The Tsunami Summary Class 8 English Honeydew

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The Tsunami Summary Class 8 English Honeydew

The Tsunami Summary in English

I

Tsunami’ refers to a very large and powerful wave in the sea. It is caused by some earthquake under the sea. One such calamity hit several countries on December 26, 2004. The worst affected parts were coastal parts of India, the Andaman and Nicobar islands and Thailand. Some 1,50,000 people lost their lives. But animals suffered very few casualties. Perhaps they had sensed the coming earthquake and they ran to safer high places.

This lesson recounts a few stories of bravery and intelligence when the Tsunami hit the Andamans. The first story is about Ignesious, the manager of a cooperative society in Katchall. He was woken up by his wife at 6 am. The family rushed out of the house. When the earth stopped shaking, the sea started rising. The waves washed away his two children and in-laws. But his three other children were saved because they were with him.

Sanjeev was a policeman. He managed to save himself, his wife and daughter from the waves. But soon he heard cries for help from the wife of John, the guesthouse cook. He jumped into the water to rescue her. But both were washed away.

13 year old Meghna was carried away along with her parents and 77 other people. She held on to a wooden door for two days. Eleven times the relief helicopters flew overhead, but they couldn’t spot her. However, she was brought to the shore at last by a wave.

Almas Javed was a ten-year-old student of a convent school in Port Blair. Her family had gone to another island to celebrate Christmas. Almas’s father saw the sea waves receding in the morning. They understood that the waves would come back with force. He tried to take his family to a safer place. But her father and grandfather were swept away by a gaint wave. Her mother and aunts were washed away. Almas climbed on to a log of wood. She later found herself in a hospital.

II

There is a story from Thailand. The Smith family was celebrating Christmas at a beach resort. The parents had two daughters. The water kept coming in on 26 December, 2004. But little Tilly Smith sensed the danger ahead. She recalled the geography lesson that Tsunami could be caused by quakes, volcanoes and landslides. She called her family to get out of the beach. Her parents went up to the third floor of the hotel and survived. Thus her geography lesson saved their lives.

While humans lost their lives, wild and domestic animals sensed the danger in time. Elephants ran for higher ground and the dogs, birds and zoo animals looked for safer places. Perhaps animals possess a sixth sense. They feel the tremor long before humans realise. So not many animals were reported dead. At Yala National Park in Sri Lanka, no dead bodies of animals were found while sixty visitors were washed away.

The Tsunami Summary in Hindi

I

सुनामी समुद्र में उठने वाली बहुत विशाल, शक्तिशाली लहर को कहते हैं। यह समुद्र के अन्दर आने वाले भूचाल के कारण उठती है। ऐसी एक विपदा 26 दिसम्बर 2004 में कई देशों पर आई थी। सर्वाधिक कहर वाले स्थान थे भारत के कुछ समुद्री तटीय भाग, अंडमाननिकोबार द्वीप समूह तथा थाइलैण्ड लगभग डेढ़ लाख लोगों की जानें गई। पर पशुओं के मरने की संख्या बहुत कम रही। शायद वे आने वाले भूचाल को पहले से महसूस कर लेते हैं और सुरक्षित ऊँचे स्थानों पर चले जाते हैं।

यह पाठ ऐसी ही सुनामी प्रभावित अंडमान में बहादुरी एवं बुद्धिमत्ता दर्शाती कहानियों का विवरण देता है। पहली कहानी है इग्निसियस की जो कैचल में एक सहकारी संस्था का मैनेजर था। 6 बजे प्रात: उसकी पत्नी ने उसे जगाया। परिवार घर से बाहर भाग निकला। जब धरती का हिलना थमा, तो समुद्र की सतह में उफान आने लगा। लहरें उस व्यक्ति के दो बच्चों और ससुर एवं सास को बहा ले गईं। पर उसके दूसरे तीन बच्चे बच गये क्योंकि वे उसके साथ थे।

संजीव एक सिपाही था। उसने स्वयं को, अपनी पत्नी तथा लड़की को लहरों से बचा लिया। पर जब वह अपने रसोइया की पत्नी को बचाने गया तो दोनों को ही लहरें बहा ले गई।

13 वर्षीय मेघना को भी उसके माता-पिता एवं 77 अन्य लोगों के साथ लहरें बहा ले गई थीं। पर मेघना दो दिनों तक एकलकड़ी के दरवाजे पर बैठी भटकती रही। 11 बार राहत पहुंचाने वाले हेलीकॉप्टर उसके ऊपर से गुजरे पर वे उसे देख नहीं पाये। अंत में एक लहर ही उसे तट पर पहुँचा गई।

अल्मास जावेद 10 वर्ष की पोर्टब्लेअर स्थित कान्वेट स्कूल की छात्रा थी। उसका परिवार क्रिसमस मनाने दूसरे टापू पर गया था। अल्मास के पिता ने सबेरे समुद्री लहरों को पीछे हटते देखा। वह समझ गया कि ये लहरें पूरे वेग से वापस लौटेगी। उसने अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की चेष्टा की। परन्तु उसके पिता तथा दादा को एक विशाल लहर द्वारा बहा कर ले जाया गया। उसकी मां और चाचियों को भी लहरें बहा ले गई। अल्मास स्वयं एक लकड़ी के गट्टे पर चढ़कर बैठ गई। बाद में उसने स्वयं को अस्पताल में भर्ती पाया।

II

एक घटना है थाइलैण्ड की। स्मिथ परिवार एक तटीय रिजार्ट में क्रिसमस मना रहा था। माता-पिता तथा उनकी दो बेटियाँ थीं। 26 दिसम्बर 2004 को समुद्र जल अन्दर आने लगा। पर छोटी लड़की टिल्ली ने आने वाले खतरे को पहले ही भांप लिया। उसे अपना भूगोल का पाठ याद आया जिसमें लिखा था कि भूचाल, ज्वालामुखी तथा भूस्खलन के कारण सुनामी का जन्म होता है, उसने परिवार के सदस्यों को आवाज दी कि तट से भाग चलो। उसके माता-पिता होटल की तीसरी मंजिल पर चले गये और बच गये। इस प्रकार भूगोल के पाठ की जानकारी ने उनकी प्राण रक्षा कर दी।

मनुष्य तो अपने प्राण खो बैठते हैं, जबकि वन्य तथा पालतू पशु समय रहते खतरे को महसूस कर लेते हैं। हाथी ऊँचे स्थान पर भाग गये और कुत्तों, पक्षियों तथा जीवोद्यान के पशुओं ने सुरक्षित स्थान खोज लिये। शायद पशुओं की एक छठी इंद्रिय होती है। वे झटकों को मानवों से कहीं पहले महसूस कर लेते हैं। इसके कारण उनके हताहत होने की संख्या बहुत कम रहती है। लंका स्थित याला नेशनल पार्क में किसी भी पशु के हताहत होने का समाचार नहीं मिला जबकि 60 पर्यटक सुनामी के शिकार हो गये।