब ऐसा क्या हुआ कि 19वीं शताब्दी में भारतीय कपड़े की माँग लगातार गिरने लगी। स्पष्ट करें। 3
अथवा
बंबई में निर्मित चॉल और लंदन में निर्मित टेनेमेंटस के मध्य समानता बताइये। 3

प्र० 9.
स्वदेशी आंदोलन का क्या कारण था? इसके प्रमुख नेता कौन थे? 3

प्र० 10.
मुद्रण संस्कृति ने उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में राष्ट्रवाद के विकास में किस प्रकार सहायता की, स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
उपन्यास भारतीयों के लिए किस प्रकार उपयोग सिद्ध हुए? तीन तथ्यों द्वारा स्पष्ट करें। (3 x 1 = 3)

प्र० 11.
भारत आने के बाद गाँधीजी ने किन-किन तीन स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया? 3

प्र० 12.
उस अधात्विक खनिज का नाम बताइए, जिसका पतली चादरों में विपाटन आसानी से हो सकता है। इसके उपयोगों का उल्लेख कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 13.
(क) राष्ट्रीय राजमार्ग की तीन विशेषताएँ बताइये? (1\(\frac { 1 }{ 2 }\) + 1\(\frac { 1 }{ 2 }\) = 3)
(ख) रेडियो और टी०वी० किस प्रकार जन संचार के महत्त्वपूर्ण साधन हैं? तीन बिंदुओं में स्पष्ट करें।

प्र० 14.
‘राजनीतिक सुधार’ या ‘लोकतांत्रिक सुधार’ से आप क्या समझते हैं? क्या सभी देशों को एक ही जैसे राजनीतिक सुधार अपनाने चाहिएँ? 3

प्र० 15.
लोकतांत्रिक सरकार को उत्तरदायी सरकार के रूप में किस प्रकार जाना जाता है? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 16.
गाँधी जी द्वारा हरिजनों को उनके अधिकारों को दिलाने के लिए किए तीन प्रयासों उल्लेख कीजिए। 3

प्र० 17.
COPRA ( कोपरा) को विस्तारपूर्वक लिखिये। COPRA, 1986 के निर्माण की आवश्यकता क्यों पड़ी? 3

प्र० 18.
उपभोक्ता कौन होता है? उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किस प्रकार कर सकते हैं, व्याख्या कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 19.
1815 के बाद क्रान्तिकारियों ने यूरोप के बहुत से राज्यों में अपने विचारों का किस प्रकार प्रसार किया? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 5
अथवा
वियतनाम में ‘टोंकिन स्कूल’ क्यों खोला गया था? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 20.
संसाधन नियोजन क्या है? संसाधन नियोजन क्यों आवश्यक है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। (2 + 3 = 5)

प्र० 21.
सूतीवस्त्र उद्योग महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक विकसित क्यों हैं? कारण बताइए। 5

प्र० 22.
“लगभग 100 साल पहले दुनिया के कुछ ही देशों में गिनती के राजनीतिक दल थे। आज गिनती के ही देश ऐसे हैं, जहाँ राजनीतिक दल नहीं हैं।” इस कथन की परख कीजिए। 5

प्र० 23.
लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ किस प्रकार अनेक तरह के सामाजिक विभाजनों को सँभालती हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 24.
उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया किस प्रकार जटिल, खर्चीली और समय-साध्य हो रही है? स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 25.
आयात पर ‘कर’ को व्यापार अवरोधक के रूप में क्यों जाना जाता है? स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने विदेशी व्यापार तथा विदेशी निवेशों पर प्रतिबंध क्यों लगाया? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी? स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ हुआ। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ 1927 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ था। 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 1
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए :
(c) से अंकित की गई एक प्रकार की मृदा 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) पारादीप : प्रमुख समुद्री पत्तन
(ii) तुंगभद्रा बांध (1 + 1 = 2)
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 2
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ हुआ।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ 1927 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ था।
(c) नामरूप तापीय ऊर्जा संयंत्र किस राज्य में स्थित है।
(d) राऊरकेला लोहा और इस्पात संयंत्र किस राज्य में स्थित है?
(e) कांदला समुद्री पत्तन किस राज्य में स्थित है?

Answers

उत्तर 1.
डायमंड सूत्र।
अथवा
यह पत्रिकाएँ विशेष रूप से महिलाओं के लिए होती थी। वैसे ही जैसे कि सही चाल चलन और गृहस्थी सिखाने वाली निर्देशिकाएँ।

उत्तर 2.
रबी फसल अक्टूबर से दिसम्बर तक बोई जाती है तथा इनमें गेहूँ, जौ, चना, सरसों तथा तोरिया प्रमुख फसलें हैं।

उत्तर 3.
बहुजन समाज पार्टी।

उत्तर 4.
संघीय व्यवस्था के गठन और कामकाज के लिए दो महत्त्वपूर्ण चीजें :

  • विभिन्न स्तरों की सरकारों के बीच सत्ता के बंटवारे के नियमों पर सहमति होनी चाहिए।
  • सरकारों का एक-दूसरे पर भरोसा होना चाहिए ताकि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों को मानें।

उत्तर 5.
24 दिसंबर।

उत्तर 6.
UNDP देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर, उनकी स्वास्थ्य स्थिति और प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर करती है।

उत्तर 7.
सम्पत्ति जैसे भूमि आदि खरीदने में खर्च की गई धनराशि निवेश कहलाती है।

उत्तर 8.
आर्थिक महामंदी का आरम्भ 1929 से हुआ और यह संकट तीस के दशक के मध्य तक बना रहा।
महामंदी की विशेषताएँ :

  • दुनिया के अधिकतर हिस्सों में उत्पादन, रोजगार, आय और व्यापार में भयानक गिरावट दर्ज की गई।
  • इस मंदी का समय और प्रभाव सब देशों पर एक-जैसा नहीं था।

महामंदी के कारण :

  • कृषि क्षेत्र में अति-उत्पादन से कृषि उत्पादों की कीमतें गिरने लगीं जिस कारण किसानों की आय घटने लगी। आमदनी बढ़ाने के लिए किसान उत्पादन बढ़ाने लगे परंतु इससे बाजार में कृषि उत्पादों में और वृद्धि हुई जबकि कीमतें और नीचे गिर गईं और खरीददारों के अभाव में कृषि उपज सड़ने लगी।
  • 1920 के दशक के मध्य में बहुत सारे देशों ने अमेरिका से कर्ज लिए थे परंतु युद्ध के कारण ये देश कर्ज चुकाने में असमर्थ थे जिससे अमेरिकी उद्यमी धराशायी हो गए और अमेरिकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई।

अथवा

  • जब इंग्लैंड में कपास उद्योग विकसित हुआ तो वहाँ के उद्योगपतियों ने सरकार पर दबाव डालकर भारतीय कपड़े पर आयात शुल्क बढवा दिया जिससे भारतीय कपड़ा महँगा हो गया और उसकी माँग गिरने लगी।
  • इंग्लैंड के उद्योगपतियों ने अपने माल को भारत में सस्ते दाम पर बेचने के लिए सरकार से अनुमति प्राप्त कर ली जिससे भारतीय कपड़े की माँग भारत में भी लगातार गिरने लगीं।
  • उपभोक्ताओं ने भी आयतित सस्ते कपड़े को स्वीकारना प्रारंभ कर दिया जिससे भारतीय वस्त्र की माँग धराशायी हो गई।

अथवा
बंबई की चॉल बहुमंजिला इमारतें होती थीं। शहर के ‘नेटिव’ हिस्से में इस तरह की इमारतें कम से कम 1860 के दशक से तो बनने ही लगी थीं। लंदन के टेनेमेंटस की तरह ये मकान भी मोटे तौर पर निजी संपत्ति होते थे। बाहर से आने वालों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यापारी, महाजन, भवन-निर्माता और ठेकेदार इस प्रकार की इमारतें बनवाते थे। प्रत्येक चॉल में कमरों की कतारें होती थीं। कमरों के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं बनाए जाते थे।

उत्तर 9.
स्वदेशी आंदोलन का कारण – 1905 में बंगाल विभाजन के बाद चारों ओर अंग्रेजी शासन के प्रति विरोध प्रकट किया जाने लगा। शीघ्र ही बंगाल-विभाजन का असंतोष सारे देश में फैल गया। ब्रिटिश वस्तुओं का भी बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करने का प्रचार किया गया। इसे ही स्वदेशी आंदोलन कहा गया है। इसमें विदेशी कपड़ों और पदों को भी बहिष्कार किया गया। विद्यार्थियों ने इस आंदोलन में भाग लिया और अंग्रेजी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार किया। सुरेंद्रनाथ बनर्जी तथा विपिनचंद्र पाल जैसे नेताओं ने स्वदेशी आंदोलन के प्रचार में मुख्य भूमिका निभाई।

उत्तर 10.
मुद्रण संस्कृति ने भारत में राष्ट्रवाद के विकास में निम्न प्रकार सहायता की :

  • भाषाई अखबारों के माध्यम से औपनिवेशिक सरकार के शोषण के तरीकों की जानकारी दी जाती थी। सरकार के गलत कानूनों के विरुद्ध विस्तार से छापा जाने लगा।
  • मुद्रण संस्कृति द्वारा क्रांतिकारी विचार भी गुपचुप तरीके से फैलाए जाते थे। उपन्यासों, गीतों, लेखों, पत्रिकाओं और अखबारों के माध्यम से लोगों में राष्ट्रवादी विचार पहुँचाए जाते थे।
  • मुद्रण संस्कृति के माध्यम से शिक्षा का प्रचार-प्रसार हुआ जिससे लोगों का मन सकारात्मक रूप से सुदढ़ हुआ। भारतीय नेताओं, सुधारकों और राष्ट्रवादियों के विचारों से जनमानस प्रभावित हुआ।

अथवा

  • भारतीय उपन्यासों ने देश में आधुनिक साहित्य का विकास करने और लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का विकास करने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया।
  • परीक्षा गुरू’ नामक उपन्यास द्वारा सम्पन्न परिवारों के युवाओं को बुरी संगत के नैतिक खतरों से आग्रह किया गया।
  • चंद्रकांता’ तथा ‘चंद्रकांता संतति’ ने हिंदी भाषा और नागरी लिपि को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई।

उत्तर 11.
भारत आने के बाद गाँधीजी ने कई स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया। जिनमें से तीन नाम निम्नलिखित हैं :

  • 1916 में उन्होंने बिहार के चंपारने इलाके में किसानों को संघर्ष के लिए प्रेरित किया।
  • 1917 में गुजरात के खेड़ा जिले के किसानों की मदद के लिए सत्याग्रह का आयोजन किया।
  • 1918 में गाँधीजी सूती कपड़ा कारखानों के मजदूरों के बीच सत्याग्रह आंदोलन चलाने अहमदाबाद जा पहुँचे।

उत्तर 12.
अभ्रक एक ऐसा अधात्विक खनिज है जो प्लेटों अथवा पत्रण क्रम में पाया जाता है। इसका चादरों में विपाटन आसानी से हो सकता है। इसकी परतें इतनी बारीक होती हैं कि एक हज़ार परतें कुछ सेंटीमीटर ऊँचाई में समाहित हो सकती हैं। अभ्रक पारदर्शी, काले, हरे, लाल, पीले अथवा भूरे रंग के हो सकते हैं।
सर्वोच्च परावैद्युत शक्ति, ऊर्जा ह्रास का निम्न गुणांक, विंसवाहन के गुण और उच्च वोल्टेज की प्रतिरोधकता वाली होने के कारण अभ्रक विद्युत व इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में प्रयुक्त होता है।

उत्तर 13.
(क) वे महत्त्वपूर्ण सड़कें, जो देश के एक सिरे से दूसरे सिरे तक कई राज्यों से होकर जाती हैं तथा देश के प्रमुख नगरों को जोड़ती है, राष्ट्रीय राजमार्ग कहलाती हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग की तीन विशेषताएँ :

  • राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को जोड़ते हैं। वर्तमान समय में राष्ट्रीय राजमार्गों को उनके नंबर से जाना जाता है।
  • ये प्राथमिक सड़क तंत्र हैं।
  • इनका निर्माण व रख-रखाव का दायित्व केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकार क्षेत्र में है।
  • भारत के प्रमुख राष्ट्रीय मार्ग ग्रांड ट्रंक रोड (GT Road), मुगल रोड, आगरा-मुंबई मार्ग आदि हैं।

(ख) रेडियो व टी०वी० का जनसंचार में महत्त्वपूर्ण स्थान है जिसे निम्नलिखित बिंदुओं में स्पष्ट किया किया जा सकता है :

  • रेडियो के माध्यम से देश के कोने-कोने में लोगों की भाषा में विभिन्न ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।
  • टी०वी० पर भी विभिन्न भाषाओं में विविध प्रकार के मनोरंजक तथा शिक्षाप्रद कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।
  • भारत में निरक्षरों की अधिक संख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि रेडियो व टी०वी० ही ऐसे साधन हैं जो इन तक शिक्षा व जागरूकता संबंधी सूचनाएँ पहुँचा सकते हैं।

उत्तर 14.
लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों पर जीत हासिल करने सम्बंधी सभी तरह के सुझाव या प्रस्ताव, राजनीतिक सुधार या लोकतांत्रिक सुधार कहलाते हैं।
राजनीतिक सुधारों की कोई एक सुनिश्चित सूची तैयार करना संभव नहीं है। यही कारण है कि सभी देशों में एक जैसे सुधार अपनाये नहीं जा सकते हैं क्योंकि प्रत्येक देश की राजनीतिक समस्याएँ अलग-अलग होती हैं। और उनको सुलझाने के उपाय भी उनके अनुसार ही होने चाहिएं। उदाहरण-जैसे किसी कार की खराबी जाने बिना उसे ठीक करने का तरीका बताना।

उत्तर 15.
लोकतंत्र एक उत्तरदायी, ज़िम्मेदार और वैध सरकार का गठन निम्न प्रकार करता है :

  • लोकतंत्र नियमित, स्वतंत्र तथा निष्पक्ष ढंग से चुनाव संपन्न कराता है। यह शासन पद्धति सरकार की नीतियों के विषय में तथा उसकी कार्यशैली के विषय में जानने के लिए जनता को सूचना का अधिकार’ प्रदान करती है।
  • लोकतांत्रिक सरकार नागरिकों को चुनाव प्रक्रिया में हिस्सेदार बना कर स्वयं को उनके प्रति उत्तरदायी बनाने वाली कार्यविधि विकसित करती है।
  • लोकतंत्र एक वैध सरकार का निर्माण करता है क्योंकि यह जनता ही होती है जो अपने द्वारा चुने गए। प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार बनाकर स्वयं के ऊपर शासन करवाती है।
  • लोकतांत्रिक सरकार देश के प्रति उत्तरदायी होती है। यह जनता की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करती रहती है।

उत्तर 16.

  1. गाँधी जी ने अछूतों को ‘हरिजन’ अर्थात् ईश्वर की संतान बताया।
  2. गाँधी जी ने उन्हें सार्वजनिक स्थानों, मंदिरों, तालाबों, कुओं तथा सड़कों पर समान अधिकार दिलाने के लिए सत्याग्रह किया।
  3. गाँधी जी मैला ढोने वालों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने व उसे समाप्त करवाने के लिए स्वयं शौचालय साफ करने लगे।
  4. गाँधी जी ने अस्पृश्यता का अंत करने के लिए उच्च जातियों के लोगों का आह्वान किया।

उत्तर 17.
कोपरा (COPRA) का विस्तारित रूप है-“उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम”। इस अधिनियम के द्वारा 1986 में भारत सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया। यह उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 कानून था, जो COPRA के नाम से प्रसिद्ध है। कोपरा अधिनियम ने केन्द्र और राज्य सरकारों में उपभोक्ता मामले के अलग विभागों को स्थापित करने में मुख्य भूमिका निभाई है। यह उपभोक्ताओं का मार्गदर्शन करता है तथा उन्हें शोषण से बचाता है। इस प्रकार, इस अधिनियम ने उपभोक्ता के रूप में उपभोक्ता न्यायालय में प्रतिनिधित्व का अधिकार देकर हमें समर्थ बनाया है।

उत्तर 18.
वह व्यक्ति, जो किसी वस्तु या सेवा का बाजार से क्रय करता है एवं उनका उपभोग करता है, उपभोक्ता कहलाता है।
उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन निम्नलिखित प्रकार से कर सकते हैं :

  • उपभोक्ता यूनियन का निर्माण करके।
  • कुछ निश्चित संगठनों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को उपयोग न करके।
  • धोखा देने वाली कंपनियों के विरुद्ध संयुक्त रूप से आवाज़ उठा कर।
  • उपभोक्ता अदालतों में शिकायत दर्ज करके।

उत्तर 19.
1815 के बाद के वर्षों में दमन के भय ने अनेक उदारवादी राष्ट्रवादियों को भूमिगत कर दिया। बहुत सारे यूरोपीय राज्यों में क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण देने और विचारों का प्रसार करने के लिए गुप्त संगठन उभर आए। उस समय क्रांतिकारी होने का मतलब उन राजतंत्रीय अवस्थाओं का विरोध करने से था जो कांग्रेस के बाद स्थापित की गई थीं। साथ ही स्वतंत्रता और मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध होना और संघर्ष करना क्रांतिकारी होने के लिए आवश्यक था। अधिकांश क्रांतिकारी राष्ट्र-राज्यों की स्थापना को आज़ादी के इस संघर्ष का अनिवार्य हिस्सा मानते थे। ज्युसेपी मेत्सिनी इटली का एक क्रांतिकारी था। मेत्सिनी ने दो भूमिगत संगठनों की स्थापना की-यंग इटली और यंग यूरोप। जिसके सदस्य पोलैंड, फ्रांस, इटली और जर्मन राज्यों में समान विचार रखने वाले युवा थे।

अथवा

पश्चिमी ढंग की शिक्षा देने के लिए 1907 में टोंकिन फ्री स्कूल खोला गया था। इस शिक्षा में विज्ञान, स्वच्छता और फ्रांसिसी भाषा की कक्षाएँ भी शामिल थीं। इस स्कूल की नज़र में ‘आधुनिक’ के क्या मायने थे इससे उस समय की सोच को अच्छी तरह समझा जा सकता है। स्कूल की राय में, सिर्फ विज्ञान और पश्चिमी विचारों की शिक्षा प्राप्त कर लेना ही काफी नहीं था। आधुनिक बनने के लिए वियतनामियों को पश्चिम के लोगों जैसा ही दिखना भी पड़ेगा, इसलिए यह स्कूल अपने छात्रों को पश्चिमी शैलियों को अपनाने के लिए उकसाता था। जैसे-बच्चों को छोटे-छोटे बाल रखने की सलाह दी जाती थी। दूसरी ओर, वियतनामी बुद्धिजीवियों को यह भय था कि न सिर्फ वियतनाम अपने ही अधिकार क्षेत्र से वंचित हो रहा है बल्कि अपनी पहचान, अपनी सभ्यता, अपने मूल्य संस्कारों को भी खो रहा है।

उत्तर 20.
संसाधन नियोजन – संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए किया गया नियोजन संसाधन नियोजन कहलाता है।
संसाधन नियोजन की आवश्यकता के कारण निम्नलिखित हैं :

  1. राष्ट्रीय, प्रांतीय, प्रादेशिक और स्थानीय स्तर पर संतुलित विकास के लिए संसाधन नियोजन आवश्यक है।
  2. सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए नियोजन आवश्यक है।
  3. संसाधनों का अधिक समय तक उपयोग करने के लिए तथा भावी पीढ़ी भी संसाधनों से वंचित न हो, इस बात का ध्यान रखने के लिए संसाधन नियोजन अति आवश्यक है।
  4. संसाधनों का नियोजन देश के विकास तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी अति आवश्यक है।
  5. भारत जैसे देश में जहाँ संसाधनों की उपलब्धता में बहुत अधिक विविधता है, इसके संरक्षण के लिए नियोजन बहुत अधिक आवश्यक है।

उत्तर 21.
महाराष्ट्र (मुंबई) और गुजरात (अहमदाबाद) में सूती वस्त्र उद्योग अधिक विकसित हैं :

  1. कच्चा माल – महाराष्ट्र और गुजरात, देश का सर्वप्रथम कपास उत्पादक क्षेत्र है। कपास इस उद्योग का कच्चा माल है। इस प्रकार इस उद्योग के लिए कच्चा माल आसानी से और पर्याप्त मात्रा में सुलभ रहता है। महाराष्ट्र में मुंबई तथा गुजरात में अहमदाबाद, देश के प्रमुख सूती वस्त्र उद्योग केंद्र हैं।
  2. जलवायु – मुंबई की स्थिति तटवर्ती है और अहमदाबाद भी तट के निकट स्थित है। फलतः इन दोनों शहरों की जलवायु नम तथा आर्द्रतायुक्त है। आर्द्र जलवायु में धागा पतला और लंबा बनाया जा सकता है। इस
    प्रकार का धागा जल्दी टूटता नहीं एवं उसमें गाँठे भी नहीं पड़तीं।
  3. पत्तन – कारखानों की पत्तन से निकटता माल के आयात और निर्यात में सहायक होती है। अच्छी किस्म की कपास तथा मशीनों का आयात भी किया जाता है। सिले-सिलाए कपड़े तथा सूती कपड़ों का निर्यात
    किया जाता है।
  4. यातायात सुविधाएँ – ये दोनों शहर यातायात के साधनों से देश के शेष भागों से भली प्रकार जुड़े हैं। अतः कुशले श्रमिक दूर-दूर से यहाँ आजीविका कमाने आते हैं, साथ ही तैयार माल को देश के विभिन्न भागों
    में आसानी से पहुँचाया जाता है।
  5. शक्ति के साधन – इन केंद्रों को ताप विद्युत और जल विद्युत पर्याप्त मात्रा में नियमित रूप से सुलभ है।

उत्तर 22.
राजनीतिक दलों का उदय प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के उभार के साथ जुड़ा है। जब समाज बड़े और जटिल हो जाते हैं तब उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को समेटने और सरकार की नज़र में लाने के लिए किसी माध्यम या एजेंसी की जरूरत होती है। विभिन्न जगहों से आए प्रतिनिधियों को साथ मिलाकर काम करने की आवश्यकता होती है ताकि एक जिम्मेदार सरकार का गठन हो सके। उन्हें सरकार का समर्थन करने या उस पर अंकुश रखने, नीतियाँ बनवाने और नीतियों का समर्थन अथवा विरोध करने के लिए अकारणों की आवश्यकता होती है। प्रत्येक प्रतिनिधि सरकार की ऐसी जो भी आवश्यकता होती है, राजनीतिक दल उनको पूरा करते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि हमें दुनिया के लगभग सभी देशों में राजनीतिक दल नज़र आते हैं, चाहे वह देश बड़ा हो या छोटा, नया हो या पुराना, विकसित हो या विकासशील।

उत्तर 23.
लोकतंत्र द्वारा विभिन्न सामाजिक विविधताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए कई स्थितियों का होना अनिवार्य है। लोकतंत्र का सीधे-सीधे अर्थ केवल बहुमत की राय से शासन करना नहीं है। बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है। तभी सरकार जन-सामान्य की इच्छा का प्रतिनिधित्व कर पाती है। बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, नस्ल अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता। बहुमत के शासन का अर्थ होता है कि इसके प्रत्येक फैसले या चुनाव में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं यो बहुमत में हो सकते हैं। लोकतंत्र तभी तक लोकतंत्र रहता है जब तक प्रत्येक नागरिक को किसी न किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं।

उत्तर 24.
उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया जटिल, खर्चीली और समय-साध्य सिद्ध हो रही है। कई बार उपभोक्ताओं को वकीलों का सहारा भी लेना पड़ता है। ये मुकदमे अदालती कार्यवाहियों में शामिल होने तथा आगे बढ़ने में काफी समय लेते हैं। अधिकांश क्रेताओं को वस्तु क्रय करते समय रसीद नहीं दी जाती अथवा वे इस बात को गंभीरता से नहीं लेते कि कोई भी वस्तु क्रय करने के समय रसीद लेना अनिवार्य है। रसीद न होने की स्थिति में विक्रेता के विरुद्ध ठोस प्रमाण जुटा पाना सरल नहीं होता। इसके अतिरिक्त बाजार में अधिकांश खरीदारियाँ छोटी तथा फुटकर दुकानों से होती हैं। सबसे प्रमुख तथ्य यह है कि दोषपूर्ण उत्पादों से पीड़ित उपभोक्ताओं की क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर मौजूदा कानून भी बहुत स्पष्ट तथा मुखर नहीं हैं।

उत्तर 25.
आयात पर ‘कर’ को व्यापार अवरोधक के रूप में इसलिए जाना जाता है क्योंकि इससे सरकार विदेशी व्यापार पर कुछ प्रतिबंध लगा कर उन्हें नियमित करती है।
स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार द्वारा विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधके लगाने के निम्नलिखित कारण हैं :

  • विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश से प्रतियोगिता उत्पन्न हो सकती थी तथा यह हमारे देश में छोटे उद्योगपतियों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता था।
  • विदेशी कंपनियाँ अच्छी गुणवत्ता के साथ-साथ कम मूल्य पर वस्तुएँ उपलब्ध कराती थीं जबकि भारतीय कंपनियों के लिए ऐसा करना कठिन था। सरकार अपने देश के उत्पादकों को संरक्षण देना चाहती थी।
  • विदेशी व्यापार के आने से भारतीय बाजार पर पुनः विदेशी उद्योगों तथा कंपनियों का अधिकार स्थापित हो जाने की भय था।

भारतीय सरकार इन अवरोधकों को इसलिए हटाना चाहती थी क्योंकि विदेशी व्यापार से प्रतियोगिता बढ़ती थी, जिससे ग्राहकों या उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता के साथ-साथ कम मूल्य पर वस्तुएँ तथा सेवाएँ प्राप्त हो सकती थीं। भारतीय उत्पादक उत्पादित वस्तुओं का निर्यात करके अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते थे।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 4
(a) दांडी (गुजरात)
(b) मद्रास
(c) असम
(d) ओडिशा
(e) गुजरात

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