NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 11 जो देखकर भी नहीं देखते

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BoardCBSE
TextbookNCERT
ClassClass 6
SubjectHindi Vasant
ChapterChapter 11
Chapter Nameजो देखकर भी नहीं देखते
Number of Questions Solved18
CategoryNCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 11 जो देखकर भी नहीं देखते

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

निबंध से

प्रश्न 1.
‘जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं-हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था?
उत्तर
जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं। हेलेन केलर को ऐसा इसलिए लगता था क्योंकि अकसर आँखों वाले लोग उनसे कहा करते थे कि उन्होंने कुछ खास नहीं देखा। प्रकृति की जो सुंदरती आँखें न होते हुए भी वह महसूस कर लेती थी, जिस जादू के स्पर्श से वह रोमांचित हो जाती थी, उस खूबसूरती को उनके दृष्टिसंपन्न दोस्त देख ही नहीं पाते थे। प्रकृति का जादू हर वक्त उनकी आँखों के सामने होते हुए भी उनके हृदय में कोई रोमांच पैदा नहीं कर पाता था। संभवतः इसके पीछे यही कारण था कि आँखें होते हुए भी वह बहुत कम देखते थे।

प्रश्न 2.
प्रकृति का जादू किसे कहा गया है?
उत्तर
अलग-अलग वृक्षों की अलग-अलग छाल और पत्तियाँ होना, बसंत के मौसम में स्वतः ही ‘कलियों का खिलना, फूलों की पंखुड़ियों की अलग-अलग घुमावदार बनावट और उनकी मुलायम सतह-ये सब प्रकृति का जादू ही है।

प्रश्न 3.
‘कुछ खास तो नहीं-हेलेन की मित्र ने यह जवाब किस मौके पर दिया और यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य क्यों नहीं हुआ ?
उत्तर
हेलेन की मित्र जब जंगल की सैर से वापस लौटी तो हेलेन ने उससे पूछा कि उसने जंगल में क्या देखा। इस पर उनका जवाब था-कुछ खास तो नहीं। हेलेन को यह सुनकर आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि वह इस तरह के जवाबों की आदी हो चुकी थी। अक्सर लोग यह कहा करते थे कि उन्हें कुछ खास नजर नहीं आया।

प्रश्न 4.
हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ के आधार पर इसका उत्तर लिखो।
उत्तर
हेलेन केलर भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को छूकर पहचान लेती थी। वह कलियों और फूलों को उनकी मखमली सतह और घुमावदार बनावट के आधार पर पहचान लेती थी। चिड़िया के मधुर स्वर सुनकर भी वह पहचान लेती थी।

प्रश्न 5.
‘जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इन्द्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता है। तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?
उत्तर
आँखें अनमोल होती हैं। दुनिया की सारी खूबसूरती आँखों से ही है। जीवन के सभी रंग आँखों से ही हैं। आँखें न हों तो जीवन में कभी न समाप्त होने वाला अंधकार छा जाए। आँखें ईश्वर का आशीर्वाद हैं। इनकी सहायता से जीवन में खुशियों के सभी रंग भरे जा सकते हैं। अगर आँखें स्वस्थ हैं तो जीवन की हर खुशी पाई जा सकती है।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
आज तुमने अपने घर से आते हुए बारीकी से क्या-क्या देखा-सुना? मित्रों के साथ सामूहिक चर्चा करो।
उत्तर
आज घर से निकलते ही मैंने गली में कुछ लोगों की भीड़ देखी। वे लोग हाथों में अखबार लिए हुए थे और किसी गंभीर विषय पर चर्चा कर रहे थे। मोड़ पर आकर कुछ देर इंतजार के बाद स्कूल की बस आई। मैं उसमें बैठ गया। सड़क पर आज गाड़ियों की भीड़ ज्यादा थी। चारों ओर हॉर्न का शोर था। लगभग 15 मिनट तक रास्ते में जाम लगा रहा। फिर भीड़ घटी और बस आगे बढ़ी। आगे जाने पर पता चला कोई दुर्घटना हो गई है। एक वाहन उलटा पड़ा था। वहाँ का दृश्य देखकर मन दुखी हो गया। लगभग 10 मिनट बाद मैं विद्यालय पहुँच गया। प्रार्थना की घंटी लग चुकी थी। मैं दौड़ता हुआ कक्षा में गया। अपना बस्ता रखा और पलक झपकते ही प्रार्थना सभा में पहुँच गया। प्रार्थना शुरू हुई धीरे-धीरे मेरे हृदय की हलचल शांत होने लगी।

प्रश्न 2.
कान से न सुन पाने पर आस-पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो और कक्षा में पढ़कर सुनाओ।
उत्तर
कान से न सुन पाने पर आस-पास की दुनिया विचित्र-सी लगती होगी। कही कोई दौड़ता हुआ दिखता होगा, कहीं कोई हाथ हिलाकर कुछ कहता हुआ, कहीं दो लोग आमने-सामने खड़े होकर होंठ हिलाते दिखाई देते होंगे और इन सबका कोई अर्थ समझ में नहीं आता होगा। सारी दुनिया अपनी धुन में लगी नजर आती होगी और इन सबके बीच में न सुन पाने वाला व्यक्ति अलग-थलग, घबराया हुआ-सा दिखाई देता होगा। वह न तो अपनी बात दूसरों को समझा सकता है और न ही दूसरों की बात समझ सकता है, इसलिए वह किसी से घुल-मिल नहीं पाता होगा।

प्रश्न 3.
तुम्हें किसी ऐसे व्यक्ति से मिलने का मौका मिले जिसे दिखाई न देता हो तो तुम उससे सुनकर, सँघकर, चखकर, छूकरे अनुभव की जाने वाली चीज़ों के संसार के विषय में क्या-क्या प्रश्न कर सकते हो? लिखो।
उत्तर
हम उनसे निम्न प्रश्न कर सकते हैं
(क) वे सुनकर कैसे जान जाते हैं कि आवाज किस पक्षी की है?
(ख) वे सँघकर ही कैसे जान लेते हैं कि पास में किसे फूल को वृक्ष है?
(ग) वे स्वाद से किसी खाद्य पदार्थ की पहचान लंबे समय तक कैसे याद रख पाते हैं ?
(घ) वे छूकर कैसे जान लेते हैं कि उनके पास उनका कौन-सा मित्र खड़ा है?

प्रश्न 4.
हमें अपनी पाँचों इंद्रियों में से आँखों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा करते हैं। ऐसी चीज़ों |, के अहसासों की तालिका बनाओ जो तुम बाकी चार इन्द्रियों से महसूस करते हो
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 11 जो देखकर भी नहीं देखते 1

 

उत्तर

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भाषा की बात

प्रश्न 1.
पाठ में स्पर्श से संबंधित कई शब्द आए हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। बताओ कि किन चीज़ों को स्पर्श ऐसा होता है

  1. चिकना ……
  2. चिपचिपा ……
  3. मुलायम ……
  4. खुरदरा ……
  5. सख्त ……
  6. भुरभुरा ……

उत्तर

  1. चिकना घड़ा और फर्श
  2. मुलायम बिस्तर और कपड़ा
  3. सख्त दीवार और लोहा
  4. चिपचिपा तेल और पिघला हुआ गुड़
  5. खुरदरा फर्श और पेड़ की छाल
  6. भुरभुरा रेत और मिट्टी का ढेर

प्रश्न 2.
अगर मुझे इन चीज़ों को छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा।
• ऊपर रेखांकित संज्ञाएँ क्रमशः किसी भाव और किसी की विशेषता के बारे में बता रही हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक कहलाती हैं। गुण और भाव के अलावा भाववाचक संज्ञाओं का संबंध किसी की दशा और किसी कार्य से भी होता है।

भाववाचक संज्ञा की पहचान यह है कि इससे जुड़े शब्दों को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं, देख या छू नहीं सकते। आगे लिखी भाववाचक संज्ञाओं को पढ़ो और समझो। इनमें ये कुछ शब्द संज्ञा और कुछ क्रिया से बने हैं। उन्हें भी पहचानकर लिखो
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उत्तर
मिठास            –                       विशेषण शब्द ‘मीठा’ से बना है।
बुढ़ापा            –                         विशेषण शब्द “बूढ़ा’ से बना है।
ताज़गी            –                        विशेषण शब्द ‘ताजा’ से बना है।
भूख               –                            विशेषण शब्द ‘भूखा’ से बना है।
घबराहट         –                      क्रिया शब्द ‘घबराना’ से बना है।
क्रोध              –                            यह एक भाव वाचक संज्ञा शब्द है।
शांति             –                           यह विशेषण शब्द ‘शांत’ से बना है।
बहना             –                          यह क्रिया शब्द ‘बहाव’ से बना है।
मजदूरी           –                        यह जातिवाचक संज्ञा शब्द ‘मजदूर’ से बना है।
भोलापन          –                       यह विशेषण शब्द “भोला’ से बना है।
फुर्ती               –                            यह एक भाववाचक संज्ञा शब्द है जो
‘फुर्त’               –                            या ‘फुर्तीला’ विशेषण शब्द से बनी
अहसास           –                       यह भी एक भाववाचक संज्ञा शब्द है।

प्रश्न 3.
• मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हूँ।
• उस बगीचे में आम, अमलतास, सेमल आदि तरह-तरह के पेड़ थे।
ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में रेखांकित शब्द देखने में मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ भिन्न हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। वाक्य बनाकर उनका अर्थ स्पष्ट करो
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उत्तर

  • अवधि – राम के वनवास की अवधि चौदह वर्ष थी।
  • अवधी – रामचरित मानस अवधी भाषा में लिखा गया है।
  • में – दूध में पानी मत मिलाओ।
  • में – मैं उसे बहुत अच्छी तरह जानता हूँ।
  • मेल – मित्रों को आपस में मेल से रहना चाहिए।
  • मैल – कपड़ों का मैल साबुन लगाने से जाता है।
  • ओर – सड़क के दोनों ओर छायादार पेड़ है।
  • और – नेहा और अंशु दोनों बहने हैं।
  • दीन – आज दिन बड़ा सुहाना है।
  • दीन – दीनों की सहायता करनी चाहिए।
  • सिल – सिल पर मसाला पीसो।
  • शील – रमेश शील स्वभाव का व्यक्ति है।

अनुमान और कल्पना

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प्रश्न 1.
इस तसवीर में तुम्हारी पहली नज़र कहाँ जाती है?
उत्तर
इस तसवीर में मेरी पहली नज़र आसमान से आ रही रोशनी की तरफ़ जाती है।

प्रश्न 2.
गली में क्या-क्या चीजें हैं?
उत्तर
गली में एक व्यक्ति मोटरसाइकिल लिए जा रहा है। कुछ बच्चे बैठे खेल रहे हैं। एक औरत दिखाई दे रही है। एक साइकिल खड़ी है। गली पक्की है। दूर खड़े एक व्यक्ति अखबार पढ़ रहे हैं। कुछ पौधे भी दिखाई दे रहे हैं।

प्रश्न 3.
इस गली में हमें कौन-कौन-सी आवाजें सुनाई देती होंगी?
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उत्तर
सुबह के वक्त गली में दूधवालों, कबाड़ीवालों, ठेलेवालों, फेरीवालों, मोटरसाइकिल, ओटो रिक्शा और मंदिर की घंटियों की आवाजें एवं लोगों को आपस में बातचीत करने की आवाज़ आदि सुनाई देती है।
दोपहर में फेरीवालों, ठेलेवालों और कबाड़ीवालों तथा स्कूल से वापस आते बच्चों की आवाज़ सुनाई देती है।
शाम के वक्त साइकिल की घंटियों, वाहनों का शोर, रेडियो के गाने और बच्चों के खेलने की आवाजें सुनाई देती हैं।
रात के समय आते-जाते लोगों की आवाज़, कुत्तों के भौंकने की आवाज, चौकीदार के जागते रहो और पुलिस गाड़ी के सायरन की आवाज़ सुनाई देती होंगी।

प्रश्न 4.
अलग-अलग समय में ये गली कैसे बदलती होगी?
उत्तर
रात के समय सुनसान रहती होगी तथा सुबह-शाम चहल-पहल रहती होगी।

प्रश्न 5.
ये तारें गली को कहाँ-कहाँ से जोड़ती होंगी?
उत्तर
बिजली की तारें गली को ट्रांसफार्मर से जोड़ती होंगी। इसके अलाव दूरभाष व केवल की तारें भी होंगी। दूरभाष की तारें मुख्य दूरभाष बॉक्स से जुड़ती होंगी, वहाँ से दूरभाष केंद्र से संपर्क स्थापित होता है। इसके अलावे, केबल की तारें, टी० वी० टॉवर एवं ‘डिश एंटिना’ से जाकर मिलती होंगी।

प्रश्न 6.
साइकिलवाला कहाँ से आकर कहाँ जा रहा होगा?
उत्तर
साइकिलवाला घर से आकर ऑफ़िस जा रहा होगा।

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व

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BoardCBSE
TextbookNCERT
ClassClass 6
SubjectHindi Vasant
ChapterChapter 5
Chapter Nameअक्षरों का महत्व
Number of Questions Solved16
CategoryNCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

निबंध से 

प्रश्न 1.
पाठ में ऐसा क्यों कहा गया है कि अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई?
उत्तर
अक्षरों की खोज के बाद विचारों को लिखने की प्रक्रिया आरंभ हुई। अपने पूर्वजों के ज्ञान और अनुभव आने वाली पीढ़ियों को लिखित रूप में प्राप्त होने लगे। इससे उनके विकास की गति तेज हुई। इतिहास का आरंभ हुआ। मनुष्य सभ्य कहलाने लगा। इस प्रकार एक नए युग की शुरुआत हुई।

प्रश्न 2.
अक्षरों की खोज का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ? पाठ पढ़कर उत्तर लिखो।
उत्तर
सबसे पहले प्रागैतिहासिक मानव ने अपने भावों को व्यक्त करने के लिए चित्र-संकेतों का सहारा लिया। ये चित्र संकेत बाद में भाव संकेतों में बदल गए। जैसे एक गोले के चारों ओर रेखाएँ खींच कर बनाया गया सूर्य का चित्र ताप और धूप दर्शाने लगा। | भाव को व्यक्त करने का यह प्रयास आगे चल कर अक्षरों की खोज में परिणत हुआ। यह खोज मुश्किल से छह हजार साल पुरानी है।

प्रश्न 3.
अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाने के लिए किन-किन माध्यमों का सहारा लेता था?
उत्तर
अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य चित्र संकेतों के सहारे अपने भाव व्यक्त करता था। इन्हीं चित्र संकेतों के माध्यम से वह दूर-दराज के इलाकों तक अपनी बात पहुँचाया करता था। जैसे पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। बाद में इन चित्रों ने भाव संकेतों का रूप ले लिया और मनुष्य इनके माध्यम से अपनी बात पहुँचाने लगा।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
अक्षरों के महत्त्व की तरह ध्वनि के महत्व के बारे में जितना जानते हो, लिखो।
उत्तर
अक्षरों द्वारा लिखकर अपने भाव व्यक्त किए जाते हैं, जबकि ध्वनि द्वारा बोलकर। मौखिक भाषा का आधार ध्वनि ही है। पहले ध्वनि पैदा हुई, उसके बाद अक्षर। ध्वनि के बल पर ही अनपढ़ व्यक्ति भी विचार-विनिमय कर लेता है। अतः ध्वनि ही अभिव्यक्ति का मूल आधार है। अक्षर ध्वनि का ही अनुकरण है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अक्षर और ध्वनि भाषा के दोनों रूपों-लिखित और मौखिक भाषा के आधार स्तंभ हैं। अक्षरों के बिना लिखा नहीं जा सकता और ध्वनियों के बिना बोलने की कल्पना नहीं की जा सकती है।

प्रश्न 2.
मौखिक भाषा का जीवन में क्या महत्त्व होता है? इस पर शिक्षक के साथ कक्षा में बातचीत करो।
उत्तर
मौखिक भाषा भावों को व्यक्त करने का मुख्य साधन है। यदि हम अपने प्रतिदिन के व्यवहार पर नजर डालें, तो पाएँगे कि असंख्य बार मौखिक भाषा के प्रयोग द्वारा अक्षरों का महत्त्व ही अपनी बात हम दूसरों तक पहुँचाते हैं। मौखिक भाषा द्वारा बोलकर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात दूसरों को बताई जा सकती है। इसके प्रयोग के बिना हम किसी मूक और बधिर व्यक्ति के ही समान हैं, जो बोल-सुन नहीं सकता। मौखिक भाषा की महत्ता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि हर बात लिखकर नहीं बताई जा सकती। इसके अतिरिक्त लिखित भाषा का प्रयोग सीखने में समय लगता है, जबकि मौखिक भाषा का प्रयोग तो संसार का प्रत्येक बच्चा तब से करता है, जब वह बोलना शुरू करता है।

प्रश्न 3.
हर वैज्ञानिक खोज के साथ किसी-न-किसी वैज्ञानिक का नाम जुड़ा होता है, लेकिन अक्षरों के साथ ऐसा नहीं है, क्यों? पता करो और शिक्षक को बताओ।
उत्तर
हर वैज्ञानिक खोज किसी न किसी खास वैज्ञानिक की देन है, इसलिए उसके साथ उस वैज्ञानिक का नाम जुड़ा है। परंतु अक्षरों की खोज किसी व्यक्ति विशेष की देन नहीं है। यह मानव जाति के सम्मिलित प्रयास का परिणाम है। अक्षरों की खोज एक दिन में नहीं हुई, इसका क्रमिक विकास हुआ। मानव जाति ने कई असफल प्रयासों के बाद धीरे-धीरे अक्षरों का निर्धारण किया और उसका प्रयोग सीखा।

प्रश्न 4.
एक भाषा को कई लिपियों में लिखा जा सकता है। उसी तरह कई भाषाओं को एक ही लिपि में लिखा जा सकता है। नीचे एक ही बात को अलग-अलग भाषाओं में लिखा गया है। इन्हें ध्यान से देखो और इनमें दिए गए वर्गों की मदद से कोई नया शब्द बनाने की कोशिश करो
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व 1
उत्तर
नदिया, नया, नशा, दिया, नक्शा, दिशा आदि।
अन्य शब्द ‘छात्र’ स्वयं बनाएँ।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
पुराने ज़माने के लोग यह क्यों सोचते थे कि अक्षर और भाषा की खोज ईश्वर ने की थी? अनुमान लगाओ और बताओ।
उत्तर
पुराने जमाने के लोग नहीं जानते थे कि अक्षरों की खोज किसने की है। ईश्वर में उनकी आस्था थी। वे ईश्वर को सर्वशक्तिमान मानते थे। यही कारण है कि जिस चीज की उत्पत्ति के विषय में वह कुछ नहीं जानते थे, उसे ईश्वर की देन मान लेते थे।

प्रश्न 2.
अक्षरों के महत्त्व के साथ ही मनुष्य के जीवन में गीत, नृत्य और खेलों का भी महत्त्व है। कक्षा में समूह में बातचीत करके इनके महत्त्व के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और कक्षा में प्रस्तुत करो।।
उत्तर
गीत-संगीत, नृत्य और खेल मन बहलाव के साधन हैं। गीत और नृत्य तो किसी समाज की लोक संस्कृति को भी प्रदर्शित करते हैं। इनसे और खेलों के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों का व्यायाम भी होता है। ये शरीर और मस्तिष्क के विकास में सहायक होते हैं। ये मनुष्य को भावनात्मक रूप से मजबूत भी बनाते हैं। इनके बिना जीवन
नीरस और उबाऊ हो जाएगा। इस प्रकार हमें इनके महत्त्व का पता चलता है।

प्रश्न 3.
क्या होता अगर….
(क) हमारे पास अक्षर न होते
(ख) भाषा न होती
उत्तर
(क) यदि हमारे पास अक्षर न होते तो आज हम इतने विकसित न होते। हमें हमारे इतिहास का कुछ पता नहीं होता। हमारे पूर्वजों ने कब, किस दौर में, कैसे अपना जीवनयापन किया-हम नहीं जान पाते। उनके विचार, ज्ञान और अनुभव का लाभ भी हमें नहीं मिल पाता। मानव जाति का विकास अवरुद्ध हो जाता और हम वहाँ तक नहीं पहुँच पाते, जहाँ आज हैं।

(ख) भाषा भावों को प्रकट करने का साधन है। यदि भाषा न होती, तो मन के भावों को व्यक्त करने का माध्यम न मिलता। लोग एक दूसरे को अपनी बात कह नहीं पाते और उनमें अलगाव बना रहता। जैसे पशु साथ रह कर भी अलग रहते हैं, वैसी ही स्थिति मनुष्य की भी होती।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरुआत या आदि न हो। | यह शब्द मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बना है। इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग करके मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो
असफल                        अदृश्य
अनुचित                        अनावश्यक
अपरिचित                      अनिच्छा
उत्तर
शब्द                        उपसर्ग                     मूल शब्द                                     अर्थ
असफल                     अ                            सफल                         जिसे सफलता न मिली हो
अनुचित                     अन्                          उचित                             जो ठीक (उचित) न हो
अपरिचित                   अ                           परिचित                       जिसे हम जानते-पहचानते न हों
अदृश्य                       अ                             दृश्य                                    जो दिखाई न दे
अनावश्यक                अन्                       आवश्यक                                जो जरूरी न हो।
अनिच्छा                    अन्                            इच्छा                                   बिना रुचि के

प्रश्न 2.
वैसे तो संख्याएँ संज्ञा होती हैं पर कभी-कभी ये विशेषण का काम भी करती हैं, जैसे नीचे लिखे वाक्य में|
• हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
• कोई दस हज़ार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश ‘साल’ संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी दे रहे हैं, इसलिए संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण का इस्तेमाल उन्हीं चीज़ों के लिए होता है जिन्हें गिना जा सके, जैसे-चार संतरे, पाँच बच्चे, तीन शहर आदि। पर यदि किसी चीज़ को गिना नहीं जा सकता तो उसके साथ संख्या वाले शब्दों के अलावा मापतोल आदि के शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है
तीन जग पानी
एक किलो चीनी
यहाँ रेखांकित हिस्से परिमाणवाचक विशेषण हैं क्योंकि इनका संबंध मापतोल से है। अब आगे लिखे हुए को पढ़ो। खाली स्थानों में बाक्स में दिए गए मापतोल के उचित शब्द छाँटकर लिखो।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व 2
तीन ………... खीर
दो ………… जमीन
छह …………… कपड़ा
एक …………….. रेत ।
दो ……………. कॉफी
पाँच …………… बाजरा
एक …………… दूध
तीन ………….. तेल
उत्तर
तीन कटोरी खीर
दो एकड़ ज़मीन
छह मीटर कपड़ा
एक ट्रक रेत
दो प्याला कॉफी
पाँच किलो बाजरा
एक लीटर दूध
तीन चम्मच तेल

कुछ करने को

प्रश्न 1
अपनी लिपि के कुछ अक्षरों के बारे में जानकारी इकट्ठी करो
(क) जो अब प्रयोग में नहीं रहे।
(ख) प्रचलित नए अक्षर जो अब प्रयोग में आ गए हैं।
उत्तर
अक्षर जो अब प्रयोग में नहीं रहे
(क) म्र, रव, राा, झ
प्रचलित नए अक्षर
(ख) अ, ख, ण, झ। इसके अतिरिक्त अंग्रेजी के शब्दों को हिंदी में लिखने के लिए
ऑ का प्रयोग होने लगा है।
जैसे-डॉक्टर । और उर्दू के शब्दों के लिए वर्गों के नीचे नुक्ता लगाया जाने लगा है। जैसे-इज्ज़त।

प्रश्न 2.
लिखित और मौखिक भाषा के हानि-लाभ के बारे में दोस्तों के बीच चर्चा करो।
उत्तर
लिखित भाषा लिखी जाती है। यह लंबे समय तक सुरक्षित रहती है। इसके माध्यम से इतिहास का पता चलता है। ज्ञान का प्रचार-प्रसार भी इसी के द्वारा होता है परंतु इसे सीखने में समय लगता है और इसके लिए एकाग्र होना पड़ता है। फिर भी इसका प्रयोग दैनिक जीवन में बहुत अधिक होता है।

मौखिक भाषा का प्रयोग हम अपने दैनिक कार्यों में करते हैं। इसे सीखना सरल भी होता है। बच्चा माता-पिता का वार्तालाप सुनकर ही भाषा का प्रयोग करना सीख लेता है परंतु मौखिक भाषा का क्षेत्र सीमित होता है। यह दो व्यक्तियों के बीच भावों को आदान-प्रदान कर सकती है परंतु दो पीढ़ियों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान करना, इसके माध्यम से संभव नहीं है। यद्यपि आधुनिक युग में टेपों और सी.डी. के माध्यम से मौखिक भाषा भी संजोकर रखी जाने लगी है।

प्रश्न 3.
अक्षर ध्वनियों (स्वरों और व्यंजनों) के प्रतीक होते हैं। उदाहरण के लिए हिंदी’, ‘उर्दू और ‘बाँग्ला’ आदि शब्दों में प्रत्येक अक्षर के लिए उसकी ध्वनि निर्धारित है। कुछ चित्रों से भी संकेत व्यक्त होते हैं। नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं। उनसे क्या संकेत व्यक्त होते हैं, बताओ।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व 3
उत्तर
आगे स्कूल होने तथा धीरे चलें का संकेत है।
सर्किल या गोल चक्कर का संकेत है।
दाएँ मुड़ने का संकेत है।
बाएँ मुड़ने का संकेत है।

प्रश्न 4.
अपने आस-पास के किसी मूक-बधिर बच्चों के स्कूल में जाकर कुछ समय बिताओ और अपने अनुभव लिखो।
उत्तर
छात्र शिक्षक के साथ किसी मूक-बधिर बच्चों के स्कूल की यात्रा करें और अपने अनुभव लिखें।

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 17 साँस-साँस में बाँस

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BoardCBSE
TextbookNCERT
ClassClass 6
SubjectHindi Vasant
ChapterChapter 17
Chapter Nameसाँस-साँस में बाँस
Number of Questions Solved13
CategoryNCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 17 साँस-साँस में बाँस

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

निबंध से 

प्रश्न 1.
बाँस को बूढ़ा कब कहा जा सकता है। बँढे बाँस में कौन सी विशेषता होती है जो युवा बाँस में नहीं पाई जाती?
उत्तर
तीन वर्ष तक की ऊपर की आयु वाले बाँस को बूढ़ा बाँस कहा जा सकता है। बूढ़े बाँस की विशेषता यह है कि वह बहुत सख्त होता है और जल्दी टूट जाता है। जबकि युवा बॉस मुलायम होती है। उसे सामान बनाने के लिए किसी भी तरह मोड़ा जा सकता है।

प्रश्न 2.
बाँस से बनाई जाने वाली चीज़ों में सबसे आश्चर्यजनक चीज़ तुम्हें कौन सी लगी और क्यों?
उत्तर
बॉस से बनाई जाने वाली चीज़ों में सबसे आश्चर्यजनक मुझे मछली पकड़ने वाला जाल ‘जकाई’ लगा। इसकी बुनावट अत्यंत कठिन लगती है और इसमें मछलियाँ जिस तरह हँसाई जाती हैं, वह भी बहुत आश्चर्यजनक है।

प्रश्न 3.
बॉस की बुनाई मानव के इतिहास में कब आरंभ हुई होगी?
उत्तर
बॉस की बुनाई मानव इतिहास में तब प्रारंभ हुई होगी, जब मनुष्य घूम-घूम कर भोजन एकत्र किया करता था। भोजन एकत्र करने के लिए किसी डलियानुमा वस्तु की जरूरत महसूस होने पर उसने बाँस की बुनाई शुरू की होगी और बाद में धीरे-धीरे इससे और भी कलात्मक चीजें बनाना शुरू किया होगा।

प्रश्न 4.
बाँस के विभिन्न उपयोगों से संबंधित जानकारी देश के किस भू-भाग के संदर्भ में दी गई है? एटलस में देखो।
उत्तर
बाँस भारत के कई हिस्सों में बहुतायत में होता है विशेषतः उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों में। इन राज्यों के नाम हैं-अरुणांचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
बाँस के कई उपयोग इस पाठ में बताए गए हैं, लेकिन बाँस के उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है। नीचे दिए गए शब्दों की मदद से तुम इस दायरे को पहचान सकते हो

  1. संगीत
  2. प्रकाशन
  3. एक नया संदर्भ
  4. मच्छर
  5. फर्नीचर

उत्तर

  1. संगीत  –  संगीत के लिए विभिन्न आकार-प्रकार की बाँसुरियाँ बनाई जाती हैं।
  2. मच्छर  –  मच्छरदानी लगाने के लिए बाँस की छड़ी बनाई जाती है।
  3. प्रकाशन  –  प्रकाशन के लिए बाँस से कागज बनाया जाता है।
  4. फर्नीचर  –  घर को सजाने के लिए बाँस का फर्नीचर बनाया जाता है।
  5. एक नया संदर्भ  –  बॉस से बरतन, औजार, टोकरी, मकान, टोपी, अचार इत्यादि बनाए जाते हैं।

प्रश्न 2.
इस लेख में दैनिक उपयोग की चीजें बनाने के लिए बाँस का उल्लेख प्राकृतिक संसाधन के रूप में हुआ है। नीचे दिए गए प्राकृतिक संसाधनों से दैनिक उपयोग की कौन-कौन सी चीजें बनाई जाती हैं
प्राकृतिक संसाधन दैनिक उपयोग की वस्तुएँ
चमड़ा
घास के तिनके
पेड़ के छाल
गोबर
मिट्टी
इनमें से किन्हीं दो या दो प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कोई एक चीज़ बनाने का तरीका अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर
चमड़ा  –  जूता, बैग, पर्स, बेल्ट, जैकेट, बहुमूल्य वस्तुओं की कवर आदि।
घास के तिनके  –  चटाई, खिलौना, टोकरी इत्यादि।
गोबर  –  उपले, घर की लिपाई-पुताई, खाद, इत्यादि।
पेड़ की छाल  –  कागज, अगरबत्ती, वस्त्र इत्यादि।
मिट्टी  –  बरतन, मकान, खिलौना, गुल्लक, इत्यादि।

प्रश्न 3.
जिन जगहों की साँस में बाँस बसा है, अखबार और टेलीविजन के ज़रिये उन जगहों की कैसी तसवीर तुम्हारे मन में बनती है?
उत्तर
साँस में बाँस बसे होने का अर्थ है बॉस पर ही जीवन निर्भर होना। इस बात को समझने के लिए हमें उन जगहों की यात्रा करनी होगी जहाँ बाँस का उद्योग फल-फूल रहा है। उनके इलाकों में हर तरफ बॉस के झुरमुट या बाड़ियाँ नजर आती हैं। लोग बॉस के बने घरों में रहते हैं, बाँस की बनी टोपियाँ पहनते हैं। उनके फर्नीचर, बरतन, औजार और कुछ खाद्य पदार्थ भी बाँस के बने होते हैं। बाँस पर ही उनका रोजगार भी टिका है। बाँस की बनी वस्तुएँ वे बाजार में बेचते हैं, जैसे-टोकरी, जाल, चटाई, खिलौने आदि। उनके घरों के आस-पास बाँस की चीरी हुई खपच्चियाँ बिखरी दिखाई देती हैं। अगर बाँस न हो, तो उनकी रोजी-रोटी खतरे में पड़ जाएगी। वे अपनी अधिकांश आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाँस पर निर्भर रहते हैं।

अनुमान और कल्पना

इस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है। जैसेछोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है या फिर धीरे-थीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है। कि वे एक शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गॅथी हुई होती हैं।
इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज़ लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचो
(क) बॉस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा कैसा दिखाई देता
(ग) इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे क्यों चलना पड़ता है।
उत्तर
(क) शंकु के आकार के जाल में छोटी मछलियाँ अधिक और शीघ्रता से फँस जाती हैं। इस जाल को ‘जकाई’ कहा जाता है।
(ख) जब शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा चौड़ा दिखाई देता है।
(ग) जाल में मछलियों की संख्या अधिक होने के कारण मछलियों के भार से जाल टूट जाने का डर रहता है। इसलिए इस जाल से मछलियों को पकड़ने वालों को धीरे-धीरे चलना पड़ता है। तेज़ चलने से मछलियाँ जाल में टकराएँगी और वे वापस जलस्रोत की ओर जा सकती हैं?

शब्दों पर गौर

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 17 साँस-साँस में बाँस 1

इन वाक्यांशों का वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर

  • चित्रकार के हाथों की कलाकारी उसके चित्रों में दिखती है।
  • लगता है कि यह आड़ा-तिरछा चित्र किसी बच्चे ने बनाया है।
  • आज यहाँ घनघोर बारिश हुई है।
  • यह डलियामा टोकरी बाँस की बनी है।
  • भारत में बुनाई का सफर प्राचीन काल से चला आ रहा है।
  • आपके कहे मुताबिक मैंने अपना काम कर दिया है।

व्याकरण

प्रश्न 1.
‘बुनावट’ शब्द ‘बुन’ क्रिया में ‘आवट’ प्रत्यय जोड़ने से बनता है। इसी प्रकार नुकीला,
दबाव, घिसाई भी मूल शब्द में विभिन्न प्रत्यय जोड़ने से बने हैं। इन चारों शब्दों में प्रत्ययों को पहचानो और उनसे तीन-तीन शब्द और बनाओ। इन शब्दों का वाक्यों में भी प्रयोग करो
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 17 साँस-साँस में बाँस 2
उत्तर
बुन + आवट = बुनावट, ऐसे तीन अन्य शब्द
लिखावट  –  तुम्हारी लिखावट अच्छी है।
रुकावट  –  रास्ते की रुकावट से डरना नहीं चाहिए।
सजावट  –  तुम्हारे घर की सजावट बहुत अच्छी है।

नोक + इला = नुकीला, ऐसे तीन अन्य शब्द
पथरीला  –  ऐसा पथरीला रास्ता मैंने अब तक नहीं देखा था।
चमकीला  –  यह नकली मोती अधिक चमकीला है।
भड़कीला  –  ऐसा भड़कीला वस्त्र पहनकर मंदिर जाना ठीक नहीं रहेगा।

देब + आव = दबाव, ऐसे तीन अन्य शब्द
बहाव  –  इधर पानी का बहाव तेज है।
ठहराव  –  उसके जीवन में ठहराव आ गया है।
जमाव  –  डल झील में पानी का जमाव देखने लायक है।

घिस + आई = घिसाई, ऐसे तीन अन्य शब्द
लिखाई  –  उसे निबंध लिखाई के पैसे मिलते हैं।
पिसाई  –  चक्की पर गेहूँ की पिसाई होती है।
रिहाई  –  आज उसकी रिहाई होने वाली है।

प्रश्न 2.
नीचे पाठ से कुछ वाक्य दिए गए हैं

  1. वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब है।
  2. हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों का ही ज़िक्र कर पाए हैं।
  3. उदाहरण के लिए आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हर एक गठान से काटा जाता है।
  4. खपच्चियों से तरह-तरह की टोपियाँ भी बनाई जाती है।
    रेखांकित शब्दों को ध्यान में रखते हुए इन बातों को अलग ढंग से लिखो।

उत्तर

  1. वहाँ बाँस की चीजें बहुत बनती हैं।
  2. उदाहरण के लिए आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हर एक गाँठ से काटा जाता है।
  3. हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों की ही चर्चा कर पाए हैं।
  4. खपच्चियों से कई प्रकार की टोपियाँ बनाई जाती हैं।

प्रश्न 3.
तर्जनी हाथ की किस उँगली को कहते हैं? बाकी उँगलियों को क्या कहते हैं। सभी उँगलियों के नाम अपनी भाषा में पता करो और कक्षा में अपने साथियों और शिक्षक को बताओ।
उत्तर
अँगूठे के बगल वाली हाथ की उँगली को तर्जनी कहते हैं। बाकी उँगलियों को अंगुष्ठा, | तर्जनी, मध्यमा, अनामिको, कनिष्ठा कहते हैं।

प्रश्न 4.
अंगुष्ठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा-ये पाँच उँगलियों के नाम हैं। इन्हें पहचान कर सही क्रम में लिखो।
उत्तर
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 17 साँस-साँस में बाँस 3

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 2 बचपन

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BoardCBSE
TextbookNCERT
ClassClass 6
SubjectHindi Vasant
ChapterChapter 2
Chapter Nameबचपन
Number of Questions Solved15
CategoryNCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 2 बचपन

प्रश्न-अभ्यास
( पाठ्यपुस्तक से)

संस्मरण से

प्रश्न 1.
लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थी?
उत्तर
लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोजे धोती थी। फिर जूते पॉलिश करके उसे कपड़े या ब्रुश से रगड़कर चमकाती थी।

प्रश्न 2.
‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है-इस बात के लिए लेखिका क्या-क्या उदाहरण देती हैं?
उत्तर
लेखिका अपने समय से आज के समय की दूरी को दर्शाने के लिए कई उदाहरण देती हैं। वे कहती हैं कि उन दिनों रेडियो और टेलीविजन की जगह ग्रामोफोन हुआ करता था। उस समय की कुलफी आज आइसक्रीम हो गई है, कचौड़ी और समोसा अब पैटीज में और शरबत कोल्डड्रिंक में बदल गए हैं। उनके समय में कोक नहीं, लेमनेड, विमडो मिलती थी।

प्रश्न 3.
पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा ? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे?
उत्तर
लेखिका को रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण चश्मा लगाना पड़ा। उनके चचेरे भाई ने चश्मा लगाने पर उन्हें छेड़ते हुए कहा आँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की।

प्रश्न 4.
लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन सी चीजें मजा ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।।
उत्तर
लेखिका रात में सोते समय चॉकलेट मजा ले-लेकर खाती थी। इसके अतिरिक्त उसे चेस्टनट, चनाजोर गरम और अनारदाने का चूर्ण भी बहुत पसंद था। फलों में शिमला के खट्टे-मीठे का काफल, रसभरी, कसमल भी उसे खूब पसंद थे।

संस्मरण से आगे

प्रश्न 1.
लेखिका के बचपन में हवाई जहाज़ की आवाजें, घुड़सवारी, ग्रामोफ़ोन और शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें थीं। आज क्या-क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें तुम्हें आकर्षित करती हैं ? उनके नाम लिखो।।
उत्तर
आज की आश्चर्यजनक आधुनिक चीजों में मुख्य हैं-टेलिविजन, कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल, मेट्रो ट्रेन, रोबोट इत्यादि।

प्रश्न 2.
अपने बचपन की कोई मनमोहक घटना याद करके विस्तार से लिखो।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
सन् 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुज़रा। उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो।
उत्तर
सन् 1935-40 के शिमला का जो चित्र लेखिका ने अपने संस्मरण में खींचा है, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि शिमला उस वक्त भी बहुत खूबसूरत शहर रहा होगा। छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा शहर, चढ़ाई चढ़कर गिरजा मैदान पहुँचना और उतरकर माल जाना, यह सब सुखद लगते होंगे। शाम के धुंधलके में गहराते पहाड़, रिज पर बढ़ती रौनक, माल के दुकानों की चमक और स्कैंडल प्वांइट-ये सब शिमला की खूबसूरती की झलक दिखाते हैं।

प्रश्न 2.
लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया है। अनुमान लगाओ कि सरवर कौन हो
सकता है?
उत्तर
लेखिका ने अपने संस्मरण में दो बार सरवर का नाम लिया है। इसके अतिरिक्त उसे व्यक्ति के लिए किसी अन्य संबोधन का प्रयोग नहीं है। अतः संभव है कि सरवर कोई
पत्रकार या उनकी जीवनी के लेखक रहे हों, जिन्हें वह अपना जीवनवृत्त सुना रही है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।
उत्तर
क्रिया                             भाववाचक संज्ञा
दमकना                             दमक
लिखना                             लिखाई
घटाना                               घटाव
सजाना                             सजावट
गाना                                  गान
सोचना                                सोच
दौड़ना                                दौड़
पीना                                   पान
पहनना                             पहनावा

प्रश्न 2.
चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इनमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
(घ) सभी लोग हँस रहे है।
(ङ) तुम्हारा नाम बहुत सुन्दर है।
उत्तर
(क) दो दर्जन = निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) दो किलो = निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(ग) कुछ = अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(घ) सभी = अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(ङ) (i) तुम्हारा = सार्वनामिक विशेषण
(ii) बहुत = अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(iii) सुंदर = गुणवाचक विशेषण

प्रश्न 3.
कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थी।
इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
उत्तर
पाठ से लिए गए पाँच सार्वनामिक विशेषण
अपने बचपन                 तुम्हारी दादी               हमारे-तुम्हारे बचपन
हमारा घर                       उन दिनों                            मेरे चेहरे

कुछ करने को

प्रश्न 1.
अगर तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाए तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते समय किन बातों का ध्यान रखोगे ? अपनी कल्पना से पोशाक का डिज़ाइन बनाओ।
उत्तर
छात्र स्वयं अपनी कल्पना से उत्तर दें।

प्रश्न 2.
तीन-तीन के समूहों में अपने साथियों के साथ कपड़ों के नमूने इकट्ठा करके कक्षा में बताओ। इन नमूनों को छूकर देखो और अंतर महसूस करो। यह भी पता करो कि कौन-सा कपड़ा किस मौसम में पहनने के लिए अनुकूल है ?
उत्तर
छात्र-सूती, ऊनी, रेशमी और खादी के कपड़ों के नमूने लेकर उनकी विशेषता बताने का प्रयास करें। गर्मियों में सूती कपड़े आरामदायक होते है और सर्दियों मे ऊनी। रेशमी वस्त्र हलकी गर्मी तथा हलकी सर्दी में पहने जा सकते हैं।

प्रश्न 3.
हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता करो। संभव हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर भी जानकारी इकट्ठी करो।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.
हमारे देश में तरह-तरह के भोजन, तरह-तरह की पोशाकें प्रचलित हैं। कक्षा के बच्चे और शिक्षक इनके विविध रूपों के बारे में बातचीत करें।
उत्तर
शिक्षक से बातचीत दूद्वारा बच्चे यह जानने का प्रयास करें कि भारत के विभिन्न भागों में किस तरह के खाद्य पदार्थ और पहनावे प्रचलित हैं।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 Struggle for Equality

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BoardCBSE
TextbookNCERT
ClassClass 7
SubjectSocial Science Civics
ChapterChapter 10
Chapter NameStruggle for Equality
Number of Questions Solved11
CategoryNCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 Struggle for Equality

INTEXT QUESTIONS

Question 1.
What do you think is meant by the expression ‘power over the ballot box’? Discuss.                (NCERT Page 115)
Answer.
By the expression “power over the ballot box” we mean that every adult citizen has great power in the right to vote.

  1. By voting people elect or replace their representatives. So the elected representatives have to work for the welfare of the people. Otherwise, they may be replaced.
  2. The ballot box provides the equality that vote of one person, rich or poor, is as good as of any other.

Question 2.
Can you think of one person in your family, community, village, town, or city whom you respect because of their fight for equality and justice? (NCERT Page 116)
Answer.
Students to answer themselves.

Question 3.
What issue is the Tawa Matsya Sangh (TMS) fighting for? (NCERT Page 118)
Answer.
Issue of their right of fish caught in the Tawa Reservoir.

Question 4.
Why did the villagers set up this organisation? (NCERT Page 118)
Answer.
To fight for the right to fish caught in the Tawa Reservoir and the right to equality.

Question 5.
Do you think that the large-scale participation of villagers has contributed to the success of the TMS? Write two lines on why you think so? (NCERT Page 118)
Answer.

  1. The villagers rose against the high-handedness of the contractors.
  2. They caused chakka jam and forced the government of Madhya Pradesh to form a committee.
  3. The committee recommended their right to catch fish in the Tawa Reservoir.
  4. Now they manage a cooperative for organized working.

Question 6.
Can you think of an incident in your life in which one person or a group of people came together to change an unequal situation? (NCERT Page 119)
Answer.
Yes. In our village Dalits organized and obtained their right to send their children to school where students from all castes and religions study together.

Question 7.
What is your favourite line in the song given on page 120? (NCERT Page 120)
Answer.
My hunger has the right ……….. to know why grain rot in godowns.

Question 8.
What does the poet mean when he says, “My hunger has the right to know”? (NCERT Page 120)
Answer.
By these lines, the poet means that the victim should have the right to know the cause of his sufferings. As why grain is rotting in the godowns and the poor are hungry.

Question 9.
Can you share with your class a local song or a poem on the dignity that is from your area? (NCERT Page 120)
Answer.
Yes. The student to do it themselves.

Question 10.
What role does the Constitution play in people’s struggles for equality?
(NCERT Page 121)
Answer.
Indian Constitution recognises the equality of all. Constitution helps people in their struggle for equality through laws and through government schemes

  1. Every person is equal before the law
  2. No one is discriminated against on the basis of religion caste race or gender
  3. Everyone has access to all public places
  4. Untouchability is abolished

Question 11.
Can you make up a social advertisement on equality? You can do this in small groups. (NCERT Page 121)
Answer.
Yes, do it yourself with the help of your teacher.
Note: There are no textual questions in this chapter.

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