A Visit to Cambridge Summary in English by Firdaus Kanga

We have decided to create the most comprehensive English Summary that will help students with learning and understanding.

A Visit to Cambridge Summary in English by Firdaus Kanga

Author NameFirdaus Kanga
Born1960 (age 60 years), Mumbai
DiedJul 31, 1991.
NationalityBritish, Indian
MoviesSixth Happiness
A Visit to Cambridge Summary by Firdaus Kanga
A Visit to Cambridge Summary by Firdaus Kanga

A Visit to Cambridge Summary in English

This is the story of a meeting between two disabled people. Both were extraordinary in their fields. Stephen Hawking is a great scientist though he suffers from paralysis. He is confined to a wheelchair and he can speak only with the help of a computer. Firdaus Kanga, the writer and journalist from Mumbai was bom with very weak and easily breakable bones. He too moves around in a wheelchair. He meets Hawking in England. The two had discussed how the so called normal people should look at the disabled.

The writer, Firdaus, was on a walking tour through Cambridge to UK. His guide told him about Stephen Hawking who was occupying Newton’s chair at the university. But Hawking was a disabled fellow. He wrote A Brief History of Time’, one of the bestsellers.

Firdaus phoned Hawking that he was from India and wanted to meet him and write about his travels in Britain. Hawking agreed to see him for half an hour. The thought of meeting somebody like him in a wheelchair, gave Firdaus courage. Both of them were disabled. Their bodies were disintegrating. Hawking had a little switch in his hand. He was able to move his finger to find the words on his computer. He felt exhausted very often. But his mind was brilliant and bubbling with thoughts.

Firdaus remarked that people often thought that disabled people were unhappy people. Hawking said that it was an amusing attitude. He admitted that he felt annoyed when another disabled person came and disturbed him in his work. The body in his case was just a box for the brilliant mind and soul. He did not see anything good about being disabled.

Seeing the poor condition of the great scientist, Firdaus felt great relief even though he could neither walk nor even stand. Hawking did not like the idea of the disabled Olympics. He thought that it was a waste of time. His advice to the disabled people was that they should concentrate on what they were good at.

Hawking made Firdaus spend one hour instead of half an hour with him, have tea and see his garden. He went about in his motorised wheelchair. Then the time came to depart. Firdaus got up to take leave of him. He could neither kiss Hawking nor cry. But he was convinced that the paralytic scientist was a symbol of bravery.

A Visit to Cambridge Summary in Hindi

यह पाठ दो विकलांग व्यक्तियों के मिलने का विवरण देता है। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में असाधारण थे। स्टीफेन हाकिंग एक महान वैज्ञानिक हैं यद्यपि वह पक्षाघात से प्रभावित हैं। वह अपनी पहियों वाली गाड़ी में ही आ-जा पाते हैं। वह एक कम्प्यूटर की मदद से ही अपनी बात कह सकते हैं। फिरदौस कंग मुम्बई स्थित लेखक और पत्रकार हैं। वह जन्म से ही कमजोर तथा भंगुर हडिड्यों वाले हैं। वह भी व्हील कुर्सी पर चल-फिर पाते है। उनकी हाकिंग से भेंट इंग्लैण्ड में होती है। ये दो महान हस्तियाँ विचार विमर्श करते हैं कि सामान्य लोगों का विकलांगों के प्रति क्या दृष्टिकोण होता है।

फिरदोस कैम्ब्रिज होते हुए इंग्लैण्ड का सैर करने गये थे। उनके गाइड ने उन्हें स्टीफन हाकिंग के बारे में बताया जो विश्वविद्यालय में न्यूटन की जगह पर काम कर रहे थे। परन्तु, हाकिंग विक्लांग व्यक्ति थे। उन्होंने ‘समय का इतिहास’ नामक पुस्तक लिखी थी जो सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों में एक थी।

फिरदोस ने हाकिंग को फोन करके बताया कि वह भारत से आएं हैं और उनसे मिलना चाहते हैं एवं इंग्लैण्ड यात्रा पर पुस्तक लिखना चाहते हैं। हाकिंग ने उन्हें आधा घंटे का समय वार्तालाप के लिये दिया। उस जैसे व्हील चेहर पर बैठे व्यक्ति से मिलने के विचार से फिरदोस का हौसला बढ़ गया। दोनों ही असहाय थे। उनके शरीर का दिनोंदिन क्षय हो रहा था। हाकिंग के हाथ में एक छोटा-सा स्विच था। वह अपनी अंगुली चलाकर कम्प्यूटर पर उपयुक्त शब्द खोज लेते थे। अक्सर ही वह थक जाते थे। पर उनका मस्तिष्क प्रतिभावान तथा विचारों से भरपूर था।

फिरदोस ने कहा कि लोग अक्सर यह सोचते हैं कि विकलांग व्यक्ति दुखी रहते हैं। हाकिंग ने इसे हास्यास्पद धारणा कहा। उन्होंने स्वीकार किया कि उनसे मिलने जब कोई दूसरा विकलांग आता है तथा उनके काम में विघ्न डालता है, तो यह उन्हें नागवार लगता है। उनके लिये शरीर तो एक डब्बा है जिसमें उनका तेज दिमाग तथा आत्मा बसती है। विकलांग होने में उन्हें कोई अच्छी बात नहीं लगती थी।

इस वैज्ञानिक की ऐसी खराब स्थिति देखकर फिरदोस को बहुत राहत मिली यद्यपि वह स्वयं भी न चल सकता था, न खड़ा हो सकता था। होकिंग को विकलांगों की खेल प्रतियोगिता का विचार भी पसंद नहीं आया। विकलांगों को उनकी यही सलाह थी कि अपने उस काम पर ध्यान दो जिसमें तुम कुशल हो।

हाकिंग ने फिरदोस को आधा घंटे के बजाय एक घंटे तक रोके रखा। उन्हें चाय पिलायी तथा अपना बगीचा दिखाया। अपनी स्वचलित तिपहिया कुर्सी पर बैठ कर वह घूमें। एक घंटा बीत गया। फिरदौस उनसे विदा लेने उठ खड़े हुए। वह हाकिंग को न तो चूम सकते थे, न ही अपना दुख व्यक्त कर सकते थे। पर उन्हें यह विश्वास हो गया था कि वह पक्षाघातग्रस्त व्यक्ति वीरता का प्रतीक है।