CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3

BoardCBSE
Class10
SubjectSocial Science
Sample Paper SetPaper 3
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 3 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
भारतीयों ने किस विधेयक (Bill) को ‘काला कानून’ कहा और उसका विरोध किया? 1

प्र० 2.
भारत में सिंचाई के तीन प्रमुख साधन बताइए। दक्षिणी राज्यों में सिंचाई का कौन-सा साधन अधिक लोकप्रिय है? 1

प्र० 3.
राजनीतिक दलों में पक्षपात क्यों विकसित होता है? 1

प्र० 4.
अमेरिकी समाज के दो सामाजिक विभाजन कौन-से हैं? 1

प्र० 5.
मान लीजिए कि आपके माता-पिता आपके साथ सोने के आभूषण खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आप आभूषणों पर कौन-सा शब्द-चिह्न (logo) देखना चाहोगे? 1

प्र० 6.
ऋणदाता उधार देते समय समर्थक ऋणाधार की मांग क्यों करता है? 1

प्र० 7.
आर्थिक विकास में शिक्षा की क्या भूमिका है? 1

प्र० 8.
बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानांतरित करने का फैसला क्यों लिया गया? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
19वीं सदी में ब्रिटेन में भूमि को साफ करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? कोई तीन कारण देकर स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
19वीं सदी में ब्रिटेन के बाजार में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी किस प्रकार प्रभावित हुई? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 9.
पूना समझौते की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। 3

प्र० 10.
“19वीं शताब्दी के अन्त तक एक नई तरह की दृश्य संस्कृति अपना आकार ले रही थी।” इस नई दृश्य संस्कृति की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए। 3
अथवा
18वीं सदी में महिलाओं का उपन्यासों के साथ जुड़ाव किस प्रकार सबसे महत्त्वपूर्ण घटना सिद्ध हुई थी? 3

प्र० 11.
उपनिवेशवाद के विरूद्ध ‘नमक यात्रा’ किस प्रकार एक प्रभावी हथियार बनी? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 12.
भारत में वस्तुओं और यात्रियों के लिए परिवहन के मुख्य साधन के रूप में रेल परिवहन का महत्त्व स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 13.
‘भारत गाँवों का देश है’ ऊर्जा संकट को कम करने के लिए आप किस प्रकार के ऊर्जा स्रोत का सुझाव देंगे? 3

प्र० 14.
सन् 1968 में ‘मैक्सिको नगर’ में होने वाले ओलंपिक में टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस ने किस प्रकार अमेरिका में होने वाले रंग-भेद के प्रति अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान खींचने की कोशिश की? 3

प्र० 15.
“राजनीतिक दलों के समक्ष वंशवाद सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है।” इस कथन को विश्लेषण कीजिए। 3

प्र० 16.
लोकतंत्र में दलीय व्यवस्था की विवेचना उदाहरण सहित कीजिए। 3

प्र० 17.
विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्याआप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए? 3

प्र० 18.
आधुनिक मुद्रा को, जिसका अपना कोई उपयोग नहीं है, विनिमय का माध्यम क्यों स्वीकार किया जाता है? कारण ज्ञात कीजिए। 5

प्र० 19.
फ्रांस परे नेपोलियन के आधिपत्य के बाद फ्रांस के लोगों का प्रांरभिक उत्साह किस प्रकार शीघ्र ही दुश्मनी में बदल गया? कोई चार कारण स्पष्ट कीजिए। 5
अथवा
वियतनाम के लोगों ने फ्रांसीसियों द्वारा प्रांरभ की गई नई शिक्षा पद्धति का विरोध क्यों किया? विरोध के दो कारण स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 20.
“संसाधन प्रकृति की देन हैं, इसलिए मानव ने इनका अंधाधुंध उपयोग किया है, जिससे अनेक समस्याएँ पैदा हो गई हैं।” 5
(i) इन समस्याओं के बारे में बताईए।
(ii) इन समस्याओं के समाधान के लिए क्या किया जा सकता है?

प्र० 21.
विनिर्माण उद्योग किसे कहते हैं? इसे विकास की रीढ़ की हड्डी क्यों समझा जाता है? कारण सहित विवेचना कीजिए। 5

प्र० 22.
पंचायती राज व्यवस्था की व्याख्या कीजिए। शहरों की स्थानीय शासन व्यवस्था का भी संक्षिप्त परिचय दीजिए। 5

प्र० 23.
ग़रीबी किस प्रकार भारतीय लोकतंत्र के लिए एक चुनौती है? इसके प्रभाव को कम करने के लिये कुछ सुझाव दीजिए। 5

प्र० 24.
“असगंठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण किया जाता है। क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए। 5

प्र० 25.
स्वयं सहायता समूह क्या हैं? ये किस प्रकार कार्य करते हैं? स्पष्ट कीजिए। (1 + 4 = 5)

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जो किसानों के सत्याग्रह से संबंधित है। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ दिसम्बर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। 1
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(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए :
(c) से अंकित किया गया एक लौह अयस्क खान
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) विशाखापत्तनम : सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क
(ii) कोरबा : तापीय ऊर्जा संयंत्र (1 + 1 = 2)
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नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ सितंबर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापिस लिया था।
(c) बैलाडिला लौह अयस्क खान किस राज्य में स्थित है?
(d) पूर्व-पश्चिमी गलियारे के पश्चिमी टर्मिनल स्टेशन का नाम बताइए।
(e) कर्नाटक में स्थित प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क का नाम लिखिए।

Answers

उत्तर 1.
भारतीयों ने रॉलट बिल्से को काला कानून कह कर उसकी आलोचना की और विरोध प्रदर्शन किया।

उत्तर 2.
कुएँ तथा नलकूप, नहरें और तालाब। दक्षिणी राज्यों में तालाब अधिक लोकप्रिय हैं।

उत्तर 3.
राजनीतिक दलों में पक्षपात आंतरिक लोकतंत्र के अभाव के कारण विकसित होता है।

उत्तर 4.
अमेरिकी समाज के दो सामाजिक विभाजन हैं-अश्वेत अमेरिकी समाज एवं श्वेत अमेरिकी समाज।

उत्तर 5.
हॉलमार्क, सोने के आभूषणों की गुणवत्ता को दर्शाने का प्रमाण है।

उत्तर 6.
ऋणदाता द्वारा समर्थक ऋणाधार (security) की मांग प्राय: जमानत देने के लिए की जाती है, ताकि भविष्यमें ऋण की वापसी समय पर न देने पर वह इस ऋणाधार को बेचकर दिए गए ऋण की वसूली कर सके।

उत्तर 7.
शिक्षा एक देश के आर्थिक विकास में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा लोगों को विकास करती है। लोगों की इस गुणवत्ता से आर्थिक विकास में वृद्धि होती है। इसलिए यह आवश्यक है कि लोग शिक्षित हों।

उत्तर 8.

  1. प्रारंभ में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की स्थापना 1920 के दशक में की गई थी। 1970 के दशक के मध्य से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में भी काफी परिवर्तन आया। विकासशील देश कर्ज और विकास संबंधी सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से सहायता ले सकते थे।
  2. बहुराष्ट्रीय कंपनियों का विश्वव्यापी प्रसार मुख्य रूप से पचास और साठ के दशक की एक विशेषता थी। इसका मुख्य कारण यह था कि अधिकतर सरकारें बाहर से आने वाली चीजों पर भारी आयात शुल्क वसूल करती थीं। अत: बड़ी कंपनियों को अपने संयंत्र उन्हीं देशों में लगाने पड़ते थे जहाँ वे अपने उत्पाद बेचना चाहती थीं और उन्हें घरेलू उत्पादकों के रूप में काम करना पड़ता था।
  3. सत्तर के दशक के बीच में बेरोजगारी बढ़ने लगी। इस समय बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने एशिया के ऐसे देशों में उत्पादन केद्रित किया जहाँ वेतन कम दिया जाता था। चीन में वेतन अन्य देशों की तुलना में कम था। अत: विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने चीन में बहुत निवेश किया। इसका प्रभाव चीनी अर्थव्यवस्था पर देखा जा सकता है जहाँ अल्प लागत अर्थव्यवस्था तथा वहाँ के कम वेतन के द्वारा अर्थव्यवस्था में भारी बदलाव लाया गया और दुनिया का आर्थिक भूगोल पूरी तरह से बदल गया।

अथवा

19वीं सदी में ब्रिटेन में भूमि को साफ करने की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से पड़ी :

  • तीव्र औद्योगीकरण के कारण कल-कारखानों को स्थापित करने के लिए भूमि की आवश्यकता पड़ी जिसे जंगलों को काट कर पूरा किया गया।
  • खाद्य-पदार्थों की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए भी खेती के लिए भूमि को साफ किया गया।
  • लोगों के लिए नए घर बनाने और नयी बस्तियाँ बसाने के लिए भी भूमि को साफ करना आवश्यक था।

अथवा

19वीं सदी में ब्रिटेन में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी निम्न प्रकार से बदली :

  • बाजार में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी भी प्रभावित हुई। गाँवों से सैंकड़ों की संख्या में लोग शहरों में रोजगार प्राप्त करने के लिए आने लगे। रोज़गार चाहने वाले बहुत सारे लोगों को काम के लिये हफ़्तों इंतजार करना पड़ता था।
  • मज़दूर पुलों के नीचे या रैनबसेरों में रात काटते थे। कुछ बेरोजगार शहर में बने निजी रैनबसेरों में रहते थे।
  • बहुत सारे उद्योगों में मौसमी काम की वजह से कामगारों को बीच-बीच में बहुत समय तक खाली बैठना पड़ता था। काम का सीज़न गुजर जाने के बाद गरीब दोबारा सड़क पर आ जाते थे।

उत्तर 9.
डॉ० भीमराव आंबेडकर ने 1930 में दलितों को दलित वर्ग एसोसिएशन में संगठित किया। दलितों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों के सवाल पर द्वितीय गोलमेज़ सम्मलेन में महात्मा गांधी के साथ उनका बहुत विवाद हुआ। जब ब्रिटिश सरकार ने डॉ० आंबेडकर की माँग मान ली तो इसके विरोध में गांधी जी आमरण अनशन पर बैठ गए। उनका मत था कि दलितों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्रों की व्यवस्था से समाज में अन्य वर्गों के साथ उनके एकीकरण की प्रक्रिया धीमी पड़ जाएगी। आखिरकार डॉ० आंबेडकर ने गांधीजी की बात मान ली और सितंबर 1932 में पूना समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। इससे समझौते के अनुसार दलितों को प्रांतीय एवं केंद्रीय विधायी परिषद में आरक्षित सीटें मिल गईं हालांकि उनके लिए मतदान सामान्य निर्वाचन क्षेत्रों में ही होता था।

उत्तर 10.
19वीं सदी के अन्त तक एक नई तरह की दृश्य संस्कृति अपना आकार ले रही थी, जिसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :

  • छापेखानों की बढ़ती तादाद के साथ छवियों की कई नकलें या प्रतियाँ अब बड़ी आसानी से बनाई जा सकती थीं।
  • राजा रवि वर्मा जैसे चित्रकारों ने आम खपत के लिए तस्वीरें बनाई। बाज़ार से सुलभ सस्ती तस्वीरें और कैलेंडर खरीदकर गरीब भी अपने घरों एवं दफ्तरों में सजाने लगे।
  • इन छपी तस्वीरें ने आहिस्ता-आहिस्ता आधुनिकता और पंरपरा, धर्म और राजनीति तथा समाज और संस्कृति के लोकप्रिय विचार जनता में उजागर किये।

अथवा

18वीं सदी में महिलाओं को उपन्यासों के साथ जुड़ाव एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। 18वीं सदी में मध्यवर्ग और सम्पन्न हो गया। परिणामस्वरूप महिलाओं को उपन्यास पढ़ने और लिखने का अवकाश मिल सका। अतः उपन्यासों में महिला जगत को, उसकी भावनाओं, उसके तजुर्बो, मसलों और उसकी पहचान से जुड़े मुद्दों को समझा-सराहा जाने लगा। कई सारे उपन्यास घरेलू जिंदगी पर केंद्रित थे। इनमें महिलाओं को अधिकार के साथ बोलने का अवसर मिला। अपने अनुभवों को आधार बनाकर उन्होंने पारिवारिक जीवन की कहानियाँ रचते हुए अपनी सार्वजनिक पहचान बनाई।

उत्तर 11.
नमक एक ऐसी वस्तु है जिसे अमीर-गरीब सभी इस्तेमाल करते हैं। यह भोजन का एक अभिन्न अंग है। इसीलिए नमक पर कर और उसके उत्पादन पर सरकारी कर प्रणाली को महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन का सबसे दमनकारी पहलू बताया।

महात्मा गाँधी ने अपने 78 विश्वस्त साथियों के साथ नमक यात्रा शुरू की। यह यात्रा साबरमती से प्रारंभ होकर 240 किलोमीटर दूर डांडी नामक गुजरात के तटीय कस्बे में जाकर खत्म होनी थी। गाँधीजी की टोली ने 24 दिन तक प्रतिदिन लगभग 10 मील का सफर तय किया। 6 अप्रैल को वह डांडी पहुँचे और उन्होंने समुद्र का पानी उबालकर नमक बनाना शुरू कर दिया जो कानून का उल्लंघन था और यह उपनिवेशवाद के खिलाफ़ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक बना।

उत्तर 12.
भारतीय रेल परिवहन देश का सर्वाधिक बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। भारत में रेल परिवहन वस्तुओं तथा यात्रियों के परिवहन का प्रमुख साधन है। रेल परिवहन अनेक कार्यों में सहायक है जैसे-व्यापार, भ्रमण, तीर्थयात्राएँ व लंबी दूरी तक सामान का परिवहन आदि। एक प्रमुख परिवहन के साधन के अतिरिक्त, पिछले 150 वर्षों से भी अधिक समय से भारतीय रेल एक महत्त्वपूर्ण समन्वयक के रूप में जानी जाती है। भारतीय रेलवे देश की अर्थव्यवस्था, उद्योग व कृषि के तीव्र गति से विकास के लिए भी उत्तरदायी है।

उत्तर 13.
ऊर्जा संकट को कम करने के लिए निम्नलिखित ऊर्जा स्रोत काम में लाए जा सकते हैं :

  • झाड़ियों, कृषि अपशिष्ट, पशुओं और मानव जनित अपशिष्ट से उत्पन्न बायोगैस।
  • जैविक पदार्थों के अपघटन से उत्पन्न गैस।
  • गोबर गैस प्लांट किसानों को एक ऊर्जा के रूप में और उन्नत प्रकार के उर्वरक के रूप में लाभान्वित करते हैं।

उत्तर 14.
टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस ने ओलंपिक में क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीता था। उन्होंने अमेरिका में अश्वेतों की गरीबी की ओर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान निम्न प्रकार से आकर्षित किया :

  • पदक लेते समय उन्होंने जूते नहीं पहने थे। उन दोनों ने केवल जुराबें पहन कर पुरस्कार लेकर यह जताने की कोशिश की कि अमेरिकी अश्वेत गरीब हैं।
  • टॉमी स्मिथ ने अपने गले में एक काला मफ़लर जैसा परिधान भी पहना था जो अश्वेत लोगों के गौरव का प्रतीक है।
  • जॉन कार्लोस ने मारे गए अश्वेत लोगों की स्मृति में काले मनकों की एक माला पहनी थी। यद्यपि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने दोनों अमेरिकन खिलाड़ियों के व्यवहार को ओलंपिक भावना के विरुद्ध बताते हुए उन्हें दोषी करार दिया और उनके पदक वापिस ले लिए परंतु उनके कार्य ने अमेरिका में बढ़ते नागरिक अधिकार आंदोलन के प्रति विश्व का ध्यान आकर्षित किया।

उत्तर 15.
अधिकांश राजनीतिक पार्टियाँ अपना कामकाज पारदर्शी तरीके से नहीं करतीं, इसलिए सामान्य कार्यकर्ता के नेता बनने और ऊँचा पद पाने की गुंजाइश काफी कम होती है। नेता लोग अनुचित लाभ लेते हुए अपने निकटतम लोगों और यहाँ तक कि अपने ही परिवार के लोगों को आगे बढ़ाते हैं। अनेक दलों में शीर्ष पदों पर सदैव एक ही परिवार के लोगों का अधिकार होता है। यह बात लोकतंत्र के लिए अत्यंत घातक है, क्योंकि इससे अनुभवहीन और बिना जनाधार वाले लोग ताकत अथवा लाभ वाले पदों पर आसीन हो जाते हैं। जन-साधारण में से इच्छुक, निष्ठावान, योग्य तथा समझदार व्यक्तियों को आगे आने और नेतृत्व करने के अवसर नहीं मिलते।

उत्तर 16.
लोकतंत्र में दलीय व्यवस्था निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा स्पष्ट की जा सकती है :

एकदलीय शासन-व्यवस्था – कई देशों में सिर्फ एक ही दल को सरकार बनाने और चलाने की अनुमति है। इस कारण उन्हें एकदलीय शासन-व्यवस्था कहा जाता है। जैसे-चीन की शासन व्यवस्था। ऐसे देशों की सत्ता लोकतंत्रीय नहीं हो सकती क्योंकि लोकतन्त्र के लिये कम से कम दो राजनीतिक दलों का होना आवश्यक है।

दो-दलीय व्यवस्था – कुछ देशों में सत्ता आमतौर पर दो मुख्य दलों के बीच ही बदलती रहती है। वहाँ अनेक दूसरी पार्टियाँ हो सकती हैं, वे भी चुनाव लड़कर कुछ सीटें जीत सकती हैं पर सिर्फ दो ही दल बहुमत पाने और सरकार बनाने के प्रबल दावेदार होते हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में ऐसी ही दो-दलीय व्यवस्था है।

बहुदलीय व्यवस्था – जब अनेक दल सत्ता के लिए होड़ में हों और सरकार का गठन करने के लिए दो से अधिक दलों को गठबंधन करना पड़े तो इसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं। भारत में आजकल ऐसी ही बहुदलीय व्यवस्था पाई जाती है।

उत्तर 17.
विकसित देश विकासशील देशों से उनके बाजार का उदारीकरण चाहते हैं ताकि वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें। विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ प्रायः उन स्थानों पर उत्पादन कार्य करती हैं जो बाज़ार के निकट हों, जहाँ कम लागत पर कुशल तथा अकुशल श्रमिक उपलब्ध हों और उन देशों की सरकारी नीतियाँ उनके हितों के अनुकूल हों। जिससे वह अपने व्यापार एवं निवेश को बढ़ाकर अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सके। विकासशील देशों द्वारा भी विकसित देशों से अधिक आर्थिक सहायता तथा विभिन्न प्रकार के व्यापार अवरोधों को खत्म करने की मांग की जानी चाहिए। विकासशील देशों का व्यापार भी इतना उन्नत हो चुका है कि वह विश्व बाज़ार में प्रतिस्पर्धा कर सकने में सक्षम हैं अत: विकासशील देशों को भी अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में बराबरी का अवसर मिलना चाहिए।

उत्तर 18.
मुद्रा के आधुनिक रूपों में करेंसी-कागज़ के नोट और सिक्के शामिल हैं।
‘रुपये’ को व्यापक रूप में विनिमय का माध्यम निम्न कारणों से स्वीकार किया गया है।

  • भारतीय कानून के अनुसार, किसी व्यदित या संस्था को मुद्रा जारी करने की अनुमति नहीं है। इसका विशेषाधिकार केंद्रीय सरकार ने केवल भारतीय रिज़र्व बैंक को ही दिया है।
  • ‘रुपये’ को भारत सरकार विनिमय के माध्यम के रूप में प्राधिकृत करती है।
  • कानून विनिमय के माध्यम के रूप में रुपये का प्रयोग करने की वैधता प्रदान करता है, जिसे भारत में सौदों में अदायगी के लिए मना नहीं किया जा सकता।
  • भारत में कोई व्यक्ति कानूनी तौर पर रुपयों में अदायगी के लिए मना नहीं कर सकता, इसलिए रुपया व्यापक स्तर पर विनिमय के रूप में स्वीकार किया गया है।

उत्तर 19.
फ्रांस पर नेपोलियन के आधिपत्य के बाद फ्रांस के लोगों का प्रारंभिक उत्साह निम्नलिखित कारणों से दुश्मनी में बदल गया :

  1. प्रशासनिक दुविधाएँ – नेपोलियन ने एक बड़े भू-भाग को फ्रांस में सम्मिलित कर लिया था परंतु प्रशासनिक सुधार ठीक ढंग से लागू न होने के कारण लोगों का जीवन प्रशासनिक दुष्चक्र में फंसकर रह गया।
  2. बढ़े हुए कर – नेपोलियन ने सत्ता संभालते ही करों की दरों में बढ़ोत्तरी कर दी जिससे जनता बेहाल हो गई।
  3. सेंसरशिप – स्वतंत्र विचारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नेपोलियन ने सेंसरशिप लागू कर दी जिसके द्वारा सरकार के विरूद्ध आवाज उठाने पर कड़े दण्ड का प्रावधान था।
  4. फ्रेंच सेना में जबरन भर्ती – नेपोलियन द्वारा शेष यूरोप को जीतने के लिए फ्रेंच सेना में जबरन भर्ती से लोगों में नेपोलियन के प्रति रोष भरने लगा और प्रांरभिक उत्साह शीघ्र ही दुश्मनी में बदल गया।

अथवा

वियतनाम के लोगों ने फ्रांसीसियों द्वारा प्रारंभ की गई नई शिक्षा पद्धति का विरोध निम्नलिखित कारणों से किया :

  • वियतनाम के लोगों द्वारा फ्रांसीसियों का गुणगान किया जाता और औपनिवेशिक शासन को सही ठहराया जाता था। शिक्षकों और विद्यार्थियों ने इन पुस्तकों और पाठ्यक्रमों का आँख मूंद कर अनुसरण नहीं किया। बहुत सारे वियतनामी शिक्षक किताबों में लिखी बातों को चुपचाप बदल कर पढ़ाने लगे थे और जो उनमें छपा था उसमें कमियाँ निकालने लगे थे।
  • छात्र-छात्राओं ने सरकार की इस चाल का जमकर विरोध किया जिसके द्वारा वियतनामी बच्चों को सफ़ेदपोश नौकरियों के लायक योग्यता न मिले। ये विद्यार्थी देशभक्ति की भावनाओं से प्रेरित थे। उनको विश्वास था कि शिक्षितों को समाज के भले के लिए काम करना चाहिए।

उत्तर 20.
प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग ने मानव को आज विनाश के कगार पर ला खड़ा कर दिया है।

  1. संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से उत्पन्न समस्याएँ :
    • वैज्ञानिक तथा तकनीकी विकास द्वारा मनुष्य जीविकोपार्जी संसाधनों के अतिरिक्त, अन्य संसाधनों का भी दोहन करने लगा है।
    • आधुनिक तकनीक की सहायता से संसाधनों का दोहन और भी बड़े पैमाने पर होने लगा है।
    • जनसंख्या की निरंतर वृद्धि के कारण संसाधनों की मांग बढ़ रही है साथ ही प्रौद्यागिकी के विकास द्वारा इन्हें उपभोग करने की मनुष्य की क्षमता भी बढ़ गई है।
    • संसाधनों का समाज के कुछ लोगों के हाथों में आने से, समाज में संसाधनों को अनियमित बंटवारा होता है।
    • संसाधनों के अंधाधुंध शोषण से वैश्विक पारिस्थितिकी संकट जैसे भूमंडलीय तापन, ओजोन परत अवक्षय इत्यादि का खतरा बढ़ने लगा है।
  2. समस्याओं के समाधान के उपाय :
    • वस्तुओं का पुन: उपयोग करके भी संसाधनों को संरक्षित किया जा सकता है।
    • विद्युत का प्रयोग तब करना चाहिए जब उनका प्रयोग करना अति आवश्यक है अर्थात् बिजली का व्यर्थ अपव्यय न करके हम संसाधनों की रक्षा कर सकते हैं।
    • जल संरक्षण करके अर्थात् यदि पानी का नल खुला हो तो उसे बंद कर दिया जाना चाहिए। वर्षा के पानी को इकट्ठा करके भी जल संरक्षण किया जा सकता है।
    • मानव जीवन की गुणवत्ता और विश्व शांति बनाए रखने के लिए संसाधनों का समाज में न्यायसंगत बँटवारा किया जा सकता है।
    • हर तरह के जीवन का अस्तित्त्व बनाए रखने के लिए संसाधनों के उपयोग की योजना बनानी चाहिए।

उत्तर 21.
विनिर्माण उद्योग – जो उद्योग कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन करते हैं, विनिर्माण उद्योग अथवा वस्तु निर्माण उद्योग कहलाते हैं।
उदाहरण – कागज़ लकड़ी से, चीनी गन्ने से, लोहा-इस्पाते लौह अयस्क से तथा एल्युमिनियम बॉक्साइट से बनाया जाता है।
विनिर्माण उद्योग को विशेषतः आर्थिक विकास की रीढ़ निम्नलिखित कारणों से समझा जाता है :

  • विनिर्माण उद्योग न केवल कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक हैं, बल्कि ये द्वितीयक व तृतीयक सेवाओं में रोजगार उपलब्ध कराकर कृषि पर हमारी निर्भरता को कम करते हैं।
  • विनिर्माण उद्योग देश में औद्योगिक विकास, बेरोजगारी में कमी लाने तथा गरीबी उन्मूलन में सहायक सिद्ध हुआ है।
  • निर्मित वस्तुओं का निर्यात विदेशी व्यापार को बढ़ाता है जिससे अपेक्षित विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
  • आदिवासी तथा पिछड़े हुए क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना करने से धार्मिक असमानताओं को कम किया जा सकता है।
  • औद्योगिक विकास देश में आर्थिक समृद्धि लेकर आता है क्योंकि यह कच्चे माल को बहुमूल्य उत्पाद में परिवर्तित कर देता है।

उत्तर 22.
गाँवों के स्तर पर मौजूद स्थानीय शासन व्यवस्था को पंचायती राज के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक गाँव में एक ग्राम पंचायत होती है। यह एक प्रकार की परिषद् है जिसमें कई सदस्य और एक अध्यक्ष होता है। सदस्य वार्डों से चुने जाते हैं जिन्हें पंच कहा जाता है। अध्यक्ष को प्रधान या सरपंच कहा जाता है। इनका चुनाव व्यस्क लोग मतदान द्वारा करते हैं। पंचायतों का काम ग्राम-सभा की देखरेख में चलता है। गाँव के सभी मतदाता इसके सदस्य होते हैं। स्थानीय शासन का ढाँचा जिला स्तर तक का है। कई ग्राम पंचायतों को मिलाकर पंचायत समिति का गठन होता है इसे मंडल या प्रखंड स्तरीय पंचायत भी कह सकते हैं। किसी जिले की सभी पंचायत समितियों को मिलाकर जिला परिषद् का गठन होता है। शहरों में नगरपालिका होती है। बड़े शहरों में नगर निगम का गठन होता है। इनको कामकाज निर्वाचित प्रतिनिधि करते हैं। नगर पालिका प्रमुख नगर पालिका के राजनीतिक प्रधान होते हैं। नगर-निगम के ऐसे पदाधिकारी को मेयर (Mayor) कहते हैं।

उत्तर 23.
ग़रीबी भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। यह अग्रलिखित प्रकार से भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करती है :

  • ग़रीबी के कारण आम आदमी राजनीतिक कार्यों में भाग नहीं ले पाता है, क्योकि उसके लिए सबसे पहले रोटी कमाना आवश्यक है न कि अन्य कार्य।
  • गरीबी के कारण आम जनता में आक्रोश तथा विद्रोह पनपता है जिसके कारण उनमें लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति अनास्था उत्पन्न होती है।
  • गरीबी के कारण सांप्रदायिक दंगों व हिंसा को बढ़ावा मिलता है।

भारत में गरीबी की समस्या के समाधान हेतु निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं :

  • भारत की लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर नियंत्रण लगाना चाहिए।
  • देश में अधिक-से-अधिक उद्योग लगाए जाएँ। जिससे देश में रोजगार के अवसर सृजित हो सकें।
  • बड़े उद्योगों के साथ-साथ लघु उद्योगों को भी बढ़ावा देना चाहिए। इसके लिए सरकार द्वारा कम ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था करनी चाहिए।

उत्तर 24.
हाँ, हम इस विचार से सर्वथा सहमत हैं। असंगठित क्षेत्रक छोटी-छोटी और बिखरी इकाइयों, जो अधिकांशतः सरकार नियंत्रण से बाहर होती हैं, से निर्मित होता है। इस क्षेत्रक के नियम और विनियम तो होते हैं परंतु उनका पालन पूरी तरह से नहीं किया जाता। इस कर्मचारियों को संगठित क्षेत्रक वाली सुविधाएँ नहीं मिलती हैं जिसके कारण यह कहा जा सकता है असंगठित क्षेत्रकों में श्रमिकों का शोषण किया जाता है।
असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण निम्न प्रकार से किया जाता है :

  • असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों के लिए नौकरी सुरक्षा नहीं होती है, क्योंकि उन्हें बिना किसी कारण नौकरी से निकाला जा सकता है।
  • उन्हें कम छुट्टियाँ दी जाती है तथा बीमारी आदि की छुट्टियों के लिए भुगतान नहीं किया जाता है।
  • उन्हें अतिरिक्त समय (Over time) लगाना पड़ता है जिसके लिए उन्हें कोई भुगतान नहीं किया जाता है।
  • असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों को वेतन के अतिरिक्त अन्य सुविधाएँ, जैसे-सवेतन अवकाश, भविष्य निधि जमा तथा कई प्रकार के अन्य भत्तों का लाभ भी नहीं मिलता।
  • सामान्यतया असगंठित क्षेत्रक में लोगों को अनियमित कार्य प्राप्त होता है। जैसे, जब कार्य अधिक नहीं होता है, तो नियोक्ता (Employer) श्रमिकों को नौकरी से निकाल देता है।
  • असगंठित क्षेत्रक प्रायः पंजीकृत नहीं होते इसलिए नियुक्ति के समय श्रमिकों को औपचारिक पत्रादि नहीं दिए जाते।

उत्तर 25.
स्वयं सहायता समूह ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों के वह समूह हैं जो स्वयं सहायता हेतु संगठित होते हैं और अपनी बचत पूँजी से एक-दूसरे की सहायता करते हैं।

स्वयं सहायता समूह कर्जदारों को ऋणाधार की कमी की समस्या से उबारने में सहायता करते हैं। ये संगठन समयानुसार विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं के लिए निर्धनों को एक उचित ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाते हैं। इसके अतिरिक्त यह समूह ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों को संगठित करने में सहायता करते हैं। इससे न केवल महिलाएँ आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो सकती हैं, बल्कि समूह की नियमित बैठकों द्वारा लोगों को एक आम मंच मिलता है, जहाँ वह तरह-तरह के सामाजिक विषयों, जैसे-स्वास्थ्य, पोषण और घरेलू हिंसा इत्यादि पर आपस में चर्चा कर पाते हैं।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3 4
(a) कलकत्ता
(b) चौरी-चौरा (उत्तर प्रदेश)
(c) छत्तीसगढ़
(d) पोरबंदर (गुजरात)
(e) बैंगलोर अथवा मैसूर

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2.

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2

BoardCBSE
Class10
SubjectSocial Science
Sample Paper SetPaper 2
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 2 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
रॉलट एक्ट क्यों लागू किया गया था? 1

प्र० 2.
कौन-सी चट्टानें केवल एक ही खनिज से बनी है? 1

प्र० 3.
यदि किसी राजनीतिक दल के सभी निर्णय एक परिवार के लोगों द्वारा किए जाते हैं तथा अन्य सदस्यों की अवहेलना की जाती है तो उस दल के सामने कौन-सी चुनौती होती है? 1

प्र० 4.
एशिया के उन दो देशों के नाम बताइए जिनमें दो भाषाई और जातीय समूहों में संघर्ष था। 1

प्र० 5.
‘वस्तु विनिमय प्रणाली’ का क्या अर्थ है? 1

प्र० 6.
बिजली का सामान खरीदते समय आप कौन-सा शब्द-चिह्न (logo) देखना चाहेंगे? 1

प्र० 7.
विकास की धारणीयता का क्या अर्थ है? 1

प्र० 8.
विश्व युद्ध के कारण यूरोप में कामकाजी उम्र के पुरुषों की मौत की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 3
अथवा
18वीं सदी के प्रांरभ में भारतीय बुनकरों की क्या-क्या समस्याएँ थीं? 3
अथवा
प्रेसीडेंसी शहर किन शहरों को कहते हैं? कब और कैसे बंबई को बंबई प्रेसीडेंसी की राजधानी बनाया गया? 3

प्र० 9.
राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचिका के सवाल पर क्यों बँटे हुए थे? 3

प्र० 10.
मुद्रण युग से पहले भारत में सूचना और विचार कैसे लिखे जाते थे? भारत में मुद्रण तकनीक का चलन किस प्रकार प्रारम्भ हुआ? स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
औपनिवेशक प्रशासकों को देशी उपन्यासों में देशी जीवन और रीतिरिवाजों से जुड़ी जानकारी का बहुमूल्य स्त्रोत किस प्रकार नज़र आया? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 11.
“कांग्रेस अपने कार्यक्रम में औद्योगिक श्रमिकों की माँगों को समाहित करने में हिचकिचा रही थी।” कारणों का विश्लेषण कीजिए। 3

प्र० 12.
पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? 3

प्र० 13.
बाँध किस प्रकार बाढ़ एवं अन्य पर्यावरणीय समस्याओं के जनक बनते जा रहे हैं? व्याख्या कीजिए। 3

प्र० 14.
लैंगिक विभाजन को अर्थ स्पष्ट कीजिए। यह किस प्रकार राजनीति को प्रभावित करता है? 3

प्र० 15.
“सारी दुनिया में पार्टियों के भीतर आन्तरिक लोकतंत्र का न होना एक बड़ी चुनौती है।” इस कथन का विश्लेषण कीजिए। 3

प्र० 16.
बहुदलीय व्यवस्था क्या है? भारत ने बहुदलीय व्यवस्था को क्यों अपनाया है? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 17.
प्राथमिक क्षेत्रक और द्वितीयक क्षेत्रक में चार बिन्दु देते हुए अन्तर स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 18.
बैंकों और सहकारी समितियों को अपनी गतिविधियों को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाने की आवश्यकता क्यों है? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 19.
जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए। 5
अथवा
वियतनाम में 1926 में साइगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल में हुए एक बड़े आंदोलन का वर्णन कीजिए। 5

प्र० 20.
मृदा का महत्त्व बताइए। मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारकों को स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 21.
कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय सुझाइए। 5

प्र० 22.
“सिर्फ राजनीति ही जातिग्रस्त नहीं होती, जाति भी राजनीति ग्रस्त हो जाती है।” कथन को स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 23.
“लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाएँ शान्ति और सद्भाव का जीवन जीने में नागरिकों के लिए मददगार साबित होती हैं।” इस कथन की उपयुक्त उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए। 5

प्र० 24.
“जब हम वस्तुएँ खरीदते हैं तो पाते हैं कि कभी-कभी पैकेट पर छपे मूल्य से अधिक या कम मूल्य पर वस्तुएँ बेची जाती हैं।” इसके संभावित कारणों पर बात करें। क्या उपभोक्ता समूह इस मामले में कुछ कर सकते हैं? चर्चा करें। 5

प्र० 25.
“वैश्वीकरण और उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है।” इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए। (1 + 4 = 5)

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ दिसम्बर, 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को अधिवेशन हुआ। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ नील उगाने वाले किसानों का आंदोलन हुआ था। 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 1
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए : (c) से अंकित किया गया उत्तर-दक्षिण गलियारे का एक टर्मिनल स्टेशन 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) गांधीनगर : सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क
(ii) बोकारो : लोहा और इस्पात संयंत्र (1 + 1 = 2)
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 2
नोट: निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ कर विरोधी आंदोलन का आरंभ हुआ था।
(c) कुद्रेमुख लौह अयस्क खान किस राज्य में स्थित है?
(d) पूर्व-पश्चिमी गलियारे के पूर्वी टर्मिनल स्टेशन का नाम बताइए।
(e) गाँधीनगर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क किस राज्य में स्थित है?

Answers

उत्तर 1.
रॉलट एक्ट राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने और राजनैतिक कैदियों को दो साल बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने के लिए लागू किया गया था।

उत्तर 2.
अवसादी चट्टानें।

उत्तर 3.
आंतरिक लोकतंत्र की चुनौती।

उत्तर 4.
श्रीलंका तथा भारत।

उत्तर 5.
‘वस्तु विनिमय प्रणाली’ में मुद्रा का उपयोग किये बिना वस्तुओं का विनिमय (आदान-प्रदान) होता है।

उत्तर 6.
आई०एस०आई० (ISI).

उत्तर 7.
विकास की धारणीयता का तात्पर्य ज्ञान के उस नए क्षेत्र से है जिसमें वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, दार्शनिक सब मिल-जुल कर प्रकृति और मानव विकास में संतुलन बनाए रखने का प्रयास करते हैं।

उत्तर 8.
अगस्त, 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ। उस समय अधिकांश सरकारें यह सोच रही थीं कि युद्ध दो-चार महीने में समाप्त हो जाएगा। लेकिन इस युद्ध को समाप्त होने में चार वर्ष से ज्यादा समय लग गया। इस युद्ध के कई विनाशकारी परिणाम हुए। मानव सभ्यता के इतिहास में ऐसा भीषण युद्ध पहले कभी नहीं हुआ था। यह पहला औद्योगिक युद्ध था। इस युद्ध के लिए पूरी दुनिया से असंख्य सैनिकों को भर्ती किया गया था। उन सैनिकों को जलपातों और रेलगाड़ियों में भरकर युद्ध के मोर्चे पर लाया गया था। युद्ध में 90 लाख से ज्यादा लोग मारे गए और 2 करोड़ लोग घायल हुए। मृतकों और घायलों में ज्यादा कामकाजी उम्र के लोग थे। इस महाविनाश के कारण यूरोप में कामकाज के लायके लोगों की संख्या कम हो गई। परिवार के सदस्य घट जाने से युद्ध के बाद परिवारों की आय भी गिर गई। इस युद्ध ने पूरे समाज पर गहरा प्रभाव डाला। इसके परिणामस्वरूप घर की औरतों को काम के लिए बाहर निकलना पड़ा।
अथवा

  1. कच्चे माल की कमी – भारत से कच्चे कपास का निर्यात बढ़ने से कच्चे कपास की कीमतें बढ़ गईं। भारतीय बुनकरों को मंहगी कीमतों पर कच्चा माल खरीदने के लिए बाध्य किया गया।
  2. गुमाश्तों के साथ कलह – गुमाश्ते अन्यायपूर्ण तरीके से काम करते थे और बुनकरों को आपूर्ति में देरी करने पर दंडित करते थे। इसलिए उनका बुनकरों के साथ कलह होता रहता था।
  3. अग्रिम की व्यवस्था – अंग्रेजों ने आपूर्ति की सुनिश्चितता के लिए बुनकरों को अग्रिम देने की व्यवस्था शुरू की। बुनकरों ने अधिक कमाने के लिए उत्सुकतापूर्वक अग्रिम लिया परन्तु वे तैयार माल समय से देने में असमर्थ रहे। वे अब छोटे खेतो को भी खाने लगे जिनको अब तक जोतते आ रहे थे।

अथवा
बहुउपयोगी किस्म के शहरों को प्रेसीडेंसी शहर कहा जाता था। उनमें बड़े-बड़े बंदरगाह थे, वेयरहाउस थे, घरे तथा दफ्तर थे, सेना की छावनियाँ थीं और शैक्षणिक संस्थान, संग्रहालय व पुस्तकालय थे। बंबई पश्चिमी भारत का एक महत्वपूर्ण प्रशासकीय केंद्र बन गया था। इस सदी की समाप्ती तक आते-आते बंबई देश का एक बड़ा औद्योगिक केंद्र बन चुका था। अंग्रेज़-मराठा युद्ध में मराठों की हार के बाद 1819 में बंबई को बंबई प्रेसीडेंसी की राजधानी घोषित कर दिया गया।

उत्तर 9.
राजनीतिक नेता भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों और समुदायों का प्रतिनिधित्व करते थे। जैसे-डॉ० अंबेडकर ‘दलित वर्गों का नेतृत्व करते थे। इसी प्रकार मोहम्मद अली जिन्ना भारत के मुस्लिम समाज का प्रतिनिधित्व करते थे। ये नेतागण विशेष राजनीतिक अधिकारों और पृथक निर्वाचन क्षेत्र की माँग उठाकर अपने समाज का जीवन-स्तर ऊँचा उठाना चाहते थे। परन्तु कांग्रेस, विशेषकर गाँधी जी का मानना था कि पृथक निर्वाचन क्षेत्र भारत की एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। यही कारण था कि राजनीतिक नेता पृथक चुनाव क्षेत्रों के सवाल पर बँटे हुए थे।

उत्तर 10.
मुद्रण युग से पहले भारत में सूचना और विचार विभिन्न भाषाओं में हस्तलिखित पांडुलिपियों पर लिखे जाते थे। पांडुलिपियाँ ताड़ के पत्तों या हाथ से बने कागज़ पर नकल कर बनाई जाती थीं। कभी-कभी तो पन्नों पर बेहतरीन तस्वीरें भी बनाई जाती थीं। पांडुलिपियों को तख्तियों की ज़िल्द में या सिलकर सुरक्षित रखा जाता था। प्रिंटिंग प्रेस पहले-पहल सोलहवीं सदी में भारत के गोवा में पुर्तगाली धर्म-प्रचारकों के साथ आया। जेसुइट पुजारियों ने कोंकणी सीखी और कई सारी पुस्तिकाएँ छापीं। 1674 ई० तक कोंकणी और कन्नड़ भाषाओं में लगभग 50 किताबें छप चुकीं थीं। कैथोलिक पुजारियों ने 1579 में कोचीन में पहली तमिल किताब छापी और 1713 में पहली मलयालयम किताब छापने वाले भी वही थे। डच प्रोटेस्टेंट धर्म-प्रचारकों ने 32 तमिल किताबें छापीं, जिनमें से कई पुरानी किताबों का अनुवाद थीं।

अथवा

औपनिवेशिक प्रशासकों को उपन्यासों में देसी जीवन रीति-रिवाज से जुड़ी जानकारी को बहुमूल्य स्रोत नज़र आया। विभिन्न समुदायों व जातियों वाले भारतीय समाज पर शासन करने के लिए इस तरह की जानकारी उपयोगी थी। भारतीय घरों के भीतर की जानकारी भारतीय भाषाओं के इन नए उपन्यासों में विपुल थी। उन्हें पढ़कर लोगों के पहनावे-ओढावे, पूजा-पाठ, उनके विश्वास और आचार आदि के बारे में सहज पता चल सकता था। इनमें से कुछ किताबों का अंग्रेजी अनुवाद ब्रितानी प्रशासकों व ईसाई मिशनरियों ने भारतीय समाज की जानकारी प्राप्त करने के लिए करवाया।

उत्तर 11.
औद्योगिक श्रमिक वर्ग ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में नागपुर के अलावा और कहीं भी बहुत बड़ी संख्या में भाग नहीं लिया। जैसे-जैसे उद्योगपति कांग्रेस के नजदीक आ रहे थे, मजदूर कांग्रेस से छिटकने लगे थे। फिर भी कुछ मज़दूरों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया। परंतु अभी भी कांग्रेस अपने कार्यक्रमों में मजूदरों की मांगों को समाहित करने में हिचकिचा रही थी। कांग्रेस को लगता था कि ऐसा करने से उद्योगपति इस आंदोलन से दूर हो जाएँगे और साम्राज्यवाद विरोधी ताकतों में फूट पड़ेगी।

उत्तर 12.
पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है।
जलोढ़ मृदा की विशेषताएँ :

  • यह सबसे अधिक उपजाऊ और अधिक विस्तार वाली मृदा है।
  • यह मृदा देश के उत्तरी मैदानों तथा तटीय प्रदेशों में पाई जाती है।
  • इस मृदा में पेड़-पौधों का गला-सड़ा अंश (ह्यूमस) काफी मात्रा में मिलता है।
  • चूना अंश भी जलोढ़ मृदा में काफी मिलता है।
  • पुरानी जलोढ़ मृदा से बने क्षेत्र को ‘बांगर’ तथा नई जलोढ़ मृदा से बने क्षेत्र को ‘खादर’ कहते हैं।

उत्तर 13.
यह एक विडंबना ही है कि जो बाँध बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाए जाते हैं, उनके जलाशयों में तलछट जमा होने से वे बाढ़ आने का कारण बन जाते हैं। अत्यधिक वर्षा होने की दशा में तो कई बार बड़े बाँध भी बाढ़ नियंत्रण में असफल रहते हैं। जिस प्रकार सन् 2008 में कोसी (बिहार) नदी में आई बाढ़ इसका उदाहरण है। कि बाँध भी बाढ़ नियंत्रण में असफल हो जाते हैं। इन बाढों से न केवल जान-माल का नुकसान होता है। बल्कि बड़े स्तर पर मृदा का अपरदन भी होता है। बाँध के जलाशय पर तलछट जमा होने का अर्थ यह भी है कि यह तलछट, जो एक प्राकृतिक उर्वरक है, बाढ़ के मैदानों तक नहीं पहुँचती जिसके फलस्वरूप भूमि निम्नीकरण की समस्याएँ बढ़ती हैं। यह भी माना जाता है कि बहुउद्देशीय योजनाओं के कारण भूकंप आने की संभावना भी बढ़ जाती है और अत्यधिक जल के उपयोग से जल-जनित बीमारियाँ, फसलों में कीटाणु-जनित बीमारियाँ और प्रदूषण फैलता है।

उत्तर 14.
लैंगिक विभाजन से अर्थ समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाओं से हैं। लैंगिक असमानता को प्राकृतिक और अपरिवर्तनीय मान लिया जाता है। परंतु लैंगिक असमानता का आधार स्त्री और पुरुष की जैविक बनावट नहीं बल्कि इन दोनों के विषय में प्रचलित रूढ़ छवियाँ और निश्चित सामाजिक भूमिकाएँ हैं। यह बात अधिकतर परिवारों के श्रम के लैंगिक विभाजन से झलकती है जहाँ महिलाएँ घर के अंदर का सारा काम-काज करती हैं जबकि पुरुष घर के बाहर का काम करते हैं। धीरे-धीरे राजनीति में लैंगिक मुद्दे उभरे। जिसके बाद दुनिया के अलग-अलग भागों में महिलाओं ने अपने संगठन बनाए और बराबरी के अधिकार हासिल करने के लिए आंदोलन किए। विभिन्न देशों में महिलाओं को वोट का अधिकार प्रदान करने के लिए आंदोलन हुए। इन आंदोलनों में महिलाओं के राजनीतिक और वैधानिक दर्जे को ऊँचा उठाने के लिए संघर्ष किया गया। आज विभिन्न देशों में सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी का स्तर काफ़ी ऊँचा हुआ है।

उत्तर 15.
सम्पूर्ण विश्व में यह प्रवृत्ति बन गई है कि सम्पूर्ण शक्ति एक या कुछ नेताओं के हाथों में सिमट जाती है। राजनीतिक पार्टियों के पास न तो सदस्यों की खुली सूची होती है और न ही इनकी नियमित रूप से सांगठनिक बैठकें होती हैं। इन पार्टियों के आंतरिक चुनाव भी नहीं होते। परिणामस्वरूप दलों की कार्यप्रणाली पारदर्शी नहीं रह पाती तथा पार्टी के नाम पर सारे फैसले लेने का अधिकार उस पार्टी के शक्तिशाली नेता हथिया लेते हैं। चूँकि कुछ नेताओं के पास ही असली शक्ति होती है इसलिए जो सदस्य उनसे असहमत होते हैं, उनका पार्टी में टिके रह पाना अत्यंत जटिल हो जाता है। इस कारण कोई भी सदस्य उनके समक्ष अपना विरोध प्रदर्शित नहीं कर पाता। अतः इस प्रकार पार्टी के सिद्धांतों और नीतियों से निष्ठा के स्थान पर व्यक्ति विशेष से निष्ठा ही अधिक महत्त्वपूर्ण बन जाती है।

उत्तर 16.
जब अनेक दल सत्ता प्राप्त करने हेतु प्रतिस्पर्धा में हों और स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में दो या दो से अधिक दल आपस में गठबंधन करके सत्ता में आने का अवसर प्राप्त कर लें तो इसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं।

भारत में बहुदलीय व्यवस्था को अपनाए जाने के कारण : प्रत्येक राष्ट्र अपनी विशेष परिस्थितियों के अनुसार दल प्रणाली विकसित करता है। भारत ने अपने यहाँ बहुदलीय प्रणाली विकसित की है क्योंकि यहाँ की भौगोलिक एवं सामाजिक व्यवस्था को दो या तीन दलों द्वारा अवशोषित नहीं किया जा सकता। इस तरह की व्यवस्था लोकतंत्र को शक्तिशाली बनाती है। बहुदलीय व्यवस्था में क्षेत्रीय एवं भौगोलिक व्यवस्थाओं को भी पूर्ण प्रतिनिधित्व की सुविधा प्रदान की जा सकती है। इसके अतिरिक्त बहुदलीय व्यवस्था बहुत तालमेल वाली लगती है और देश को राजनीतिक अस्थिरता की ओर ले जा सकती है। इसके साथ ही इस प्रणाली में विभिन्न हितों और विचारों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल जाता है।

उत्तर 17.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 4

उत्तर 18.
बैंक और सहकारी समितियाँ सस्ते एवं किफायती ऋण प्राप्त करने में आम लोगों की सहायता कर सकते हैं। इस प्रकार के उपायों द्वारा लोगों की आय बढ़ सकेगी तथा बहुत से लोग अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सस्ती दरों पर ऋण ले सकेंगे। इससे छोटे व्यवसायी लघु उद्योग एवं व्यापार की स्थापना कर सकेंगे तथा किसान फसलें उगा सकेंगे। निर्धन लोगों तथा छोटे किसानों को भी ऋण के लिए अनौपचारिक स्रोतों (साहुकार तथा जमींदार) पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सस्ते और सामर्थ्य के अनुकूल ऋणों द्वारा देश के विकास में परोक्ष रूप से सहायता मिलती है।

उत्तर 19.
18वीं शताब्दी में जर्मनी कई राज्यों में विभाजित हो गया था। इनमें से कुछ राज्यों का अस्तित्व नेपोलियन द्वारा किए गए युद्धों के कारण समाप्त हो गया था। युद्ध की समाप्ति पर जर्मनी में 39 स्वतंत्र राज्य थे। इनमें से प्रशिया सबसे शक्तिशाली था जिसके प्रमुख बड़े जमीदार थे जिन्हें ‘जंकर’ कहा जाता था।

  1. मध्यमवर्गीय जर्मन लोगों में राष्ट्रवादी भावनाएँ ज़ोर पकड़ चुकी थीं। वे लोग जर्मन को एकीकृत करने के लिए जर्मन महासंघ के विभिन्न क्षेत्रों को एक राष्ट्र बनाने तथा एक निर्वाचित संसद के अंतर्गत लाने का प्रयास करने लगे।
  2. मई, 1848 में कई राजनैतिक संघ ऑल जर्मन नैशनल असेंबली को वोट करने के लिए एकत्र हुए। उनके प्रतिनिधि फ्रेंकफर्ट में मिले तथा फ्रेंकफर्ट संसद में जर्मन के एकीकरण का प्रस्ताव संवैधानिक राजतंत्र के अंतर्गत प्रशिया के सम्राट के समक्ष पेश किया।
  3. प्रशिया के सम्राट ने यह प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया तथा इस प्रकार राष्ट्र निर्माण की इस पहल को राजशाही और सेना की ताकत ने मिलकर दबा दिया।
  4. उसके पश्चात् प्रशिया ने राष्ट्रीय एकीकरण के आंदोलन का नेतृत्व सँभाल लिया। उसको प्रमुख मंत्री ऑटो वॉन बिस्मार्क इस प्रक्रिया का जनक था जिसने प्रशियों की सेना और नौकरशाही की सहायता ली। सात वर्ष के दौरान ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से तीन युद्धों में प्रशिया की जीत हुई और एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई।
  5. इन सबके फलस्वरूप, जनवरी 1871 में, जर्मन राज्यों के प्रमुख, सेना के प्रतिनिधी, महत्त्वपूर्ण प्रशियन मंत्री तथा बिस्मार्क वर्साय में हुए एक समारोह में एकत्र हुए तथा प्रशिया के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित कर दिया गया।

अथवा
1926 ई० में साइगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल में एक बड़ा आंदोलन हुआ। विवाद तब शुरू हुआ जब एक कक्षा में अगली सीट पर बैठी वियतनामी लड़की को उठकर पिछली कतार में जाकर बैठने तथा एक फ्रेंच विद्यार्थी को वह सीट देने के लिए कहा गया तो वियतनामी लड़की ने सीट छोड़ने से इन्कार कर दिया। स्कूल के फ्रेंच प्रिंसिपल ने उस वियतनामी लड़की को स्कूल से निकाल दिया। जब दूसरे विद्यार्थियों ने प्रिंसिपल के इस फैसले का विरोध किया तो उन्हें भी स्कूल से निकाल दिया गया। इसके बाद तो यह विवाद और भी फैल गया। लोग खुलेआम जुलूस निकालने लगे। हालात बेकाबू होते देख कर सरकार ने आदेश दिया कि लड़की को दोबारा स्कूल में वापस ले लिया जाए। प्रिंसीपल ने लड़की को वापस दाखिला तो दे दिया लेकिन साथ ही यह ऐलान भी कर दिया कि वह सारे वियतनामियों को पाँव तले कुचल कर रख देंगी।

उत्तर 20.
मिट्टी अथवा मृदा सबसे महत्त्वपूर्ण नवीकरण योग्य प्राकृति संसाधन है। यह पौधों के विकास का माध्यम है। जो पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवों का पोषण करती है। मृदा एक जीवंत तंत्र है। कुछ सेंटीमीटर गहरी मृदा बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं।
मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं :

  • मृदा बनने की प्रक्रिया में उच्चावच, जनक शैल अथवा संस्तर शैल, जलवायु, वनस्पति और अन्य जैव पदार्थ और समय मुख्य कारक हैं।
  • प्रकृति के अनेकों तत्त्व, जैसे-तापमान परिवर्तन, बहते जल की क्रिया, पवन, हिमनदी तथा अपघटन क्रियाएँ आदि मृदा बनने की प्रक्रिया में योगदान देते हैं।
  • मृदा में होने वाले रासायनिक और जैविक परिवर्तन भी महत्त्वपूर्ण हैं। मृदा जैव और अजैव दोनों प्रकार के पदार्थों से बनती है।

उत्तर 21.
सरकार ने कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इनमें से निम्नलिखित प्रमुख हैं :

  1. जमींदार प्रथा को उन्मूलन – जमींदारी प्रथा में किसान की स्थिति लगभग मजदूर की भाँति थी। कृषि भूमि का वितरण बहुत असमान था। अतः सरकार ने जमींदारी प्रथा को समाप्त कर, खेती करने वाले किसानों को जमीन के मालिकाना अधिकार दे दिए।
  2. रासायनिक उर्वरकों के उत्पादन में वृद्धि – रासायनिक खाद उपलब्ध कराने के लिए कई उर्वरक कारखाने देश के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए हैं। परंतु अभी भी हमारी माँग की पूर्ति नहीं हो। पा रही है फलतः उर्वरकों का आयात भी किया जाता है। निकट भविष्य में नए-कारखानों की प्रस्तावित योजना के पूरा होने पर हम आत्मनिर्भर हो सकेंगे।
  3. फसलों को बर्बादी से रोकना – कीड़ों, नाशक जीवों, फंफूदी तथा खरपतवार से फसलों को बचाने के लिए अब कीटनाशक, नाशकमार, फफूदनाशी तथा खरपतवार नाशक दवाइयों को उपलब्ध कराकर फसलों को बचाया जाने लगा है। जिससे रख-रखाव में होने वाली बरबादी से बचा जा सका है।
  4. कृषि उपकरणों का विकास – खेती की पैदावार बढ़ाने में कृषि उपकरणों का भी बड़ा भारी योगदान है। इनसे न केवल उपज बढ़ती है, अपितु जुताई, बुआई, निराई, कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव, सिंचाई, जल फुहार सिंचाई, कटाई, गहाई, परिवहन तथा भंडारण में लगने वाले समय में भी काफी बचत । होती है। भारतीय किसान ट्रैक्टरों, हारवेस्टरों, कंबाइनों, ट्रैक्ट-ट्रॉलियों, जलपंपो तथा स्पिलरों का खूब प्रयोग करने लगे हैं।
  5. कृषि शिक्षा का प्रचार व प्रसार – स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय स्तर की कृषि संबंधी शिक्षा का देश के विभिन्न भागों में विस्तार किया गया है। कृषि प्रदर्शनियों, रेडियो, दूरदर्शन के द्वारा किसानों को उन्नत बीजों, कीटनाशक दवाओं, नवीन कृषि यंत्रों, मृदा आदि की जानकारी दी जाती है।

उत्तर 22.
“सिर्फ राजनीति ही जातिग्रस्त नहीं होती, जाति भी राजनीति ग्रस्त हो जाती है। इसे निम्न प्रकार से समझा जा सकता है :

  • हर जाति स्वयं को बड़ा बनाना चाहती है। पहले वह अपने समूह की जिस उपजातियों को छोटा या नीचा बताकर अपने से बाहर रखना चाहती थी, अब उन्हें अपने साथ लाने का प्रयास करती है।
  • चूंकि एक जाति अपने दम पर सत्ता पर कब्ज़ा नहीं कर सकती इसलिए वह ज्यादा राजनीतिक ताकत पाने के लिए दूसरी जातियों या समुदायों को अपने साथ लाने की कोशिश करती है।
  • राजनीति में नए किस्म की जातिगत गोलबंदी भी हुई है, जैसे ‘अगड़ा’ और ‘पिछड़ा’।
  • दुनिया भर में राजनीतिक पार्टियाँ वोट पाने के लिए सामाजिक मुद्दों और समुदायों को गोलबंद करने का प्रयास करती हैं।

उत्तर 23.
लोकतंत्र द्वारा विभिन्न सामाजिक विविधताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए कई स्थितियों का होना अनिवार्य है। लोकतंत्र का सीधे-सीधे अर्थ केवल बहुमत की राय से शासन करना नहीं है। बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है। तभी, सरकार जन-सामान्य की इच्छा का प्रतिनिधित्व कर पाती है। बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, नस्ल अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता। बहुमत के शासन का अर्थ होता है कि इसके प्रत्येक फैसले या चुनाव में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं या बहुमत में हो सकते हैं। लोकतंत्र तभी तक लोकतंत्र रहता है जब तक प्रत्येक नागरिक को किसी न किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं।

उत्तर 24.
जब हम वस्तुएँ खरीदते हैं, तो पाते हैं कि कभी-कभी पैकेट पर छपे मूल्य से अधिक या कम मूल्य पर वस्तुएँ बेची जाती हैं। इसके संभावित कारण निम्नलिखित हैं :

  • अधिक मूल्य लेने वाला विक्रेता लालची होता है। वह माँग की अधिकता को देखकर फायदा उठाता है। अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि वह कालाबाजारी करता है।
  • निर्धारित कीमत से कम कीमत पर वस्तुएँ बेचने वाला विक्रेता हो सकता कि वह हमें नकली माल बेच रहा हो या वह चाहता हो कि हम उसके पास बार-बार आएँ।
  • कभी-कभी इसका कारण उपभोक्ता की अशिक्षा, अज्ञानता या उदासीनता भी हो सकती है।

इस सभी स्थितियों में उपभोक्ता निर्धारित कीमत से अधिक कीमत पर वस्तुएँ बेचने वाले विक्रेता के विरुद्ध पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा सकता है। इसके अतिरिक्त वह उपभोक्ता संरक्षक न्यायालय का सहारा भी ले सकता है।

उत्तर 25.

  1. वैश्वीकरण और उत्पादकों (स्थानीय एवं विदेशी दोनों) के बीच प्रतिस्पर्धा से अब उपभोक्ताओं, विशेषकर शहरी क्षेत्र के धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को अधिक लाभ हुआ है।
  2. प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनियों ने नई उत्पादन तकनीकों में निवेश किया है, जिससे उनका उत्पादन स्तर . बढ़ गया है।
  3. अब उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से कई अधिक विकल्प उपलब्ध है और वे अब अनेक उत्पादों की उत्कृष्ट गुणवत्ता और कम कीमत के लाभ उठा रहे हैं।
  4. उपभोक्ता पहले की तुलना में आज अपेक्षाकृत उच्चतर जीवन स्तर का आनंद ले रहे हैं।
  5. उद्योगों और सेवाओं में नए रोजगार उत्पन्न हुए हैं। साथ ही इन उद्योगों में कच्चे माल इत्यादि की आपूर्ति कराने वाली स्थानीय कम्पनियाँ समृद्ध हुई हैं। अनेक शीर्ष भारतीय कम्पनियाँ बढी हुई प्रतिस्पर्धा से लाभान्वित हुई हैं।
  6. वैश्वीकरण ने भारतीय कम्पनियों को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के रूप में उभरने का अवसर प्रदान किया है।
  7. वैश्वीकरण ने सेवाप्रदाता कंपनियों, विशेषकर सूचना और संचार प्रौद्यागिकी वाली कपनियों के लिए नए अवसरों का सृजन किया है।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 5
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 6
(a) लाहौर
(b) बारदोली
(c) कर्नाटक
(d) सिलचर
(e) गुजरात

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1.

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1

BoardCBSE
Class10
SubjectSocial Science
Sample Paper SetPaper 1
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 1 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
सन् 1868 ई० में छपी जापान की सबसे पुरानी पुस्तक का नाम बताइए? 1
अथवा
पेन्नी पत्रिकाएँ किसे कहते है? 1

प्र० 2.
रबी फसल कब बोई जाती है? इसकी प्रमुख फसलों के नाम बताइए। 1

प्र० 3.
साहू महाराज, महात्मा फुले, नायकर और बाबा साहेब अम्बेडकर को कौन-सी पार्टी अपना आदर्श मानती है? 1

प्र० 4.
संघीय व्यवस्था के गठन और कामकाज के लिए दो महत्त्वपूर्ण चीजें क्या हैं? 1

प्र० 5.
भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है? 1

प्र० 6.
UNDP किस मापदंडों पर विभिन्न देशों के विकास को मापती है? 1

प्र० 7. निवेश किसे कहते हैं? 1

प्र० 8.
आर्थिक महामंदी की शुरुआत कब हुई और यह कब तक चली? महामंदी की दो विशेषताएँ और दो कारण बताइये। 3
अथवा
सन् 1772 में ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी ने कहा था कि, “ भारतीय कपड़े की माँग कभी कम नहीं हो सकती है क्योंकि किसी दूसरे देश में इतना बढ़िया कपड़ा नहीं बनता। तब ऐसा क्या हुआ कि 19वीं शताब्दी में भारतीय कपड़े की माँग लगातार गिरने लगी। स्पष्ट करें। 3
अथवा
बंबई में निर्मित चॉल और लंदन में निर्मित टेनेमेंटस के मध्य समानता बताइये। 3

प्र० 9.
स्वदेशी आंदोलन का क्या कारण था? इसके प्रमुख नेता कौन थे? 3

प्र० 10.
मुद्रण संस्कृति ने उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में राष्ट्रवाद के विकास में किस प्रकार सहायता की, स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
उपन्यास भारतीयों के लिए किस प्रकार उपयोग सिद्ध हुए? तीन तथ्यों द्वारा स्पष्ट करें। (3 x 1 = 3)

प्र० 11.
भारत आने के बाद गाँधीजी ने किन-किन तीन स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया? 3

प्र० 12.
उस अधात्विक खनिज का नाम बताइए, जिसका पतली चादरों में विपाटन आसानी से हो सकता है। इसके उपयोगों का उल्लेख कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 13.
(क) राष्ट्रीय राजमार्ग की तीन विशेषताएँ बताइये? (1\(\frac { 1 }{ 2 }\) + 1\(\frac { 1 }{ 2 }\) = 3)
(ख) रेडियो और टी०वी० किस प्रकार जन संचार के महत्त्वपूर्ण साधन हैं? तीन बिंदुओं में स्पष्ट करें।

प्र० 14.
‘राजनीतिक सुधार’ या ‘लोकतांत्रिक सुधार’ से आप क्या समझते हैं? क्या सभी देशों को एक ही जैसे राजनीतिक सुधार अपनाने चाहिएँ? 3

प्र० 15.
लोकतांत्रिक सरकार को उत्तरदायी सरकार के रूप में किस प्रकार जाना जाता है? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 16.
गाँधी जी द्वारा हरिजनों को उनके अधिकारों को दिलाने के लिए किए तीन प्रयासों उल्लेख कीजिए। 3

प्र० 17.
COPRA ( कोपरा) को विस्तारपूर्वक लिखिये। COPRA, 1986 के निर्माण की आवश्यकता क्यों पड़ी? 3

प्र० 18.
उपभोक्ता कौन होता है? उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किस प्रकार कर सकते हैं, व्याख्या कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 19.
1815 के बाद क्रान्तिकारियों ने यूरोप के बहुत से राज्यों में अपने विचारों का किस प्रकार प्रसार किया? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 5
अथवा
वियतनाम में ‘टोंकिन स्कूल’ क्यों खोला गया था? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 20.
संसाधन नियोजन क्या है? संसाधन नियोजन क्यों आवश्यक है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। (2 + 3 = 5)

प्र० 21.
सूतीवस्त्र उद्योग महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक विकसित क्यों हैं? कारण बताइए। 5

प्र० 22.
“लगभग 100 साल पहले दुनिया के कुछ ही देशों में गिनती के राजनीतिक दल थे। आज गिनती के ही देश ऐसे हैं, जहाँ राजनीतिक दल नहीं हैं।” इस कथन की परख कीजिए। 5

प्र० 23.
लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ किस प्रकार अनेक तरह के सामाजिक विभाजनों को सँभालती हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 24.
उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया किस प्रकार जटिल, खर्चीली और समय-साध्य हो रही है? स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 25.
आयात पर ‘कर’ को व्यापार अवरोधक के रूप में क्यों जाना जाता है? स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने विदेशी व्यापार तथा विदेशी निवेशों पर प्रतिबंध क्यों लगाया? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी? स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ हुआ। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ 1927 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ था। 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 1
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए :
(c) से अंकित की गई एक प्रकार की मृदा 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) पारादीप : प्रमुख समुद्री पत्तन
(ii) तुंगभद्रा बांध (1 + 1 = 2)
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 2
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ हुआ।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ 1927 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ था।
(c) नामरूप तापीय ऊर्जा संयंत्र किस राज्य में स्थित है।
(d) राऊरकेला लोहा और इस्पात संयंत्र किस राज्य में स्थित है?
(e) कांदला समुद्री पत्तन किस राज्य में स्थित है?

Answers

उत्तर 1.
डायमंड सूत्र।
अथवा
यह पत्रिकाएँ विशेष रूप से महिलाओं के लिए होती थी। वैसे ही जैसे कि सही चाल चलन और गृहस्थी सिखाने वाली निर्देशिकाएँ।

उत्तर 2.
रबी फसल अक्टूबर से दिसम्बर तक बोई जाती है तथा इनमें गेहूँ, जौ, चना, सरसों तथा तोरिया प्रमुख फसलें हैं।

उत्तर 3.
बहुजन समाज पार्टी।

उत्तर 4.
संघीय व्यवस्था के गठन और कामकाज के लिए दो महत्त्वपूर्ण चीजें :

  • विभिन्न स्तरों की सरकारों के बीच सत्ता के बंटवारे के नियमों पर सहमति होनी चाहिए।
  • सरकारों का एक-दूसरे पर भरोसा होना चाहिए ताकि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों को मानें।

उत्तर 5.
24 दिसंबर।

उत्तर 6.
UNDP देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर, उनकी स्वास्थ्य स्थिति और प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर करती है।

उत्तर 7.
सम्पत्ति जैसे भूमि आदि खरीदने में खर्च की गई धनराशि निवेश कहलाती है।

उत्तर 8.
आर्थिक महामंदी का आरम्भ 1929 से हुआ और यह संकट तीस के दशक के मध्य तक बना रहा।
महामंदी की विशेषताएँ :

  • दुनिया के अधिकतर हिस्सों में उत्पादन, रोजगार, आय और व्यापार में भयानक गिरावट दर्ज की गई।
  • इस मंदी का समय और प्रभाव सब देशों पर एक-जैसा नहीं था।

महामंदी के कारण :

  • कृषि क्षेत्र में अति-उत्पादन से कृषि उत्पादों की कीमतें गिरने लगीं जिस कारण किसानों की आय घटने लगी। आमदनी बढ़ाने के लिए किसान उत्पादन बढ़ाने लगे परंतु इससे बाजार में कृषि उत्पादों में और वृद्धि हुई जबकि कीमतें और नीचे गिर गईं और खरीददारों के अभाव में कृषि उपज सड़ने लगी।
  • 1920 के दशक के मध्य में बहुत सारे देशों ने अमेरिका से कर्ज लिए थे परंतु युद्ध के कारण ये देश कर्ज चुकाने में असमर्थ थे जिससे अमेरिकी उद्यमी धराशायी हो गए और अमेरिकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई।

अथवा

  • जब इंग्लैंड में कपास उद्योग विकसित हुआ तो वहाँ के उद्योगपतियों ने सरकार पर दबाव डालकर भारतीय कपड़े पर आयात शुल्क बढवा दिया जिससे भारतीय कपड़ा महँगा हो गया और उसकी माँग गिरने लगी।
  • इंग्लैंड के उद्योगपतियों ने अपने माल को भारत में सस्ते दाम पर बेचने के लिए सरकार से अनुमति प्राप्त कर ली जिससे भारतीय कपड़े की माँग भारत में भी लगातार गिरने लगीं।
  • उपभोक्ताओं ने भी आयतित सस्ते कपड़े को स्वीकारना प्रारंभ कर दिया जिससे भारतीय वस्त्र की माँग धराशायी हो गई।

अथवा
बंबई की चॉल बहुमंजिला इमारतें होती थीं। शहर के ‘नेटिव’ हिस्से में इस तरह की इमारतें कम से कम 1860 के दशक से तो बनने ही लगी थीं। लंदन के टेनेमेंटस की तरह ये मकान भी मोटे तौर पर निजी संपत्ति होते थे। बाहर से आने वालों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यापारी, महाजन, भवन-निर्माता और ठेकेदार इस प्रकार की इमारतें बनवाते थे। प्रत्येक चॉल में कमरों की कतारें होती थीं। कमरों के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं बनाए जाते थे।

उत्तर 9.
स्वदेशी आंदोलन का कारण – 1905 में बंगाल विभाजन के बाद चारों ओर अंग्रेजी शासन के प्रति विरोध प्रकट किया जाने लगा। शीघ्र ही बंगाल-विभाजन का असंतोष सारे देश में फैल गया। ब्रिटिश वस्तुओं का भी बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करने का प्रचार किया गया। इसे ही स्वदेशी आंदोलन कहा गया है। इसमें विदेशी कपड़ों और पदों को भी बहिष्कार किया गया। विद्यार्थियों ने इस आंदोलन में भाग लिया और अंग्रेजी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार किया। सुरेंद्रनाथ बनर्जी तथा विपिनचंद्र पाल जैसे नेताओं ने स्वदेशी आंदोलन के प्रचार में मुख्य भूमिका निभाई।

उत्तर 10.
मुद्रण संस्कृति ने भारत में राष्ट्रवाद के विकास में निम्न प्रकार सहायता की :

  • भाषाई अखबारों के माध्यम से औपनिवेशिक सरकार के शोषण के तरीकों की जानकारी दी जाती थी। सरकार के गलत कानूनों के विरुद्ध विस्तार से छापा जाने लगा।
  • मुद्रण संस्कृति द्वारा क्रांतिकारी विचार भी गुपचुप तरीके से फैलाए जाते थे। उपन्यासों, गीतों, लेखों, पत्रिकाओं और अखबारों के माध्यम से लोगों में राष्ट्रवादी विचार पहुँचाए जाते थे।
  • मुद्रण संस्कृति के माध्यम से शिक्षा का प्रचार-प्रसार हुआ जिससे लोगों का मन सकारात्मक रूप से सुदढ़ हुआ। भारतीय नेताओं, सुधारकों और राष्ट्रवादियों के विचारों से जनमानस प्रभावित हुआ।

अथवा

  • भारतीय उपन्यासों ने देश में आधुनिक साहित्य का विकास करने और लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का विकास करने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया।
  • परीक्षा गुरू’ नामक उपन्यास द्वारा सम्पन्न परिवारों के युवाओं को बुरी संगत के नैतिक खतरों से आग्रह किया गया।
  • चंद्रकांता’ तथा ‘चंद्रकांता संतति’ ने हिंदी भाषा और नागरी लिपि को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई।

उत्तर 11.
भारत आने के बाद गाँधीजी ने कई स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया। जिनमें से तीन नाम निम्नलिखित हैं :

  • 1916 में उन्होंने बिहार के चंपारने इलाके में किसानों को संघर्ष के लिए प्रेरित किया।
  • 1917 में गुजरात के खेड़ा जिले के किसानों की मदद के लिए सत्याग्रह का आयोजन किया।
  • 1918 में गाँधीजी सूती कपड़ा कारखानों के मजदूरों के बीच सत्याग्रह आंदोलन चलाने अहमदाबाद जा पहुँचे।

उत्तर 12.
अभ्रक एक ऐसा अधात्विक खनिज है जो प्लेटों अथवा पत्रण क्रम में पाया जाता है। इसका चादरों में विपाटन आसानी से हो सकता है। इसकी परतें इतनी बारीक होती हैं कि एक हज़ार परतें कुछ सेंटीमीटर ऊँचाई में समाहित हो सकती हैं। अभ्रक पारदर्शी, काले, हरे, लाल, पीले अथवा भूरे रंग के हो सकते हैं।
सर्वोच्च परावैद्युत शक्ति, ऊर्जा ह्रास का निम्न गुणांक, विंसवाहन के गुण और उच्च वोल्टेज की प्रतिरोधकता वाली होने के कारण अभ्रक विद्युत व इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में प्रयुक्त होता है।

उत्तर 13.
(क) वे महत्त्वपूर्ण सड़कें, जो देश के एक सिरे से दूसरे सिरे तक कई राज्यों से होकर जाती हैं तथा देश के प्रमुख नगरों को जोड़ती है, राष्ट्रीय राजमार्ग कहलाती हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग की तीन विशेषताएँ :

  • राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को जोड़ते हैं। वर्तमान समय में राष्ट्रीय राजमार्गों को उनके नंबर से जाना जाता है।
  • ये प्राथमिक सड़क तंत्र हैं।
  • इनका निर्माण व रख-रखाव का दायित्व केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकार क्षेत्र में है।
  • भारत के प्रमुख राष्ट्रीय मार्ग ग्रांड ट्रंक रोड (GT Road), मुगल रोड, आगरा-मुंबई मार्ग आदि हैं।

(ख) रेडियो व टी०वी० का जनसंचार में महत्त्वपूर्ण स्थान है जिसे निम्नलिखित बिंदुओं में स्पष्ट किया किया जा सकता है :

  • रेडियो के माध्यम से देश के कोने-कोने में लोगों की भाषा में विभिन्न ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।
  • टी०वी० पर भी विभिन्न भाषाओं में विविध प्रकार के मनोरंजक तथा शिक्षाप्रद कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।
  • भारत में निरक्षरों की अधिक संख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि रेडियो व टी०वी० ही ऐसे साधन हैं जो इन तक शिक्षा व जागरूकता संबंधी सूचनाएँ पहुँचा सकते हैं।

उत्तर 14.
लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों पर जीत हासिल करने सम्बंधी सभी तरह के सुझाव या प्रस्ताव, राजनीतिक सुधार या लोकतांत्रिक सुधार कहलाते हैं।
राजनीतिक सुधारों की कोई एक सुनिश्चित सूची तैयार करना संभव नहीं है। यही कारण है कि सभी देशों में एक जैसे सुधार अपनाये नहीं जा सकते हैं क्योंकि प्रत्येक देश की राजनीतिक समस्याएँ अलग-अलग होती हैं। और उनको सुलझाने के उपाय भी उनके अनुसार ही होने चाहिएं। उदाहरण-जैसे किसी कार की खराबी जाने बिना उसे ठीक करने का तरीका बताना।

उत्तर 15.
लोकतंत्र एक उत्तरदायी, ज़िम्मेदार और वैध सरकार का गठन निम्न प्रकार करता है :

  • लोकतंत्र नियमित, स्वतंत्र तथा निष्पक्ष ढंग से चुनाव संपन्न कराता है। यह शासन पद्धति सरकार की नीतियों के विषय में तथा उसकी कार्यशैली के विषय में जानने के लिए जनता को सूचना का अधिकार’ प्रदान करती है।
  • लोकतांत्रिक सरकार नागरिकों को चुनाव प्रक्रिया में हिस्सेदार बना कर स्वयं को उनके प्रति उत्तरदायी बनाने वाली कार्यविधि विकसित करती है।
  • लोकतंत्र एक वैध सरकार का निर्माण करता है क्योंकि यह जनता ही होती है जो अपने द्वारा चुने गए। प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार बनाकर स्वयं के ऊपर शासन करवाती है।
  • लोकतांत्रिक सरकार देश के प्रति उत्तरदायी होती है। यह जनता की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करती रहती है।

उत्तर 16.

  1. गाँधी जी ने अछूतों को ‘हरिजन’ अर्थात् ईश्वर की संतान बताया।
  2. गाँधी जी ने उन्हें सार्वजनिक स्थानों, मंदिरों, तालाबों, कुओं तथा सड़कों पर समान अधिकार दिलाने के लिए सत्याग्रह किया।
  3. गाँधी जी मैला ढोने वालों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने व उसे समाप्त करवाने के लिए स्वयं शौचालय साफ करने लगे।
  4. गाँधी जी ने अस्पृश्यता का अंत करने के लिए उच्च जातियों के लोगों का आह्वान किया।

उत्तर 17.
कोपरा (COPRA) का विस्तारित रूप है-“उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम”। इस अधिनियम के द्वारा 1986 में भारत सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया। यह उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 कानून था, जो COPRA के नाम से प्रसिद्ध है। कोपरा अधिनियम ने केन्द्र और राज्य सरकारों में उपभोक्ता मामले के अलग विभागों को स्थापित करने में मुख्य भूमिका निभाई है। यह उपभोक्ताओं का मार्गदर्शन करता है तथा उन्हें शोषण से बचाता है। इस प्रकार, इस अधिनियम ने उपभोक्ता के रूप में उपभोक्ता न्यायालय में प्रतिनिधित्व का अधिकार देकर हमें समर्थ बनाया है।

उत्तर 18.
वह व्यक्ति, जो किसी वस्तु या सेवा का बाजार से क्रय करता है एवं उनका उपभोग करता है, उपभोक्ता कहलाता है।
उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन निम्नलिखित प्रकार से कर सकते हैं :

  • उपभोक्ता यूनियन का निर्माण करके।
  • कुछ निश्चित संगठनों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को उपयोग न करके।
  • धोखा देने वाली कंपनियों के विरुद्ध संयुक्त रूप से आवाज़ उठा कर।
  • उपभोक्ता अदालतों में शिकायत दर्ज करके।

उत्तर 19.
1815 के बाद के वर्षों में दमन के भय ने अनेक उदारवादी राष्ट्रवादियों को भूमिगत कर दिया। बहुत सारे यूरोपीय राज्यों में क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण देने और विचारों का प्रसार करने के लिए गुप्त संगठन उभर आए। उस समय क्रांतिकारी होने का मतलब उन राजतंत्रीय अवस्थाओं का विरोध करने से था जो कांग्रेस के बाद स्थापित की गई थीं। साथ ही स्वतंत्रता और मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध होना और संघर्ष करना क्रांतिकारी होने के लिए आवश्यक था। अधिकांश क्रांतिकारी राष्ट्र-राज्यों की स्थापना को आज़ादी के इस संघर्ष का अनिवार्य हिस्सा मानते थे। ज्युसेपी मेत्सिनी इटली का एक क्रांतिकारी था। मेत्सिनी ने दो भूमिगत संगठनों की स्थापना की-यंग इटली और यंग यूरोप। जिसके सदस्य पोलैंड, फ्रांस, इटली और जर्मन राज्यों में समान विचार रखने वाले युवा थे।

अथवा

पश्चिमी ढंग की शिक्षा देने के लिए 1907 में टोंकिन फ्री स्कूल खोला गया था। इस शिक्षा में विज्ञान, स्वच्छता और फ्रांसिसी भाषा की कक्षाएँ भी शामिल थीं। इस स्कूल की नज़र में ‘आधुनिक’ के क्या मायने थे इससे उस समय की सोच को अच्छी तरह समझा जा सकता है। स्कूल की राय में, सिर्फ विज्ञान और पश्चिमी विचारों की शिक्षा प्राप्त कर लेना ही काफी नहीं था। आधुनिक बनने के लिए वियतनामियों को पश्चिम के लोगों जैसा ही दिखना भी पड़ेगा, इसलिए यह स्कूल अपने छात्रों को पश्चिमी शैलियों को अपनाने के लिए उकसाता था। जैसे-बच्चों को छोटे-छोटे बाल रखने की सलाह दी जाती थी। दूसरी ओर, वियतनामी बुद्धिजीवियों को यह भय था कि न सिर्फ वियतनाम अपने ही अधिकार क्षेत्र से वंचित हो रहा है बल्कि अपनी पहचान, अपनी सभ्यता, अपने मूल्य संस्कारों को भी खो रहा है।

उत्तर 20.
संसाधन नियोजन – संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए किया गया नियोजन संसाधन नियोजन कहलाता है।
संसाधन नियोजन की आवश्यकता के कारण निम्नलिखित हैं :

  1. राष्ट्रीय, प्रांतीय, प्रादेशिक और स्थानीय स्तर पर संतुलित विकास के लिए संसाधन नियोजन आवश्यक है।
  2. सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए नियोजन आवश्यक है।
  3. संसाधनों का अधिक समय तक उपयोग करने के लिए तथा भावी पीढ़ी भी संसाधनों से वंचित न हो, इस बात का ध्यान रखने के लिए संसाधन नियोजन अति आवश्यक है।
  4. संसाधनों का नियोजन देश के विकास तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी अति आवश्यक है।
  5. भारत जैसे देश में जहाँ संसाधनों की उपलब्धता में बहुत अधिक विविधता है, इसके संरक्षण के लिए नियोजन बहुत अधिक आवश्यक है।

उत्तर 21.
महाराष्ट्र (मुंबई) और गुजरात (अहमदाबाद) में सूती वस्त्र उद्योग अधिक विकसित हैं :

  1. कच्चा माल – महाराष्ट्र और गुजरात, देश का सर्वप्रथम कपास उत्पादक क्षेत्र है। कपास इस उद्योग का कच्चा माल है। इस प्रकार इस उद्योग के लिए कच्चा माल आसानी से और पर्याप्त मात्रा में सुलभ रहता है। महाराष्ट्र में मुंबई तथा गुजरात में अहमदाबाद, देश के प्रमुख सूती वस्त्र उद्योग केंद्र हैं।
  2. जलवायु – मुंबई की स्थिति तटवर्ती है और अहमदाबाद भी तट के निकट स्थित है। फलतः इन दोनों शहरों की जलवायु नम तथा आर्द्रतायुक्त है। आर्द्र जलवायु में धागा पतला और लंबा बनाया जा सकता है। इस
    प्रकार का धागा जल्दी टूटता नहीं एवं उसमें गाँठे भी नहीं पड़तीं।
  3. पत्तन – कारखानों की पत्तन से निकटता माल के आयात और निर्यात में सहायक होती है। अच्छी किस्म की कपास तथा मशीनों का आयात भी किया जाता है। सिले-सिलाए कपड़े तथा सूती कपड़ों का निर्यात
    किया जाता है।
  4. यातायात सुविधाएँ – ये दोनों शहर यातायात के साधनों से देश के शेष भागों से भली प्रकार जुड़े हैं। अतः कुशले श्रमिक दूर-दूर से यहाँ आजीविका कमाने आते हैं, साथ ही तैयार माल को देश के विभिन्न भागों
    में आसानी से पहुँचाया जाता है।
  5. शक्ति के साधन – इन केंद्रों को ताप विद्युत और जल विद्युत पर्याप्त मात्रा में नियमित रूप से सुलभ है।

उत्तर 22.
राजनीतिक दलों का उदय प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के उभार के साथ जुड़ा है। जब समाज बड़े और जटिल हो जाते हैं तब उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को समेटने और सरकार की नज़र में लाने के लिए किसी माध्यम या एजेंसी की जरूरत होती है। विभिन्न जगहों से आए प्रतिनिधियों को साथ मिलाकर काम करने की आवश्यकता होती है ताकि एक जिम्मेदार सरकार का गठन हो सके। उन्हें सरकार का समर्थन करने या उस पर अंकुश रखने, नीतियाँ बनवाने और नीतियों का समर्थन अथवा विरोध करने के लिए अकारणों की आवश्यकता होती है। प्रत्येक प्रतिनिधि सरकार की ऐसी जो भी आवश्यकता होती है, राजनीतिक दल उनको पूरा करते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि हमें दुनिया के लगभग सभी देशों में राजनीतिक दल नज़र आते हैं, चाहे वह देश बड़ा हो या छोटा, नया हो या पुराना, विकसित हो या विकासशील।

उत्तर 23.
लोकतंत्र द्वारा विभिन्न सामाजिक विविधताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए कई स्थितियों का होना अनिवार्य है। लोकतंत्र का सीधे-सीधे अर्थ केवल बहुमत की राय से शासन करना नहीं है। बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है। तभी सरकार जन-सामान्य की इच्छा का प्रतिनिधित्व कर पाती है। बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, नस्ल अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता। बहुमत के शासन का अर्थ होता है कि इसके प्रत्येक फैसले या चुनाव में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं यो बहुमत में हो सकते हैं। लोकतंत्र तभी तक लोकतंत्र रहता है जब तक प्रत्येक नागरिक को किसी न किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं।

उत्तर 24.
उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया जटिल, खर्चीली और समय-साध्य सिद्ध हो रही है। कई बार उपभोक्ताओं को वकीलों का सहारा भी लेना पड़ता है। ये मुकदमे अदालती कार्यवाहियों में शामिल होने तथा आगे बढ़ने में काफी समय लेते हैं। अधिकांश क्रेताओं को वस्तु क्रय करते समय रसीद नहीं दी जाती अथवा वे इस बात को गंभीरता से नहीं लेते कि कोई भी वस्तु क्रय करने के समय रसीद लेना अनिवार्य है। रसीद न होने की स्थिति में विक्रेता के विरुद्ध ठोस प्रमाण जुटा पाना सरल नहीं होता। इसके अतिरिक्त बाजार में अधिकांश खरीदारियाँ छोटी तथा फुटकर दुकानों से होती हैं। सबसे प्रमुख तथ्य यह है कि दोषपूर्ण उत्पादों से पीड़ित उपभोक्ताओं की क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर मौजूदा कानून भी बहुत स्पष्ट तथा मुखर नहीं हैं।

उत्तर 25.
आयात पर ‘कर’ को व्यापार अवरोधक के रूप में इसलिए जाना जाता है क्योंकि इससे सरकार विदेशी व्यापार पर कुछ प्रतिबंध लगा कर उन्हें नियमित करती है।
स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार द्वारा विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधके लगाने के निम्नलिखित कारण हैं :

  • विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश से प्रतियोगिता उत्पन्न हो सकती थी तथा यह हमारे देश में छोटे उद्योगपतियों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता था।
  • विदेशी कंपनियाँ अच्छी गुणवत्ता के साथ-साथ कम मूल्य पर वस्तुएँ उपलब्ध कराती थीं जबकि भारतीय कंपनियों के लिए ऐसा करना कठिन था। सरकार अपने देश के उत्पादकों को संरक्षण देना चाहती थी।
  • विदेशी व्यापार के आने से भारतीय बाजार पर पुनः विदेशी उद्योगों तथा कंपनियों का अधिकार स्थापित हो जाने की भय था।

भारतीय सरकार इन अवरोधकों को इसलिए हटाना चाहती थी क्योंकि विदेशी व्यापार से प्रतियोगिता बढ़ती थी, जिससे ग्राहकों या उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता के साथ-साथ कम मूल्य पर वस्तुएँ तथा सेवाएँ प्राप्त हो सकती थीं। भारतीय उत्पादक उत्पादित वस्तुओं का निर्यात करके अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते थे।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 4
(a) दांडी (गुजरात)
(b) मद्रास
(c) असम
(d) ओडिशा
(e) गुजरात

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CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 5

CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 5 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 5.

CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 5

BoardCBSE
ClassX
SubjectSanskrit
Sample Paper SetPaper 5
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 5 of Solved CBSE Sample Paper for Class 10 Sanskrit is given below with free PDF download solutions.

समय: होरात्रयम्
पूर्णाङ्काः 80

निदेशाः

  1. प्रश्नपत्रं चत्वारः खण्डाः सन्ति
    • खण्ड: (क) अपठित-अवबोधनम्     10 अङ्कः
    • खण्ड: (ख) रचनात्मकं-कार्यम्        15 अङ्काः
    • खण्ड: (ग) अनुप्रयुक्तव्याकरणम्     25 अङ्काः
    • खण्डः (घ) पठित-अवबोधनम्         30 अङ्काः
  2. सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः।
  3. प्रश्नानाम् उत्तराणि खण्डानुसारं क्रमेणैव लेखनीयानि।
  4. प्रश्नसंख्या अवश्यमेव लेखनीया।
  5. उत्तराणि संस्कृतेनैव लेखनीयानि।

खण्डः ‘क’- अपठित-अवबोधनम्

प्रश्न 1:
अधोलिखितम् अनुच्छेदं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत। (10)
एकदा देवर्षिनारदः ईश्वरमवदत्- भगवन्! अहमेव तव परमभक्तोऽस्मि। भगवता सः निजभक्तप्रवरं दर्शयितुं मर्त्यलोके प्रेषितः। तत्र सः एकं कृषकमपश्यत् यः प्रातः क्षेत्रगमनात् पूर्वम् एकवारम् ईश्वरमनमत् रात्रौ च गृहमागत्य पुनः एकवारं हरि स्मृत्वा अस्वपत्। नारदः भगवन्तम् उपगम्य स्वप्रत्यक्षानुभवं न्यवेदयत्। तच्छ्रुत्वा भगवान् तस्मै एकं तैलपूर्णं दीपं दत्त्वा, एकमपि बिन्दु भूमौ न पातयित्वा नगर परिक्रम्य आगन्तुमवदत्। अनन्तरं सः नारदमपृच्छत् ‘कथय नगरपरिक्रमासमये कतिवारं त्वया अहं स्मृतः?’ नारदः प्रत्यवदत्-‘भगवन्! मम सम्पूर्णः मनोयोगः तैलपूर्णदीपे एवासीत् अतः भवान् मया एकवारमपि न स्मृतः।’ भगवान् अवदत्-‘पश्य तैलपूर्णः दीपः तव मनोयोगं तथा आकर्षत् यथा त्वयाहं पूर्णतया विस्मृतः। किन्तु स: कृषक: नियमितरूपेण प्रतिदिनं द्विवारं मां स्मरति। एतच्छुत्वा नारदः स्वस्य अज्ञताम् अबोधत्।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2=2)

  1. प्रातः कृषकः क्षेत्रगमनात् पूर्वं कम् अनमत् ?
  2. नारदः भगवन्तं उपगम्य किं न्यवेदयत् ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 2 = 4)

  1. यदा नारदः नगर परिक्रम्य आगच्छत् तदा ईश्वरः तं किमपृच्छत् ?
  2. नगरपरिक्रमासमये नारदः किमर्थम् ईश्वरम् न अस्मरत् ?

(III) भाषिककार्यम् – (1 × 2 = 2)
1. ‘भगवन् ! मम सम्पूर्ण: मनोयोगः दीपे एव आसीत्।’ अत्र विशेषणपदं किम् ?
(क) मनोयोगः
(ख) मम
(ग) एव
(घ) सम्पूर्णः

2. ‘पश्य, तैलपूर्णः दीपः तव मनोयोगं तथा आकर्षत्।’ अत्र ‘तव’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) भगवते
(ख) नारदाय
(ग) कृषकाय
(घ) नगराय

3. गद्यांशे ‘स्मरति’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम्?
(क) नारदः
(ख) भगवान्
(ग) कृषकः
(घ) दीपः

4. ‘आकर्णय’ इत्यर्थे किम् पदम् अत्र प्रयुक्तम् ?
(क) श्रुत्वा
(ख) परिक्रम्य
(ग) उपगम्य
(घ) अबोधत्

(IV) अस्य गद्यांशस्य समुचितं शीर्षकं लिखत।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मकं कार्यम्

प्रश्न 2:
मित्रस्य कुशलक्षेमं ज्ञातुं मित्रं प्रति लिखिते पत्रे रिक्तस्थानानि मञ्जूषायाः उचितपदैः पूरयत। (1/2 × 10 = 5)
उज्जैनतः
दिनाङ्कः ……… /…….. /………
प्रिय (1) …………. !
शुभकामना: विलसन्तु।
त्वया (2) …………… कथितं यत् गृहं गत्वा त्वरितमेव पत्रं प्रेषयिष्यामि, परन्तु अद्य मासाधिके काले गते अपि तव किमपि पत्रं न (3) ……………। परन्तु (4) ………. व्यतीते सुस्वादुभोजनलोभेन गृहे न स्थातव्यम्। अस्मिन् वर्षे यथाकालं कक्षाः (5) ……………।
तत्र ये (6) ……………. न उपस्थिताः भविष्यन्ति तेषां (7) …………… अपि समाप्ता भविष्यति अधिकविलम्बे जाते (8) ………. निष्कासनमपि संभवति। तस्मात् (9) ………. कालातिपात: ने कर्तव्यः इति मे (10)::: ……….।
तव हिताकांक्षी
रमणः
मञ्जूषा- यथासमय, अवकाशकाले, निवेदनम्, समागतम्, जितेन्द्र!, प्रचलिष्यन्ति, गमनकाले, छात्रावाससुविधा, आगमने, विद्यालयात्

प्रश्न 3:
मजूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया चित्रं दृष्ट्वा पञ्च वाक्यानि संस्कृते लिखत। (2 × 5 = 10)
CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 5 Q.3
मञ्जूषा- रमणीया, वृक्षः, काकः, सृष्टिः, कुक्कुटः, बकः, सरोवरे, पादपाः, पुष्पाणि, जलम्, शोभा, हंसौ, नारी, दर्शनीया, प्रकृतेः, मयूरः, कमलानि

अथवा

‘मम प्रियक्रीडा’ इति विषयम् अधिकृत्य मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया पञ्च वाक्यानि संस्कृते लिखत।
मजूषा- पादकन्दुकखेलं, क्रीडकाः, पादेन, क्षिपति, तीव्रगतिक्रीडा, लोकप्रियः, प्रियक्रीडा, उत्साहेन, इत:-ततः, स्वास्थ्यवर्धकाः, द्वे दले, निर्णायकः, दर्शकाः, उत्साहवर्धनम्

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

प्रश्न 4:
अधोलिखितवाक्येषु रेखाङ्कितपदेषु सन्धिं सन्धिच्छेदं वा कृत्वा लिखत। (1 × 4 = 4)

  1. हे प्रभो! सत् + मतिं देहि।
  2. तस्याः ने + अनम् सुन्दरम् अस्ति।
  3. यदि + अपि आहूता तदपि नागता।
  4. कश्चित् बालकः उच्चैः वदति।

प्रश्न 5:
अधोलिखितवाक्येषु रेखाङ्कितपदानां समास विग्रहं वा प्रदत्तविकल्पेभ्यः चित्वा लिखत। (1 × 4 = 4)
1. काकः क्रोधेन सहितम् राजहंसम् प्रति अवदत्।
(क) क्रोधसह
(ख) सहक्रोधेन
(ग) सक्रोधः
(घ) सक्रोधम्

2. गुरुवचनम् श्रेयस्करम्।
(क) गुरुः वचनम्
(ख) गुरवे वचनम्
(ग) गुरोः वचनम्
(घ) गुरुम् वचनम्

3. माता पुत्रस्य चन्द्रमुखम् पश्यति।
(क) चन्द्रस्य मुखम्
(ख) चन्द्र इव मुखम्
(ग) चन्द्रे मुखम्
(घ) मुखम् इव चन्द्रः

4. पृथ्वी-आकाशौ सृष्टे: प्रमुखे तत्त्वे।
(क) पृथ्वी च आकाशम् च
(ख) पृथ्वी च आकाशौ च
(ग) पृथ्वी च आकाशः च
(घ) पृथ्वाकाशः च

प्रश्न 6:
अधोलिखितवाक्येषु रेखाङ्कितपदानां ‘प्रकृतिप्रत्ययौ’ संयोज्य विभज्य वा समुचितम् उत्तरं प्रदत्तविकल्पेभ्यः चित्वा लिखत। (1 × 4 = 4)
1. आः किम् उक्तवती भवत् + ङीप्
(क) भवती
(ख) भवान्
(ग) भवत्याम्
(घ) भवत्यी

2. क्षत्रधर्मम् अनुस्मरन् मां शोकसागरात् रक्ष।
(क) अनु + स्मर् + अन्
(ख) अनु + स्मृ + शानच्
(ग) अनुस्मर + शतृ
(घ) अनु + स्मृ + शतृ

3. मम पिततामहः धर्म + ठक् अस्ति।
(क) धर्मिकः
(ख) धार्मिकः
(ग) धर्मकः
(घ) धर्मः

4. आचरणे दृढ + तल् भवेत्।
(क) दृढतः
(ख) दृढता
(ग) दृढत्व
(घ) दृढतां

प्रश्न 7:
मजूषातः अव्ययपदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत। (1 × 4= 4)

  1. बालाः ……………… क्रीडन्ति।
  2. ते ……………… आगच्छन्ति ?
  3. भवन्तः …………….. किमर्थं ग्रामं गमिष्यन्ति ?
  4. जनाः ………… एव अत्र आगच्छन्।

मञ्जूषा- ह्यः, सम्प्रति, कुतः, श्वः।

प्रश्न 8:
वाच्यपरिवर्तनं कृत्वा वाक्यानि पुनः लिखत – (1 × 3 = 3)

  1. युवाम् फलानि खादथ।
  2. साधुः सत्यं वदति।
  3. अहं मित्रम् कथयामि।

प्रश्न 9:
अधोलिखित वाक्येषु अङ्कानां स्थाने संस्कृतपदैः समयं लिखत – (1 × 2 = 2)

  1. रमेशः (1.30) ……………. भोजनं करोति।
  2. सः (3.45) …………….. मित्रस्य गृहं गच्छति।

प्रश्न 10:
अधोलिखितवाक्येषु रेखाङ्कितपदानां स्थाने प्रदत्तविकल्पेभ्यः शुद्धं पदं चित्वा लिखत। (1 × 4 = 4)
1. मेघम् आकाशे गर्जति।
(क) मेघाः
(ख) मेघः
(ग) मेघानि
(घ) मेघस्य

2. तौ तत्र भ्रमणाय न गच्छति
(क) गच्छथ
(ख) गच्छामि
(ग) गच्छतः
(घ) गच्छसि

3. भवान् पठसि-लिखसि च।
(क) पठताम्-लिखताम्
(ख) पठति-लिखति
(ग) पठामि-लिखामि
(घ) पठाव:-लिखावः

4. वस्त्राणि सुन्दरं सन्ति।
(क) सुन्दरम्
(ख) सुन्दराणि
(ग) सुन्दरः
(घ) सुन्दरस्य

खण्ड: ‘घ’ – पठित-अवबोधनम्

प्रश्न 11:
(अ) अधोलिखित गद्यांशं पठित्वा तदाधारिताना प्रश्नानामुत्तराणि लिखत। (6)
कालोऽहम्। अहं खलु कालः। विश्वस्य आत्माऽहम्। कलयामि गणयामि जगत: आयुः प्रमाणम्। सततं चक्रवत् परिवर्तमानः भूतं वर्तमानं भविष्यदपि च वीक्षमाणः, अहमेव साक्षी जगतः उत्पत्तेः विकासस्य प्रलयस्य च। इदं जगत् तु पुनः पुनः जायते विलीयते च परमहं सर्वदा विद्यमानोऽस्य सर्वं क्रियाकलापं पश्यामि। अहो! किं जानीथ यूयम्, कियती प्राचीना इयं सृष्टि: ? नैव, तर्हि शृणुत ध्यानेन।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. अस्य वक्ता कः?
  2. कालः सर्वदा किं पश्यति ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
कालः कस्य साक्षी अस्ति?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
1. ‘पश्यामि’ इति क्रियायाः कर्तृपदम् किम् ?
(क) अहम्
(ख) कालः
(ग) क्रियाकलापम्

2. ‘अस्य सर्वं क्रियाकलापं’ अत्र ‘अस्य’ सर्वनाम कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) कालाय
(ख) जगते
(ग) विद्यमानाय

3. ‘जायते’ क्रियायाः विलोमपदम् अत्र किम् ?
(क) उत्पत्तेः
(ख) पश्यामि
(ग) विलीयते

4. ‘सदैव’ इति अर्थे अत्र अव्ययपदं किम् ?
(क) खलु
(ख) सर्वदा
(ग) तर्हि

(आ) अधोलिखितं श्लोकं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत।
शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदाऽस्माकं सन्निधिं क्रियात्।।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. शारदा अस्माकं कुत्र निवसेत् ?
  2. का शारदाम्भोजवदना अस्ति?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
कीदृशी शारदा वदनाम्बुजे निवासं क्रियात् ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
1. ‘अम्भोजः’ इति शब्दस्य पर्यायः कः ?
(क) सर्वदा
(ख) वदनाम्बुजे
(ग) अम्बुजः

2. ‘शरत्कालीन’ इति कस्य पदस्य अर्थः?
(क) शारदा
(ख) शारद
(ग) सर्वदा

3. ‘क्रियात्’ क्रियायाः कर्ता कः?
(क) सन्निधिं
(ख) सर्वदा
(ग) शारदा

4. ‘सरस्वती’ इति अर्थे अत्र किं पदम् अस्ति?
(क) शारदा
(ख) वदना
(ग) सर्वदा

(इ) अधोलिखितं नाट्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत। (6)
(विद्यालयस्य सभागारः । मञ्चे विद्यालयस्य प्रधानाचार्यः प्रदेशस्य पर्यटन-अधिकारी केचित् अध्यापकाः उपविष्टाः सन्ति ।)
पर्यटनाधिकारी         –        प्रियच्छात्राः ! अभिनन्दनं भवताम् प्रदेशे। प्रसीदामि यद् भवन्तः अस्य रम्यस्य प्रदेशस्य विषये ज्ञातुम् अति उत्सुकाः। प्रथमं तु अहम् एव एकं प्रश्नं पृच्छामि। अस्य प्रदेशस्य नाम’ अरुणाचलः’
कथं जातम् अनुमीयताम्।
हिमांशुः                 –        अहं चिन्तयामि यत् ‘अरुणः’ तु सूर्यस्य पर्यायः । अस्य प्रकाश: सर्वप्रथमम् इमं प्रदेशं स्पृशति। अत: अरुणस्य प्रदेशः अरुणाचलः।
पर्यटनाधिकारी        –        शोभनम् । उचितम् उक्तम् । हिमाद्रितुङ्गशृङ्गैः सुशोभिता सूर्योदयभूमिः इयम्। अतः अरुणाचलः।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. अरुणः कस्य पर्यायः?
  2. कः कथयति प्रथमं तु अहं प्रश्नं पृच्छामि ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
इयं सूर्योदयभूमिः कैः सुशोभिता अस्ति?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
1. ‘अस्य प्रकाशः सर्वप्रथमम् इमं प्रदेशं स्पृशति’ अस्मिन् वाक्ये ‘अस्य’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) अस्य
(ख) अरुणाय
(ग) प्रदेशाय
(घ) अरुणाचलाय

2. ‘प्रसीदामि’ अस्य किं कर्तृपदं प्रयुक्तम् ?
(क) पर्यटनाधिकारी
(ख) हिमांशु
(ग) अहम्
(घ) छात्रः

3. ‘रम्यस्य’ इति विशेषणपदस्य विशेष्यपदम् किम् ?
(क) अरुणाचलस्य
(ख) अरुणस्य
(ग) प्रदेशस्य
(घ) छात्रस्य

4. ‘सूर्यस्य’ किम् पर्यायपदम् अत्र प्रयुक्तम् ?
(क) भानुः
(ख) अरुणः
(ग) दिनकरः
(घ) हिमांशुः

प्रश्न 12:
अधोलिखितश्लोकयोः अन्वयम् उचितपदैः पूरयत। (1/2 × 8 = 4)
(क) प्रार्थितं ते मया चक्रं देवदानवपूजितम्।
अजेयः स्यामिति विभो ! सत्यमेतद् ब्रवीमि ते।।
अन्वयः- विभो ! (1) ………….. स्याम् इति मया देवदानवपूजितम् (2) ……….. ते (3) …………. एतत (4) ………….. ब्रवीमि।

(ख) किं मरणम् ? मुर्खत्वम्, किं चानर्घम् ? यदवसरे दत्तम्।
आमरणात्किं शल्यम् ? प्रच्छन्नं यत्कृतं पापम्।।
अन्वयः- मरणं किम् ? (1) ……………. च अनर्घम् किम्? यद् (2) …………….. दत्तम्, आमरणात् (3) ………………. किम् ? यत् पापं (4) ………………. कृतम्।
मञ्जूषा – मूर्खत्वम्, अजेयः, प्रार्थितम्, अवसरे, शल्यम्, चक्रम्, सत्यम्, प्रच्छन्नम्।

प्रश्न 13:
वाक्येषु रेखाङ्कितपदानां स्थाने प्रश्नवाचकपदं प्रयुज्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत। (1 × 4 = 4)

  1. धैर्यवान् मन्त्री पराजितः न भवति।
  2. सर्वः भद्राणि पश्यतु।
  3. साधुजनमैत्री सुखदा भवति।
  4. संवत्सरे द्वादश मासाः भवन्ति।

प्रश्न 14:
रेखाङ्कितपदानां प्रसङ्गानुसारम् शुद्धम् अर्थं विकल्पेभ्यः चित्वा लिखते। (1 × 4 = 4)
1. परमहम् अखण्डः शाश्वत: विभुः च।
(क) शतम्।
(ख) सनातनः
(ग) निरतः
(घ) पूर्णतः

2. सः नगरस्य समन्ततः दानशाला अकारयत्।
(क) उभयतः
(ख) परितः
(ग) निकटे
(घ) सम्पूर्णतः

3. सः सव्येन पाणिना चक्रम् गृहीतवान्।
(क) चरणेन
(ख) हस्तेन
(ग) जलेन
(घ) पादेन

4. विपुला च अत्र वनसम्पदा।
(क) न्यूना
(ख) विशाला
(ग) मनोहरा
(घ) अधिका

उत्तराणि
खण्डः ‘क’ – अपठित-अवबोधनम्

उत्तर 1:
(I) एकपदेन उत्तरत –

  1. ईश्वरम्
  2. स्वप्रत्यक्षानुभवं

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत –

  1. यदा नारदः नगर परिक्रम्य आगच्छत् तदा ईश्वरः तम् ‘अपृच्छत् कथय नगरपरिक्रमा समये कतिवारं त्वया अहं स्मृतः?’
  2. नगरपरिक्रमा समये नारदस्य सम्पूर्णः मनोयोग: तैलपूर्णदीपे एव आसीत् अतः सः ईश्वरं न अस्मरत्।

(II) निर्देशानुसारम् उत्तरत –

  1. (घ) सम्पूर्णः
  2. (ख) नारदाय
  3. (ग) कृषकः
  4. (क) श्रुत्वा

(IV) शीर्षकः- परमभक्तः नारद:/कृषकस्य ईश्वरभक्तिः (अन्यः कोऽपि)

खण्डः ‘ख’ – रचनात्मक कार्यम्

उत्तर 2:

  1. जितेन्द्र!
  2. गमनकाले
  3. समागतम्
  4. अवकाशकाले
  5. प्रचलिष्यन्ति
  6. यथासमयं
  7. छात्रावाससुविधा
  8. विद्यालयात्
  9. आगमने
  10. निवेदनम्

उत्तर 3:
चित्रवर्णनम् –

  1. अस्मिन् चित्रे प्रकृतेः वर्णनम् अस्ति।
  2. वृक्षस्य समीपे एप। सुसज्जिता नारी अस्ति।
  3. अत्र सरोवरे हंसौ तरतः।
  4. अत्र वृक्षशाखायां काकः अधः च कुक्कुटः मयूरः बकः च सन्ति।
  5. इदं चित्रं सूचयति यत् इयं सृष्टिः रमणीया दर्शनीया चास्ति।

अथवा
(मम प्रियक्रीडा)

  1. मम प्रियक्रीडा पादकन्दुकखेलम् अस्ति।
  2. क्रीडका: इयं क्रीडा उत्साहेन क्रीडन्ति।
  3. अस्यां क्रीडायां कन्दुकं पादेन क्षिपति।
  4. इयं क्रीडा द्वे दले मिलित्वा क्रीडतः।
  5. सर्वाः क्रीडा: स्वास्थ्यवर्धकाः भवन्ति।

खण्डः ‘ग’ – अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

उत्तर 4:

  1. सन्मतिं
  2. नयनम्
  3. यद्यपि
  4. कः + चित्

उत्तर 5:

  1. (घ) सक्रोधम्
  2. (ग) गुरोः वचनम्
  3. (ख) चन्द्र इव मुखम्
  4. (ग) पृथ्वी च आकाशः च

उत्तर 6:

  1. (क) भवती
  2. (घ) अनु + स्मृ + शतृ
  3. (ख) धार्मिकः
  4. (ख) दृढ़ता

उत्तर 7:

  1. सम्प्रति
  2. कुतः
  3. श्वः
  4. ह्यः

उत्तर 8:

  1. युवाभ्याम् फलानि खाद्यन्ते।
  2. साधुना सत्यं उद्यते।
  3. मया मित्रं कथ्यते।

उत्तर 9:

  1. साधैकवादने
  2. पादोनचतुर्वादने

उत्तर 10:

  1. (ख) मेघः
  2. (ग) गच्छतः
  3. (ख) पठति-लिखति
  4. (ख) सुन्दराणि

खण्डः ‘घ’ – पठित-अवबोधनम्

उत्तर 11:
(अ) (I) एकपदेन उत्तरत –

  1. काल:
  2. क्रियाकलाप

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – कालः जगत: उत्पत्तेः विकासस्य प्रलयस्य च साक्षी अस्ति।

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत –

  1. (क) अहम्
  2. (ख) जगते
  3. (ग) विलीयते
  4. (ख) सर्वदा

(आ) (एकपदेन उत्तरत –

  1. वदनाम्बुजे
  2. शारदा

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – शारद-अम्भोज-वदना, सर्वदा शारदा वदनाम्बुजे निवास क्रियात्।

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत –

  1. (ग) अम्बुजः
  2. (ख) शारद
  3. (ग) शारदा
  4. (क) शारदा

(इ) (I) एकपदेन उत्तरत –

  1. सूर्यस्य
  2. पर्यटनाधिकारी

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – इयं सूर्योदयभूमिः हिमाद्रितुङ्गशृङ्गैः सुशोभिता अस्ति।

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत –

  1. (ख) अरुणाय
  2. (ग) अहम्
  3. (ख) प्रदेशस्य
  4. (ख) अरुणः

उत्तर 12:
अन्वयः (क)

  1. अजेयः
  2. चक्रम्
  3. प्रार्थितम्
  4. सत्यम्

(ख)

  1. मूर्खत्वम्
  2. अवसरे
  3. शल्यम्
  4. प्रच्छन्नम्।

उत्तर 13:
प्रश्ननिर्माणम्

  1. कीदृशः
  2. कानि
  3. का
  4. कति

उत्तर 14:
शुद्धम् अर्थम्

  1. (ख) सनातनः
  2. (ख) परितः
  3. (ख) हस्तेन
  4. (घ) अधिका

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CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 4

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CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 4

BoardCBSE
ClassX
SubjectSanskrit
Sample Paper SetPaper 4
CategoryCBSE Sample Papers

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समय: होरात्रयम्
पूर्णाङ्काः 80

निदेशाः

  1. प्रश्नपत्रं चत्वारः खण्डाः सन्ति
    • खण्ड: (क) अपठित-अवबोधनम्    10 अङ्कः
    • खण्ड: (ख) रचनात्मकं-कार्यम्        15 अङ्काः
    • खण्ड: (ग) अनुप्रयुक्तव्याकरणम्    25 अङ्काः
    • खण्डः (घ) पठित-अवबोधनम्        30 अङ्काः
  2. सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः
  3. प्रश्नानाम् उत्तराणि खण्डानुसारं क्रमेणैव लेखनीयानि।
  4. प्रश्नसंख्या अवश्यमेव लेखनीया।
  5. उत्तराणि संस्कृतेनैव लेखनीयानि।

खण्डः ‘क’-अपठित-अवबोधनम्

प्रश्न 1:
अधोलिखितम् अनुच्छेदं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत – (10)
पुष्पाणि अतीव मनोहराणि भवन्ति। अस्माकं राष्ट्रिय-पुष्पं कमलं तु अनुपमम् अस्ति। अस्य उत्पत्तिः पङ्कात् भवति। अतः अस्य नाम पङ्कजम् अपि प्रसिद्धम् जातम्। इदम् सर्वेषाम् मनांसि आह्लादयति सर्वेभ्यः च रोचते। कमलं निजसौन्दर्येण सुगन्धिना च वैशिष्टयं प्राप्नोति। तस्योपरि भ्रमराः गुञ्जन्ति। पङ्के प्रभवति कमलं, पङ्कात् कदापि न लिप्तं भवति। कमलस्य पत्रे स्थिताः जलबिन्दवः मुक्ताः इव विभान्ति। सरोवरे विकसितानां कमलानां शोभा दर्शनीया भवति। यदा यदा जलस्तरं वर्धते तदा तदा कमलम् अपि उपरि गच्छति। इदम् सूचयति यत् लोके नरः शुभकार्याणि कुर्वन् कदाचिदपि मलिनतया लिप्तः न भवति।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. कमलस्य उत्पत्तिः कस्मात् भवति ?
  2. कमलस्य पत्रे स्थिताः जलबिन्दवः कीदृशाः दृश्यन्ते ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 2 = 4)

  1. ‘यदा-यदा जलस्तरं वर्धते तदा कमलम् अपि उपरि गच्छति’- इदम् किम् सूचयति ?
  2. कमलम् कथं वैशिष्टयं प्राप्नोति ?

(III) यथानिर्देशम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
1. ‘कमलम्’ इति पदस्य पर्यायपदं गद्यांशे किम् प्रयुक्तम् ?
(क) वैशिष्ट्यम्
(ख) अनुपमम्
(ग) पुष्पम्
(घ) पङ्कजम्

2. ‘कमलानाम्’ इति पदस्य विशेषणपदं किम् ?
(क) सर्वेषाम्
(ख) विकसितानाम्
(ग) अनुपमम्
(घ) निजसौन्दर्येण

3. ‘अस्य उत्पत्तिः पङ्कात् भवति’ अस्मिन् वाक्ये ‘अस्य’ सर्वनाम पदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) पुष्पाय
(ख) भ्रमराय
(ग) कमलाय
(घ) नराय

4. ‘गुञ्जन्ति’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ?
(क) जलबिन्दवः
(ख) नराः
(ग) मुक्ताः
(घ) भ्रमराः

(IV) अस्य गद्यांशस्य समुचितं शीर्षकं लिखत। (2)

खण्डः ‘ख’- रचनात्मकं कार्यम्

प्रश्न 2:
सौम्यः विद्यालयतः शैक्षिक-भ्रमणाय भुवनेश्वरं गन्तुम् इच्छति। एतदर्थम् अनुमतिं राशिं च प्राप्तुं नवदिल्लीस्थं पितरं प्रति लिखिते पत्रे रिक्तस्थानानि मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दैः पूरयित्वा पत्रं पुनः लिखत। (1/2 × 10 = 5)
छात्रावासः
(1) …….
दिनाङ्कः ……/ ……../ …..
माननीयाः पितृवर्याः
सादरं प्रणमामि।
भवतः पत्रं प्राप्तम्। मम (2) ………….. परीक्षा समाप्ता। यावत् परीक्षा-परिणामः न आगच्छति तावत् आगामिमासस्य प्रथम सप्ताहे (3) ……………… विद्यालयस्य अध्यापकाः अस्मान् शैक्षिक-भ्रमणाय (4) ………….. नेष्यन्ति । अहम् अपि तैः (5) …………… गन्तुम् इच्छामि। एतदर्थं मया कक्षाध्यापकाय (6) ………….. रूप्यकाणि दातव्यानि सन्ति। अत: यदि अनुमतिः (7) …………….. तर्हि अहम् अपि गच्छेयम् । अत: कृपया उपर्युक्तं (8) ……………….. प्रेषयित्वा माम् अनुगृहणन्तु।
सर्वेभ्यः मम (9) ………………… निवेदनीयाः।
भवताम् (10) ……………..
सौम्यः
मञ्जूषा- मम, सह, पञ्चशतम्, प्रथमसत्रीया, प्रणामाः, भुवनेश्वरम्, कोलकातात:, स्यात्, प्रियपुत्रः, राशि

प्रश्न 3:
मजूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया चित्रं दृष्ट्वा पञ्च वाक्यानि संस्कृते लिखत। (2 × 5 = 10)
CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 4 Q.3
मञ्जूषा- आरोपयति, वन-महोत्सवः, छात्राः, जलपात्रेण, मृत्तिकापात्रेषु, वृक्षान्, पादपान्, अध्यापिकाः, विद्यालये, प्राङ्गणे, पर्यावरण-दृष्टया, सिञ्चन्ति

अथवा

‘शाक-आपणस्य वर्णनम्’ इति विषयम् अधिकृत्य मजूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया पञ्च वाक्यानि संस्कृते लिखत।
मञ्जूषा- विविधाः, शाकाः, पलाण्डुः, आलूकम्, गुञ्जनम्, इत्यादयः, क्रेतारः, विक्रेतारः, जनानाम् सम्मर्दः, उच्चैः आहूयन्ति, इतस्ततः, अस्वच्छता, मूल्यं पृच्छन्ति

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

प्रश्न 4:
अधोलिखितवाक्येषु रेखाङ्कितपदेषु सन्धि विच्छेदः वा क्रियताम्। (1 × 4 = 4)

  1. एतत् आसनम् कवे + ए अस्ति।
  2. गुरुकुले स्वछात्रान् गुरु: + शास्ति
  3. विष्णुः जगत् + नाथः अस्ति।
  4. तरुः छाययैव तापं नाशयति।

प्रश्न 5:
उचितं समासपदं विग्रहपदं वा विकल्पेभ्यः चित्वा वाक्यानि पूरयत। (1 × 4 = 4)
1. तव यात्रा ………….. भवेत्।
(क) निर्बाधम्
(ख) निर्बाधा
(ग) निर्बाधः
(घ) निर्बाधात्

2. पुष्करे …………… पूज्यते।
(क) चतुराननम्
(ख) चतुरानः
(ग) चतुरननः
(घ) चतुराननः

3. सः ……………. विद्वान् सर्वैः पूज्यते ।
(क) अधीताव्याकरणः
(ख) अधीतव्याकरणः
(ग) अधीतव्याकरणम्
(घ) अधीतव्याकरण

4. भरतः ……………. दृष्ट्वा प्रसन्नः अभवत्।
(क) सीतारामम्
(ख) सीतारामान्
(ग) सीताराम
(घ) रामसीते

प्रश्न 6:
उचितानि प्रत्यययुक्तपदानि प्रकृतिं प्रत्ययं च चित्वा वाक्यानि पूरयत। (1 × 4 = 4)
1. ……….. बालिकां दृष्ट्वा माता प्रसीदति।
(क) मोदमानाम्
(ख) मोदमाना।
(ग) मोदमानाः
(घ) मुदमाना

2. इयं छात्रा (चञ्चल + टाप्) अस्ति।
(क) चञ्चलम्
(ख) चञ्चला
(ग) चञ्चली
(घ) चञ्चलटा

3. नृपस्य दशरथस्य राज्यः ………… आसन्।
(क) रूपवानाः
(ख) रूपवत्याः
(ग) रूपवत्यः
(घ) रूपभव्यः

4. …………… त्यज, विवेकेन कार्यं कुरु।
(क) मूर्खता
(ख) मूर्खतम्
(ग) मूर्खाताम्
(घ) मूर्खताम्

प्रश्न 7:
मजूषातः उचितं अव्यय-पदं चित्वा वाक्यानि पूरयत। (1 × 4 = 4)

  1. ईश्वरः …………… करोति शोभनमेव करोति।
  2. उद्याने बालका: …………… हसन्ति।
  3. भो बालकाः ! यूयम् ……………. गच्छथ?
  4. अम्बे! ………….. मम मित्राणि क्रीडन्ति तत्र गच्छामि।

मञ्जूषा- उच्चैः, यत्र, यत्, कुत्र

प्रश्न 8:
वाच्यपरिवर्तनं कृत्वा वाक्यानि पुनः लिखत – (1 × 3 = 3)

  1. अहं तु रामायणं पश्यामि।
  2. प्रहेलिकां पठित्वा छात्रैः हस्यते।
  3. सा प्रात: दुग्धं पिबति।

प्रश्न 9:
अधोलिखितेषु वाक्येषु अङ्कानां स्थाने संस्कृतपदैः समयं लिखते – (1 × 2 = 2)

  1. अहं (5.15) ………….. दुग्धम् पिबामि।
  2. अहं (5.45) ……………. खेलितं गच्छामि।

प्रश्न 10:
विकल्पानां सहायतया अशुद्धवाक्यानां संशोधनं कृत्वा पुनः लिखत। (1 × 4 = 4)
1. जन्तुशालायां अनेके सिंहः आसन्।
(क) सिंहान्
(ख) सिंहाः
(ग) सिंहेन
(घ) सिहै:

2. तत्र वानराः अपि कूर्दति
(क) अकूर्दन्।
(ख) अकूर्दत्
(ग) अकूर्दताम्
(घ) अकूर्दन्ताम्

3. एतत् दृष्ट्वा बालकाः प्रसन्नम् अभवन्।
(क) प्रसन्नः
(ख) प्रसन्नाः
(ग) प्रसन्न
(घ) प्रसन्नौ

4. तान् दृष्ट्वा तेभ्यः अभिभावकाः अपि प्रासीदन्।
(क) तयोः
(ख) ताषाम्
(ग) तेषाम्
(घ) तस्याः

खण्डः ‘घ’ – पठित-अवबोधनम्

प्रश्न 11:
(अ) अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा प्रदत्त प्रश्नानाम् उत्तराणि उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत। (6)
अथ व्रजन्तौ तौ गर्तसंकुले मार्गे क्रीडत: कांश्चित् बालकान् प्रेक्ष्य अवदताम् भो-भो बालकाः ! कथमत्र नतोन्नते विषमे मार्गे क्रीडथ? यदि कश्चिद् गर्ने पतेत् तर्हि स विकलाङ्गो भूत्वा चिरं क्लेशम् अनुभवेत् । तच्छ्रुत्वा कश्चित् उद्दण्डः बालकः उवाच ”अयि भो ! यद्येवं तर्हि कथं भवन्तौ सुपथं परित्यज्य अनेन कुपथेन गन्तुं प्रवृत्तौ ? अपि इदं श्रेयस्करम् ?”
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. दुष्टबुद्धिप्रच्छन्नभाग्यौ मार्गे कीदृशान् बालकान् प्रेक्ष्य अवदताम् ?
  2. यः गर्ते पतेत् सः कीदृशः भूत्वा चिरं क्लेशमनुभवेत् ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
बालकाः कीदृशे मार्गे क्रीडन्ति स्म?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
1. ‘उद्दण्डः बालकः’ अनयोः पदयोः विशेष्यपदं किम् ?
(क) उद्दण्डः
(ख) बालकः
(ग) उद्दण्डबालक

2. अनुच्छेदे तौ’ सर्वनामपदं काभ्याम् प्रयुक्तम् ?
(क) दुष्टबुद्धये
(ख) प्रच्छन्नभाग्याय
(ग) दुष्टबुद्धिप्रच्छन्नभाग्याभ्याम्।

3. ‘अवदताम्’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ?
(क) बालकान्
(ख) तौ
(ग) दुष्टबुद्धिप्रच्छन्नभाग्यश्च

4. ‘सुपथेन’ इति पदस्य किम् विपर्ययः अत्र प्रयुक्तम् ?
(क) विषमे
(ख) मार्गे
(ग) कुपथेन

(आ) श्लोकं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत।
काम एष क्रोध एष रजोगुणसमुद्भवः।
महाशनो महापाप्मा विद्ध्येनमिह वैरिणम्।।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. कामः क्रोधः च कस्मात् समुद्भवति ?
  2. कः वैरी अस्ति?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
कामः क्रोधः च कीदृशः अस्ति?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
1. विद्धि’ क्रियायाः कर्ता कः ?
(क) श्रीकृष्णः
(ख) अर्जुनः
(ग) त्वम्

2. ‘अस्मिन् लोके’ इत्यर्थे किम् अव्ययपदं श्लोके प्रयुक्तम् ?
(क) इह
(ख) एष
(ग) वैरिणम्

3. ‘मित्रम्’ पदस्य विलोम पदम् अत्र किम् ?
(क) वैरिणम्
(ख) समुद्भवः
(ग) एनम्

4. ‘एनम्’ सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) कामाय क्रोधाय
(ख) वैरिणे
(ग) रजोगुणाय

(इ) नाट्यांशं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत।
नारदः           –       (व्यासं प्रति) पश्यतु भवान्। कोऽयम् अनर्थः क्रियते एताभ्यां वीराभ्याम्। समन्तात् वर्धमानाः प्रचण्डानलशिखाः आकाशं लिहन्ति इव। गगनात् सहस्रशः उल्काः भूमौ पतन्ति। कम्पते खलु सपर्वत-वन-दुमा सकला मही। पवन: स्तब्धः जातः। सहस्रांशुः न भासते। शैलाः विदीर्यन्ते। कथमपि एतौ निवारणीयौ, अन्यथा सकलं जगद् ध्वस्तं भविष्यति।
व्यासनारदौ   –        भो वीरौ ! संहरतम् संहरतम् निजास्त्रे।
नारदः            –        अस्त्रं ब्रह्मशिरो यत्र परमास्त्रेण वध्यते।
समाः द्वादश पर्जन्यस्तद् राष्ट्र नाभिवर्षति।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. द्वादश समाः कः न अभिवर्षति ?
  2. सहस्रशः उल्काः कुत्र पतन्ति ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
का: आकाशं लिहन्ति इव ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत –  (1/2 × 4 = 2)
1. ‘सूर्यः’ इति पदस्य पर्यायः कः?
(क) सहस्रांशुः
(ख) शैलाः
(ग) गगनं

2. ‘पश्यतु भवान्’ इत्यत्र ‘भवान्’ सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) व्यासाय
(ख) व्यासेन
(ग) नारदाय

3. ‘सम्पूर्णा’ इत्यर्थे किम् पदं अत्र प्रयुक्तम् ?
(क) सकलं
(ख) समन्तात्
(ग) सकला

4. ध्वस्तम्’ इति विशेषणपदस्य विशेष्यपदं किम् ?
(क) मही
(ख) जगद्
(ग) ब्रह्मशिरः

प्रश्न 12:
रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत। (1 × 4 = 4)

  1. सर्पः कलशात् बहिः निर्गतः।
  2. भारत्याः कोशः अपूर्वः अस्ति।
  3. किं त्वम् इदं दिव्यं चक्रं वाञ्छसि ?
  4. राज्ञा नेत्रार्थं शक्रः प्रार्थितः।

प्रश्न 13:
अधोलिखितश्लोकयोः अन्वयं उचितै पदैः पूरयित्वा पुनः लिखत। (1/2 × 8 = 4)
(क) आचारः प्रथमो धर्मः इत्येतद् विदुषां वचः।
तस्माद् रक्षेत् सदाचारं प्राणेभ्योऽपि विशेषतः।।
अन्वयः- (1) ……………. प्रथमः धर्मः इति एतत् (2) …………… वचः (अस्ति ) तस्मात् (3) ……………….. अपि विशेषतः (4) …………… रक्षेत्।

(ख) आयुष: क्षणमेकोऽपि, न लभ्यः स्वर्णकोटिकैः।
स चेन्निरर्थकं नीतः, का नु हानिस्ततोऽधिका।।
अन्वयः- (1) ……………… एकः क्षणम् अपि (2) …………… न लभ्यः , सः चेत् (3) …………… नीतः ततः अधिका नु (4) …………… का?
मञ्जूषा – विदुषां, निरर्थकं, हानिः, आचारः, सदाचारं, आयुषः, प्राणेभ्यः, स्वर्णकोटिकैः।

प्रश्न 14:
रेखाङ्कितपदानां प्रसङ्गानुसारं शुद्धम् अर्थं चिनुत – (1 × 4 = 4)
1. सम्प्रति सहस्रांशुः न भासते।
(क) हिमांशुः
(ख) दिनकरः
(ग) चन्द्रः

2. अजेयः स्यामिति विभो।
(क) अजरः
(ख) अपराजितः
(ग) अमर:

3. सपदि उपायः क्रियताम्।
(क) उचितम्
(ख) शीघ्रम्
(ग) सपदम्

4. अनृतं वदसि चेत् काकः दशेत्।
(क) तीव्रम्
(ख) असत्यम्
(ग) वृथा

उत्तराणि
खण्डः ‘क’ – अपठित-अवबोधनम्

उत्तर 1:
(I) एकपदेन उत्तरत-

  1. पङ्कात्
  2. मुक्ताः इव

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत –

  1. इदं सूचयति यत् लोके नरः शुभकार्याणि कुर्वन् कदाचिदपि मलिनतायाः लिप्तः न भवति।
  2. कमलं निजसौन्दर्येण सुगन्धिना च वैशिष्टयं प्राप्नोति।

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत –

  1. (घ) पङ्कजम्
  2. (ख) विकसितानाम्
  3. (ग) कमलाय
  4. (घ) भ्रमराः

(IV) शीर्षकः- राष्ट्रीय पुष्पं कमलम् (अन्यः कोऽपि)

खण्डः ‘ख’ – रचनात्मक कार्यम्

उत्तर 2:

  1. कोलकातात:
  2. प्रथमसत्रीया
  3. मम
  4. भुवनेश्वरम्
  5. सह
  6. पञ्चशतम्
  7. स्यात्
  8. राशि
  9. प्रणामाः
  10. प्रियपुत्रः

उत्तर 3:
चित्रवर्णनम् –

  1. इदं चित्रं वन-महोत्सवस्य अस्ति।
  2. विद्यालयस्य प्राङ्गणे अयम् उत्सवः मान्यते।
  3. छात्राणां हस्ते पादपाः सन्ति।
  4. प्रधानाचार्य: पादपम् रोपयित्वा जलेन सिञ्चति।
  5. अत्र सर्वे उत्साहिताः प्रसन्नाः च सन्ति।

अथवा
(शाक-आपणस्य वर्णनम् )

  1. मम नगरे अपि सप्ताहे एकं दिन शाक आपणम् आयोज्यते।
  2. अत्र आगत्य जना: शाकानि फलानि च क्रीणन्ति।
  3. अत्र जनानां सम्मर्दः भवति।
  4. विक्रेतारः उच्चैः उच्चैः आहूयन्ति।
  5. शाक आपणे इतस्ततः अस्वच्छता भवति।

खण्डः ‘ग’ – अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

उत्तर 4:

  1. कवये
  2. गुरुश्शास्ति
  3. जगन्नाथः
  4. छायया + एव

उत्तर 5:

  1. (ख) निर्बाधा
  2. (घ) चतुराननम्
  3. (ख) अधीतव्याकरणः
  4. (ग) सीताराम

उत्तर 6:

  1. (क) मोदमानाम्
  2. (ख) चञ्चला
  3. (ग) रूपवत्यः
  4. (घ) मूर्खताम्

उत्तर 7:

  1. यत्
  2. उच्चैः
  3. कुत्र
  4. यत्र

उत्तर 8:

  1. मया तु रामायणं दृश्यते।
  2. प्रहेलिकां पठित्वा छात्राः हसन्ति।
  3. तया प्रातः दुग्धं पीयते।

उत्तर 9:

  1. सपादपञ्चवादने
  2. पादोनषड्वादने

उत्तर 10:

  1. (ख) सिंहाः
  2. (क) अकूर्दन्
  3. (ख) प्रसन्नाः
  4. (ग) तेषाम्

खण्डः ‘घ’ – पठित अवबोधनम्

उत्तर 11:
(अ) (I) एकपदेन उत्तरत –

  1. क्रीडतः
  2. विकलाङ्गः

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरेत – बालकाः नतोन्नते विषमे मार्गे क्रीडन्ति स्म।

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत –

  1. (ख) बालकः
  2. (ग) दुष्टबुधिप्रच्छन्नभाग्याभ्याम्
  3. (ख) तौ
  4. (ग) कुपथेन

(आ) (I) एकपदेन उत्तरत –

  1. रजोगुणात्
  2. कामः क्रोधः च

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – रजोगुणसमुद्भवः एषः कामः क्रोधः महाशन: महापाप्मा च अस्ति।

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत –

  1. (ग) त्वम्
  2. (क) इह
  3. (क) वैरिणम्
  4. (क) कामाय-क्रोधाय

(इ) (I) एकपदेन उत्तरत –

  1. पर्जन्यः
  2. भूमौ

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – समन्तात् वर्धमानाः प्रचण्डोनलशिखाः आकाशं लिहन्ति इव।

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत –

  1. (क) सहस्रांशुः
  2. (क) व्यासाय
  3. (ग) सकला
  4. (ख) जगद्

उत्तर 12:
प्रश्ननिर्माणम्

  1. कस्मात्
  2. कस्याः
  3. कीदृशं
  4. केन

उत्तर 13:
अन्वयः (क)

  1. आचारः
  2. विदुषां
  3. प्राणेभ्यः
  4. सदाचारं

(ख)

  1. आयुषः
  2. स्वर्णकोटिकैः
  3. निरर्थकं
  4. हानिः

उत्तर 14:
शुद्धम् अर्थम्

  1. (ख) दिनकरः
  2. (ख) अपराजितः
  3. (ख) शीघ्रम्
  4. (ख) असत्यम्

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