Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 5 कुंती

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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 5 कुंती

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 5

पाठाधारित प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विदुर का पहला नाम क्या था?
उत्तर:
विदुर का पहला नाम धर्मदेव था।

प्रश्न 2.
सूरसेन कौन थे?
उत्तर:
सूरसेन यदुवंश के लोकप्रिय राजा और श्रीकृष्ण के पितामह थे।

प्रश्न 3.
पृथा किसकी बेटी थी?
उत्तर:
पृथा यदुवंश के प्रसिद्ध राजा सूरसेन की पुत्री थी।

प्रश्न 4.
धर्मदेव का जन्म किसकी कोख से हुआ था?
उत्तर:
धर्मदेव का जन्म विचित्रवीर्य की रानी अंबालिका की दासी की कोख से हुआ था।

प्रश्न 5.
कर्ण का पालन-पोषण किसने किया था?
उत्तर:
कर्ण का लालन-पालन अधिरथ नाम के सारथी ने किया था।

प्रश्न 6.
पृथा का नाम कुंती कैसे पड़ा?
उत्तर:
पृथा के पिता सूरसेन ने अपने फूफेरे भाई कुंतिभोज को वचन दिया था कि अपनी पहली संतान उसे गोद देगा। जब कुंतिभोज ने पृथा को गोद लिया तब उन्होंने पृथा का नाम परिवर्तित कर कुंती रख दिया। इस प्रकार पृथा का नाम कुंती हो गया।

प्रश्न 7.
धृतराष्ट्र ने विदुर को क्या बनाया?
उत्तर:
धृतराष्ट्र ने विदुर को अपना प्रधानमंत्री बनाया।

प्रश्न 8.
पांडु के पत्नियों का नाम बताएँ।
उत्तर:
पांडु की दो पत्नियाँ थीं – कुंती व माद्री।

प्रश्न 9.
पांडु को शाप क्यों मिला?
उत्तर:
जंगल में हिरण का रूप धारण कर दो ऋषि दंपति विचरण कर रहे थे। जाने-अनजाने में शिकार खेलते हुए पांडु के तीर उन दंपति में से एक को जा लगी, जिससे उनमें से एक की मृत्यु हो गई। ऋषि ने मरते-मरते पांडु को शाप दिया था।

प्रश्न 10.
पांडु की मृत्यु कैसे हुई ?
उत्तर:
वसंत ऋतु में पांडु अपनी पत्नी माद्री के साथ वन-विहार कर रहे थे। ऋतु की मादकता और पत्नी की सुंदरता को देखकर आकर्षित हो गए। उनमें वासना की भावना जगी। वे शाप को भूल गए। माद्री के समीप आते ही उनकी मृत्यु हो गई।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विदुर का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए।
उत्तर:
विचित्रवीर्य की पत्नी अंबालिका की दासी की कोख से धर्मदेव का जन्म हुआ। यही बालक बड़ा होकर बिदुर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। विदुर को धर्म-शास्त्र और राजनीति का काफ़ी ज्ञान था। उन्हें क्रोध नहीं आता था। उनके विवेक और ज्ञान के कारण ही उन्हें बाद में राज्य का प्रधानमंत्री बनाया गया था।

प्रश्न 2.
मुनि दुर्वासा कुंती से क्यों प्रसन्न थे? उन्होंने प्रसन्न होकर उसे क्या वरदान दिया?
उत्तर:
कुंती ने मुनि दुर्वासा की एक वर्ष तक बड़ी लगन के साथ सेवा की थी। उनकी सेवा भावना से खुश होकर उन्होंने उसे वरदान दिया कि जब तुम किसी भी देवता का ध्यान करोगी, तो वह अपने समान तेजस्वी पुत्र प्रदान करेगा।

प्रश्न 3.
माद्री पति के साथ सती क्यों हो गई?
उत्तर:
माद्री पति के साथ सती इसलिए हो गई क्योंकि वह स्वयं को पति की मृत्यु का कारण मानती थी, इसलिए वह पति के साथ सती हो गई।

प्रश्न 4.
कुंती ने पति की मृत्यु के बाद क्या किया?
उत्तर:
कुंती अपने पति की मृत्यु के बाद अपने पाँचों पुत्रों के साथ हस्तिनापुर चली गई और अपने पुत्रों को भीष्म पितामह को सौंप दिया।

प्रश्न 5.
पांडु की मृत्यु का सत्यवती पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
पांडु की मृत्यु की खबर सुनकर सत्यवती अपनी विधवा पुत्रवधुओं को लेकर वन में चली गई और कुछ दिन बाद इन तीनों विधवाओं की मृत्यु हो गई।

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 5

एक बार कुंतिभोज के घर ऋषि दुर्वासा पधारे। ऋषि ने प्रसन्न होकर कुंती को वरदान दिया कि तुम जिस देवता का ध्यान करोगी, तो वह अपने समान तेजस्वी पुत्र प्रदान करेगा।

कुंती ने ऋषि के वरदान की परीक्षा लेने के लिए एक दिन सूर्यदेव का ध्यान किया। सूर्यदेव के संयोग से जन्मजात कवच और कुंडलों से युक्त एक बालक को जन्म दिया। कुंती अभी अविवाहित थी। अतः लोकनिंदा के डर से उसने बच्चे को एक पेटी में सावधानीपूर्वक बंद करके गंगा में बहा दिया। अधिरथ नाम के सारथी की नज़र उस बालक पर पड़ी। वह निस्संतान था। वह इस बालक को पाकर बहुत खुश हुआ। इस तरह से सूर्य पुत्र कर्ण एक सारथी के घर पलने लगा। यह बालक आगे चलकर शस्त्रधारियों में श्रेष्ठ कर्ण कहलाया।

विवाह योग्य होने पर कुंती ने स्वयंवर में पांडु का वरण किया। इस प्रकार पांडु का दूसरा विवाह मद्रराज की कन्या माद्री से हुआ। एक दिन महाराज पांडु वन में शिकार खेलने गए। वहाँ एक ऋषि दम्पति हिरण के रूप में विचरण कर रहे थे। पांडु उस दिन माद्री के साथ वहाँ प्रकृति का आनंद ले रहे थे। उन्हें इस बात का पता नहीं था कि हिरण जोड़ी ऋषि हैं। उन्होंने हिरण को मार गिराया। मरते-मरते ऋषि ने शाप दे दिया कि तुम भी जब अपनी पत्नी के साथ विहार करोगे तो तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी।

शब्दार्थ:

पृष्ठ संख्या-10
जन्मजात – पैदा होते ही, उत्पन्न होने के समय ही। विख्यात – प्रसिद्ध, महसूर। लोक – निंदा-समाज में होने वाली बुराई। नज़र – दृष्टि। निस्संतान – जिसको संतान न हो। प्रथा – परंपरा।

पृष्ठ संख्या-11
सलाह – राय, ब्याह – शादी, दंपति – पत्नी-पति, खिन्न – दुखी, लालसा – अभिलाषा, ज़िक्र – वर्णन, सुषमासौंदर्य, सुंदरता, निहारना – देखना, असर – प्रभाव, तत्काल – तुरंत, छल – प्रपंच-धोखा, संभवतः – शायद।